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ESR Test in Hindi: ईएसआर का फुल फॉर्म है "एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट", जिसे वेस्टरग्रेन टेस्ट भी कहा जाता है। इस टेस्ट में लाल रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स की जांच की जाती है। इस जांच से शरीर में कहीं भी हुई सूजन या संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। यह एक सामान्य प्रकार का रक्त परीक्षण है, जो चिकित्सक द्वारा तब करने के लिए कहा जाता है जब उन्हें संदेह होता है कि आपके शरीर में कोई सूजन या संक्रमण हो सकता है। यह सूजन और संक्रमण किसी भी वजह से उत्पन्न हो सकती है, जिसका पता ईएसआर टेस्ट से लगाया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात और पित्त के असामान्य होने से ईएसआर बढ़ सकता है। इस टेस्ट से पता चलता है कि जो ब्लड सैंपल लिया गया है, उसमें रेड ब्लड सेल्स टेस्ट ट्यूब में नीचे जाकर कितनी देर में जमती हैं। जितनी कोशिकाएं नीचे जमती हैं, सेडिमेंटेशन रेट उतना ही माना जाता है।
Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR) एक सामान्य रक्त परीक्षण है, जिससे शरीर में विभिन्न कारणों से हुई सूजन या संक्रमण का पता लगाया जाता है। यह सूजन या संक्रमण, चोट, संक्रमण, गठिया आदि की वजह से हो सकती है। यह रक्त परीक्षण एक स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा किया जाता है, जो एक लंबी टेस्ट ट्यूब में रक्त नमूने को रखकर यह देखता है कि रक्त कोशिकाएँ उसमें कितनी जल्दी डूबती हैं।
आमतौर पर कोशिकाएँ धीरे-धीरे डूबती हैं, लेकिन यदि सूजन या संक्रमण मौजूद हो, तो ये रक्त कोशिकाएँ जल्दी ही एक गुच्छे में एक साथ चिपक जाती हैं। इन कोशिकाओं का इस तरह तेजी से सिकुड़ना या गुच्छे में चिपक जाना इस बात का संकेत है कि आपको सूजन या संक्रमण पैदा करने वाली कोई स्वास्थ्य स्थिति है। लेकिन सिर्फ ESR परीक्षण से यह पता नहीं चल सकता कि यह स्थिति कौन सी है।
इस परीक्षण को शरीर में हो रही सूजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके सहारे ESR का स्तर मापा जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं की प्रतिक्रिया को समझकर शरीर में हो रही सूजन या संक्रमण का पता लगाता है। हालांकि, सूजन या संक्रमण होने के कारण का पता इस परीक्षण से नहीं लगाया जा सकता।
ESR का स्तर पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होता है। इसके स्तर को वेस्टेग्रेन विधि से मापा जाता है, जो ESR को मापने का सबसे उच्च मानक है। इस परीक्षण में रक्त नमूना लेकर एक टेस्ट ट्यूब में रखा जाता है और उसमें मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं की प्रतिक्रिया का निरीक्षण किया जाता है। यदि वे कोशिकाएँ धीरे-धीरे इकट्ठा होकर टेस्ट ट्यूब में नीचे जम जाती हैं, तो इसका मतलब है कि शरीर में कोई संक्रमण या सूजन मौजूद नहीं है। वहीं दूसरी तरफ, यदि ये कोशिकाएँ जल्दी ही एक गुच्छे में मिलकर नीचे जम जाती हैं, तो यह संकेत है कि शरीर में सूजन या संक्रमण मौजूद है।
यदि आपके शरीर में असामान्य ESR के लक्षण जैसे रुमेटाइड आर्थराइटिस, टीबी, हृदय संबंधी परेशानियाँ, एनीमिया, थायरॉयड, किडनी रोग, एलर्जी, कंजेसटिव हार्ट फेल्योर, क्रॉनिक थकान आदि हैं, तो आपको जल्द से जल्द ESR परीक्षण कराना चाहिए ताकि शरीर में मौजूद सूजन या संक्रमण का पता लगाया जा सके।
(यहाँ सामान्य रेंज के आंकड़े जोड़े जा सकते हैं)
Age group |
ESR normal range (mm/h) (Female)
|
ESR normal range (mm/h) (Male) |
20 साल से कम
|
0-10 |
0-10 |
20 से 50 साल
|
0-20 |
0-15 |
50 से अधिक
|
0-30 |
0-20 |
यदि ESR का स्तर सामान्य न होकर कम या ज्यादा है, तो यह कई बीमारियों का संकेत देता है। इसका स्तर अधिकतर किसी संक्रमण या बीमारी के कारण होता है, जो इस परीक्षण की मदद से पता नहीं लगाया जा सकता। यदि आपके ESR का स्तर घटा हुआ या बढ़ा हुआ है, तो आपके चिकित्सक आपको कुछ अन्य परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं, जिससे इसके असामान्य होने की वजह का पता लगाया जा सके और सही समय पर उपचार किया जा सके।
उच्च ESR होने के लक्षण (Symptoms of High ESR Level)
यदि ESR सामान्य से अधिक है, तो निम्नलिखित स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं:
ESR बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
यदि ESR का स्तर सामान्य से कम है, तो निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती हैं:
ESR बढ़ने के लक्षण
ESR बढ़ने के कई संकेत होते हैं, जो निम्नलिखित सूची में दिए गए हैं:
ESR स्तर का सामान्य रहना आवश्यक है ताकि बीमारियों का सामना न करना पड़े। इसे सामान्य रखने के लिए कुछ उपचार हैं जो आप खुद कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। ये उपचार निम्नलिखित सूची में दिए गए हैं:
निष्कर्ष (Conclusion)
ESR Test एक सामान्य रक्त परीक्षण है जो चिकित्सा पेशेवर द्वारा किया जाता है और इसके सहारे शरीर में मौजूद संक्रमण या सूजन का पता चलता है। इस परीक्षण से पहले जरूरी है कि आप उपवास रखें ताकि आपकी टेस्ट रिपोर्ट में कोई उतार-चढ़ाव न हो। ESR Test के दौरान रक्त नमूनें को एक टेस्ट ट्यूब में डाला जाता है और रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं की प्रतिक्रिया का निरीक्षण किया जाता है। इन रक्त कोशिकाओं के टेस्ट ट्यूब में नीचे इकट्ठा होने की गति से पता चलता है कि शरीर में सूजन या संक्रमण है या नहीं।
यदि रक्त कोशिकाएँ धीरे-धीरे इकट्ठा होती हैं, तो आपका परिणाम नकारात्मक आएगा, यानी कोई सूजन या संक्रमण मौजूद नहीं है। दूसरी ओर, यदि वे जल्दी गुच्छा बनाकर नीचे जम जाती हैं, तो परिणाम सकारात्मक यानी संक्रमण या सूजन की मौजूदगी को दर्शाता है। ESR के स्तर का ऊँचा या नीचा होना आपको कई लक्षणों से पता चल सकता है, जैसे सिरदर्द, बुखार, भूख कम लगना, गर्दन या कंधे में दर्द, जोड़ों में जकड़न, वजन कम होना, कुछ प्रकार के कैंसर, लीवर से जुड़ी परेशानियाँ, आदि। ऐसे में जरूरी है कि आप नियमित चेकअप कराएँ और ESR स्तर के असामान्य होने से होने वाली परेशानियों का इलाज कराएँ। इस स्तर को सामान्य रखने के लिए आप व्यायाम, योग, और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
Medically Reviewed By Dr. R K Aggarwal