आज के समय में अपने देख ही होगा कि बहुत सी महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome PCOS) की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या में महिलाओं के हार्मोन असुंतलन हो जाते हैं जिसकी वजह बहुत सी ने अन्य बीमारियाँ भी शरीर को घेर लेती है। पीसीओएस की समस्या आजकल काफी सामान्य होती नज़र आ रही है। इस समस्या के बारे में सही जानकारी होना से आप इसका सही समय से पता लगा सकती है साथ ही इलाज शुरू कर सकती है। जिससे आप इससे छुटकारा भी पा सकती है, लेकिन जब समस्या देरी से पता लगें तो पूरी तरह से निजात पाना मुश्किल हो जाता है। आज इस ब्लॉग के जरिए हम पीसीओएस (PCOS) के बारे में विस्तार से जानेंगे कि इस समस्या के लक्षण, कारण, और उपचार क्या है ?
महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार में से एक पीसीओएस (PCOS) है। इस समस्या में, सामान्य रूप से अधिक अंडाशय (ovary) में पुरुष हार्मोन (androgens) पैदा होने लग जाते हैं। ऐसा होने कि वजह से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाते हैं, जिसकी वजह से महिला में अंडाशय के सामान्य विकास और अंडाशय से अंडा का निष्कासन प्रभावित होने लग जाता है। इसके नतीजतन, अंडाशयों में सिस्ट (cysts) बनने लग सकती हैं। जब किसी भी लड़की या महिला को पीसीओएस की समस्या शुरू होती है तो आप अपने शरीर में कुछ बदलाव देख सकती हैं जैसे कि मासिक धर्म के असामान्यता हो सकती है, अंडाशयों की बड़ी आकार बनने शुरू हो सकती है, अनियमित या अभावी ओवुलेशन हो सकता है, हाइपरअंड्रोजेनिस्म मतलब अधिक पुरुष हार्मोन बनने शुरू हो सकते हैं, और वजन बढ़ सकता है।
पीसीओएस की समस्या में आपके बाल अधिक झड़ने लग जाएंगे।
आप अपनी त्वचा पर मुहसों होते हुए देख सकती है या फिर इनका बढ़ना नज़र आ सकता है।
आपके बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
अनियमित मासिक धर्म होना एक अहम लक्षण है।
पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है।
पीसीओएस के कारण बार-बार गर्भपात हो सकता है।
आप अपने शरीर पर अनचाहे अंगो पर बाल आते हुए सेकह सकती हैं जैसे कि पीठ, ठोड़ी, चेहरे, छाती, पेट आदि।
आपका अत्यधिक वजन का बढ़ने लग जाएगा।
आप डिप्रेशन या एंग्जायटी जैसी समस्या से भी गुज़र सकती है।
आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल हाई हो जाएगा।
आपके शरीर में इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग करने में असक्षम हो जाता है।
आपको नींद ना आना जैसी समस्या भी हो सकती है।
कई बार सिर में दर्द होना भी इस समस्या का लक्षण हो सकता है।
हर समय शरीर में थकान महसूस हो सकती है।
पीसीओएस की वजह से अनिष्ट गर्भाशय गतिविधियाँ हो सकती है। ध्यान न डिया जाएं तो बांझपन जैसी समस्या भी हो सकती है। आप अधिक बाल विकास, त्वचा से जुड़ी समस्याएं, और दिल की बीमारियाँ भी इस समस्या के कारण हो सकती है। आप इसका उपचार प्रबंधन चिकित्सा, आहार, व्यायाम और जीवनशैली में कुछ परिवर्तन लाकर कर सकती है। यदि आपको लगता है की आप पीसीओएस से ग्रसित है या आपको पीसीओएस के लक्षण दिखाई दे रहे है तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और सही उपचार की शुरुआत करनी चाहिए।
महिलाओं में पीसीओएस कई कारणो की वजह से हो सकता है। आइए जानते और समझते हैं कि वह कारण कौन-से हो सकता है जैसे कि
पीसीओएस का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन है जिसमें शरीर में एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में बदलाव आने लग जाते हैं।
अगर आपके परिवार में पीसीओएस का इतिहास है, तो यह समस्या आपको भी हो सकती है।
अगर आप ज्यादा तला भुना खाना खाती हैं या फिर अस्वस्थ आहार का सेवन करती हैं जो आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है तो यह सब पीसीओएस को बढ़ावा देते हैं।
जब शरीर में वजन या मोटापा बढ़ने लगता है तब यह पीसीओएस होने का एक महत्वपूर्ण कारक बन जाता है।
इन्सुलिन का असमान उत्पादन पीसीओएस का एक बड़ा कारण हो सकता है।
जब किसी भी कारण एक महिला तनाव और अनियमित जीवनशैली में जीने लग जाती है उस को पीसीओएस होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अगर आप अधिक शराब और धूम्रपान का सेवन करते हैं तो पीसीओएस हो सकता है।
डायबिटीज की समस्या वाली महिलाओं में पीसीओएस होने का जोखिम सबसे अधिक रहता है।
हाई ब्लड प्रेशर भी एक अहम कारण में आता है जिसकी वजह से पीसीओएस कि समस्या हो सकती है।
पीसीओएस होने का एक कारण थायराइड से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
पीसीओएस की समस्या महिलाओं की उम्र के साथ हो सकती है और बढ़ भी सकती है।
कुछ कारण का पता नहीं चल पाता है और जिसकी वजह से पीसीओएस में बढ़ावा हो सकता है।
अगर आप सही और स्वस्थ आहार लेना शुरू कर दें तो जिसमें ज्यादा सुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड न शामिल हो बल्कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हो। आप डाइट में सब्जियां, फल, पूरे अनाज, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स जोड़ सकती है।
आप नियमित रूप से व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आप 30 मिनट से 1 घंटे तक रोज़ाना व्यायाम, योग, ध्यान, और प्राणायाम आदि कर सकती हैं इससे आपको ही लाभ होगा।
बढ़ते वजन को मैनेज करने के लिए आप डाइट पर ध्यान दें आउट आप चाहे तो अपने डॉक्टर से भी सलाह लें सकते हैं। बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए आहार के साथ-साथ व्यायाम की भी मदद लें सकती हैं।
स्ट्रेस की वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिसकी वजह से आप कई समस्या से जूझ सकती है इसलिए योग, मेडिटेशन और अन्य रिलेक्सेशन तकनीकों की मदद से अपने स्ट्रेस को मैनेज करें। साथ ही सही नींद और समय से खान-पान का पालन भी जरूरी है।
अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार उनके बताएं हुए निरीक्षण और सुझावों का पालन करें। पीसीओएस को मैनेज करने के लिए डॉक्टर की सलाह बहुत ही जरूरी है, तो आप अपने स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करके उनके दिशानिर्देशों का पालन करें।
पीसीओएस का उपचार करने के लिए उसके लक्षणों, उम्र, और उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए किया जाता है। यह समस्या आपके डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह दवाइयों, आहार और व्यायाम की मदद से मैनेज किया जा सकता है।
पीसीओएस के लक्षणों को समझे और समय रहते हुए इलाज शुरू कर दें जिससे यह समस्या बढ़ न पाए। इस वजह से आपका आने वाला भविष्य संभाल जाएगा और काफी समस्याओं से छुटकारा पा सकेंगी।
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