Tuesday, June 03 ,2025

Food intolerances in Hindi: जानिए फूड इंटॉलेरेंस क्या है, लक्षण, कारण के बारे में !


Food intolerances in Hindi

हमारा शरीर बहुत तरह से हमारी बीमारियों या समस्याओं को संकेत देने की कोशिश करता है, बस ध्यान यह रखना है कि आप उसके बताएं हुए संकेतों की और ध्यान देते हैं या नहीं। बहुत बार अपने देखा होगा कि कुछ खाने के बाद तुरंत आपको उलटी हो जाती है या तबियत खराब हो जाती है, इसका क्या कारण है कभी जानना चाहा? आज के ब्लॉग में हम यही जानेंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है?

कुछ लोगों को यह लगता है कि यह एक ऐलर्जी है लेकिन कई बार आपका शरीर यह संकेत कर रहा होता है कि यह आपके शरीर को सूट नहीं कर रहा है,  इस परिस्थिति को फूड इन्टॉलरेंस कहा जाता है। अक्सर लोगों को इन दोनों के भीतर का अंतर नहीं पता होता है, जिसके बारे में हम आज इस ब्लॉग में बात करेंगे। आइए जानते हैं आखिर फूड ऐलर्जी और फूड इन्टॉलरेंस में क्या अंतर होता है। 

फूड इंटॉलेरेंस क्या है ? (What is Food Intolerance in hindi)

जब हमारा शरीर कुछ खाद्य पदार्थों के खिलाफ असहिष्णुता (Intolerance) दिखने लगता है या उसे पचाने में असमर्थ होता है तो उस प्रक्रिया फूड इंटॉलेरेंस कहा जाता है। इसमें हमारा पेट खाद्य पदार्थों के खिलाफ रिएक्ट करता है और हर व्यक्ति की सेहत के अनुसार फूड इंटॉलेरेंस विभिन्न हो सकती है। कई व्यक्तियों में ऐसा देखा गया है कि जिन चीजों से दिक्कत हो रही है अगर उनको कम मात्रा में लेते है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता परंतु जब उस चीज का सेवन अगर ज्यादा मात्रा किया जाए तो वह बीमार भी पड़ सकते हैं। अगर फूड इंटॉलेरेंस को अच्छे और बेहतर तरीके से जानना चाहते हैं तो उसके लिए नीचे कुछ उदाहरण दिए है जो आपको फूड इंटॉलेरेंस के बारे में समझने मदद करेंगे: 

  • लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose Intolerance)- इस स्थिति में व्यक्ति को दूध और डेयरी से बनाने वाले सभी उत्पादों को पचाने में दिक्कत होती है या कहा जाए कि उनका शरीर उसे पचा ने से मना कर देता है। 

  • ग्लूटेन असहिष्णुता (Gluten Intolerance)- इस स्थिति में ग्लूटेन से युक्त सभी चीजें व्यक्ति को नुकसान पहुँचती है। खासतौर पर वह चीजें जिनमें लस शामिल हो, उदाहरण के तौर पर राई, गेहूं और जौ  जिसे व्यक्ति का शरीर पचाने में असफल होता है।

  • फ्रुक्टोज असहिष्णुता (Fructose Intolerance)- जब व्यक्ति का शरीर फ्रूक्टोज से भरपूर चीजें जैसे फल या उनके जूस को पचाने में असमर्थ हो, तब यह स्थिति बनती है। 

ऐसे ही बहुत ही चीज़े है जिसको मानव शरीर पचाने में असमर्थ होता है जैसे कि फर्मेंटेड चीजों के प्रति इंटॉलेरेंस, कैफीन इंटॉलेरेंस और सैलिसिलेट्स इंटॉलेरेंस हो सकता है। अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह  की असहिष्णुता है तो इस समय शरीर में फूड इंटॉलेरेंस के लक्षण साफ दिखाई दें सकता हैं। 

फूड इंटॉलेरेंस के लक्षण (Symptoms of Food Intolerance in Hindi)

  • पेट से जुड़ी समस्याएं (गैस, सूजन, पेट दर्द, उलटी, मतली, ऐंठन)

  • मुहाँसे 

  • बैचनी 

  • घबराहट 

  • सिर दर्द 

  • दस्त 

  • शरीर पर लालिमा (redness)

फूड एलर्जी क्या है ? (What is the Food Allergy in hindi?)

फूड एलर्जी अलग तरह से हमारे शरीर को संकेत देती है। यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम की मदद से रिएक्ट करते हुए इशारा देती है। कई बार फूड ऐलर्जी के कारण व्यक्ति की जान पर बात आ जाती है या यह जोखिम भरी भी हो सकती है। इसमें अगर व्यक्ति को जिस भी चीज से एलर्जी है और वह गलती से उस चीज़ का सेवन कर लेता हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है और दुश्मन समझ कर उस ऐलर्जी वाली चीज से लड़ना शुरू कर देता हैं। फूड ऐलर्जी वाले फूड की सूची-

  1. सीफूड 

  2. सोया या उससे बनी हुई चीज़े  

  3. मूंगफली या उससे बनी हुई चीज़े 

  4. दूध या उससे बनी हुई चीज़े 

 

फूड ऐलर्जी के लक्षण (Symptoms of Food Allergy in Hindi)

किसी चीज़ के सेवन के तुरंत बाद ही अगर आपको अपने शरीर में बताएं हुए लक्षण दिखाई दें तो समझ जाइएगा कि आपको उस खाद्य पदार्थ से दिक्कत है। लक्षण कुछ इस प्रकार है: 

  1. शरीर में खुजली होना 

  2. शरीर में सूजन आना 

  3. सीने में दर्द 

  4. खांसी आना 

  5. सांस लेने में तकलीफ़ होना 

  6. शरीर में लालिमा दिखाई देना 

फूड इंटॉलेरेंस और फूड एलर्जी में क्या अंतर है? (What is the Difference between food intolerance and food allergy)  

अगर बात फूड इंटॉलेरेंस की जाए तो हमारा शरीर कुछ चीजों को नहीं पचा पाता है और फिर वह हमें संकेत देने के लिए  पेट दर्द, डायरिया और वेट लॉस जैसी प्रक्रिया देता है। अगर आसान भाषा में बात कहें तो, फूड इंटॉलेरेंस में शरीर हमें धीमे-धीमे अपनी प्रक्रिया या रिएक्ट करते हुए समझाता है। फूड इंटॉलेरेंस ज्यादा नुकसान नहीं देता लेकिन कई बार कुछ स्थिति में यह गंभीर हो सकता है।

वही बात कि जाए अगर फू़ड एलर्जी कि तो हमारे शरीर में तुरंत रिएक्शन महसूस होता है। फूड एलर्जी में इम्यून सिस्टम ट्रिगर होता है और फूड के किसी खास न्यूट्रिएंट के कारण अपनी प्रतिक्रिया देता है। वैसे तो यह प्रोटीन के साथ ज्यादा होता देखा गया है। फू़ड एलर्जी होने पर आप शरीर में कुछ लक्षण देख सकते हैं जैस कि सूजन, रैशेज, खुजली और ब्लॉटिंग। यह कहना गलत नहीं होगा कि फूड एलर्जी हमेशा ही गंभीर होती है और इसमें कई बार व्यक्ति को हॉस्पिटल भी ले जाना पड़ जाता है।

फूड इंटॉलरेंस प्रोफाइल टेस्ट क्या है? 

फूड इंटॉलरेंस का टेस्ट होता है शायद यह बात ज्यादा लोगों को पता न हो। फूड इंटॉलरेंस प्रोफाइल टेस्ट होता है जिससे आप यह पता लगा सकते हैं कि आपके बच्चे या आपको किस चीज़ के खाने के बाद शरीर में दिक्कत होती है। इस टेस्ट की मदद से यह पता लग जाता है  कि आपको सच में किसी फूड से एलर्जी हुई है या सिर्फ कुछ समय के लिए आपको वो खाद्य पदार्थ खाने से समस्या हुई थी। 

ऐसी दुविधा को सुलझाने के लिए यह टेस्ट बेस्ट है। इस टेस्ट की मदद से फूड इंटॉलरेंस जो इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया है, जिससे हमारे शरीर के कई अंग प्रभावित हो जाते हैं और इस वजह से हमें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फूड इंटॉलरेंस की समस्या के दौरान व्यक्ति को पाचन से जुड़ी समस्याएं, थकान, सिरदर्द, त्वचा से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना अधिक हो जाती है। 

अगर आप भी फूड इंटॉलरेंस टेस्ट करवाना चाहते हैं, तो आज ही Mediyaar से अपनी अपॉइंटमेंट बुक करें।

फूड इंटॉलरेंस टेस्ट क्यों करवाना चाहिए ? (Why should a food intolerance test be done in hindi ?)

 

इस टेस्ट की मदद से आप अपने शरीर के बारे में ओर बेहतर तरीके से जान पाएंगे और अपनी सेहत का भी अच्छे से ख्याल रख पाएंगे। 

  1. इस टेस्ट की मदद से यह पता लगता है कि आपको कौन-से खाद्य पदार्थों से दिक्कत होती है या हो सकती है। 

  2. इस टेस्ट को करवाने के बाद, आप अपनी फूड इंटॉलरेंस और फूड ऐलर्जी बेहतर तरीके से समझते हुए अपने पाचन को बेहतर बना सकते हैं। 

  3. फूड इंटॉलरेंस टेस्ट की मदद से शरीर पर अचानक से आने वाले निशान, लालिमा, त्वचा संबंधी समस्याएं को भी जानना जा सकत है क्योंकि आपके क्या खाने के बाद यह समस्या हुई है, इस बारे में जानकारी मिल जाती है। 

फूड इंटॉलरेंस से बचाव के उपाय (Ways to prevent food intolerance in Hindi)

 

  1. सबसे पहले तो आप फूड इंटॉलरेंस प्रोफाइल टेस्ट करवाएं जिससे आपको पता चल जाए कि आपका शरीर किन चीजों का सपोर्ट नहीं करता यानि उसे किन खाद्य परदार्थों से दिक्कत होती है। 

  2. किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले उस पर लिखी हुई सभी सामग्री को ध्यान से पढ़े और अगर किसी भी चीज़ से दिक्कत न होती हो तभी खाएं। 

  3. जिन भी चीजों से दिक्कत होती है उससे जुड़ी किसी भी चीज़ का सेवन न करें और ना ही किचन में रखें। कई बार आपके प्रियजन किचन में रखी हुई चीजों का इस्तेमाल करके आपके लिए कुछ बनाते हैं लेकिन आपकी ऐलर्जी या फूड इंटॉलरेंस के कारण आपको दिक्कत हो सकती है। 

फूड इंटॉलरेंस वाले व्यक्ति रखें सावधानियां

अगर आपको फूड इंटॉलरेंस जैसी समस्या है तो कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखें।

  • आप खाना बनने के लिए अपने बर्तन अलग रखें। 

  • बर्तन, प्लेट और कटिंग बोर्ड काम खत्म होते ही सिंक या सेंधा नमक में रख दें।

  • खाने के मामले में जल्दी बाजी न करें, हर चीज़ की सामग्री ध्यान से पढ़े और तभी उसका सेवन करें।  

नोट: 

इस बात का ध्यान रखें फूड इंटॉलरेंस और फूड ऐलर्जी दोनों ही अलग-अलग है और इनके टेस्ट भी अलग होते हैं। आप अपनी समस्या के हिसाब अपने टेस्ट करवाएं और अपने शरीर को बेहतर रूप से समझकर खान-पान का ध्यान रखें। दोनों ही स्थिति आपके लिए जानना जरूरी है क्योंकि कई बार छोटी-सी नादानी किसी बड़ी समस्या का आगमन करा सकती है।