आईजीई टेस्ट पूरा नाम टोटल इम्युनोग्लोबुलिन ई है जो एक तरह का ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट को इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर के इम्युन सिस्टम में मौजूद एक विशेष प्रकार की प्रोटीन, जिसको आईजीई या इम्युनोग्लोबुलिन ई के रूप में जानते हैं, उसकी मात्रा को मापन करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट एलर्जी और अलग-अलग इम्युन से जुड़े विकारों की जांच में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आईजीई प्रोटीन का काम शरीर को विदेशी पदार्थों से बचाने का होता है जिससे इन्फेक्शनों और बीमारियों के खिलाफ रक्षा प्राप्त होती है।
टोटल आईजीई टेस्ट का इस्तेमाल अलग-अलग तरह के संक्रामक और अनुभवी प्रतिक्रियाओं के लक्षाओं का पता लगनने के लिए किया जाता है। उन लक्षणों में खांसी, जुकाम, चक्कर, सांस लेने में दिक्कत, त्वचा में खुजली और आंखों में जलन आदि। इस टेस्ट के ज़रिए डॉक्टर मरीज की एलर्जी के प्रति प्रतिक्रिया को मापते हैं और हाई आईजीई लेवल, उनकी एलर्जी या संक्रामक से जुड़ी बीमारी के कारण हो सकते हैं। आइए थोडा विस्तार से समझे इसे:-
छींकना आना
बंद नाक हो जाना
नाक का बहना
नाक में खुजली महसूस होना
छाती में जकड़न होना
खांसी आना
घरघराहट रहना
तेज़-तेज़ सांस लेना
सांस का फूलना
अगर आपको अक्सर सर्दी-जुकाम या खांसी होती है, तो Influenza and Seasonal Flu के साथ-साथ Total IgE टेस्ट की जांच ज़रूर करवाएं।
पित्ती
स्किन पर खुजली
सूजन सामान्य से गंभीर होना
एक्जिमा होना
जिन लोगों को स्किन या फूड एलर्जी की समस्या है, उनके लिए Food Intolerance among Indian Children ब्लॉग की जानकारी ज़रूरी हो सकती है।
आंखों में खुजली होना
आंखों में पानी का आना
आंखों में लालिमा होना
जी का मिचलना
बार-बार उल्टी होना
लगातार दस्त की शिकयत
पेट में दर्द
चिंता में रहना
व्याकुलता होना
होंठों में सूजन होना
जीभ में सूजन होना
गले में जकड़न होना
बोलने में तकलीफ आना
बेहोशी आना
नाड़ी धीमी हो जाना
लगातार थकान और इम्यून सिस्टम कमजोरी लगने पर Fatigue and its effect in Indians के कारण जानना फायदेमंद होता है।
इन सब लक्षणों पर ध्यान दें तो कुछ गंभीर मामलों में एनाफिलेक्सिस जैसी गंभीर समस्या होने का खतरा बन जाता है। यह एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण पूरे शरीर पर असर दिखाई दे सकता है, जो कि व्यक्ति के जीवन के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। आईजीई लेवल परजीवी संक्रमण के दौरान बढ़ता हैं इसलिए यह टेस्ट परजीवी संक्रमणों की पहचान के लिए भी होता है। एलर्जी से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में Total IgE टेस्ट और यह जानना कि एलर्जी से कैसे बचें? भारत में बदलते मौसम में ये 5 उपाय अपनाएं भी काफी मददगार हो सकता है।
टोटल आईजीई टेस्ट जब किया जाता अहि उससे पहले, डॉक्टर मरीज के इतिहास और वर्तमान लक्षणों का अच्छे से विश्लेषण करते हैं। वह मरीज की एलर्जी से जुड़ा सभी तरह का इतिहास, परिवार के सदस्यों में किसी को भी एलर्जी का अस्तित्व, और उनके व्यस्त जीवनशैली को भी जांचा जाता है। इसके ही आधार पर वह आईजीई टेस्ट की ज़रुरत को समझ सकते हैं और हाई आईजीई लेवल के पीछे छिपे किसी विशेष बीमारी के संदर्भ में अनुमान लगाया जा सकता है।
जिन मरीजों में CRP Test के परिणाम सामान्य नहीं आते, उनमें एलर्जी की पुष्टि के लिए Total IgE टेस्ट की सलाह दी जाती है।
टोटल आईजीई टेस्ट एक साधारण सा ब्लड टेस्ट है। इसमें मरीज को विशेष तैयारी की ज़रुरत नहीं होती है, बस डॉक्टर से चल रही किसी भी तरह की दवाई और एलर्जी के बार में खुलकर बताएं। डॉक्टर मरीज के हाथ की नस से थोड़ी मात्रा में खून का सैंपल लेते हैं। फिर यह ब्लड सैंपल लैब में जाँच के लिए भेजा जाता है और वहां आईजीई के लेवल का मापन किया जाता है। इस प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगता है इसलिए रिजल्ट एक से दो में आ जाता है।
आईजीई टेस्ट के होने के बाद, अगर आवश्यकता है तो डॉक्टर उपयुक्त उपचार और दवाइयों के लिए मरीज को सलाह देते हैं। अगर आईजीई लेवल में वृद्धि होती है तो डॉक्टर मरीज को उसके एलर्जी के कारणों के लिए जांच करवाने की सलाह देते हैं। जिससे हाई आईजीई लेवल के पीछे छिपे संभावित बीमरी को निदान करने का प्रयास करते हैं।
टोटल आईजीई टेस्ट के रिजल्ट आम तौर पर नॉर्मल रेंज उनकी 0-100 IU/ml होती है। वही बात संभावित हाई आईजीई लेवल की जाएँ तो यह मरीज में 100-500 IU/ml होता है। अगर बात हाई आईजीई लेवल के बारे में तो इसकी मात्रा 500 IU/ml से अधिक होती है। हाई आईजीई लेवल एलर्जी या फिर संक्रामक बीमारी के संकेत के रूप में दिखाई देता है। इससे मरीज को उचित उपचार की ज़रुरत हो सकती है। डॉक्टर समय पर सही व् उचित निदान के साथ उपचार का चयन करके, मरीज को आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं।
टोटल आईजीई यानी इम्युनोग्लोबुलिन ई टेस्ट एक आम सा ब्लड टेस्ट साधारण रक्त परीक्षा है जिसमें रोगी के हाथ की वेन से थोड़ी मात्रा के रक्त का सैंपल लेते हैं। यह सैंपल लैब में भेजा जाता है और वहां आईजीई के स्तर का मापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए कुछ ही समय की आवश्यकता होती है और फलादेश आम तौर पर एक दिन या दो में उपलब्ध होता है।
टोटल आईजीई टेस्ट के रिजल्ट और सामान्य सीमा की बात करें तो नॉर्मल रेंज 0-100 IU/ml होती है। वही बात संभावित हाई आईजीई लेवल की हो तो यह 100-500 IU/ml होता है। हाई आईजीई लेवल 500 IU/ml से अधिक होता है। हाई आईजीई लेवल एलर्जी या संक्रामक बीमारी के संकेत के रूप में दिखाई दे सकता है। इससे मरीज को उचित उपचार की ज़रूरत हो सकती है। डॉक्टर समय पर सही निदान और इलाज से मरीज को आराम दिलाने में सहायक होते हैं।
जब आईजीई लेवल असामान्य रूप से शरीर में बढ़ने लग जाता है, तो यह एलर्जी और संक्रामक की बीमारी के विकारों का इशारा हो सकता है। आईजीई एंटीबॉडी हैं जो व्यक्ति के शरीर को अलग-अलग प्रकार के विदेशी पदार्थों यानी उदाहरण के तौर पर धूल, पॉलेन, स्मोकिंग, पशुओं के धुले हुए स्केल, भूखंडों के दस्तावेज़ और कीड़े-मकोड़ों आदि से बचाव में सहयोग करते हैं। इन्हें अन्य इम्यूनोग्लोबुलिनों के साथ मिलकर शरीर के इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ (Reinforce) करता है। लेकिन जब आईजीई-IgE का लेवल अनुचित रूप से बढ़ जाता है, तो यह बिना आवश्यकता के विदेशी पदार्थों के प्रति भारी विकार्य प्रतिक्रियाओं को शुरू कर सकता है, जिससे ए’लर्जी और अन्य संक्रामक की बीमारी हो सकती हैं।
आईजीई टेस्ट आपकी बहुत मदद कर सकता है। अगर आप किसी भी तरह की एलर्जी से गुज़र रहे हैं और इस ब्लॉग में बताएं लक्षण नज़र रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें। साथ इस टेस्ट के ज़रिये अपनी एलर्जी की पुष्टि करते हुए इलाज करवाएं। शरीर में सूजन और एलर्जी के लक्षण एक साथ दिखें तो CRP Blood Test की जांच कराना सही रहेगा।
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