हमारा शरीर बहुत से विटामिन और मिनरल्स द्वारा चलता है लेकिन अगर किसी भी वजह से शरीर में कोई भी विटामिन की कमी शुरू होती है तो बहुत-सी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। आज के ब्लॉग में हम विटामिन K के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि विटामिन K की कमी के लक्षण क्या है, इसकी कमी की रोकथाम और इलाज कैसे किया जा सकता है। साथ ही जानेंगे कि कौन-से ब्लड टेस्ट करके विटामिन K की कमी की पुष्टि हो सकती है।
विटामिन K हमारे शरीर का एक ऐसा विटामिन है, जो हमारे फैट में आसानी से घुल जाता है। विटामिन K हमारे शरीर में दो प्रमुख काम करने के लिए जाना जाता है:-
हमारे शरीर में विटामिन K खून के थक्के जमने के लिए आवश्यक प्रोटीन को पैदा करता है। बिना विटामिन K या फिर विटामिन K की कमी के कारण, अगर एक छोटा-सा भी कट लग जाए तो बहुत सारा खून निकल सकता है।
हमारे शरीर में विटामिन K हड्डियों के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही हड्डियों को कैल्शियम देने वाले प्रोटीन को सक्रिय करते हुए, हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।
जब शरीर में विटामिन K की कमी होने लगती है तब आपको शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विटामिन K की कमी के लक्षण में सबसे पहला संकेत है कि आसानी से चोट लग जाना या फिर चोट लगने पर अधिक खून बह जाना। आइए जानते हैं विटामिन K की कमी के कुछ लक्षणों के बारे में:-
विटामिन K की कमी की वजह से शरीर में कभी भी कट या चोट लग जाने पर खून का थक्का नहीं जम पाता है। यह चोट शरीर के किसी भी हिस्से में लगे, विटामिन K वाले लोगों में रक्त का थक्का बनता ही नहीं है।
विटामिन K की कमी वाले लोगों को जल्दी चोट लग सकती है और इस वजह से खून की अधिक हानि होने का खतरा बना रहता है।
जब शरीर में खून सही से जम नहीं पाता है तो इसका साफ मतलब यही है कि विटामिन K की कमी है। आप इस संकेत को समझे और डॉक्टर से सलाह लें।
जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन K कम होता है, उनको पीरियड्स के समय अत्यधिक खून की हानि होने का अनुभव होता है।
कुछ दुर्लभ मामलों में ही विटामिन K की कमी दिखाई देती है, लेकिन कुछ अहम कारक इसके लिए जिम्मेदार साबित हो सकते हैं:-
अगर आपके शरीर में विटामिन K की कमी है तो इसका मतलब है यह कि आपकी डाइट में हरे पत्तेदार सब्जियां शामिल नहीं है। अगर आप हरे पत्तेदार सब्जियां अपनी डाइट में शामिल कर लें, तो विटामिन K की कमी को दूर कर पाएंगे।
सीलिएक रोग (Celiac disease), क्रोहन रोग (Crohn's disease), या फिर शरीर में फैट जमा करने वाली कोई भी बीमारी का होना, हमारे शरीर में विटामिन K की कमी को दर्शता है।
किसी भी नवजात शिशु में विटामिन K की कमी होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह प्लेसेंटा से आसानी से नहीं गुजर पाता है। नवजात शिशु का अहम आहार माँ का दूध होता है और उसमें विटामिन का स्तर कम होता है, इसलिए विटामिन K की कमी आराम से नज़र आ सकती है।
खून को पतला करने वाली दवाइयाँ और अन्य कोई भी दवाएं जो शरीर में विटामिन K को अवशोषित कर लेती हैं या फिर उसके उत्पादन करने में बाधा डाल सकती है, वह भी विटामिन K की कमी की वजह बन सकती है।
विटामिन K की कमी कोई बड़ी समस्या नहीं जिसक इलाज या उपचार न किया जा सकें। अगर आपको समय से इसका पता चल जाए, तो आप इस स्थिति को बहुत ही आराम से प्रबंधित करते हुए कमी की पूर्ति कर सकते हैं। चलिए विटामिन K की कमी के इलाज के सभी विकल्पों के बारे में समझते हैं:-
विटामिन K की कमी की पूर्ति के लिए सबसे सरल इलाज है सप्लीमेंट का सेवन करना है। सप्लीमेंट के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, साथ ही अपनी डाइट में विटामिन K वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा को बढ़ाएं।
आप अपनी डाइट में विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थों को जोड़े। जिसकी मदद से आप शरीर में हो रही कमी को दूर करने में मदद मिलेगी, साथ ही विटामिन K बढ़ेगा। आप अपनी डाइट में पालक, केल, ब्रोकली के साथ-साथ हरी बीन्स जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को जोड़कर विटामिन K अच्छी मात्रा प्राप्त कर सकते हैं।
खून की हानि की जटिलताओं को रोकने के लिए नवजात शिशुओं को अक्सर जन्म के वक़्त डॉक्टर विटामिन K का इंजेक्शन लगाते हैं।
विटामिन K की जांच के लिए मरीज की पिछली सम्पूर्ण मेडिकल संबंधी जानकारी और शारीरिक परीक्षण किए जाते हैं। विटामिन K की कमी की समस्या को पता लगने एक लिए खून बहने के लक्षण और संकेतों के साथ-साथ ब्लड क्लॉटिंग टेस्ट के समय के आधार पर की जाती है।
यह एक मुख्य लेबोरेटरी टेस्ट है, जिसे खून बहने की स्थिति की जांच के लिए किया जाता है। इस टेस्ट में यह देखा जाता है कि एक बार अगर खून बहना शुरू होता है तो फिर यह खून कितनी देर में रुकता है। अगर यह खून बहना बहुत ज्यादा समय के बाद रुकता है तो इसका साफ अर्थ है कि व्यक्ति में विटामिन K का स्तर बेहद ही कम है।
कभी-कभी विटामिन K की जांच के लिए अन्य कॉग्युलेशन टेस्ट भी करवाए जा सकते हैं। अत्यधिक खून बहने, त्वचा का नीला पड़ना और अन्य ऐसी कोई भी स्थितियों की जांच की जा सके, जैसे: पार्शल थ्रोम्बोप्लास्टीन टाइम (PTT), थ्रोम्बिन टाइम, प्लेटलेट काउंट, प्लेटलेट फंक्शन टेस्ट, कॉग्युलेशन फैक्टर टेस्ट फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen), वॉन विलब्रैंड और फैक्टर डी-डिमर आदि।
शरीर में विटामिन K की अधिक मात्रा होने से कैंसर विकसित होने का खतरा बना रहता है।
विटामिन K का उच्च स्तर हड्डियों के टिशू में हड्डियों से जुड़े खनिज की मौजूदगी को बढ़ाता है। विटामिन K की कमी होने पर ओस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती हैं। यह एक हड्डियों से जुड़ा हुआ विकार है और जिसमें यह हड्डियों को कमजोर बनाता है। इस समस्या के चलते कुछ अन्य गंभीर समस्याएं भी पैदा हो सकती है, जैसे कि हड्डी टूटना या फिर गिरना आदि।
विटामिन K-2 खून की धमनियों को कठोर होने से रोकती हैं, जिसकी वजह से कोरोनरी धमनी रोग और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती है। विटामिन K-2 आपकी धमनियों की परतों पर जमें कैल्शियम की जमावट को भी हटा सकती है।
विटामिन K को क्लोटिंग विटामिन के नाम से भी पुकारा जाता है। विटामिन K, लीवर में खून बहने की मात्रा को कम करने में मददगार है। विटामिन K की कमी के कारण नाक से खून आना, मल या मूत्र में खून आना, काले रंग का मल आना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
विटामिन K का काम शरीर में खून के थक्के बनाने का होता है। अगर किसी भी महिला के शरीर में विटामिन K की कमी होती है, तो उसे मासिक धर्म के समय ज्यादा खून आने की समस्या हो सकती है। इसलिए स्वस्थ आहार को अपनाएं और विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में जोड़े।
शिशुओं में विटामिन K की कमी की वजह से बहने वाले खून को रक्तस्त्राव की स्थिति कहते हैं और इसे हेमोरेजिक (Haemorrhaging) बीमारी भी कहते हैं। जब बच्चें अमूमन विटामिन K की कमी के साथ पैदा होते हैं, तो उनकी आंतों के भीतर जन्म के साथ ही कोई भी बैक्टीरिया नहीं होता और स्तनपान से पर्याप्त विटामिन K नहीं मिल पाता है।
विटामिन K की कमी के कारण नील पड़ जाना या सूजन जैसी समस्याएं दिखाई दे सकती हैं। यह समस्याएं आने वाले समय में लगातार खून बहने जैसी दिक्कतों का रूप ले सकती है। विटामिन K की पूर्ति करके आप त्वचा को नीला पड़ने या सूजन जैसी स्थिति को कम कर सकते हैं।
कॉग्युलेशन मैकेनिज्म (Coagulation Mechanism - जमना या गाढ़ा होने की क्रिया) के लिए विटामिन K एक बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है। विटामिन K संक्रामक रक्तस्त्राव को रोकने में मदद करता है। यह विटामिन खून को पतला करने वाली प्रक्रिया को उल्टा करने में भी मददगार है।
विटामिन K की कमी से आपके गालों पर झुर्रियां भी पड़ना शुरू हो जाती है। अपनी जवानी को बनाएं रखने के लिए विटामिन K का सेवन जरूर करें।
विटामिन K की कमी की वजह से बच्चें को जन्म दोष से जुड़ी कोई भी समस्या हो सकती है। जैसे उंगलियां छोटी रह जाना, नाक का पूरी तरह से विकसित ना होना, कान मुड़ जाना, मुंह या मस्तिष्क से संबंधित विकृतियां होना आदि।
कैल्शियम को ठीक तरीके से काम में लाने के लिए हड्डियों को विटामिन K की जरूरत होती है। यह हड्डियों में अपनी उर्जा और अखंडता को बनाए रखने में मददगार है। विटामिन K का उच्च स्तर बोन डेन्सिटी को काफी बढ़ा सकता है।
विटामिन K की कमी को पूरा करके आप बहुत सी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं साथ ही इसकी कमी को पूरा करना बहुत ही सरल है। अपनी डाइट को थोड़ा बदले या डॉक्टर से सलाह लेकर सप्लीमेंट शुरू करें।
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