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शरीर में खून की कमी होना एक गंभीर समस्या है और इसे मेडिकल की भाषा में एनीमिया कहा जाता है। यह एक स्वास्थ्य स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति के खून में आयरन या हीमोग्लोबिन की कमी के कारण, शरीर में ऑक्सीजन पहुँचने वाली रेड ब्लड सेल्स पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाती है। एनीमिया होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि फोलिक एसिड या विटामिन बी 12 की कमी।
पोषक तत्वों की कमी जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 आदि। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में बताए हुए तत्व कम है तो खून की कमी एक यह अहम कारण हो सकता है।
खून की कमी कुछ बीमारियों या फिर अन्य स्थितियों में रक्त संचार में रुकावट आने की वजह से भी हो सकती है। जिसकी वजह से अंगों में रक्त की कमी, कैंसर का पैदा होना या फिर थालस्सेमिया का खतरा हो सकता है।
कई बार चिकित्सा के दौरान भी ज्यादा खून निकाला जाता है। कई बार दुर्घटना, शल्य चिकित्सा, या फिर अनुवांशिक कारण भी शरीर में खून की कमी की वजह हो सकती है।
शरीर में विभिन्न संक्रमण खून की कमी का कारण बन सकते हैं, जिसमें शामिल है मलेरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस आदि।
कई बार ऑटोइम्यून विकार भी खून की कमी का कारण हो सकते हैं। ऑटोइम्यून विकारों में शामिल है सेलियक रोग, लुपस, रूमेटॉयड आर्थराइटिस आदि। यह सब विकार खून की कमी के कारण शरीर में पैदा हो सकते हैं।
जब शरीर में खून की कमी होना शुरू होती है तो शरीर आपको कुछ संकेत दे सकता है। आप उन संकेत या लक्षणों पर ध्यान देकर इस समस्या को पहचान सकते हैं-
थकान
कमजोरी
सांस लेने में तकलीफ़
बुखार
शरीर में कपकपी महसूस होना
त्वचा में सूखापन
सूजन नज़र आना
सिरदर्द
नींद न आना
मांसपेशियों का दुर्बल होना
धड़कन तेज होना
बेचैनी महसूस होना
चक्कर आना
उलटी
भूख की कमी
खाने का स्वाद न लगना
ऊपर बताएं हुए लक्षणों पर ध्यान दें। अगर आपको यह लक्षण नज़र आ रहे हैं तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से परामर्श लें और अपना इलाज शुरू करें।
अगर आप अपने आहार में पर्याप्त आयरन, विटामिन बी-12 और फोलेट नहीं लेते हैं तो विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है। इस कारण आप में एनीमिया के जोखिम का खतरा बढ़ा सकता है।
क्रोहन रोग (Crohn's disease) और सीलिएक रोग (celiac disease) यह दोनों बीमारियाँ छोटी आंत के पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करती हैं। जिस वजह से शरीर में एनीमिया की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है।
अनियमित मासिक धर्म काफी समस्याओं का कारण हो सकता है। अनियमित मासिक धर्म के कारण कई बार भारी रक्तस्राव होने से लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है, जो एनीमिया का जोखिम पैदा कर सकता है।
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान शरीर में फोलिक एसिड और आयरन आदि की कमी होना एक आम समस्या बन गई है। गर्भावस्था में कई बार महिलाएं आवश्यक मल्टीविटामिन का सेवन नहीं कर पाती है जो उनके लिए एनीमिया का जोखिम पैदा कर सकता है।
गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां या क्रॉनिक स्थिति जैसे कि कैंसर, किडनी फेलियर, मधुमेह या फिर कोई और अन्य क्रॉनिक स्थिति एनीमिया के जोखिम को बढ़ती है। शरीर में अल्सर से होने वाला क्रॉनिक खून का नुकसान, व्यक्ति के आयरन स्टोरेज का उपयोग करता है, जिससे शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
अगर परिवार में किसी को एनीमिया हुआ हो तो यह एक पारिवारिक बीमारी का इतिहास माना जाता है। परिवार के माध्यम से विरासत में मिलने वाली बीमारियों में एनीमिया शामिल है।
व्यक्ति की उम्र 65 वर्ष से ज्यादा है तो वह वरिष्ठ नागरिक है। एनीमिया वरिष्ठ नागरिकों में होना एक आम बात है।
अन्य कारकों की बात की जाए तो रक्त विकार, थक्के विकार और ऑटोइम्यून स्थितियां इसका हिस्सा होती है। यह सभी विकार एनीमिया के होने का एक बड़ा इशारा हो सकता है या कहें एनीमिया को बढ़ सकता है।
बहुत ज्यादा शराब पीना, धूम्रपान और कुछ दवाएँ रेड ब्लड सेल्स की संख्या को प्रभावित करती हैं जिससे एनीमिया के होने का खतरा बन सकता है।
एनीमिया एक गंभीर स्थिति है जिसका कोई इलाज नहीं है। मगर कुछ आवश्यक पोषक तत्व को अपने आहार में शामिल करने से, एनीमिया से होने वाले जोखिम को कम किया जा सकता है-
दुबला मांस, दाल, बीन्स,आयरन-फोर्टिफाइड अनाज, हरे पत्तेदार सब्जियाँ और सूखे मेवों में आयरन की मात्रा अच्छी होती है। आप इनको अपनी डाइट में शामिल करके खून की कमी की समस्या को गंभीर होने से बचा सकते हैं।
फलों और फलों के रस, हरे पत्तेदार सब्जियों, हरी मटर, राजमा, मूंगफली में फोलेट मौजूद होता है। यह खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है। समृद्ध अनाज उत्पादों जैसे कि ब्रेड, अनाज, पास्ता और चावल में भी फोलेट पाया जाता है। यह एक बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व है जिसको आप अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।
विटामिन बी-12 हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसका सेवन करने से बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिलती है। विटामिन बी-12 से युक्त चीजों में मांस, डेयरी उत्पाद, फोर्टिफाइड अनाज और सोया उत्पाद शामिल है, जिसके सेवन से आप कई समस्याओं में आराम पा सकते हैं।
विटामिन सी का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। यह एक खास पोषक तत्वों में से एक है जो खून में आयरन के लेवल को सुधारने में मदद करता है। यह एनीमिया के जोखिम को भी कम करता है। विटामिन सी की पूर्ति के लिए आप खट्टे फलों और जूस का सेवन कर सकते हैं। साथ ही आप मिर्च, ब्रोकली, टमाटर, खरबूजे और स्ट्रॉबेरी को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
सीबीसी ब्लड टेस्ट
सीरम आयरन टेस्ट
आयरन प्रोफ़ाइल टेस्ट
हीमोग्लोबिन टेस्ट
रेड ब्लड सेल काउन्ट टेस्ट
एमसीएचसी टेस्ट
एमसीवी टेस्ट
अगर आपको बताएं हुए लक्षण या कारण समझ आ रहे हैं और आपको एनीमिया होने का संदेह है, तो आज ही mediyaar से एनीमिया टेस्ट बुक करें।
एनीमिया एक गंभीर समस्या है, जिससे शरीर में कई विकार पैदा हो सकते हैं। स्वस्थ आहार को आज ही अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं और इस समस्या को होने से रोके।