त्वचा पर किसी भी प्रकार की असामान्यता दिखाई देने पर यह समझ जाए कि आपको स्किन से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है यह एक तरह से इशारा हो सकता है। त्वचा पर दिखाई देने वाला कोई भी सफेद दाग या धब्बा विटिलिगो कहलाता है जो कि एक त्वचा की स्थिति (skin condition) का संकेत देता है। यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल सकता है। अक्सर इस त्वचा की स्थिति को लोग बीमारी से जोड़ते हैं और इस समस्या के बारे में लोगों को पता ही नहीं चलता कि सफेद दाग क्यों हो रहे हैं।
हम आपको यही सलाह देंगे कि सफेद दाग होने पर खुदको शांत रखें और फिर किसी भी श्रेष्ठ त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। इस स्थिति में किसी भी ऑनलाइन ब्लॉग द्वारा बताए हुए घरेलू नुस्खों से इलाज न करें, बिना देरी करें डॉक्टर से संपर्क करें। आइए हम जानते हैं सफेद दाग से जुड़ी वह सभी सामान्य जानकारी जो एक व्यक्ति पता होना जरूरी है।
शरीर पर नज़र आने वाले सफेद दाग को मेडिकल की भाषा में विटिलिगो कहते हैं। आप ने कभी न कभी अपनी जिंदगी में एक न एक बार किसी विटिलिगो से पीड़ित व्यक्ति को तो जरूर ही देखा होगा। उनके शरीर के लगभग सभी अंगों पर सफेद धब्बे दिखाई देते होंगे या फिर कुछ लोगों में थोड़े ही सफेद दाग होते हैं। यह सफेद दाग ज्यादातर पैरों, चेहरे, और हाथों पर होते हैं। त्वचा से संबंधित बीमारियों में से एक विटिलिगो यानी सफेद दाग की बीमारी है। यह खून से संबंधित एलर्जी, गलत खाना-पीना और स्किन इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है।
शरीर के अलग-अलग अंग पर सफेद रंग के छोटे या बड़े दाग नज़र आने लगते हैं। वैसे तो यह दाग मरीज को किसी भी तरह की कोई भी तकलीफ नहीं देते है। मगर इन दाग के कारण कुछ लोग इनसे दूर भागते हैं, जिस वजह से मरीज तनाव, हीनभावना, सुसाइडल अटेम्प्ट्स जैसी चीजों का शिकार हो जाता है। इसका एक लक्षण त्वचा का रंग फीका पड़ना भी है। इसके सिवा बहुत से ऐसे मामलेंं देखे गए हैं जिसमें मुंह के अंदर के टिशू का रंग बदल जाता है, गर्दन और पीठ पर सफेद दाग होने लगते हैं। आंखों के रेटिना की अंदर की परत का रंग फीका पड़ जाना भी एक लक्षण है।
बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न जरूर उठता होगा कि सफेद दाग क्यों होते हैं? वैसे त्वचा में सफेद दाग होने के पीछे लोगों की न जाने कितनी कहनियाँ है जैसे, नमक के साथ दूध पीना या फिर मछली खाने का बाद दूध पीना आदि। लेकिन असल में डॉक्टरों की माने तो, त्वचा में सफेद दाग बनने के पीछे व्यक्ति के शरीर के रंग उत्पादन करने वाली सेल्स मेलानोसाइट्स (Melanocytes) जब अपना काम करना बंद कर देती है या खत्म होने लगती है, तब यह समस्या पैदा होती है। यह सेल्स हमारे बाल, त्वचा, होंठ आदि के रंग को प्रदान में मदद करती है, जिस वजह से हमारा व्यक्तित्व और भी निखर कर सामने आता है।
विटिलिगो एक ऐसी त्वचा स्थिति है, जिसमें त्वचा का रंग धीरे-धीरे हल्का पड़ने लग जाता है या सफेद होने लग जाता है। वैसे तो अभी भी इन सेल्स की मृत्यु के पीछे की सही वजह का पता नहीं लग पाया है, मगर इसको जानने के लिए शोध जारी है। आइए जानते हैं कुछ विटिलिगो होने के संभावित कारण:-
जब व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है या किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, तो रंग उत्पादन करने वाली सेल्स की मृत्यु हो जाती है। जिस वजह से शरीर में अंगों पर सफेद दाग नज़र आने लग जाते हैं।
थायरॉयड या टाइप 1 डायबिटीज जैसी ऑटो इम्यून डिजीज की वजह से भी त्वचा के रंग में बदलाव दिखाई दे सकता है। विटिलिगो को भी औटी इम्यून डिजीज माना जाता है।
विटिलिगो की समस्या किसी भी व्यक्ति में आनुवंशिक कारण की वजह से भी हो सकती है।
विटिलिगो की समस्या तनाव, त्वचा का अधिक धूप से संपर्क में रहना या औद्योगिक केमिकल्स के संपर्क में आने के कारण भी हो सकती है।
विटिलिगो के प्रकार उसके दाग के रंग और आकार पर तय होते हैं। सफेद दाग को उसके कारकों के आधार पर निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया गया है:-
यूनिवर्सल विटिलिगो में शरीर के किसी भी हिस्से में सफेद दाग हो सकता है। इस प्रकार में सर से लेकर पंजों तक सभी जगह पर कही भी सफेद दाग हो सकता है।
इस प्रकार में, सफेद दाग शरीर के किसी खास हिस्से में होता है। वैसे तो यह 1 से 2 साल तक शरीर में फैलता है फिर उसके बाद इसका फैलाव रुक जाता है।
यह विटिलिगो सबसे आम प्रकार का है। यह शरीर के किसी भी अंग या हिस्से पर हो सकता है और कभी भी बढ़ सकता है और अपने आप रुक भी सकता है।
फोकल विटिलिगो, इस प्रकार में होने वाले सफेद दाग आकार में छोटे होते हैं और केवल शरीर के किसी एक खास हिस्से को ही प्रभावित करते हैं।
एग्रोफेशियल विटिलिगो के नाम से पता चल रहा है कि यह खासतौर से चेहरे पर ही होता है, लेकिन यह कभी-कभी हाथ पैरों पर भी नज़र आ सकता है।
विटिलिगो से ग्रस्त लोग परहेज के तौर पर शराब, कॉफी, मांस, लाल मांस, मछली, अचार, टमाटर से बनी चीज़े, फलों का रस और सिगरेट से दूर ही रहे तो बेहतर है या इन सब चीजों से का सेवन कम से कम ही करने की सलाह दी जाती है। विटिलिगो से ग्रस्त लोग आहार में सेब, केला, अंजीर, खरबूज, खजूर, मूली, गाजर और हरी पत्ती वाली सब्जियों का सेवन कर सकते हैं जिससे सेहत बेहतर बनी रहें।
विटिलिगो का इलाज त्वचा के रंग को वापस लाने यानि त्वचा के रंग की स्थिति को बदलने पर आधारित होता है। वैसे तो यह आमतौर पर स्थायी इलाज नहीं है और साथ ही इसके प्रसार को पूरी तरह नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता है। फिर भी ऐसे में निम्नलिखित तरीकों की मदद से सफेद दाग में परहेज किया जाना संभव है -
विटिलिगो की स्थिति में व्यक्ति को सनबर्न का बड़ा गंभीर जोखिम बना रहता है। ऐसा देखा गया है कि जब आपकी त्वचा सूरज की रोशनी के संपर्क में आती है, तब हमारे शरीर में मेलेनिन नाम के वर्णक जो पिगमेंट का उत्पादन करती है, वह पराबैंगनी यूवी किरणों से बचाने में मदद करती है। अगर ऐसे में किसी व्यक्ति को विटिलिगो की समस्या है, तो इसका साफ अर्थ यह है कि उस व्यक्ति की त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मेलेनिन मौजूद नहीं है। आप अपनी त्वचा को सनबर्न से बचाने के लिए कम से कम भी 30 या फिर उससे ज्यादा की सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
अगर आपकी त्वचा धूप के संपर्क में नहीं आती है, तो ऐसे में आपको विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ सकता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों और हमारे दांतों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है और सूरज का प्रकाश बोले या सूरज की रोशनी, विटामिन डी का एक मुख्य और प्रभावी स्रोत है। विटामिन डी की पूर्ति के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं जैसे कि दूध या दूध से बनी हुई चीज़े। लेकिन कई बार सिर्फ भोजन और सूरज की रोशनी से शरीर के लिए पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त कर पाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए आप विटामिन डी के 10 माइक्रोग्राम युक्त दैनिक सप्लीमेंट भी डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं।
बहुत से लोगों को लगता है कि सफेद दाग पर टैटू बनवाकर उसे छुपाया जा सकता है। आपको इस बात को खासतौर से समझने की जरूरत है कि टैटू बनाना विटिलिगो का कोई इलाज नहीं है। लेकिन यह जरूर समझे कि टैटू से त्वचा को नुकसान हो सकता है। टैटू बनाते समय त्वचा टूटती है तो 2 हफ्ते के भीतर सफेद दाग भी बनने लग सकते हैं।
आप विटिलिगो की समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं, जिसमें शामिल है:-
विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त लोग तांबे से बने हुए बर्तन में पानी और भोजन का सेवन करें।
विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त लोग अपने आहार में अंजीर को जोड़े।
विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त लोग अदरक के रस का सेवन करें।
विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त लोग अनार के पत्तों को सुखाएं और फिर पाउडर बनाएं। फिर रोज सुबह उस 8 ग्राम पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन करें।
विटिलिगो की समस्या में नियमित रूप से छाछ का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
यह घरेलू उपचार कई मामलों में तो कारगर साबित हुए हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति पर असर करें या लाभ पहुंचाएं। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज के विकल्पों के बारे में जाने और समझे।
सफेद दाग का इलाज कई तरीकों से किया जाता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर मेडिकल, सर्जिकल और अन्य कई विकल्पों की मदद से इलाज करते हैं। सभी विकल्पों का लक्ष्य सिर्फ त्वचा के रंग को प्राकृतिक रूप से फिर से लाने का होता है। निम्नलिखित विकल्पों की मदद से डॉक्टर विटिलिगो का इलाज करते हैं:-
शरीर पर कपड़े पहने के बाद भी दिखाई दे रहे दाग पर लगाने के लिए क्रीम
बढ़ने से रोकने और रंग को वापस लाने के लिए खाने की दवाईयां
कुछ मामलों में अल्ट्रावायलेट लाइट का इस्तेमाल भी किया जाता है।
इसके सिवा, कुछ सर्जिकल विकल्पों का भी डॉक्टर सुझाव दे सकते हैं। जिसमें प्रभावित त्वचा पर शरीर के दूसरे भाग से त्वचा को निकाल कर, प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है। इस तरह के सर्जिकल प्रक्रिया को विटिलिगो के छोटे दागों के इलाज के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। विटिलिगो से ग्रस्त व्यक्ति कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें:-
इलाज के दौरान डॉक्टर से निरंतर परामर्श लेते रहें।
रोज़ाना सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
खुदको यूवी रेज से बचाएं।
यह कोई छुआ-छूत की बीमारी नहीं है। यह त्वचा स्थिति है इसलिए विटिलिगो से ग्रस्त लोगों को एक आम इंसान की तरह ही ट्रीट करें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने-समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।