कोविड-19 के नाम से आज भी लोग डर जाते हैं। कोविड–19 से लोग आज भी कहीं न कहीं उभर रहे हैं। कोविड–19 को पांच साल से ज़्यादा हो गए हैं और अब सभी लोग धीरे-धीरे बदलाव को अपना रहे और संभाल चूकें है। इस महामारी का दौर तो बीत चुका है, लेकिन कोविड-19 आज भी पूरी तरह से गायब नहीं हुआ है। 2025 में, कई क्षेत्रों में अब नए मामलें धीरे-धीरे नज़र आने लगे और उन केसों में वृद्धि भी देखी जा रही है। नए वेरिएंट कमजोर इम्यून सिस्टम और बदलते मौसम की वजह से हो सकता है।
कोविड-19 (कोरोनावायरस बीमारी 2019) SARS-CoV-2 वायरस की वजह से होने वाली एक श्वसन संबंधी बीमारी है। यह पहली बार 2019 के अंत में देश के सामने आई थी और कोविड-19 एक वैश्विक महामारी भी बन गई थी। वैसे, इसकी शुरुआती लहरें काफी गंभीर रह चुकी हैं, लेकिन कोविड-19 अब एक स्थानिक वायरस बन चुका है - जिसका मतलब है कि यह अभी भी मौजूद है और फैलता है। लेकिन कुछ सावधानियों, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवा सहायता ने इसे काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है जिससे इसका इलाह अब मुमकिन है। 2025 में, कोविड-19 का विकास जारी है, और नए वेरिएंट की वजह से मामलों में कभी-कभी वृद्धि हो जाती है। विशेष रूप से कमजोर आबादी के बीच में कोविड-19 की बीमारी जल्दी फैलती है।
हर व्यक्ति में कोविड-19 के अलग-अलग लक्षण नज़र आ सकते हैं। 2025 में ज़्यादातर लोगों को इस बीमारी का अनुभव होगा, यह अभी भी कुछ लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं इसके कुछ सामान्य लक्षण के बारे में:-
बुखार आना
ठंड लगना
खाँसी होना
गला खराब हो जाना
नाक बंद होना या नाक बहना
थकान महसूस होना
सिरदर्द होना
मांसपेशियों में दर्द होना
शरीर में दर्द रहना
स्वाद या गंध की हानि होना (यह अब कम ही नज़र आता है)
सांस लेने में दिक्क्त आना
सीने में दर्द या दबाव महसूस होना
भ्रम होना
होंठ या चेहरा नीला पड़ जाना
लगातार तेज बुखार रहना
कुछ लोग लक्षणविहीन भी रहते हुए भी इस वायरस की चपेट में आ सकते है और इस वायरस को फैला सकते हैं।
कोविड-19 के मुख्य रूप से श्वसन बूंदों (respiratory droplets) और एरोसोल (aerosols) के जरिए फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसी या छींका जाता है या दूसरों के पास बैठकर बाते करना या सांस लेना भी शामिल है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा ऐसी सतहों को छूना जिन्हें बाद में अन्य लोग भी छूते हैं। कोविड-19 का वायरस नाक, मुंह या आंखों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। भीड़भाड़ वाली जगह, खराब हवादार जगहों पर संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
कोविड-19 की बीमारी की समय टीकाकरण न कराया गया हो
कोविड-19 के समय बूस्टर खुराक न लेना
कोविड-19 अधिक आयु जिसमें 60+ वाले लोगों को होने का खतरा रहता है
डायबिटीज, दिल या फेफड़ों की बीमारी जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ
कमज़ोर इम्यून सिस्टम
संक्रमित व्यक्तियों के साथ करीबी संपर्क
अगर आपको लक्षण दिखाई या महसूस हो, तो आप किसी कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए होंगे। आप तुरंत अपनी जांच करवाएं और इन नैदानिक परीक्षणों में शामिल हैं:
स्वर्ण मानक परीक्षण (Gold standard test); वायरल आनुवंशिक सामग्री का पता लगाने में मददगार है
यह बेहद सटीक होता है
6 से 24 घंटे में परिणाम आ जाते है (लैब पर निर्भर भी करता है)
वायरल प्रोटीन का पता लगाने में मददगार
15 से 30 मिनट में परिणाम मिल जाते हैं
त्वरित जांच के लिए सर्वोत्तम है
यहां तक कि 2025 में भी कोविड-19 के लिए रोकथाम-संबंधी उपाय आवश्यक बने रहेंगे। विशेषकर उन मामलों में वृद्धि के दौरान या उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जरूर पालन किए जाएंगे। विटामिन सी का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
बुनियादी रोकथाम-संबंधी कदम:
कोविड-19 के बचाव के लिए टीका लगवाएं।
कोविड-19 से बचाव के लिए आप बूस्टर की खुराक लें।
भीड़भाड़ वाले या खराब हवादार स्थानों पर जाने से बचें या फिर मास्क पहनकर ही जाए।
नियमित रूप से साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोएं या फिर आप हैंड सैनिटाइजर का भी उपयोग कर सकते हैं।
बीमार लोगों के साथ दूरी बनाए।
घर के अन्दरूनी जगहों को हवादार रखें (खिड़कियाँ खोलें, एग्जॉस्ट पंखे का इस्तेमाल करें)।
यदि तबियत थी नहीं है तो घर पर रहकर आराम करें और जांच करवाएं।
अगर आपको हल्के लक्षण नज़र आ रहे है तो आप घर पर रहकर भी अपना इलाज कर सकते हैं। घर पर इलाज के लिए कुछ टिप्स:
ज्यादा से ज्यादा आराम करें जिससे शरीर को ठीक होने के लिए समय मिल जाएगा।
अपने आपको हाइड्रेट रखें। उसके लिए आप ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें और खुदको डिहाइड्रेशन से बचाएं।
कोविड होने पर सांस लेने में तकलीफ होती है, उससे राहत पाने के लिए आप स्टीम लें। ऐसा करने से नाक खुल जाएगी और आपकी सांस लेने में आ रही दिक्कत में आराम मिलेगा।
अपने ऑक्सीजन लेवल को आप मॉनिटर करें, अगर 94% से नीचे हो जाए तो तुरंत आप डॉक्टर से संपर्क करें।
मेडिकल हेल्प कब लेनी चाहिए:
अगर आपको 102°F से ऊपर बुखार है, वो भी 3 दिन से ज़्यादा तब डॉक्टर से मिलें।
अगर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत आ रही है या फिर सीने में दर्द हो रहा है।
बहुत ज़्यादा थकावट महसूस होना या फिर चक्कर आने पर भी आप डॉक्टर से संपर्क करें।
कोविड के कारण पहले से मौजूद बीमारी का बिगड़ सकती है और अन्य जोखिम खड़े कर सकती है, तो ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लें।
अगर आपको लक्षण नज़र आए तो उन्हें नज़रअंदाज़ न करें। कोविड-19 का टेस्ट करवाएँ और खुद को आइसोलेट करें। अपने प्रियजनों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।