17-OH प्रोजेस्टेरोन एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है जो कि खून में 17-OH प्रोजेस्टेरोन की मात्रा का पता लगाने के लिए जाता है। यह अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) और यौन ग्रंथियों द्वारा बनता है जो कि एक हार्मोन है। यह टेस्ट जन्मजात अधिवृक्क हाइपरप्लासिया नाम का एक दुर्लभ जन्मजात विकार की पहचान करने में भी सहायता करता है। यह बीमारी तब होती है जब आनुवंशिक उत्परिवर्तन (genetic mutation) के कारण अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal glands) पर्याप्त मात्रा में कोर्टिसोल (Cortisol) का उत्पादन नहीं कर पाती। शरीर के लिए पर्याप्त कोर्टिसोल बनाने की कड़ी मेहनत में, एड्रेनल ग्रंथि कुछ अन्य पुरुष यौन हार्मोनों के साथ-साथ 17 हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन का अतिरिक्त उत्पादन करती है। सीएएच मानव जननांगों और यौन विशेषताओं में असामान्य विकास का कारण बन सकता है।
इस टेस्ट की मदद से किडनी के ऊपर स्थित अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा उत्पादित 17- हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन हार्मोन का आकलन किया जाता है। यह कोर्टिसोल हार्मोन के संश्लेषण (Synthesis) के लिए एक सब्सट्रेट (Substrate) के रूप में काम करता है, जो चयापचय (Metabolism), ब्लड शुगर लेवल, सूजन और स्मृति निर्माण (Memory formation) को नियंत्रित करता है। आवश्यक एंजाइमों की कमी के कारण से खून में 17- हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन का निर्माण हो सकता है, जिससे शरीर में कोर्टिसोल की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है।
जन्मजात एड्रिनल हाइपरप्लासिया 17-हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन (CAH) के हाई लेवल से संकेतित होता है। ऐसी स्थितियाँ तब पैदा होती हैं जब 17-हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन का असामान्य रूप से हाई लेवल एड्रिनल ट्यूमर (Adrenal Tumors) का संकेत भी हो सकता है।
इस टेस्ट के लिए खून के नमूने की ज़रूरत होती है। ज़्यादातर, खून कोहनी के अंदर या हाथ के पीछे स्थित नस से में लिया जाता है। शिशुओं या फिर बच्चों की स्किन में छेद करने के लिए लैंसेट नाम का एक तेज औजार का इस्तेमाल करते हैं ।
खून को एक छोटी कांच की नली जिसे पिपेट कहा जाता है या स्लाइड या फिर टेस्ट स्ट्रिप पर एकत्र कर लिया जाता है।
किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने के लिए, उस स्थान पर पट्टी बैंड-ऐड लगा दी जाती है।
कई दवाइयां ब्लड टेस्ट के परिणामों में हस्तक्षेप यानी प्रभावित कर सकती हैं।
इस टेस्ट से पहले किसी किसी भी प्रकार की दवाई अक सेवन लेना बंद करना है या नहीं इसके बारे में आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता ही बताएगा।
अपने डॉक्टर से बात करने के बाद ही अपनी दवाइयों को बंद या बदलने का निर्णय लें।
टेस्ट के समय सुई डालते वक़्त आपको हल्का दर्द या चुभन जैसा महसूस हो सकता है और खून निकालने के बाद आपको उस जगह पर हल्की सूजन दिकाही दे सकती है।लेकिन कुछ ही समय में वह अपने आप ठीक हो जाती है।
17-OH प्रोजेस्टेरोन टेस्ट का मुख्य उद्देश्य शिशुओं में एक वंशानुगत विकार (Hereditary Disorders) की जाँच करना है जो कि अधिवृक्क ग्रंथि को प्रभावित करता है, जिसको जन्मजात अधिवृक्क हाइपरप्लासिया (CAH) कहते हैं। यह टेस्ट उन शिशुओं पर किया जाता है जिनके बाहरी जननांग सही और स्पष्ट रूप से नहीं दिकाही देते हैं यानी जिससे यह नहिंप्ता लग पता है कि वह लड़का है या लड़की।
इस टेस्ट का इस्तेमाल उन लोगों की पहचान करने के लिए भी होता है जिनमें जीवन में बाद में सी। ए। एच। के लक्षण विकसित होने लगते हैं। एक स्थिति जिसे नॉनक्लासिकल एड्रेनल हाइपरप्लेसिया (Nonclassical Adrenal Hyperplasia) कहते हैं।
यह टेस्ट के लिए उन महिलाओं या लड़कियों के लिए हैं जिनमें डॉक्टर को पुरुषों के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे:
चेहरे और उन जगहों पर अत्यधिक बाल उगना जहाँ पुरुषों के बाल आते हैं।
गहरी आवाज
मांसपेशियों में वृद्धि
मासिक धर्म में अनियमितता
बांझपन की समस्या
कम वज़न के साथ पैदा हुए शिशुओं के लिए सामान्य और असामान्य वैल्यू अलग-अलग होती हैं। वैसे, सामान्य तौर पर आम या सामान्य परिणाम कुछ इस प्रकार से होते हैं:-
24 घंटे से अधिक उम्र के शिशु में 400 से 600 नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर या 12.12 से 18.18 नैनोमोल प्रति लीटर से कम होना।
यौवन से पहले के बच्चों में करीब 100 एनजी/डीएल या 3.03 एनएमओएल/एल होना।
वयस्क में 200 एनजी/डीएल या 6.06 एनएमओएल/एल से कम होना।
अलग-लग लैब में सामान्य वैल्यू सीमाएँ थोड़ी भिन्न हो सकती हैं। अपने विशिष्ट टेस्ट रिजल्ट के अर्थ के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
ऊपर दिए गए उदाहरण इन टेस्ट के रिजल्ट के लिए सामान्य मापों को दर्शाते हैं। कुछ लैब में अलग-अलग मापों का उपयोग किया जाता हैं या अलग-अलग नमूनों की जाँच की जा सकती हैं।
17-OH प्रोजेस्टेरोन के हाई लेवल के लिए कुछ कारणों मौजूद हो सकता है:-
अधिवृक्क ग्रंथि के ट्यूमर (Adrenal gland tumors)
जन्मजात अधिवृक्क हाइपरप्लासिया कि समस्या (CAH)
सीएएच से जूझ रहे शिशुओं में, 17-ओएचपी लेवल 2,000 से 40,000 एनजी/डीएल या फिर उनमें 60.6 से 12.12 एनएमओएल/एल तक होता है। वही वयस्कों में, 200 एनजी/डीएल या 6.06 एनएमओएल/एल से ज्यादा लेवल नॉनक्लासिकल एड्रेनल हाइपरप्लासिया की वजह बन सकती है।
अगर 17-OH प्रोजेस्टेरोन का लेवल 200 से 800 एनजी/डीएल या फिर 6.06 से 24.24 एनएमओएल/एल के बीच होता है, तो आपका प्रदाता एसीटीएच (ACTH) टेस्ट का सुझाव दे सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह से किसी भी तरह का टेस्ट न करवाएं साथ ध्यान रखें कि टेस्ट से पहले और बाद के लिए बताई हुई बात का पालन करें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।