हमारा शरीर बहुत सी चीजों द्वारा चलता है जैसे विटामिन मिनेरल्स कैल्शियम आदि। किसी भी चीज की कमी शरीर को क्षति पहुंचा सकती है जिससे कारण हमारा किसी भी बीमारी के चपेट में आ सकता है। जैसे विटामिन मिनेरल्स क्यों जरूरी है यह सभी लोग जानते और स,झते ही होंगे, ऐसे कैल्शियम क्यों जरूरी है? कैल्शियम की कमी से क्या दिक्कतें आ सकती है? कैल्शियम की कमी की पूर्ति के लिए आप क्या कर सकते हैं आदि विषयों पर आज के इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे!
हमारे शरीर के लिए कैल्शियम एक महत्वपूर्ण कारक है। कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इसके सिवा कैल्शियम हमारे दिल और अन्य मांसपेशियों को भी अच्छे से काम करणए में सहयोग करता है। जब हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो पाती है, तो व्यक्ति को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिन बच्चों को कैल्शियम सही मात्रा में नहीं मिल पाता है, वह वयस्क होने पर कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है जैसे कि संभावित लंबाई प्राप्त नहीं कर पाते हैं या दांतों की कोई समय आदि। इसी कारण कैल्शियम की मात्रा सही ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता होती है।
शरीर में कैल्शियम की कमी का कोई भी एक कारण निश्चित नहीं है। वैसे तो कुछ स्वास्थ्य समस्याओं कैल्शियम की कमी हो सकती है लेकिन आपकी कुछ आदते हैं भी हो सकती है जिसके कारण आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए। आइए जानते हैं वह कारण -
यदि आप अपने भोजन में कैल्शियम की मात्रा बहुत कम रखते हैं तो यह एक अहम कारण है जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी होना लाजमी है।
हमारे शरीर में विटामिन डी की मदद से ही शरीर में कैल्शियम का सही उपयोग हो पाता है। अगर शरीर में विटामिन डी की पूर्ति सही से न हो या इसकी कमी हो, तो हमारा शरीर कैल्शियम का अच्छे और बेहतर तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है। ऐसे में कैल्शियम शरीर से बाहर निकल जाएगा।
जब भी कोई महिला प्रेगनेंसी या स्तनपान का सफर तय कर रही होती है उसे खासकर अपने शरीर में कैल्शियम मात्रा को मैनेज करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय में महिलाओं और बच्चे, दोनों को ही कैल्शियम की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी या स्तनपान के दौरान पर्याप्त कैल्शियम न मिलने से शरीर में कैल्शियम की कमी होने लग जाती है।
क्रोहन रोग और सीलिएक रोग (Crohn's disease and celiac disease) जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी शरीर सही से कैल्शियम का उपयोग नहीं कर पाता है।
जब आप किसी भी कारण स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन कर रहे होते हैं तब शरीर में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है। इसलिए अगर यह दावा लंबे समय तक लेनई है तो अपने डॉक्टर से साथ में कैल्शियम की दवाई खाने के बारे में जरूर पूछें।
कैल्शियम की कमी को आप बीमारी न समझे, इसकी पूर्ति की जा सकती है। इसकी कमी से आपकी जान को किसी भी तरह कोई जोखिम नहीं है। वैसे कैल्शियम की कमी के कारण स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव तो पड़ता है। आइए जानते हैं कि कैल्शियम की कमी के कुछ लक्षण -
कैल्शियम की कमी के कारण व्यक्ति की हड्डियां कमजोर हो जाती है।
कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन उठना।
कैल्शियम की कमी की वजह से व्यक्ति के दांत कमजोर होने लग जाते हैं।
कैल्शियम की कमी की वजह से आपको नींद न आने की समस्या हो सकती है।
कैल्शियम की कमी की वजह से आपको सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।
कैल्शियम की कमी के कारण कब्ज, गैस और पेट दर्द जैसी समस्याओं को झेलना पड़ सकता है।
कैल्शियम की कमी के कारण नाखून टूट सकती हैम।
कैल्शियम की कमी की वजह से आपको अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
कैल्शियम की कमी की वजह से आपको नसों और मांसपेशियों में दर्द रह सकता है।
कैल्शियम की कमी की वजह से जोड़ों का दर्द होना तो एक आम लक्षण है।
अगर महिलाओं में कैल्शियम की कमी के बारे में बात कि जाए तो उसके लक्षण ज़्यादातर हड्डियों से संबंधित होते हैं। इसी वजह से जिन महिलाओं में मेनोपॉज हो जाता है, उनको ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) का खतरा होने का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं, सामान्य तौर पर माहिलाएं कौन से लक्षणों का अनुभव करती होंगी :-
वहीं कुछ गंभीर मामलों में महिलाओं को इन लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है
अगर बात पुरुषों में कैल्शियम की कमी के लक्षणों की जाएं तो यह महिलाओं की तुलना में अलग होते हैं। वैसे तो ज्यादातर मामलों में सामान्य लक्षण ही लोगों में नज़र आते हैं, मगर कुछ पुरुषों में यह लक्षण देखने को मिल सकते हैं जैसे :-
कैल्शियम की कमी कि वजह से हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना एक आम लक्षण है।
कैल्शियम की कमी से दांतों की समस्या होना एक आम बात है।
कैल्शियम की कमी की वजह से शरीर का सुन्न होना या झनझनाहट महसूस होना।
कैल्शियम की कमी की वजह से पुरुष में चिड़चिड़ापन नज़र आ सकता है।
कैल्शियम की कमी से दर्द के साथ कमजोरी महसूस हो सकती है।
बच्चों में कैल्शियम की कमी की समस्या जल्दी नज़र नहीं आती या यह भी कह सकते हैं कि कैल्शियम की कमी के लक्षण बच्चों में थोड़े कम ही होते हैं। अगर होते भी है तो लक्षण का अनुभव नहीं हो पाता होगा, जिसके कारण यह कैल्शियम की कमी की समस्या बच्चों में अनदेखी और अनुपचारित हो जाती है। वैसे कुछ लक्षणों का अनुभव बच्चों को हो सकता है, जिसके बारे में वह अपने मत-पिता को बताते होंगे जैसे -
कैल्शियम की कमी की वजह से हड्डियों का कमजोर होना।
कैल्शियम की कमीकी वजह से बार-बार फ्रैक्चर होना।
कैल्शियम की कमी के कारण दांतों की समस्या होना।
कैल्शियम की कमी के कारण बच्चे के विकास में देरी होना।
कैल्शियम की कमी की वजह से मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द रहना।
कैल्शियम की कमी के कारण बच्चा सही से सो नहीं पाता
कैल्शियम की कमी के कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन नज़र आना। \
कैल्शियम की कमी के कारण एक व्यक्ति को बहुत सी स्वास्थ्य समस्या अपनी चपेट में लें सकती है। आइए जानते हैं वह क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है :-
जब शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होने लगती है तब यह रोग व्यक्ति को अधिक परेशान करने लगता है। इस बीमारी कारण शरीर में हड्डियां नरम और कमजोर होने लग जाती जाती हैं। मगर इसके कारण हड्डियां भी मुडने और टूटने लग सकती है। इस प्रकार की समस्या बच्चों में बहुत आमतौर पर देखी जा सकती है।
इस बीमारी में व्यक्ति की हड्डियां कमजोर होती है और धीरे-धीरे वह अपना आकार भी बदलने लग जाती हैं। यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ आम हो जाती है। यह समस्या उन महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है जिनमें मेनोपोज के समय में पहुँच जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर होने जैसी समस्या का खतरा भी कई गुना तक बढ़ जाता है। इस वजह से कूल्हे, कलाई और रीढ़ की हड्डी में अक्सर समस्या देखी जा सकती है।
यह समस्या तब दिखाई देती है जब खून में कैल्शियम की मात्रा कम होने लग जाती है। वैसे तो इस बीमारी के लक्षण भी कैल्शियम की कमी के लक्षण के समान ही नज़र आते हैं, मगर कुछ मामलों में इस बीमारी के कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
इस बीमारी में मुख्य रूप से माहिलाएं और व्यसकों में अधिक रूप से दिखने को मिलती है। इस स्थिति में मरीज की हड्डियां कमजोर और नरम होने लग जाती हैं।
रूमेटाइड गठिया एक तरह की ऑटोइम्यून बीमारी होतीहै। जिसकी वजह से व्यक्ति को सूजन, दर्द और अकड़न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती है। मगर रूमेटाइड गठिया 30 से 60 वर्ष की आयु वाले लोगों को यह बीमारी अपनोई चपेट में ज्यादा लेती है।
शरीर में कैल्शियम की कमी की पूर्ति के लिए आप इन उपायों का पालन कर सकते हैं:-
आप अपने आहार में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास करें। जिसके लिए आप दूध और डेयरी उत्पाद का सेवन अधिक करें। आप अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, सोया उत्पाद, तिल, बादाम और अंजीर आदि जैसी चीजों को भी शामिल करें। कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने के लिए विटामिन डी का भी सेवन बढ़ाएं और अपनी डाइट में कैफीन और नशीले पदार्थों से दूरी बनाएं।
कैल्शियम और विटामिन डी का सप्लीमेंट के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लीजिए। बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के कोई भी दवाई का इस्तेमाल न करें। इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुँच सकता है।
आप नियमित रूप से व्यायाम कीजिए साथ ही पर्याप्त नींद लीजिए। धूम्रपान, शराब और अन्य नशीले पदार्थों से दूरी बनाए। ऐसा करने से आपको ही लाभ होगा।
कैल्शियम शरीर के लिए बहुत ही जरूरी कारक होता है। बचपन से इनको आहार मीन ठीक रखा जाए तो आने वाले भविष्य में आप इसकी कमी की समस्या से बचाव कर सकते हैं।