Tuesday, June 03 ,2025

Full Body Checkup In Hindi: जानिए इसके फायदे और महत्व


Full Body Test In Hindi

आजकल का समय ऐसा है कि हर व्यक्ति को अपनी सेहत को लेकर थोड़ा-सा फिक्र करने की जरूरत है ऐसा इसलिए है क्योंकि बदलते समय और लाइफस्टाइल के कारण कब कौन कौनसी बीमारी का शिकार हो जाए कहना मुश्किल है। आज के समय में ऐसे बहुत से केस देखने को मिल रहे है जिनको कम उम्र में ही दिल से जुड़ी समस्या है या कोई शुगर-बीपी से ग्रस्त है। इन समस्या देर से पता लगने के कारण इतनी देर हो चुकी होती है कि यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है। इसलिए अब हर 6 महीने में पूरे बॉडी की जांच करवानी चाहिए जिससे अगर कोई समस्या से शरीर में उत्पन्न होती है तो उसकी शुरुआती चरण में ही इलाज करके उससे बढ़ने से रोक जा सकता है। 

फुल बॉडी चेकअप के फायदे (Benefits of full body checkup in hindi)

 

  1. नियमित फुल बॉडी टेस्ट करवाने से आपका शरीर कितना स्वस्थ है यह पता चलता है। 

  2. अगर कोई बीमारी शरीर में हो गई है तो उस बीमारी का चरण पता लगाया जा सकता है।

  3. समय से बीमारी का पता लगने से इलाज समय पर शुरू किया जा सकता है जिससे बीमारी से जुड़े जोखिम काम हो जाएंगे,

  4. कैंसर जैसी बड़ी बीमारी को शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है और समय से इलाज करके, व्यक्ति की जान जाने वाले का जोखिम कम किया जा सकता है। 

  5. अपनी सेहत पर निगरानी रखकर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। 

फुल बॉडी जांच में क्या-क्या शामिल होता है? (What happens in a full body checkup in hindi?)

जब आपके पूरे शरीर की जांच होती है तब सबसे पहले वजन और हाइट नापा जाता है। फिर ब्लड प्रेशर और ऑक्सगय जीन लेवल की जांच होती है। जिससे आपका हार्ट रेट का भी पता लग जाता है। अब इसके बात करते हैं विस्तार से कौन-से टेस्ट शामिल होते हैं। 

पूर्ण रक्त गणना (CBC)- इसमें टेस्ट में आपके हीमोग्लोबिन, सफेद रक्त कोशिका और प्लेटलेट की संख्या के बारे में पता चलता है। 

लिपिड प्रोफ़ाइल- इस टेस्ट जरिए व्यक्ति के कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (Cholesterol and Triglyceride) के स्तर को मापा जाता है। 

लिवर फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट को एलएफटी (LFT) भी कहते हैं। अपने लिवर के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करता है और हेपेटाइटिस जैसी स्थितियों का पता लगाने में मदद करता है।

किडनी फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट को केएफटी (KFT) भी कहते हैं। किडनी से जुड़ी की बीमारियों का पता लगाने में मदद करता है जैसे नेफ्रोपैथी। 

थायरॉइड फ़ंक्शन टेस्ट- शरीर में थायराइड लेवल की जांच करने में मददगार होता है। यह थायराइड उत्तेजक हार्मोन जैसे टीएसएच (TSH),टी 3 (T3) और टी4 (T4) शामिल है जिनके स्तरों को यह जाँचता है। 

रक्त शर्करा टेस्ट- इस टेस्ट को ब्लड शुगर टेस्ट कहा जाता है इसमें प्रीडायबिटीज़ और मधुमेह का पता लगाता है। 

विटामिन डी, बी12, आयरन टेस्ट- इस टेस्ट की मॅड से व्यक्ति के शरीर में हो रही इन सभी कमियों की पहचान की जाती है। 

PAP स्मीयर/ पेल्विक अल्ट्रासाउंड- इस टेस्ट के माध्यम से महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा/डिम्बग्रंथि के कैंसर (Cervical/Ovarian Cancer) की जाँच की जाती है।

PSA टेस्ट /DRE- इस टेस्ट की मदद से पुरुषों में प्रोस्टेट स्वास्थ्य की जाँच होती है। 

EKG और ट्रेडमिल टेस्ट- इस टेस्ट की मदद से दिल की स्थितियों की जाँच होती है। इससे पता चलता है कि आपका दिल किटन स्वस्थ है। 

अन्य टेस्ट (Other टेस्ट)

फुल बॉडी चेकअप में लोग सभी टेस्ट करवाते तो है लेकिन एक सबसे ज़रूरी चीज़ भूल जाते हैं है वो है न्‍यूरो से जुड़े टेस्‍ट। हम लोगों की जिनदगी अब पहले के मुताबिक काफी बदल गई है और अब लोगों को स्‍ट्रेस और ड‍िप्रेशन जैसी समस्या भी आम होती जा रही है। अगर आप को लगता है की आप परेशान है या कोई चीज़ अपको बहुत ही ज्यादा तंग कर रही है या द‍िमाग से जुड़ी समस्‍या के लक्षण दिखने लगे हैं तो साइकोलॉज‍िस्‍ट से संपर्क करें। अगर किसी भी महिला की उम्र तीस से ऊपर हो चुकी है तो उनको रूटीन चेकअप करवाते रहना चाह‍िए। 


आपको रेगुलर फुल-बॉडी टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When should you get a regular full-body test in hindi?)

आज के समय में पूरे शरीर की जांच करवानी चाहिए क्योंकि लाइफस्टाइल के बदलाव से शरीर में कई तरह की नई प्रक्रिया होना शुरू हो जाती है। कई बार यह गंभीर भी हो सकती है। वैसे तो कोई फुल बॉडी चेकअप करवाने की कोई सही उम्र नहीं होती है। 18 से 99 वर्ष की वर्ष का कोई भी व्यक्ति कभी अपना फुल बॉडी टेस्ट करवा सकता है। आप उम्र के साथ आने वाले बदलाव या लक्षणों को देखते हुए भी आप फुल बॉडी टेस्ट करवा सकते हैं। जैसे कि 

  1. अगर आप रोज़ाना  ही बहुत ही ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहें है। 

  2. अपको पेट से जुड़ी समस्या बार बार हो रही है। 

  3. अपने सीने या पेट में बिना वजह बार-बार दर्द को महसूस कर रहें हैं। 

  4. आप बार बार किसी न किसी संक्रमण से ग्रस्त हो रहे हैं और उसे ठीक होने में भी काफी लंबा समय लग रहा है। 

  5. आपको अचानक से चक्कर आने लग रहे हैं या आप अचानक से  बेहोश हो रहे हैं। 

इनमें से किसी भी लक्षण के महसूस होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें और फुल बॉडी चेकअप करवाएं। आप फुल बॉडी टेस्ट के लिए mediyaar से आज टेस्ट बुक कर सकते हैं। 

 

महिलाओं को फुल बॉडी टेस्ट करवाने के महत्व (Importance of full body examination for women in hindi)


महिलाओं के शरीर में बदलाव हर एक उम्र पर होते नज़र आते हैं इसलिए उनके लिए तो फुल बॉडी चेकअप करवाना ज़रूरी हो जाता है। जिससे समय रहते ही उनकी समस्या का इलाज शुरू किया जा सकें। कई बार असंतुलित हार्मोन कि समस्या होने से शरीर में कई तरह के रोग अपना घर बनाना शुरू कर देते हैं जो आने वाले समय में किसी भी महिला के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। कोई भी महिला अगर फुल बॉडी टेस्ट करवाना चाहिए तो उस टेस्ट की सूची कुछ इस प्रकार है: 

ब्लड टेस्ट- इस टेस्ट की खून में भिन्न पदार्थों की मात्रा, हीमोग्लोबिन, सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट की संख्या के बारे में पता चलता है। 

यूरिन टेस्ट- इस टेस्ट की मदद से यूरिन में मौजूद भिन्न पदार्थों की मात्रा जैसे खून, प्रोटीन, ग्लूकोज आदि के बारे में पता लगाया जाता हैं।   

लिवर फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट से यह पता लगता है कि आपका लिवर सही से काम कर रहा है या नहीं साथ ही यह हेपेटाइटिस जैसी स्थितियों का पता लगाने में मदद करता है।

किडनी फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट से यह पता लगता है कि आपकी किडनी सही से काम कर रही है या नहीं। किडनी से जुड़ी की बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है। 

थायरॉइड फ़ंक्शन टेस्ट- महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण बहुत सी बीमारियाँ हो सकती है। यह टेस्ट थायराइड लेवल की जांच करने में मददगार होता है। यह थायराइड उत्तेजक हार्मोन जैसे टीएसएच (TS),टी 3 (T3) और टी4 (T4) शामिल है जिनके स्तरों को यह जाँचता है। 

कैंसर स्क्रीनिंग- महिलाओं में अलग-अलग प्रकार के कैंसर होने की शंका बनी रहती है इसलिए कैंसर स्क्रीनिंग करवाना ज़रूरी है। इस कैंसर स्क्रीनिंग में शामिल हैसर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसरऔर कोलन कैंसर। 

विटामिन और पोषक तत्वों के लिए टेस्ट: शरीर में किसी भी तरह के विटामिन या ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी को जाँचने के लिए भी टेस्ट किया जाता है। 

यह कुछ ज़रूरी टेस्ट की सूची थी जो महिलाओं को करवाने की जरूरत है। बाकि आप अपनी किसी समस्या या लक्षणों के आधार पर डॉक्टर के परामर्श से अन्य टेस्ट भी करवा सकती है जिससे आपकी समस्या का समाधान निकल सकें।

अगर आप महिलाओं के लिए फुल बॉडी चेकअप ढूंढ रहे है तो आप मेडियार से फुल बॉडी टेस्ट बुक करवा सकते हैं। 

परूषों को क्यों करवाना चाहिए फुल बॉडी टेस्ट?  (Why men should get a full body test done in hindi?)

परूषों में समय के साथ बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण तनाव में रहने लगते हैं इसलिए कुछ सिगरेट, शराब आदि का सेवन शुरू कर देते हैं। इस सब बुरी आदतों के कारण उनको कई समस्या अपना शिकार बना सकती है। इसलिए समय-समय पट उनको फुल बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। उनको फुल बॉडी चेकअप में शामिल है:  

ब्लड टेस्ट: इस टेस्ट की खून में भिन्न पदार्थों की मात्रा कंप्लीट ब्लड काउंट, किडनी फंक्शन टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, लिवर फंक्शन टेस्ट, थायराइड फंक्शन टेस्ट मौजूद होते हैं। 

यूरिन टेस्ट: इस टेस्ट की मदद से यूरिन में मौजूद भिन्न पदार्थों की मात्रा जैसे खून, प्रोटीन, ग्लूकोज आदि अन्य असामान्यताओं का पता लगाया जाता है। 

कैंसर टेस्ट: कैंसर आजकल के समय आसानी से लोगों को अपना शिकार बना राह है। इसलिए हर 6 महीने में जब भी फुल बॉडी टेस्ट करवाए तो कैंसर के साथ को भी जरूर शामिल करें। कैंसर के लिए PSA टेस्ट, प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग, या अन्य विशिष्ट कैंसर के लिए स्क्रीनिंग. 

अन्य टेस्ट: डॉक्टर द्वारा आवश्यकतानुसार अन्य टेस्ट जैसे पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य की जांच, दिल की जांच (ECG, ECHO), फेफड़ों की जांच (एक्स-रे) भी समय समय पर करवा सकते हैं। 

अगर आप पुरुषों के लिए फुल बॉडी चेकअप करवाना चाहते हैं तो आज ही mediyaar से फुल बॉडी टेस्ट बुक करें। 

 

क्यों बुजुर्गों को करवाना चाहिए फुल बॉडी टेस्ट? (Why should elderly people get a full body test done in hindi?)

 

बुढ़ापे में जटिलताओं से बचने के लिए या किसी भी गंभीर बीमारी का जोखिम दूर रखने एक लिए वरिष्ठ नागरिकों को हर 3 से 6 महीने में फुल बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। इनके टेस्ट की सूची में शामिल है : 

CBC टेस्ट- इस टेस्ट में रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेलऔर प्लेटलेट्स की संख्या, संक्रमण और अन्य बीमारियों की पहचान करने में सहायता मिलती है। 

ब्लड शुगर टेस्ट- अक्सर बुजुर्गों में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है जिससे मधुमेह हो सकता है इसलैये समय समय पर इसकी जांच होना ज़रूरी है। 

यूरिन टेस्ट- इस टेस्ट की मदद से यूरिन में मौजूद भिन्न पदार्थों की मात्रा जैसे खून, प्रोटीन, ग्लूकोज आदि के बारे में पता लगाया जाता हैं।   

लिवर फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट से यह पता लगता है कि आपका लिवर सही से काम कर रहा है या नहीं साथ ही यह हेपेटाइटिस जैसी स्थितियों का पता लगाने में मदद करता है।

किडनी फ़ंक्शन टेस्ट- इस टेस्ट से यह पता लगता है कि आपकी किडनी सही से काम कर रही है या नहीं। किडनी से जुड़ी की बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है। 

अन्य टेस्ट: डॉक्टर द्वारा आवश्यकतानुसार अन्य टेस्ट दिल की जांच (ECG, ECHO), फेफड़ों की जांच (एक्स-रे) भी समय समय पर करवा सकते हैं। 

विटामिन और पोषक तत्वों के लिए टेस्ट: शरीर में किसी भी तरह के विटामिन या ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी को जाँचने के लिए भी टेस्ट किया जाता है। 

अगर आप अपने किसी प्रियजन के लिए फुल बॉडी चेकअप बुक करवाना चाहते हैं तो आज ही mediyaar से सीनियर फुल बॉडी टेस्ट बुक करें। 

 

टेस्ट करवाने से पहले की सावधानियाँ (Precautions before getting the test done in hindi)

  1. अगर आप फुल बॉडी चेकअप के लिए जा रहे हैं उससे पहले डॉक्‍टर को अपनी सभी एलर्जी और रोज़ाना खाई जा रहीं दवाइयों के बारे में ज़रूर बताएं। 

  2. हाल ही में शरीर में कोई बदलाव या कोई कोई नए लक्षण दिखाई दें रहे हैं तो उसकी जानकारी को भी  डॉक्टर से जरूर साझा करें।

  3. अगर आपको पहले किसी भी तरह की बीमारी के कारण कोई इलाज चला हो तो उसके बारे में भी डॉक्टर को जरूर बताएं। 

  4. टेस्ट से पहले डॉक्टर को अपनी क‍िसी फैम‍िली ह‍िस्‍ट्री में कोई बीमारी या खुद से जुड़ी कोई बीमारी का भ्रम है तो उसकी जानकारी भी डॉक्टर से साझा करें।

  5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए फुल बॉडी टेस्ट की सूचीअलग-अलग हो सकती है और यह आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति पर भी निर्भर करता है। 

नोट:

ज़िंदगी बहुत खूबसूरत होती है और इसे खूबसूरत बनाए रखने के लिए आप दिल से खुश और सेहत से बेहतर होना जरूरी है। समय-समय पर जैसे आप ट्रिप पर जाते हैं जिससे आपका मन शांत और सुकून महसूस कलर सकें, वैसे वैसे ही आपको अपने शरीर को स्वस्थता को जानेने के लिए हर 6 महीने में पूरे शरीर की जांच करवानी चाहिए।