Saturday, June 14 ,2025

Influenza and seasonal flu in hindi : इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू से बचाव के उपाय


influenza flu treatment in hindi

बदलते मौसम के कारण बहुत-सी बीमारियाँ और वायरस के कारण संक्रमण फैलने लग जाते हैं। जिसके चलते बहुत से लोगों में सर्दी-जुकाम, बुखार, थकान, कमजोरी आदि जैसे लक्षण नज़र आने लग जाते हैं। आप इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू से कैसे बच सकते हैं और आखिरकार यह होता कैसे है? इन सबके बारे में आज इस ब्लॉग का जरिए हम समझेंगे।  

 

इन्फ्लूएंजा क्या हैं? (what is influenza in hindi?) 

 

इन्फ्लूएंजा को आम भाषा में फ्लू से संबोधित किया जाता है। यह संक्रामक वायरस के कारण किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह वायरस नाक, गले और फेफड़ें को प्रभावित करते हैं। यह बीमारी खासकर मौसम बदलने के समय तेजी से फैलती है, जिसे मौसमी फ्लू कहा जाता है। वैसे यह फ्लू बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अपनी चपेट में पहले लेता है और उनके लिए ज्यादा खतरनाक भी हो सकता है। अगर सही समय पर पहचान और इलाज हो जाए तो इसे रोक सकते हैं। 

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के लक्षण (symptoms of flu/influenza in hindi)

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के लक्षण पहचानकर अगर सही समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो आपकी सेहत जल्दी ठीक हो सकती है। आइए जानते हैं इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के क्या लक्षण हो सकते हैं? 

  • अचानक से तेज बुखार होना 

  • सिरदर्द रहना 

  • बदन दर्द होना 

  • गले में खराश महसूस होना  

  • सूखी खांसी होना 

  • थकान महसूस होना 

  • कमजोरी रहना 

  • ठंड लगना

  • कुछ मामलों में उल्टी या दस्त होना (खासकर यह लक्षण बच्चों में अधिक दिखाई देते हैं।)

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के क्या कारण है? (cause of flu in hindi)

 

इन्फ्लूएंजा वायरस के कई प्रकार हैं। जिसमें टाइप ए, बी, और सी, इनमें से टाइप ए और बी सबसे ज़्यादा मौसमी फ्लू होने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू फैलने के तरीके (Ways influenza and seasonal flu are spread in hindi)

 

  1. अगर संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो हवा में वायरस फैलता है। जिससे यह आस-पास मौजूद किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। 

  2. अगर आप वायरस से संक्रमित सतह को छूने के बाद चेहरे, नाक या मुंह को छूते हैं, तो यह इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू होने के खतरे को बढ़ा देता है। 

  3. इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के मौसम के दौरान भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बिना मास्क के आना-जाना नहीं करना चाहिए। 

शुरुआती इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू का इलाज (treatment of flu in hindi)

 

  1. आप भरपूर आराम करें। 

  2. पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ का सेवन करें, जिससे शरीर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकें।

  3. डॉक्टर द्वारा बताई हुई दवाइयों का सेवन समय से करें।

  4. यदि तबीयत अधिक बिगड़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। 

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू से बचने के तरीके (Ways to prevent influenza and seasonal flu in hindi)

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू से बचाव करने के लिए आप कुछ आसान और प्रभावी तरीके कर सकते हैं। जिससे आप स्वयं और अपने परिवार को इस संक्रमण से बचा सकते हैं।

आस-पास सफ़ाई रखें

आपको अपने आस-पास साफ-सफाई रखें। दिन में कई बार साबुन से अपने हाथों को धोएं या फिर सैनिटाइज़र से साफ़ करें।

मास्क का इस्तेमाल करें 

जब आप बीमार हों या किसी भी बीमार व्यक्ति के पास जा रहे हों तो बचाव के लिए मास्क ज़रूर पहनें।

भीड़-भाड़ से बचें 

फ्लू के मौसम में आप कोशिश करें कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं। 

स्वस्थ जीवनशैली 

अगर आप अपना अच्छा खानपान रखते हैं और पर्याप्त नींद लेते है, तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, जिससे आपका शरीर वायरस से लड़ पाएंगा। 

अगर आप इन आसान तरीकों को अपनी रोज़मर्रा की आदतों में शामिल करते हैं, तो आप फ्लू के खतरे को काफी हद तक कम कर पाएंगे। 

 

मौसमी फ्लू में खास सावधानी बरतें (Take special precautions during seasonal flu in Hindi)

 

जब भी फ्लू का मौसम आता है तब संक्रमण का खतरा बढ़ना आम बात है। आप इस समय पर सही से देखभाल और साफ-सफाई को अपनाकर खुदको और परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान दें

बच्चों और बुजुर्गों दोनों ही समूह फ्लू के प्रति ज्यादा ही संवेदनशील होते हैं। उनकी सेहत पर खास नज़र रखना और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। 

पोषणयुक्त आहार लें 

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप अंडा, सूप, हल्दी वाला दूध आदि जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। इनका सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा, जिससे आप बीमार होने से बच सकते हैं।

घर को साफ रखें

अगर आप साफ-सफाई रखते हैं तो संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है। सफ़ाई रखने से आप खुद तो फ्लू से बचेंगे ही साथ ही आपका परिवार भी फ्लू के खतरे से दूर रहेगा। 

बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं 

आपको फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखनी चाहिए। आप संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखें, जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें और बाकी परिवार को सुरक्षित रखा जा सकें। 

आप इन सावधानियों को ध्यान रखें और खुदको और अपने परिवार को मौसमी फ्लू से बचाएं।

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के लिए कुछ घरेलू उपाय (home remedies for influenza and seasonal flu in Hindi)

 

इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू के समय आराम पाने के लिए आप कुछ आसान और असरदार घरेलू तरीके यानि उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनको करने से आप शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा पाएंगे, जिससे इन्फ्लूएंजा और मौसमी फ्लू की समस्या से राहत मिलेगी। 

हल्दी और अदरक का गर्म दूध

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। वहीं अदरक शरीर की गर्मी को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। दोनों एक साथ मिलकर इम्यून सिस्टम को मजबूत और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। रोज़ रात को सोने से पहले आप इसका सेवन करते हैं, तो यह फायदेमंद रहेगा साथ ही गले की खराश और थकावट में आराम आएगा। 

भाप लेना होगा फायदेमंद

अगर आप गर्म पानी की भाप लेते हैं तो इससे नाक के बंद मार्ग खुलते हैं और सांस लेने में आसानी होती है। यह बलगम को ढीला करने में मदद करता है साथ ही खांसी में भी राहत दिलवाता है। आप दिन में 1 से 2 बार भाप लीजिए, जिससे गले और छाती की जकड़न में आराम मिलेगा। आप भाप के समय नीलगिरी या पुदीना तेल को भी मिला सकते हैं ऐसा करने से फायदा होगा।

तुलसी और शहद का सेवन 

तुलसी के पत्ते में रोग प्रतिरोधक गुण मौजूद होते हैं। वहीं शहद में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं। यह  दोनों मिलकर कफ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। साथ ही गले की खराश को कम करने में भी सहयोग करते हैं। इस मिश्रण से खांसी और फ्लू के लक्षणों को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद मिलती है। आप यह उपाय बच्चों के लिए भी कर सकते हैं। यह सुरक्षित और प्रभावी है।

गर्म पानी और नमक के गरारे करें

आप गर्म पानी में चुटकीभर नमक मिलाएं और उस पानी से गरारे करें। ऐसा करने से गले की सूजन और जलन में तुरंत आराम मिलेगा। इसके इस्तेमाल से कीटाणु मार जाएंगे और इन्फेक्शन फैलने से बचाया जा सकता है। आप दिन में 2 से 3 बार गरारे कर सकते हैं। 

काढ़ा

आयुर्वेदिक काढ़ा जिसमें तुलसी, काली मिर्च, अदरक, दालचीनी आदि शामिल हो, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और वायरल संक्रमण से लड़ने में असरदार रहता है। तुलसी सांस की तकलीफ दूर करती है, काली मिर्च बलगम साफ करने मदद करती है, अदरक सूजन को कम करने में असरदार है और दालचीनी शरीर को गर्म रखने में मदद करती है। इस काढ़ें का सेवन फ्लू के लक्षणों को कम और राहत दिलाने में बेहद असरदार होता है।

 

नोट: 

आप अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन ही करें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें और बताई हुई सलाह का पालन करें।