जब शरीर में किसी बीमारी का आम तरीके से पता नहीं चल पता है, तब डॉक्टर बीमारी के बारे में जानने के लिए कई तरह के टेस्ट करवाने की राय देते हैं। इन्हीं टेस्ट में एमाइलेज टेस्ट का भी आता है। एमाइलेज टेस्ट से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी के बारे में आज के ब्लॉग में बात करेंगे।
एमाइलेज एक तरह का एंजाइम होता है, जो शरीर में एक तरह का प्रोटीन है. यह आपके शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मददगार है। व्यक्ति के मुंह में लार ग्रंथियां और पैंक्रियाज़ एमाइलेज को बनाती हैं। व्यक्ति के ब्लड और यूरिन में थोड़ी मात्रा में एमाइलेज मौजूद होता है। लेकिन एमाइलेज लेवल के बढ़ या कम होने पर पैंक्रियाज़ या लार ग्रंथि से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
एमाइलेज़ टेस्ट की मदद से शरीर में मौजद एमाइलेज़ नाम के एक एंजाइम के लेवल का पता लगाया जाता है। यह एंजाइम पैंक्रिएटिक ड्राइव जो कि पेट का ग्लैंड है, उसके द्वारा उत्पन्न होता है और खाने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मदद करता है। एमाइलेज़ टेस्ट का इस्तेमाल खासतौर पर पेट से जुड़ी समस्याओं की जाँच के होता है, जिसमें शामिल है पैंक्रिएटाइटिस जिसमें पैंक्रिएटिक सूजन होती है, पेट में दर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग, या फिर अन्य पाचन संबंधी समस्याएं। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर को यह पता चलता है कि पेट में समस्या उत्पन्न हो रही है क्या? या फिर क्या इसमें पैंक्रिएटिक अंग की कोई समस्या पैदा हो रही है? एमाइलेज का ब्लड में नार्मल लेवल 30 से 110 यूनिट प्रति लीटर होता है। यदि आपकी जांच में एमाइलेज स्तर असामान्य पाया गया है, तो जानिए सीईए टेस्ट के बारे में विस्तार से ! क्योंकि यह कुछ विशेष प्रकार के कैंसर की पहचान में मदद करता है।
एमाइलेज़ टेस्ट की मदद से कई प्रकार की समस्याओं की जाँच के लिए इस्तेमाल किया जाता है:-
जब व्यक्ति के पैंक्रिएटिक में सूजन होने पर एमाइलेज़ लेवल बढ़ जाता है, तब एमाइलेज़ टेस्ट की मदद से पैंक्रिएटाइटिस की जाँच की जाती है।
यदि आपको लिवर या अग्न्याशय (pancreas) की समस्याओं का संदेह हो, तो Ferritin test in Hindi भी कराना ज़रूरी हो सकता है इस ब्लॉग में इसकी जानकारी पाएं।
पेट से संबंधी समस्याओं जैसे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग या फिर पेट में दर्द की दिक्कत होने पर भी एमाइलेज़ टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है। अमाइलेज टेस्ट के साथ यदि पेट में सूजन या बुखार जैसे लक्षण मौजूद हों, तो CRP Test In Hindi लेख आपकी जांच प्रक्रिया को बेहतर समझने में मदद करेगा।
पाचन संबंधी समस्याएं होने पर भी डॉक्टर मरीज को एमाइलेज़ टेस्ट करवाने की राय देते हैं। अगर आपको लगातार पाचन संबंधी समस्या हो रही है, तो Full Body Test In Hindi ब्लॉग पढ़ना उपयोगी रहेगा, जिससे आप अन्य जरूरी टेस्ट्स के बारे में भी जान सकते हैं।
एमाइलेज टेस्ट वैसे तो जनरल प्रैक्टीशनर द्वारा किया जाता है लेकिन कई बार इस टेस्ट को सामान्य डॉक्टर भी कर सकते हैं।
टेस्ट के लिए डॉक्टर आपके सभी पेशाब को 24 घंटे के अंतराल में इक्ठटा करने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कि यूरिन की एमाइलेज सामग्री दिनभर में कई बार बदलती रहती है। डॉक्टर के दिए सुझाव की वजह से मरीज के एमाइलेज लेवल की अधिक सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस टेस्ट के लिए मरीज को घर पर नमूना लेने के लिए कंटेनर और खास इंस्ट्रक्शन दी जाती है, इसलिए बताई हुई सभी इंस्ट्रक्शंस ध्यान से सुने और समझे साथ ही पालन करें।
डॉक्टर की माने तो, टेस्ट होने से पहले व्यक्ति को 8-12 घंटे तक भूखे यानी उपवास रखने के लिए कहा जाता है, जिसका साफ़ अर्थ है कि पानी के सिवा, व्यक्ति कुछ भी नहीं खा सकता है। इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि 24 घंटे पहले शराब या अन्य किसी भी प्रकार के नशे से न करें, नहीं तो परिणाम सटीक नहीं आएंगे।
अगर व्यक्ति पहले से कोई किसी प्रकार दवाई ले रहा है तो उन दवाइयों के बारे में डॉक्टर को ज़रूर जानकरी दें, क्योंकि कुछ दवाईओं का इस्तेमाल एमायलेज टेस्ट के रिजल्ट पर नेगटिव असर डाल सकता है। दवाइयों में एस्पिरिन, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, वाटर पिल, इंडोमेथेसिन, ओपियोइड्स, और मौखिक गर्भ निरोधक को माना जा सकता है।
सबसे पहले डॉक्टर से सारी जानकरी को समझे। डॉक्टर के द्वारा बताए दिए गए सुझाव के बारे में आप उनसे सवाल-जवाब करके, अपने मन की संतुष्टि करें। इस टेस्ट के बारे में सभी आवश्यक बातें जाने साथ ही वह आपकी तैयारी में भी मदद करेंगे।
एमाइलेज़ टेस्ट के पहले वैसे तो, डॉक्टर मरीज को खानपान में कुछ बदलाव करने के कुछ सुझाव देंगे, जैसे किअच्छी मात्रा में रोजाना पानी पिये और स्वस्थ भोजन का सेवन करें।
डॉक्टर के द्वारा बताई हुई सभी बातों और निर्देशों का पालन ध्यान से करें। उदाहरण के तौर पर टेस्ट से पहले निर्देशित भोजन की सीमाओं के बारे में ध्यान रखें।
अगर मरीज को कोई निर्देशित इलाज या दवाईयाँ लेने को कहा गया है, तो उन्हें सही समय पर लें और डॉक्टर की सलाह का विशेष रूप से पालन करें।
यह सुनिश्चित करें कि टेस्ट के दिन, मरीज डॉक्टर द्वारा निर्देश अनुसार पूरी तरह से उपवास पर हो और सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट्स और रिपोर्ट्स को साथ लेकर जाएँ।
एमाइलेज़ टेस्ट के बारे में किसी भी प्रकार की चिंता न ही करें। यह एक आम और सुरक्षित प्रक्रिया होती है और इसमें अधिकांश मामलों में बहुत जल्दी से संपन्न भी हो जाती है।
पाचन तंत्र से जुड़ी किसी भी जटिलता को समझने के लिए आप A Comprehensive look into Gut Health in India ब्लॉग में दिए गए भारतीय संदर्भ का सहारा ले सकते हैं।
एमाइलेज ब्लड टेस्ट के समय कुछ बातों की उम्मीद कर सकते हैं:-
इस टेस्ट को करने के लिए सबसे डॉक्टर ब्लड सैंपल लेते हैं। खून का सैंपल अक्सर हाथ के बांह से निकला जाता है। खून कलेक्ट करने के बाद लैब जाँच के लिए भेजा दिया जाता हैं।
एमाइलेज ब्लड टेस्ट के समय डॉक्टर या फिर अन्य चिकित्सक द्वारा खून का सैंपल लिया जाता है और यह प्रक्रिया वैसे तो, बहुत तेजी से की जाती है क्योंकि इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है। व्यक्ति के लिए असहजता की वजह से नहीं बनती है।
खून देने के बाद, कुछ लोगों को हल्का दर्द या असहजता हो सकती है। यह एक नियमित एहसास है और सामान्यतः छोटी-मोटी ही होती है जो ब्लड टेस्ट के बाद होती है।
व्यक्ति खून देने के बाद भी, उसे डॉक्टर के सलाह के अनुसार चीजों का पालन करना चाहिए इसलिए उनसे संपर्क में रहने की सलाह दी जा सकती है।
ब्लड टेस्ट के बाद, डॉक्टर व्यक्ति को कुछ अतिरिक्त निर्देश भी देते हैं, जो उनके लिए ही फायदेमंद होता है। कुछ समय तक व्यायाम या अतिरिक्त देखभाल कैसे करनी है इन सबके बारे में डॉक्टर व्यक्ति को सुझाव देते हैं।
एमाइलेज़ टेस्ट के कुछ जोखिम नीचे बताए गए है, आइए जानते हैं वह क्या है:-
एमाइलेज़ टेस्ट के समय सुई चुभाने पर कुछ लोगों को चुभन के साथ दर्द महसूस हो सकता है।
एमाइलेज़ टेस्ट के समय कई बार रक्तस्राव की संभावना हो सकती है, क्योंकि एलेक्ट्रोड्स की जगह पर चोट लगती है।
अगर टेस्ट वाली जगह के आसपास उचित सफाई न रखी जाएँ, तो संक्रमण की संभावना हो सकती है।
कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। वह परिस्थितियाँ है शारीरिक अक्षमता या संयमित होने की क्षमता। न्यूरोलॉजिकल विकार, ईएमजी (EMG) टेस्ट में मुश्किलें आ सकती हैं।
अगर आपको बुखार, उल्टी या संक्रमण के लक्षण हैं, तो यह भी जानना ज़रूरी है कि टाइफाइड के लक्षण क्या होते हैं और एमाइलेज टेस्ट से उसका क्या संबंध हो सकता है।
एमाइलेज़ टेस्ट के बारे में अपने डॉक्टर से अच्छे से समझें साथ ही उनकी सलाह के बाद ही इस टेस्ट को करवाने के बारे में सोचें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।