Quantiferon TB Gold Test in Hindi - क्वांटिफेरॉन-टीबी गोल्ड प्लस टेस्ट एक तरह की खून की जाँच है। इस टेस्ट की मदद से टीबी के संक्रमण के बारे में पता लगाया जाता है। इस टीबी टेस्ट को गामा इंटर्फेरॉन भी कहते हैं, यह ऐसी चिकित्सा जांच है जो गुप्त टीबी इन्फेक्शन (एलटीबीआई) के लिए विशेष रूप से की जाती है। टीबी की जांच करने के लिए यह एक विश्वसनीय तरीका माना जाता है। इस टेस्ट की मदद से मरीज की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति का पता चलता है जिससे इलाज का चयन करने में आसानी होती है। वैसे तो, इस टेस्ट के बारे में समझना ज़रूरी है कि यह टेस्ट सक्रिय टीबी की बीमारी का निदान नहीं करता है बल्कि उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद करता है जो इस समस्या से ग्रस्त है।
टीबी एक गंभीर बीमारी मानी जाती है जो खासतौर से फेफड़ों को डैमेज करती है, लेकिन बाकी शरीर के अंगों तक भी फैल सकती है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस बैक्टीरिया (mycobacterium tuberculosis bacteria) द्वारा फेफड़ों को नुकसान पहुंचती है और व्यक्ति से व्यक्ति तक हवा के कणों के ज़रिए फैलती है।
क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट का अहम और मुख्य उद्देश्य टीबी इन्फेक्शन की पहचान करना ही होता है। यह इलसिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि शीघ्र डियग्नोसिस करके, प्रभावी इलाज का चयन करते हुए जल्दी ही बीमारी का को ठीक किया जा सकता है। जिससे टीबी की समस्या को गंभीर रूप लेने के साथ-साथ फैलने से रोका जा सकता है। यह सटीक लैब टेस्ट पारंपरिक टेस्ट से अलग होता है क्योंकि इसमें केवल एक बार पेशेंट का दौरा की आवश्यकता होती है जिससे अधिक सटीक परिणाम प्राप्त हो सकें। क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट रिजल्ट के लिए सामान्य सीमा कई कारकों द्वारा तय की जाती है या कहे कि निर्भर करती है। डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य इतिहास और लक्षणों को देखते हुए परिणामों को देखते हैं। इस तरह के टेस्ट को समझने से मरीज अपने स्वास्थ्य के बारे में एक सूचित निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है। अपने स्वास्थ्य के प्रति हर किसी को सतर्क रहना चाहिए साथ समय समय पर अपने परिवार का नियमति रूप से जाँच करवानी चाहिए।
टीबी जैसी संक्रामक बीमारियों को समझने के लिए Tuberculosis Causes, Symptoms & Prevention में विस्तार से जानकारी दी गई है।
एक मेडिकल जांच का उद्देश्य समझना मानसिक शांति प्रदान करने में मदद कर सकता है। यह मरीज अपने डॉक्टर के साथ बेहतर तरीके से बातचीत की मदद से कर सकता है और स्वास्थ्य के बारे में एक सूचित निर्णय लेने में खुद को सक्षम बना सकता है। आइए समझते हैं कि क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्टका उद्देश्य क्या है:-
क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट गुप्त टीबी इन्फेक्शन का पता लगाने में सक्षम है। इस टेस्ट की मदद से पता चलता है कि व्यक्ति के शरीर में जीवाणु मौजूद हैं, लेकिन अभी तक कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं। इस स्टेज में बीमारी को पकड़ना इसकी प्रक्रिया और अन्यों को संचारित करने से रोकने में मदद कर सकता है।
भारत में, जब हम शिशु होते हैं तब एक बीसीजी टीका लगाया जाता है जो हमें टीबी के गंभीर रूप से बचाने में मदद करता है, जो कि अधिकतर बच्चों में देखा गया है। इस टीकाकरण के कारण पारंपरिक पैच परीक्षण गलत सकारात्मक परिणाम दिखा सकते हैं। क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट मदद प्रदान करता है जिससे असली संक्रमण और टीका से प्राप्त प्राकृतिक इम्यूनिटी के बीच की तुलना की जा सकें।
क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट दवाई के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे मरीज के शरीर की दवाई के प्रति कितना अच्छे से प्रतिक्रिया दे रहा है, इसक मूल्यांकन किया जा सकें।
टेस्ट के समय में त्वचा के भीतर सूई नहीं डाली जाती है जैसे कि पारंपरिक टेस्ट में किया जाता है।इससे यह कम आक्रामक और अधिक सुविधाजनक हो जाता है।।
कई देशों में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से आने वाले प्रवासियों के लिए टीबी परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट का प्रमाण आवश्यक होता है।
यदि आपको लंबे समय तक बुखार रहता है, तो यह 12 Common Fevers in India से संबंधित हो सकता है अधिक जानकारी के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें।
क्वांटिफेरॉन क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट काफी सरल और सीधा है। यह निम्नलिखित चरणों में किया जाता है। आइए जानते हैं वह कौनसे चरण है:-
कुछ मेडिकल जांच में उपवास करवाया जाता है लेकिन क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट से पहले उपवास करने या अपने गतिविधियों को सीमित करने की कोई ज़रुरत नहीं होती है। मरीज आम तौर पर भोजन खा सकता है।
मरीज को डॉक्टर को यह जानकारी देना बहुत ही ज़रूरी है कि वह कौन-सी दवाइयों का सेवन करता है या अन्य कोई स्वास्थ्य स्थिति जिसमें शामिल है एचआईवी, एड्स, कैंसर, या ऑटोइम्यून बीमारी। क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्ट लेने से पहले, क्योंकि इससे मूल्यांकन परिणामों की व्याख्या प्रभावित हो सकती है।
एक स्वास्थ्य पेशेवर मरीज की बांह से सुई का इस्तेमाल करते हुए थोडा सा खून लेगा। यह आमतौर पर एक कम समय लगाने वाली प्रक्रिया है और इससे दर्द भी बहुत कम होता है।
खून लेने के बाद, उस जगह पर ब्लीडिंग को रोकने के लिए दबाव डाला जाता है या बैंड-ऐड लगा दी जाती है। टेस्ट के बाद मरीज आमतौर पर सामान्य गतिविधियों को तुरंत ही करना शुरू कर सकता है।
मरीज का ब्लड सैम्पल जल्दी ही लैब में भेजा दिया जाता है, जहां पर टीबी के लिए जांचा जाता है।
तकनीशियन टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के प्रति मरीज के शरीर की प्रतिक्रिया को मापेंगे।
नहीं,क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्टसे पहले उपवास की आवश्यकता नहीं होती है। इस टेस्ट के लिए लैब जाने से पहले मरीज नियमित आहार और दिनचर्या जारी रख सकता हैं।
क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्टके लिए कोई विशेष समय की ज़रुरत नहीं होती है। यह आपकी सुविधानुसार और लैब के संचालन समय के अनुसार किया जा सकता है। क्वांटिफेरॉन क्वांटिफेरॉन टीबी गोल्ड टेस्टकी ऑनलाइन बुकिंग और जाँच करवा सकते हैं।
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क्वांटिफेरॉन - टीबी गोल्ड टेस्ट की मदद से समस्या को बिना लक्षण के भी पकड़ा जा सकता है जिससे इलाज में बिना देरी करें, इलाज शुरू किया जा सकता है। जिससे समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है। अगर आप टीबी से जुड़ी सामान्य जानकारी, लक्षण और बचाव के उपाय जानना चाहते हैं, तो जानिए टीबी के लक्षण, कारण, टेस्ट और बचाव के बारे में।
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