Saturday, June 14 ,2025

जानिए विटामिन ई की कमी के कारण, नुकसान और बढ़ाने के उपाय!


vitamin e deficiency in hindi

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी पोषक तत्वों का बैलेंस रखना बहुत जरूरी है। शरीर में अगर किसी कारण या किसी भी तरह  के विटामिन, मिनरल्स की कमी होती है तो इसका असर शारीरिक समस्याओं के ररोप में नज़र आने लगेगा। जिस हिसाब से लोगों का आजकल खराब खान-पान और जीवनशैली है उससे बालों और स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती नज़र आ रही है। यह समस्या कई बार विटामिन ई की कमी होने की वजह से होती है क्योंकि विटामिन ई हमारी स्किन और बालों पर काफी गहरा प्रभाव डालती है। 

जब शरीर में विटामिन ई की कमी होने लगती है तब शरीर में कई तरह के लक्षण नज़र आने लगते हैं। विटामिन ई की कमी को पूरा करने से आप बाल और त्वचा से संबंधी समस्याओं में सुधार देख सकते हैं। विटामिन ई की कमी होने पर हेयर फॉलिकल्स कमजोर हो जाते हैं, जिसकी वजह से स्कैल्प तक खून की पहुँच कम हो जाती है और बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। 

 

विटामिन ई की कमी के कारण (Causes of Vitamin E Deficiency in Hindi)

 

विटामिन ई की कमी का कारण ज्यादातर वसा अवशोषण (Fat absorption) या वसा अवशोषण उपयोग को प्रभावित करने वाली बीमारियाँ हो सकती है। आइए जानते हैं कुछ कारण जो विटामिन ई की कमी के लिए जिम्मेदार है:- 

खराब आहार या विटामिन ई की कमी से युक्त भोजन का सेवन

ये जब आहार में विटामिन और मिनरेयल्स की कमियां हो या सही मात्रा में वसा मौजूद न हो तो शरीर में दिक्कतें आ सकती है। आप विटामिन ई की पूर्ति के लिए उससे भरपूर या विटामिन ई युक्त उत्पादों का सेवन कर सकते हो। आप  मेवे, बीज, वनस्पति तेल और हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में जोड़े। 

वसा अवशोषण विकार के कारण विटामिन ई की कमी 

कुछ बीमारियों के कारण शरीर का आहार वसा और वसा में घुलनशील विटामिनों, जिनमें विटामिन ई भी शामिल है, उनको को आत्मसात (assimilate) करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। आइए जानते हैं वह कौन-सी बीमारियाँ है जिसमें वितमीन ई की कमी होती है:- 

  • सिस्टिक फाइब्रोसिस और विटामिन ई की कमी: सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis) अग्न्याशय (Pancreas) पर बुरा असर डलता है, जिससे शरीर के लिए वसा को तोड़ पाना और अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है। यह कारण है कि व्यक्तियों में पोषक तत्वों की कमी अधिक नज़र आ सकती है।

  • क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस (Chronic Pancreatitis): यह स्थिति में विशेष रूप से वसा के पाचन में जीव के शरीर में अग्न्याशय (Pancreas) की भूमिका को बदल देती है।

  • क्रोहन रोग (Crohn's disease): जठरांत्रिय सूजन (gastrointestinal inflammation) के लगभग सभी प्रकार शरीर के पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं।

आनुवंशिक विकार

एबेटालिपोप्रोटीनीमिया और विटामिन ई की कमी से होने वाला अटैक्सिया (AVED) सहित कुछ बीमारियां, विशेष रूप से व्यक्ति की विटामिन ई के चयापचय की क्षमता को प्रभावित करती हैं और इसलिए इसके स्तर बहुत कम हो जाते हैं।

 

विटामिन-ई की कमी के लक्षण (Vitamin E Deficiency Symptoms in Hindi)

 

जब शरीर में विटामिन-ई की कमी होने लगती है तब कुछ लक्षण शरीर में बदलाव के जरिए आपको संकेत दिखाने लगते हैं। जिससे आप समझ जाएं कि शरीर में विटामिन ई की कमी हो रही है। आइए जानते हैं कि वह क्या लक्षण है:- 

मांसपेशियों में कमज़ोरी (weakness in muscles)

विटामिन-ई सेंट्रल नर्वस सिस्टम के लिए बहुत आवश्यक है और इसकी के कारण मांसपेशियों में भयंकर वीकनेस हो सकती है। 

समन्वय और चलने में कठिनाई (Difficulty in coordination and walking)

विटामिन-ई सेंट्रल नर्वस सिस्टम के लिए बहुत आवश्यक है और किसी भी कारण शरीर में विटामिन ई की कमी होती है तो व्यक्ति को चलने में दिक्कतें आ सकती है। 

शरीर के अंगों का सुन्न होना या चुभन महसूस होना

विटामिन ई की कमी की वजह से कारण नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और संकेत ठीक से पहुंचा नहीं पाती, इस वजह से शरीर में सुन्नपन आ जाता है।

आंखों में कमजोरी

अगर आपके शरीर में विटामिन-ई की कमी शुरू हो रही है तो आंखों की कमजोरी भी महसूस होने लग जाएगी। कोई भी काम करते समय आपको आंखों में स्ट्रेस भी महसूस होगा। 

इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं

जब शरीर में विटामिन-ई की कमी होती है तो इम्यून सिस्टम से जुड़ी बहुत सी समस्याएं होना शुरू हो जाती है। विटामिन ई की कमी खासतौर पर बढ़ती हुई उम्र के लोगों को अधिक नज़र आती है इसलिए उनको इससे बचना चाहिए।

बालों से संबंधी परेशानी 

विटामिन-ई की कमी की वजह से कई मामलों में हेयर फॉलिकल्स भी डैमेज होते हैं और ऐसे में भी व्यक्ति को बालों से जुड़ी परेशानी का समाना करना पड़ता है। विटामिन-ई की कमी के कारण व्यक्ति के बाल तेजी से झड़ना शुरू हो जाते हैं। आपके बाल पतले और हल्के भी हो सकते हैं। किसी-किसी मामलें में डैन्ड्रफ भी हो सकता है। 

त्वचा संबंधी परेशानी होना

विटामिन ई की कमी के कारण आपको बहुत सी स्किन से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे में पिंपल्स, रफ स्किन, एक्ने आदि। त्वचा पर पपड़ियाँ पड़ना भी विटामिन-ई की कमी के कारण हो सकता है। विटामिन-ई की कमी की वजह स्किन में बहुत ज्यादा ड्राइनेस यानि रूखापन नज़र आ सकता है और स्किन सफेद सी भी पड़ सकती है। त्वचा में खुजली होने के साथ-साथ हाइपरपिग्मेंटेशन, एग्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं भी नज़र आ सकती है। 

 

विटामिन ई की कमी कैसे पूरी करें (Vitamin E Sources in Hindi) 

 

विटामिन ई की पूर्ति करने के लिए आप अपने आहार में बदलाव कीजिए साथ ही सप्लीमेंट्स की मदद भी ले सकते हैं। आइए थोड़ा विस्तार से समझते हैं :- 

आहार स्रोत 

आप अपनी डाइट में विटामिन ई की कमी अलग-अलग खाद्य पदार्थों के रूप में पूरी कर सकते हैं। आप अपने आहार वनस्पति तेल जैसे कि गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी का तेल, और जैतून का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप डाइट में गढ़ें हुए खाद्य पदार्थ, नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फल का सेवन कर सकते हैं। 

सप्लीमेंट्स 

अगर प्राकृतिक स्रोतों से पर्याप्त विटामिन ई नहीं मिल पा रहा होता है, तो आप सप्लीमेंट्स का सेवन एक प्रभावी विकल्प के तौर पर देख सकते हैं। आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन ई सप्लीमेंट्स शुरू कर सकते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिनमें विटामिन ई की कमी हो और वह कमी आहार से पूरी न हो पा रही हो। 

 

विटामिन ई की कमी से होने वाले नुकसान (Vitamin E Deficiency in Hindi)

 

विटामिन ई की कमी तो वैसे बहुत कम लोगों में नज़र आती है। विटामिन ई की कमी होने पर हमारा शरीर पूरी तरह से कुछ आहार को वसा में अवशोषित करने से रोक देता है। जब शरीर में विटामिन ई की कमी बढ़ जाती है तब एनीमिया, कंकाल मायोपथी (Skeletal myopathy), गतिभंग (ataxia), परिधीय न्यूरोपैथी (peripheral neuropathy), रेटिनोपैथी (retinopathy), प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और तंत्रिका क्षति के संकेत दिखलाता है। विटामिन ई की कमी से अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे: त्वचा से जुड़ी परेशानियाँ और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी और समन्वय की कमी महसूस हो सकती हैं। 

 

अधिक मात्रा में विटामिन ई के सेवन से नुकसान Vitamin E Overdose in Hindi 

 

विटामिन प्राकृतिक हैं और स्वास्थ के लिए जरूरी तो है, मगर इसके खाने-पीने पर भी दवाइयों जैसे ही आपको ध्यान देना चाहिए। विटामिन ई वसा में घुलनशील वाला विटामिन है और इसकी ज्यादा मात्रा लेने से शरीर में जम जाता है। खाद्य पदार्थों से विटामिन ई लेना खतरनाक तो नहीं है, लेकिन परेशानी तब शुरू होती है जब पूरक आहार के माध्यम से डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक से ज्यादा मात्रा में विटामिन ई का सेवन किया जाए। विटामिन ई का ज्यादा मात्रा में होना रक्तस्राव और थकान जैसी कई अन्य बीमारियों को पैदा करता है। विटामिन ई का अधिक सेवन आपके खून को पतला कर सकता है इसलिए किसी भी सर्जरी और ऑपरेशन से पहले इसकी खुराक का सेवन नहीं लेनी चाहिए। 

 

नोट: 

विटामिन ई की कमी से बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है इसलिए इसकी पूर्ति करके, आप उन स्वास्थ्य समस्याओं से अपना बचाव कीजिए।