शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द रहना कष्ट ही देता है और अगर बात जब पैरों को हो यह एक बड़ी दिक्कत बन सकता है। महिलाएं जैसे हमारे घर की जिम्मेदारी उठाती है, वैसे ही पैर भी हमारे शरीर का पूरा वजन उठाते हैं और चलने-फिरने में मदद करते हैं। आजकल देखा होगा अपने कि महिलाओं में पैरों का दर्द एक आम समस्या बनता जा रहा है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिसमें दर्द कभी-कभी हल्का होता होगा तो कभी इतना ज्यादा होता होगा कि रोजमर्रा के जीवन में दिककतें आने लग जाती है। आज के इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि महिलाओं के पैरों में दर्द का क्या कारण है, कैसे इसकी पहचान की काअ सकती है और इसके उपचार के लिए क्या किया जा सकता है।
पैरों में दर्द होने कई कारण हो सकते हैं। महिलाओं में विशेष रूप से हार्मोनल बदलाव, खराब जीवनशैली और किसी बीमारी के कारण यह देखने को मिल सकता है। आइए विस्तार से जानते कुछ कारण जिसकी वजह से महिलाओं के पैरों में दर्द रहता है :-
महिलाओं में वक़्त के साथ शरीर में हार्मोन में बदलाव होते हैं जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल, मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के समय काफी बदलाव आते हैं। यह बदलाव शरीर की नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं, जिससे पैरों में सूजन, भारीपन और दर्द आदि महसूस हो सकता है। महिलाओं को पैरों में ऐंठन और थकान पीरियड्स के पहले और दौरान भी हो सकती है। मेनोपॉज़ के समय भी महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी और हड्डियों के कमजोर होने के कारण दर्द बढ़ सकता है।
जिन महिलाओं का लंबे समय तक खड़े रहकर काम करने का होता है जैसे शिक्षिका, सेल्सगर्ल, नर्स, हाउस्वाइफ आदि। उनके पैरों में अक्सर थकान, सूजन और नसों में खिंचाव रहता होगा। ऊँची हील पहनना आज का फैशन है, लेकिन इससे शरीर का भार पैर के आगे के हिस्से पड़ता है। इस कारण एड़ी, पंजे और तलवों में दर्द रहना एक आम समस्या बन जाएगी।
बहुत सी महिलाओं में नसें उभरकर नजर आने लगती हैं इस समस्या को वैरिकाज वेंस (Varicose Veins) कहा जाता है। यह पिंडलियों के पास अधिक होती है। इस समस्या में नसों में खून जमा होने लग जाता है, जिससे सूजन और दर्द होना शुरू हो जाता है। इस समस्या के कुछ लक्षण के रूप में आपको नसें नीली या बैंगनी नजर आने लगेगी, पैरों में जलन या भारीपन महसूस होगा या फिर देर तक बैठने या खड़े रहने की वजह से पैरों में दर्द बढ़ने लगता है।
अक्सर महिलाएं डायटिंग या अनहेल्दी डाइट के चक्कर में शरीर को जरूरत के हिसाब से पोषक तत्व नहीं दे पाती है। इन आदतों के कारण हड्डियाँ कमजोर होना शुरू हो जाती है और इस वजह से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। कई बार हड्डियों में झनझनाहट, मांसपेशियों में अकड़न, चलने में तकलीफ आदि का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था के समय शरीर का वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है जिससे पैरों और घुटनों पर दबाव आना शुरू हो जाताहै। इसके सिवा शरीर में फ्लूड रिटेंशन भी पैरों में सूजन और दर्द का कारण बन सकता है।
महिलाओं में डायबिटीज़ या थायरॉइड होने का खतरा अधिक रहता है और इस वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है। इस वजह से आपको पैरों में जलन, सुन्नपन या दर्द हो सकता है।
फ्लैट सैंडल या पुराने टूटे-फूटे जूते पहनने से भी पैरों को सही तरह से सपोर्ट नहीं मिल पाता है। इससे एड़ी में दर्द रहना शुरू हो सकता है।
शरीर में बढ़ता वजन घुटनों, एड़ियों और तलवों पर काफी दबाव डालता है जिससे मोटापा बढ़ने से जोड़ों और हड्डियों पर स्ट्रेस आने लग जाता है। इस वजह से चलना-फिरना में दिक्कतें आणि शुरू हो जाती है।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में गठिया और हड्डियों के कमजोर होने ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) की समस्या नज़र आने लगती है। इन बीमारियों के कारण घुटनों और पैरों में लगातार दर्द और सूजन नज़र आ सकता है।
पैरों में दर्द के साथ कुछ अन्य लक्षण भी शरीर में दिखाई दे सकते हैं:-
पैरों में सूजन नज़र आना
मांसपेशियों में ऐंठन होना
कमजोरी महसूस होना
पैरों में जलन
पैरों में झुनझुनी महसूस होना
चलने-फिरने में दिक्कतें आना
पैरों का रंग बदलना
शरीर का तापमान बदलना
दर्द के कारण सही सो न पाना
पैरों के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय नीचे दिए गए है-
महिलाओं को ऐसे जूते-चप्पल पहनने चाहिए जिनमें अच्छा फुट सपोर्ट हो, हील बहुत ज्यादा न हो और जो पहनने पर बहुत ही आरामदायक हों। आप फ्लैट या कम हील वाले जूते ज्यादा पहने तो बेहतर रहेगा।
व्यायाम से बड़ी से बड़ी समस्या में राहत आ जाता है, वैसे ही आप पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए रोज़ थोड़ा-बहुत हल्का-फुल्का व्यायाम कर सकती है। आप स्ट्रेचिंग, योग या सैर भी कर सकती है यह भी आपके लिए लाभदायक रहेगा।
शरीर में विटामिन या मिनरल की कमी के कारण भी पैरों में दर्द हो सकता है इसलिए डॉक्टर की सलाह से आप सप्लीमेंट्स ले सकती है। शरीर को कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन डी जैसे विटामिन की बहुत जरूरत होती है, इनकी पूर्ति करें।
जब दिनभर पैरों में दर्द रहता हो तो समय-समय पर थोड़ा आराम कीजिए। कुर्सी या सोफ़े पर बैठकर पैरों को ऊपर की उठाए, ऐसा करने से रक्त संचार बेहतर होगा और दर्द में थोड़ी राहत मिलेगी।
मांसपेशियों का दर्द या पैरों में दर्द व सूजन होने पर आप गर्म तेल से मालिश कर सकते हैं। आप चाहे तो गर्म पानी से सिकाई करके भी दर्द से राहत पा सकते हैं। इन उपायों को करके आप अपना रक्त संचार भी बढ़ सकते हैं।
शरीर में पानी की कमी की वजह से भी मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है, इसलिए दिनभर में आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
जब दर्द लगातार बना रह रहा है या फिर दर्द के साथ सूजन, रंग में बदलाव और कमजोरी आने लग जाए तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। आपको फिजियोथेरेपी, दवाइयां या अन्य उपचार के लिए वो सलाह दए सकते हैं।
हल्दी में मौजद गुण सूजन को कम करने में काफी मददगार साबित होते हैं। आप रोज दूध में हल्दी डालकर सेवन कर सकते हैं जिससे दर्द और सूजन में आराम मिलेगा।
अदरक का सेवन करना शरीर में बहुत सी बीमारियों के लिए लाभकारी रहता है। इसका सेवन करने से मांसपेशियों के दर्द और सूजन को कम करने लिए काफी फायदेमंद रहता है।
जब भी पैर में दर्द या सूजन नज़र आए तो हल्के गर्म पानी में नमक डालकर, अपने पैर डाल दें। ऐसा करने से दर्द, सूजन और थकान में राहत मिलेगी।
एलोवेरा जेल बहुत सी चीजों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। आप एलोवेरा जेल को पैरों पर लगाए, ऐसा करने से सूजन और दर्द की समस्या कम हो जाएगी।
आप विनेगर के इस्तेमाल से भी पैरों के दर्द में आराम पा सकती है। इसके लिए एक बाल्टी में गुनगुना पानी लेकर, उसमें कुछ बुंदें डिशवॉशिंग लिक्विड (Dishwashing Liquid) डालकर और एक कप सफेद विनेगर डालकर अच्छे से मिला लें। फिर उसमें 30 मिनट तक अपने पैरों को उस पानी में डालकर रखें। उसके बाद पैरों को अच्छे साफ़ करें, ऐसा करने से पैरों का दर्द और सूजन में राहत मिलीगी।
आप आइस पैक का इस्तेमाल करते हुए पैरों के दर्द को ठीक कर सकते हैं। पैरों को थोड़ी देर आराम देने के बाद आप दर्द वाले हिस्से पर आइस पैक से सिकाई कीजिए। ऐसा करने से पैरों में दर्द और सूजन दोनों में ही राहत महसूस होगी।
अगर आपके पैरों में दर्द के साथ अचानक सूजन या लालिमा नज़र आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर चलने-फिरने में बहुत ही ज्यादा कठिनाई होने लगे।
अगर आपका दर्द लगातार बढ़ रहा हो और किसी भी तरह का कोई घरेलू उपाए से आराम न मिल रहा हो।
किसी भी पुरानी बीमारी के कारण पैरों में दर्द हो सकता है जैसे कि डायबिटीज या हृदय रोग।
दर्द के कारण आप कमजोरी या सुन्नपन का भी अनुभव कर सकते हैं।
पैरों में दर्द रहना बहुत सी दिक्कतों का इशारा हो सकता है। इस समस्या को नजरंदाज न करें। दर्द होने पर बताएं हुए घरेलू नुस्खें इस्तेमाल करे, लेकिन अगर फिर भी राहत नहीं मिल पा रही है तो तुरंत से जाकर मिलें। अपनी समस्या के बारे में सही से बताए जिससे आपकि जांच और इलाज सही दिशा की ओर शुरू हो।