Friday, June 20 ,2025

Back Pain in Hindi: कमर दर्द का लक्षण, कारण, उपाय और घरेलू इलाज जानें !


back pain in hindi

पहले के समय में कमर दर्द या घुटनों में दर्द सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली समस्या हुआ करती थी, लेकिन बदलते समय के साथ यह अब युवाओं में भी काफी ज्यादा दिखाई देने लगा है। काफी लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करना और फिर गलत तरीके से बैठने के कारण कमर दर्द जैसी समस्या होने लगती है। इस कारण व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही ठीक से आराम कर पाता है। कमर दर्द से राहत पाने के लिए बहुत से लोग अलग-अलग तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं या फिर बाम लगाकर कुछ समय के लिए दर्द से राहत पा लेते हैं। मगर, आप कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से आप अपने कमर दर्द की परेशानी को कम कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें अगर कमर दर्द लंबे समय से लगातार बना हुआ है, तो डॉक्टर से परामर्श लीजिए क्योंकि यह कई बार शरीर की किसी और समस्या का संकेत भी हो सकता है। आज इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे कि हम कमर दर्द से जुड़े सब तथ्य जैसे कि कारण, लक्षण, उपाय और कुछ घरेलू नुस्खें।

 

कमर दर्द क्या है? (What is Back Pain In Hindi)

 

कमर में दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना अब दुनिया भर में एक बहुत ही आम समस्या बन गई है। कमर दर्द की समस्या इतनी आम हो चुकी है कि लगभग 80% वयस्कों के जीवन में कभी न कभी यह प्रभावित करती ही है। पीठ में दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द बहुत-सी वजह से हो सकता है, जैसे  लिगामेंट पर मोच, मांसपेशियों में खिंचाव, हर्नियेटेड डिस्क, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस आदि शामिल हैं। 

कमर दर्द तीव्र, उप-तीव्र या दीर्घकालिक हो सकता है। वैसे, कमर दर्द के लिए कई जोखिम कारकों की पहचान की गई है जिसमें व्यावसायिक मुद्रा (occupational posture), अवसादग्रस्त मनोदशा (depressive mood), मोटापा, शरीर की ऊंचाई और उम्र शामिल हैं। आप चाहे कुछ व्यायाम की सहायता से कुछ समय के लिए कमर दर्द से आराम पा सकते हैं, लेकिन अगर दर्द के सटीक कारण और उनका इलाज प्राप्त करने के लिए आपको एक अच्छे डॉक्टर से मिलने की सलाह ही देंगे। 

 

कमर में दर्द के लक्षण

 

कमर दर्द एक जगह से शुरू होकर पूरे पीठ में फैल सकता है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि दर्द कमर से आपके शरीर के बाकि के अन्य क्षेत्रों, जैसे नितंबों (buttocks), पैरों या पेट में पहुँच सकता है। कमर दर्द की तीव्रता हर व्यक्ति के लिए विभिन्न हो सकती है। आइए जानते हैं कमर में दर्द होने पर आप किन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:

  • आप अपनी मांसपेशियों में दर्द का अनुभव कर सकते हैं। 

  • कई बार आपको अपनी पीठ में जलन महसूस हो सकती है। 

  • सामान्य बना हुआ दर्द अचानक से तेज हो सकता है। 

  • कमर का दर्द कई बार धीरे-धीरे पैरों की तरफ बढ़ सकता है। 

  • आपको उठने, बैठने और झुकने से भी दर्द बढ़ सकता है। 

  • कई बार आप आराम करते समय या फिर खड़े होने पर तेज दर्द महसूस हो सकता है। 

  • कई बार आपको कमर दर्द महसूस होगा और कुछ ही पलों में दर्द ठीक हो जाएगा। 

  • अगर आप ध्यान दें तो सुबह उठने पर अकड़न और गतिविधि के साथ पीठ दर्द महसूस हो सकता है। 

  • आपका कमर दर्द कई बार पीछे से नितंबों, पैर या कूल्हे में फैलने लग जाता है। 

  • आपके पैरों में सुन्नता आना या फिर कमजोरी महसूस होना

कमर दर्द होने पर आपको उठने, बैठने, चलने, फिरने, या अपने पैरों को मोड़ने में काफी तकलीफ और दर्द  हो सकता है। कमर में दर्द कोई बीमारी नहीं है  बल्कि लक्षणों का एक समूह है। कमर दर्द की समस्या अब बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करने लगी है। अगर कुछ हफ्तों तक दर्द बना हुआ है और आपको किसी भी तरह से आराम नहीं  है या कहें दर्द में सुधार नहीं है, तो यह कोई बड़ी समस्या का इशारा हो सकता है। अगर आपके कमर दर्द के साथ कुछ अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। वह अन्य लक्षण जो कमर दर्द के साथ नजर आए वह कुछ इस प्रकार है:-  

  • हाथ या पैर का सुन्न होना और झुनझुनी महसूस होना। 

  • गंभीर कमर दर्द जो दवाई से भी ठीक नहीं हो रहा है। 

  • गिरने या चोट लगने के बाद शुरू हुआ कमर दर्द। 

  • मूत्र के समय परेशानी होना

  • पैरों में कमजोरी, दर्द या सुन्न महसूस होना

  • बुखार का आना 

अगर आप बताएं हुए कमर दर्द के लक्षणों को खुद में अनुभव कर रहे हैं तो हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ परामर्श करें और एक सटीक उपचार प्राप्त करें।

 

कमर दर्द के कारण (Back Pain Reason in Hindi)

 

तनाव और कमर दर्द 

विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव कमर दर्द का एक मुख्य कारण आपका तनाव हो सकता है। तनाव के कारण आपकी मांसपेशियों में अकड़ जाती हैं। अगर आप किसी भी वजह से हमेशा तनाव का सामना कर रहे हैं तो कमर दर्द की समस्या हो  सकती है। इस समस्या से बचाव के लिए तनाव से दूरी बनाएं, उसके लिए आप योग ओर मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।

मॉडर्न टेक्नोलॉजी और कमर दर्द 

आज के समय में सभी लोग टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं और बिना मोबाईल या लैपटॉप के किसी का काम नहीं चलता है। आवश्यकतानुसार के मोबाईल या लैपटॉप का इस्तेमाल हो, तो वह बात ठीक है।  लेकिन लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे-बैठे मोबाईल या लैपटॉप के साथ समय बिताने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने की वजह से बैठने का पोस्चर खराब हो सकता है। इसी वजह से कमर के नीचे दर्द होना शुरू हो सकता है। अपने पोस्चर का थोड़ा ध्यान रखें साथ ही कोशिश करें कि आप हर एक घंटे के बाद कुछ समय का ब्रेक लें और थोड़ा टहलें।

नरम गद्दे पर सोने से हो सकता है कमर में दर्द

कुछ लोगों में यह देखा गया है कि नरम गद्दे पर सोने से उनकी पीठ की मांसपेशियां में खिंचाव होने लगता है जिस वजह से कमर में दर्द हो सकता है। सोते समय शरीर का स्थिर होना जरूरी है क्योंकि हमारा शरीर सोते समय सबसे अधिक संवेदनशील होता है। इसलिए आप नरम गद्दे पर सोते हैं तो आपको इसके लिए कोई विकल्प ढूँढना शुरू कर दें।  

हाई हील और कमर दर्द 

लंबे समय तक हाई हील पहनने से भी कमर में दर्द हो सकता है। अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं, तो आप कुछ दिनों के लिए अपनी हाई हील सैंडल का इस्तेमाल बंद कर दें, ऐसा करने से आपको काफी फायदा हो सकता है।

मोटापा और कमर दर्द 

जब शरीर में वजन बढ़ने लग जाए तो इसका मतलब है कि मोटापा बढ़ रहा है जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियां और समस्याएं जन्म ले सकती है। उन्हीं समस्या में कमर दर्द शामिल है जो वजन बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी पर भी ज्यादा भार डालता है।

शरीर में कैल्शियम की कमी और कमर दर्द 

शरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से कमर दर्द की शिकायत नज़र आ सकती है। इस स्थिति में आप डॉक्टर से परामर्श लीजिए और उनके द्वारा बताएं हुए कैल्शियम से भरपूर चीजों का सेवन शुरू कर दीजिए। 

निष्क्रिय जीवनशैली और कमर दर्द 

निष्क्रिय जीवनशैली जीने की वजह से बहुत सी बीमारियां पैदा होती हैं। अगर कोई भी व्यक्ति सक्रीय जीवनशैली अपनाता है तो बहुत सी बीमारियां पैदा होने से रोकी जा सकती है। निष्क्रिय जीवन जीने की वजह से शरीर की मांसपेशियों में अकड़ आती हैं, जो कमर दर्द का कारण बनती है। 

मांसपेशियों का तालमेल बिगड़ना 

अगर हमारे शरीर में 600 मांसपेशियां हैं और सभी एक दूसरे से जुडी हुई हैं, तो किसी भी एक मांसपेशी में समस्या आने से वह दूसरी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकती है। हैमस्ट्रिंग्स में तनाव या पेट की मांसपेशियां कमजोर होने की वजह से यह कमर में दर्द का कारण बनती है।

डिस्क में गड़बड़ी और कमर में दर्द 

हमारी रीढ़ की हड्डी के बीच डिस्क होता है जो रीढ़ में चोट या झटका लगने से रोक जाता है। लेकिन यह गलत तरह के पोस्चर में बैठने या किसी अन्य कारण की वजह से गड़बड़ी आ सकती है और यह कमर दर्द की समस्या पैदा कर सकती है। इसी वजह से डॉक्टर हमेशा अपको सही पोस्चर में बैठने की सलाह देते हैं। डिस्क का टूटना या अपनी जगह से खिसकना भी कमर दर्द की अहम वजह हो सकता है। डिस्क रोग की पहचान के लिए डॉक्टर अक्सर रीढ़ के एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई करवाने कि सलाह देते हैं। 

गंभीर बीमारियां और कमर दर्द 

किडनी में इंफेक्शन, अल्सर या पैन्क्रियाटाइटिस, रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन और ऑस्टियोमाइलाइटिस आदि जैसी कुछ गंभीर बीमारियों की वजह से भी कमर में दर्द हो सकता है। इसलिए लंबे समय से होने वाले कमर दर्द में तुरंत डॉक्टर से मिलें और सटीक कारण की पुष्टि करते हुए इलाज शुरू करें।

गैस और कमर में दर्द

कई मामलों में देखा गया है कि गैस की वजह से भी कमर में दर्द हो सकता है। गैस की समस्या के कारण कमर दर्द है तो डॉक्टर से परामर्श लें और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई के नियमित सेवन करें। सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी का सेवन करने से गैस और कब्ज जैसी समस्या से आराम मिलता है। 

मांसपेशियों या लिगामेंट्स में खिंचाव आना 

भारी सामान उठाने या अचानक किसी अन्य कारण की वजह से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट्स में खिंचाव आ जाता है। खराब शारीरिक स्थिति व्यक्ति पीठ पर लगातार दवाब या तनाव, मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकती है।

वात रोग और कमर दर्द 

ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) पीठ के निचले हिस्से पर असर डालता है। कुछ स्थिति में, रीढ़ का गठिया रीढ़ की हड्डी के चारों ओर की जगह को कम करने लग सकती है।  इससे स्पाइनल स्टेनोसिस (spinal stenosis) कहा जाता है।

एंकिलोजिंग स्पोंडिलिटिस (Ankylosing Spondylitis)

इसे अक्षीय स्पोंडिलो आर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में रीढ़ की कुछ हड्डियां खराब हो जाती है और इस वजह से रीढ़ की हड्डी कम लचीली बन जाती है। 

गर्भधारण और कमर दर्द

आमतौर गर्भावस्था के पहले और दूसरे तिमाही में ही महिला को कमर दर्द की समस्या से शुरू हो जाती है। डॉक्टर इसके बचाव के लिए कुछ व्यायाम का सुझाव देते हैं।

 

कमर दर्द से बचने के कुछ सुझाव या उपाय

 

अपने जीवन में कुछ बदलाव करके, आसानी से कमर दर्द जैसी समस्या से बचाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं वह तरीके जिनसे कमर दर्द से बचाव कर सकते हैं:- 

  • बैठते समय सही तरह से पोस्चर अपनाएं 

  • लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने और लेटने से बचें

  • एक हेल्दी डाइट का सेवन करें

  • अपनी डाइट में विटामिन डी से भरपूर मात्रा लें

  • पर्याप्त मात्रा यानी 8 से 12 गिलास पानी का सेवन करें 

  • हरी सब्जियों और फलों को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें 

  • रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम नियमित रूप से करें

  • झटके से उठने, बैठने और सोने से बचें, जिससे कमर पर अचानक प्रेशर न पड़े

  • रोज 10 से 20 मिनट तक पैदल चलें, जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत बनेगी

 

कमर दर्द के लिए कुछ घरेलू इलाज 

 

गर्म पानी की सिकाई 

हल्के गर्म पानी कि सिकाई से कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। आप कमर दर्द होने पर हल्के गर्म पानी में नमक मिलाकर, उस पानी में एक तौलिया को भिगोकर अच्छे से  उसे निचोड़ लें। फिर उससे अपनी कमर की सिकाई करें। एक बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि अपनी त्वचा पर सीधे ही गर्म पानी से सिकाई न करें। सिकाई करने से पहले अपनी कमर पर एक सूती कपड़ा रखें फिर ऊपर तौलिया से हल्की-हल्की सिकाई करें। 

नारियल तेल और लहसुन 

नारियल तेल में 4 से 6 लहसुन की कलियां डालकर, उसे अच्छी तरह पकाएं। फिर तेल को ठंडा करने के बाद अपनी कमर की अच्छी तरह मालिश करें। लहसुन में अनेक गुण मौजूद होते हैं जो दर्द से राहत दिलाने के साथ साथ दर्द को को कम करने में मददगार होते हैं। तैयार किए गए तेल से मालिश करने के 30 मिनट बाद नहाएं, जिससे आपका शरीर तेल को अच्छी तरह सोख लें।

10 से 15 मिनट का ब्रेक लें

अगर आप लगातार लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं तो आप हर एक घंटे में कम से कम भी 10 से 15 मिनट का ब्रेक लें। इससे आपके कमर की मांसपेशियों को आराम मिलेगा और अकड़न का खतरा भी ख़त्म हो जाएगा। 

पोस्चर को ठीक करें

मेट्रो, बस, बाइक, कार, ट्रेन और ऑफिस में बैठते समय अपने पोस्चर का विशेष ध्यान रखें। सही पोस्चर में बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही और बेहतर होता है जिसकी वजह से मांसपेशियों में अकड़ने होने का खतरा भी कम हो जाता है। अगर व्यक्ति का सिटिंग पोस्चर सही नहीं है तो लोगों को कमर दर्द की समस्या हो सकती है।

कैल्शियम से भरपूर मात्रा में लें

शरीर में कैल्शियम की कमी भी कमर दर्द की वजह बन सकती है। शरीर में कैल्शियम की कमी 30-35 वर्ष की उम्र के बाद आनी शुरू हो जाती है। अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है तो कैल्शियम युक्त चीजों को अपनी डाइट में जोड़े और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद कैल्शियम सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं।

डॉक्टर से परामर्श लें

अगर आपके कमर दर्द में घरेलू उपाय से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो इस स्थिति में आपको हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। जांच की मदद से डॉक्टर दर्द के सटीक कारण की पुष्टि कर पाएंगे साथ ही कमर दर्द के कारण और गंभीरता के आधार पर आपका उचित इलाज शुरू किया जाएगा।

 

नोट: 

कमर दर्द की समस्या आम हो गई है इसलिए इसको नजरंदाज न करें। अगर घरेलू उपाय से फर्क नहीं नज़र आता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिले और दर्द का सटीक कारण जाने और इलाज शुरू करवाएं। किसी भी तरह कि लापरवाही आपके आने वाले समय में अनेक दिक्कतों का कारण बन सकती है।

 

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