Saturday, June 14 ,2025

Joint pain in hindi : जानिए जोड़ों में दर्द का कारण, लक्षण और उपचार!


joint pain in hindi

आज के समय बहुत से लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगी है इसका कारण क्या है? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है और इस समस्या से कैसे बचा सकता है साथ ही इसके लक्षण नज़र आने पर क्या करें ? जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर इलाज के लिए क्या करें? इन्हीं सब सवालों का जवाब आज इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। 

 

जोड़ों के दर्द की समस्या क्या है? (What is the problem of joint pain in Hindi?)

 

जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द एक ऐसी समस्या बन गई है कि यह किसी भी उम्र के व्यक्ति में आराम से नज़र आने लगी है।  वैसे उम्र बढ़ने के साथ शरीर में बहुत तरह के बदलाव आने लग जाते हैं और साथ ही हमारी हड्डियां और जॉइन्ट कमजोर होने लग जाते हैं। पहले यह समस्या अक्सर बढ़ती उम्र के लोगों में दिखाई देती थी लेकिन अब यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी दिखाई देने लग गई है यानि युवा वयस्कों में भी हड्डी और जोड़ों के दर्द के बहुत से मामले अब नज़र आने लगें हैं। एक बहुत ही हैरान करने वाली बात भी सामने आई है कि भारतीय की आबादी के लगभग 20 से 25% लोगों में जोड़ों से जुड़े समस्या मस्कुलोस्केलेटल (Musculoskeletal) से लोग ग्रस्त हैं। 

जोड़ों के दर्द को जॉइंट पैन (joint pain) भी कहते हैं। हमारे शरीर के हड्डियों को जोड़ने वाला भाग यानि जहां दो हड्डियां मिलती है उसे जॉइन्ट कहते हैं। जोड़ों में महसूस होने वाली बेचैनी को या दर्द जो महसूस हो रहा है उसे जोड़ों के दर्द से संबोधित किया जाता है। इसको मेडिकल भाषा में अर्थराल्जिया (Arthralgia) कहते हैं। जोड़ों का दर्द ज्यादातर एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति (underlying health condition) है। सोचने वाली बात है कि अगर हमारे शरीर में जोड़ नहीं होता तो हम अपने शरीर को हिला नहीं पाते। आइए जानते है हमारे शरीर के तीन मुख्य प्रकार के जोड़ के बारे में- 

सिन्थ्रोस (Synthroses - अचल जोड़)

इस प्रकार के जोड़ की वजह से जुड़ी हुई हड्डियों में किसी भी तरह की कोई भी हलचल नहीं हो पाती है। इस जोड़ का मुख्य कार्य हमारे शरीर को स्थिरता और समर्थन देने का होता है। 

एम्फिआर्थ्रोसिस (Amphiarthrosis - थोड़ा चलने योग्य जोड़) 

इस जोड़ की वजह से हमारा शरीर सीमित गति कर पाता है। इस प्रकार के जोड़ आपके कशेरुकाओं के बीच (joints between the vertebrae) के जोड़, जो कि आपकी रीढ़ को मोड़ने और विस्तारित करने में सहयोग करते हैं।

डायथ्रोसिस (Diarthrosis)

इस जोड़ की मदद से हमारे शरीर को पूर्ण रूप से गतिशीलता प्रदान होती है। जैसे आपके बॉल-एंड-सॉकेट शोल्डर जॉइंट (ball-and-socket shoulder joint).  यह जॉइन्ट चलने-फिरने, दौड़ने-भागने और उछल-कूद करने जैसी गतिविधियों में मदद करता है। 

जोड़े का दर्द आपके दैनिक जीवन की गतिशीलता पर एक गहरा असर डालता है। वैसे तो ज्यादातर जोड़ों के दर्द की गंभीरता उम्र के अनुसार तय होती है। जोड़ों में दर्द के पीछे बहुत से कारण होते हैं और उन्हीं कारणों के आधार पर डॉक्टर आपके इलाज का चयन करते हैं। 

 

जोड़ों में दर्द क्यों होता है? (Why do joints pain in hindi?)

 

जोड़ों में दर्द के पीछे कई कारण हो छुपे हो सकते हैं जिनमें शामिल है चोट या आघात (shock)। कई मामले ऐसे भी होते हैं जिसके लिए डॉक्टर एक विस्तृत जांच का सुझाव देते हैं और फिर निदान का करते हैं। आइए जानते हैं जोड़ों में होने वाले दर्द के कुछ सामान्य कारणों के बारे में:- 

गठिया (Arthritis)

जोड़ों के दर्द  का अहम कारण गठिया हो सकता है जिसके दो रूप हैं। पहला ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis - OA) और रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis - RA). 

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): इस में जोड़ों के चारों ओर कि उपास्थि (Cartilage) टूटने लग जाती है। यह जोड़ों के रोज के कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। वैसे तो यह समस्या 40 वर्ष से ज्यादा वाले व्यक्तियों को अपनी चपेट में लेती है।

  • रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis): यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। यह समस्या धीरे-धीरे व्यक्ति के जोड़ों को खराब कर देती है। इस स्थिति में सूजन, दर्द और कभी-कभी तो तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं साथ ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी जोड़ों की अस्तर झिल्ली पर हमला करने लग जाती है।

गठिया के सिवा दूसरे स्वास्थ्य समस्याएं और कारण भी मौजद हैं, जो हमारी हड्डियों और जोड़ों पर बुरा असर डालती है। आइए जानते हैं कुछ कारण जो बता सकते हैं कि हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द आखिर क्यों होता है:- 

संक्रमण होना 

बहुत से ऐसे संक्रमण है जो जोड़ों तक फैल सकते हैं, जिस के कारण सूजन और दर्द महसूस होना शुरू हो जाता है। जॉइंट इंफेक्शन के सामान्य कारणों की बात की जाए तो उसमें बैक्टीरिया, वायरस और कवक शामिल हैं।

कैंसर की बीमारी 

कैंसर की बीमारी हड्डियों या जोड़ों तक फैल सकती है। जिस वजह से दर्द और अन्य लक्षण पैदा हो सकते हैं।

ऑटोइम्यून बीमारी 

ऑटोइम्यून बीमारी में शामिल है रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस। जिसकी वजह से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों के साथ स्वस्थ टिशू पर हमला करना शुरू कर देती है। इसी वजह से मरीज को जोड़ों में सूजन और दर्द का सामना करना पड़ता है।

थायराइड की समस्या होना 

थायराइड की समस्याएं जैसे हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म भी एक कारण है जो जोड़ों के दर्द की वजह बन जाते हैं। समय से थायराइड की दावा लें और व्यायाम करें जिससे आप इसको समस्या को मैनेज करके अपने जोड़ों में होने वाले दर्द में राहत पा सकें। 

मेटाबोलिक विकार होना 

डायबिटीज और गाउट जैसे मेटाबोलिक विकार भी अपके जोड़ों के दर्द की वजह बन सकते हैं।

पोषक तत्वों की कमी होना 

विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आपको जोड़ों के दर्द का समाना करना पड़ सकता है। 

दवा के साइड इफेक्ट होना 

कुछ दवाइयों के दुष्प्रभाव की वजह से मरीज को जोड़ों के दर्द सामना करना पड़ सकता है, उन दवाइयों में शामिल है स्टेरॉयड और कीमोथेरेपी की दवाइयाँ। 

 

जोड़ों के दर्द के क्या लक्षण है? (What are the symptoms of joint pain in hindi?)

 

जोड़ों के दर्द में हमेशा चिकित्सकीय ध्यान की जरूरत नहीं होती है। लेकिन नीचे दिए गए जोड़ों के दर्द के लक्षणों में से किसी से भी लक्षण की पहचान कर पा रहे हैं या फिर उस लक्षण से गुजर रहे हैं तो आप इस बारे में निश्चित होने के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलें:- 

  • जॉइन्ट और उसके आसपास के क्षेत्र में आपको सूजन नज़र आना 

  • जॉइन्ट के आसपास लालिमा या फिर स्पर्श करने में गर्म महसूस होना

  • जोड़ों में 3 दिनों से अधिक समय तक दर्द का बरकरार रहना

  • गंभीर चोट लगना 

  • जोड़ों से संबंधित विकृति होन 

  • जॉइन्ट जो कि पूरी तरह से स्थिर हो और गतिशीलता (immobilized and mobility) बहाल न कर पाना

 

जोड़ों के दर्द में राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए? (What should be done to get relief from joint pain in hindi?)

 

जोड़ों में दर्द होने पर आप कुछ घरेलू उपचार कर सकते हैं। अगर दर्द के साथ ऊपर बताए गए लक्षण लगातार नज़र आ रहे हैं तो आप डॉक्टर से संपर्क कीजिए। साथ-साथ आप नीचे हुए तरीको का इस्तेमाल करके भी दर्द से राहत पा सकते हैं क्योंकि यह कुछ प्रभावशाली साबित हुए हैं:- 

  1. जोड़ों के दर्द में आराम पाने के लिए आपको नियमित व्यायाम की सलाह दी जाती है। मगर, तेज गति से होने वाले व्यायाम न करें, क्योंकि इससे व्यक्ति को सूजन और असुविधा दोनों का ही सामना करना पड़ सकता है। 

  2. आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड जोड़ों की जकड़न को कम करने में कारगर साबित हो सकता है और साथ ही दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। 

  3. जोड़ों के दर्द के लिए आप विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा में सेवन शुरू कीजिए, जिससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी। विटामिन डी और विटामिन बी दो ही शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं।

  4. बढ़े हुए वजन को कम करें जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपके जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव न पड़ें। 

  5. आप सुबह गर्म पानी से नहाना शुरू कर दीजिए जिससे जकड़न और जोड़ों के दर्द से काफी राहत मिल सकती है।

 

जोड़ों के दर्द के लिए इलाज (Treatment for joint pain in Hindi)

 

जोड़ों के दर्द के उपचार का निर्णय स्थिति के आधार पर लिया जाता है। जोड़ों के दर्द का उपचार अंतर्निहित कारणों (Underlying causes) पर तय करता है। कुछ तो ऐसे मामलें है जिनमें घरेलू उपचार, जैसे व्यायाम और आहार के साथ सिकाई से राहत मिल सकती है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे मामलें भी मौजद है जिनमें दवाई, इंजेक्शन और फिजिकल थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। आइए जानते हैं कि स्थिति के आधार पर डॉक्टर कौन-से इलाज का विकल्प सुझा सकते हैं - 

जोड़ों के दर्द की दवा

  • ओवर-द-काउंटर दर्द वाली दवाइयाँ: इबुप्रोफेन और एसिटामिनोफेन, यह दर्द निवारक दवाइयाँ हैं। हल्के से मध्यम दर्द के समय में यह दवाइयाँ आराम देने में मदद कर सकती हैं।

  • प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली दर्द की दवाइयाँ: प्रिस्क्रिप्शन वाली दर्द की दवाइयों में शामिल है ओपिओइड और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) आदि। यह डॉक्टर गंभीर दर्द के मामले में लेने के लिए कह सकते हैं। 

जोड़ों के दर्द के लिए फिजिकल थेरेपी 

फिजिकल थेरेपी की मदद से आप जॉइंट की गतिशीलता, लचीलेपन और शक्ति को सुधार सकते हैं। जिससे आपको जॉइन्ट के दर्द काफी आराम मिलेगा साथ ही दर्द भी कम हो जाएगा। 

जोड़ों के दर्द के लिए जॉइंट इंजेक्शन

जोड़ों के दर्द के लिए कई बार डॉक्टर कोर्टिसोन इंजेक्शन (cortisone injections) का सुझाव दें सकते हैं। जिससे सूजन और दर्द को कम किए जाने में मदद मिल सकती है, लेकिन इस इंजेक्शन को किसी भी मरीज को खुद से नहीं लेना चाहिए। यह इन्जेक्शन आपके स्वास्थ्य का आकलन करवाने के बाद ही डॉक्टर खुदसे इंजेक्शन का सुझाव देते हैं।

जोड़ों के दर्द के लिए सर्जरी

कुछ ऐसे मामलें भी है जिनमें जॉइन्ट बहुत ही क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, उनको ठीक करने के लिए या बदलने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वैसे तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव तभी देंगे, जब ऊपर बताए हुए इलाज के सभी विकल्प विफल साबित हो जाएंगे। 

सर्जिकल उपलब्ध विकल्पों में शामिल हैं:- 

 

आर्थ्रोस्कोप (Arthroscope)

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक सर्जन जॉइंट के ऊपर मांस में दो या तीन छोटे कट लगाकर, वह से एक आर्थोस्कोप ( जो कि एक पतला, लचीला, फाइबर का ऑप्टिकल उपकरण होता है) का इस्तेमाल करते हुए जॉइंट वाले क्षेत्र में प्रवेश करवाकर प्रभावित क्षेत्र को ठीक करते हैं। 

जॉइंट फ्यूजन (Joint Fusion)

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन आपकी हड्डियों के सिरों को जोड़ते हैं। इसमें जॉइंट को हटा डीया जाता है। जब यह सर्जरी हो जाती है उसके बाद डॉक्टर शरीर में हड्डियों को उनकी ही जगह पर पर रखने के लिए प्लेट, स्क्रू, पिन या रॉड जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। 

ऑस्टियोटॉमी (Osteotomy)

इस प्रक्रिया के समय सर्जन जॉइंट के क्षतिग्रस्त हिस्सों से दबाव को हटाने के लिए हाथ या पैर की लंबी हड्डियों को फिर से नया आकार दिया जाता है, जिस वजह से दर्द में राहत मिल जाती है।

जॉइंट रिप्लेसमेंट (Joint Replacement)

डॉक्टर इस विकल्प को सबसे अंतिम विकल्प के रूप में रखते हैं। इसमें प्रभावित जॉइंट को ऑपरेशन की मदद से बदल देते हैं। इस सर्जरी में घुटने और कंधे के जोड़ों के दर्द और कूल्हे के इलाज के तौर पर ही किया जाता है। इस प्रक्रिया में हड्डी के प्रभावित हिस्से को काटकर, उसमें एक इंप्लांट लगा दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद मरीज को जोडों के दर्द से काफी लंबे समय तक निजात मिल जाता है। 

 

नोट: 

जोड़ों के दर्द को नजरंदाज न करें यह आने वाले समय में आपको बहुत तकलीफ़ दए सकती है। लक्षणों पपर गोर करें और समस्या गंभीर होने से पहले से डॉक्टर से मिलें।