भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग मौसम देखने को मिलते हैं लेकिन साथ ही बदलते मौसम के कारण कई एलर्जी का सामना करना पड़ता है। आज के ब्लॉग हम बदलते मौसम के कारण होने वाली एलर्जी के लक्सहं, कारण और कुछ उपचार के बारे में बात करने वाले है।
बदलते मौसम के साथ एलर्जी होती है क्योंकि बदलते हुए मौसम में बैक्टीरिया, वायरल और पोलन एलर्जी अक्सर लोगों को अपना शिकार बनती है। लोगों की आंखों, नाक और गले में संक्रमण पैदा हो सकता है और छींकने और खांसी इसके सबसे आम लक्षण माने जाते हैं। वैसे तो इन संक्रमण पर समय के साथ काबू किया जा सकते है लेकिन अगर लक्षण गंभीर हो जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य संबंधी स्थितिययों का कारण भी बन सकते हैं।
व्यक्ति-दर-व्यक्ति के हिसाब से एलर्जी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। लिकिन अगर सबसे आम लक्षणों की बात करें तो यह है:-
खाँसना या छींकना
सिर में दर्द
बेचैनी होना
नाक बहना
काले घेरे होना
नम आँखें रहना
आँखों में लाली आना
त्वचा में खुजली होना
नाक बंद होना
गला खराब हो जाना (यदि आपको गले में बार-बार खराश या सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह एलर्जी से जुड़ी समस्या हो सकती है Sore Throat से जुड़ी जानकारी यहां पाएं।)
थकान रहना
गंध और स्वाद न आना
एलर्जी के लक्षण एक हफ्ते से 10 दिनों तक किसी भी व्यक्ति के शरीर में रहते हैं और इन लक्षण के कारण बुखार नहीं होता। मौसमी एलर्जी में आंखों, नाक और गले में खुजली होना सबसे आम लक्षण देखा गया है।
जब व्यक्ति का शरीर एलर्जेन के संपर्क में आता है तो शरीर हिस्टामाइन रिलीज़ होता है, जो कि एलर्जेन से होने वाली किसी भी एलर्जी की प्रतिक्रिया से बचने के लिए एंटीबॉडी के रूप में काम करने लगता है। आइए जानते हैं कि एलर्जी के सामान्य कारण कौन-से हो सकते हैं:-
पशु के बालों में मौजूद रूसी
पॉलेन घासन से दिक्कत
मोल्ड से समस्या होना
बिल्ली के सलाइवा से
धूल के कण से दिक्कत
एलर्जी की जाँच के लिए आप सबसे डॉक्टर से मिलें और उनके बताएं निर्देश का पालन करें। वह आपको एलर्जी जुड़े कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं जिसमें विशेषज्ञ मरीज की त्वचा की सतह पर एलर्जेन चुभाकर, त्वचा टेस्ट करेंगे। कई बार ब्लड टेस्ट कराने का सुझाव भी डॉक्टर दे सकते हैं। इसके सिवा, एलर्जेन का एक छोटा सा सैंपल बगल से इंजेक्ट करते हैं। अगर मरीज के शरीर को इससे एलर्जी है तो त्वचा में मौजूद एलर्जेन का निदान करने के लिए एक उभार या लालिमा दिखाई दे सकती है। मौसमी एलर्जी के समय इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए CBC टेस्ट से जुड़ी यह जानकारी जरूर पढ़ें।
एलर्जी होने पर कुछ घरेलू नुस्खें अपना सकते हैं लेकिन अगर असर नहीं पड़ता हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलकर जाँच करवाएं। आइए जानते हैं घर बैठे कौन-से तरीकों को इस्तेमाल करके एलर्जी को ठीक किया जा सकता है:-
विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट के रूप में एलर्जी के ऊपर काम करता है जो मरीज की इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। जिसकी मदद से संक्रमण और अन्य एलर्जी दूर हो जाती है। खट्टे फल का सेवन करने से मरीज तरोताज़ा महसूस करता है साथ उसे ऊर्जा भी मिलती है। खट्टे फलों में मरीज संतरे,आलूबुखारा और नाशपाती आदि का सेवन कर सकते हैं।
डिहाइड्रेशन के कारण व्यक्ति की इम्युनिटी कम हो सकती है और इसी वजह से एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है। डिहाइड्रेशन के कारण खांसी, खुजली और नाक बहने की समस्या दिखाई दे सकती है। एलर्जी के लक्षणों पर काबू पाने के लिए मरीज को पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
नाक और छाती में जब जमाव हो कजये तब प्याज सबसे अच्छा और असरदार उपाय के तौर में मरीज की मदद कर सकता है। प्याज में क्वेरसेटिन नाम का कंपाउंड हिस्टामाइन के उत्पादन को कण्ट्रोल में रखता है और एलर्जी के लक्षणों को कम करने मं मदद करता है।
पत्तेदार सब्जियों में मिनरल और विटामिन के साथ सूजन-रोधी गुण मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने में असरदार साबित होता है। मरीज हरी पत्तेदार सब्जियों को अच्छे से पक्का कर या फिर कच्चे रूप में ले सकता है, दोनों ही तरीको से यह फायदेमंद है।
मरीज को सूप या दलिया गर्म-गर्म खाना चाहिए इससे शरीर को राहत मिलती है साथ ही नाक में जमाव भी कम होता है। ऐसे खाद्य पदार्थों में मौजूद मसाले एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो बलगम को ढीला करते हुए, कफ को बाहर निकालने मदद करते हैं।
अक्सर एलर्जी और पाचन से जुड़ी समस्याओं के पीछे फूड इंटॉलेरेंस छिपा होता है इस विषय पर यह विस्तृत ब्लॉग जरूर पढ़ें।
गले में खराश और खुजली के लिए मरीज को अदरक और शहद का मिश्रण दए सकते हैं। यह सबसे अच्छे संयोजनों में से एक माना जाता है। शहद और अदरक, दोनों में ही एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं जो कि ऐलर्जी की समस्या के लक्षणों में राहत दिलाता है।
व्यक्ति घर के अंदर रहकर खुद को काफी समस्याओं से बच सकता है। अगर व्यक्ति सुबह के समय और हवा वाले दिनों में, जब पराग का लेवल ज्यादा होता है, तब घर में रहकर खुदक बचाव कर सकते हैं। उच्च परागकणों के मौसम में, एलर्जी को रोकने के लिए खिड़कियाँ और दरवाजे बंद रखें। जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क पहनें जिससे पराग और धूल से बचाव होगा। बाहर से वापस आने के बाद, कपड़े बदलकर नहा लें जिससे पराग और धूल को हटाया जा सके।
हाथ-पैर धोएं जब भी खाना खाने वाले हो इसको अपनी एक नियमित रूप से आदत बना लें। जिससे आप काफी बिमरियों के खतरे को दूर रख पाएंगे। बाहर से आने के बाद हमेशा अपना चेहरा धोएं जिससे पराग और धूल को हटाया जा सकें। आप किसी भीड़-भाड वाली जगह से आकर नहाने से पराग और धूल को हटाने से आप एलर्जी के खतरे को कम कर सकते हैं।
एयर फ़िल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने से पराग, धूल और पालतू जानवरों की रूसी आदि जैसी एलर्जी के कारकों से बचाव किया जा सकता है। अपने बेडरूम या रहने के अन्य क्षेत्रों में आप पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करके भी एलर्जी की समस्या से बचाव कर सकते हैं। हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए समय समय से एयर फ़िल्टर को नियमित रूप से बदलते रहें।
जब भी आपको मौसमी एलर्जी के लक्ष्ण नज़र आए तो सबसे फेल भाप लें या घरेलु उपाय करें। लेकिन जब असर न पड़े तो आप डॉक्टर से मिलकर अपने लिए एलर्जी-रोधी दवाई ले सकते हैं। अगर आपको बदलते मौसम में बार-बार सर्दी या फ्लू होता है, तो Seasonal Flu से जुड़ी सावधानियों के बारे में यह लेख पढ़ें।
जब शरीर में एलर्जी के गंभीर लक्षण दिखाई दें जैसे कि सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में दर्द उठाना, या फिर चेहरे पर सूजन आना आदि, तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करें। डॉक्टर एलर्जी के कारणों और लक्षणों देखते हुए उनको नियंत्रित करने के लिए दवाइयां देंगे। जिससे एलर्जी के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत होगी औत तबियत में सुधार आएगा। एलर्जी के समय जोड़ों में दर्द या सूजन हो तो रूमेटाइड आर्थराइटिस से जुड़ी यह जानकारी उपयोगी साबित हो सकती है।
बदलते मौसम के कारण बहुत सी दिक्कतें हो सकती है इसलिए शुरुआत से ही तबियत का विशेष ध्यान रखें. सेहत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। अगर एलर्जी के साथ-साथ त्वचा पर सफेद धब्बे या रैशेस नजर आएं, तो विटिलिगो के बारे में यह जानकारी ज़रूर पढ़ें।
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