फाइबर का नाम तो आपने सुना ही होगा यह हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व में गिना जाता है। फाइबर हमारे आहार को संतुलित बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ-साथ वजन को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह दिल की बीमारियाँ और डायबिटीज जैसी समस्याओं से बचाने में भी काफी मददगार है। फाइबर स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने में मदद तो करता ही है साथ ही यह हमारे पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में भी सहयोग करता है। आज के इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों कौन-से है,फाइबर के प्रकार और फाइबर की कमी से कौन-कौन सी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
रेशा, जिसे अंग्रेजी में फाइबर कहा जाता है, जो पौधों में पाया जाने वाला एक जरूरी पोषक तत्व है। यह हमारे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ देता है। फाइबर दो प्रकार के होते हैं: घुलनशील फाइबर जिसे अंग्रेजी में सॉल्युबल फाइबर (Soluble Fiber) कहते हैं और अघुलनशील फाइबर जिसे अंग्रेजी में इनसोल्युबल फाइबर (Insoluble Fiber) कहते हैं।
घुलनशील फाइबर पानी में घुलकर एक जेली जैसा पदार्थ बन जाता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करता है।
अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलता है। यह हमारे पाचन तंत्र में खाद्य पदार्थों को गति देने में सहयोग करता है। अघुलनशील फाइबर कब्ज को रोकने और आंतों के स्वास्थ्य बनाए रखने में काफी मददगार है।
जैसा हमने बताया कि फाइबर हमारे शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि पाचन क्रिया को सुधारने के साथ साथ वजन कम करने में भी मदद करता है। साथ ही दिल के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी माना गया है। आइए जानते कुछ बेहतरीन फाइबर खाद्य पदार्थों के बारे में:-
ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर का बेहतरीन स्रोत चिया बीज हैं। आप स्मूदी, दही या ओटमील जैसी चीजों में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
ओट्स में घुलनशील फाइबर मौजूद होता है, जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। आप इसका सेवन नाश्ते में कर सकते हैं या फिर इसका इस्तेमाल बेकिंग में भी किया जा सकता है।
सेब में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट दोनों ही मौजूद होते हैं। अगर आप सेब नियमित रूप से खाते हैं तो पाचन तंत्र मजबूत बनता है।
गाजर फाइबर और विटामिन A का एक काफी अच्छा स्रोत माना जाता है। आप गाजर सलाद में डालकर या कच्चा भी खा सकते हैं।
ब्रोकोली में सिर्फ फाइबर ही नहीं बल्कि कई आवश्यक विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। आप इसे उबालकर या स्टर-फ्राई करके सेवन कर सकते हैं।
अगर आपको ब्रेड खाना पसंद है तो आप सफेद ब्रेड की जगह होल ग्रेन ब्रेड का सेवन शुरू कर दें। होल ग्रेन ब्रेड में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, साथ ही यह पाचन के लिए भी सही रहता है।
फाइबर और स्वस्थ वसा के लिए आप बादाम, अखरोट और सूरजमुखी के बीज के सेवन कर सकते हैं। इन सबको काफी अच्छी मात्रा में फाइबर और स्वस्थ वसा प्रदान करने का स्रोत माना जाता हैं। इनका नाश्ते में या सलाद के रूप में सेवन कर सकते हैं।
हमारे शरीर के लिए अत्यधिक जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर को भी गिना जाता है, जिसकी मदद से पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है। जब शरीर में फाइबर की कमी होने लग जाती है, तब कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर हम अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेते हैं, तो उन समस्याओं से बचा जा सकता हैं। लेकिन अगर फाइबर सही मात्रा में नहीं लेते हैं, तो कई गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा बन सकता है। आइए जानते हैं, फाइबर की कमी से कौन-कौन सी बीमारियाँ होने का खतरा हो सकता है:-
जब शरीर में फाइबर की कमी होने लगती है तब सबसे पहला प्रभाव हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर न जाए, तो कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है। फाइबर का काम मल को नरम बनाकर आसानी से निकासी करने का है।
शरीर में फाइबर की कमी के कारण कब्ज की समस्या बढ़ने लग जाती है, जिसकी वजह से मल त्याग करते समय ज्यादा दबाव पड़ने लगता है और यही कारण है कि बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है।
अगर कोई व्यक्ति फाइबर युक्त भोजन करता है तो लंबे समय तक उसका पेट भरा हुआ महसूस होगा, जिससे भूख कम लगेगी। जो व्यक्ति फाइबर युक्त भोजन कम करता है वह ज्यादा खाना खा सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।
जब बड़ी आंत की दीवारों में छोटे-छोटे थैले या पॉकेट्स बनने लग जाते हैं, तब यह समस्या शरीर में जन्म लेती है। फाइबर की कमी के कारण आंतों में दबाव बढ़ने लग जाता है, जो इस समस्या का कारण बन सकता है।
फाइबर की मदद से शरीर में बढ़ रहे कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। शरीर में फाइबर की कमी के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा बन सकता है, जिसकी वजह से हृदय रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
फाइबर का सेवन ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। अगर आपकी डाइट में या आहार में फाइबर की कमी है, तो इससे ब्लड शुगर का लेवल अनियंत्रित होने का खतरा बन सकता है, जिसकी वजह से आपकी टाइप 2 डायबिटीज की समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है।
शोधों के अनुसार जिन लोगों के आहार में फाइबर की कमी होती है, उन्हें आंतों का कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है। आंतों की सफाई के लिए फाइबर काफी मददगार रहता है साथ ही हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने भी मदद करता है।
शरीर के लिए फाइबर बहुत ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि यह हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है। शरीर में फाइबर की कमी से पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती है जिसमें अपच, पेट फूलना और एसिडिटी शामिल है।
फाइबर का भरपूर मात्रा में सेवन करके बीमारियों को खुद से दूर रखें, साथ ही एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए फाइबर को अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में शामिल करें।
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