गठिया आज के समय में बहुत से लोगों में देखा जा सकता है इसलिए इसके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है। जिससे आप समय रहते इसके लक्षण को पहचानकर इलाज शुरू कर सकते हैं और इसे बढ़ने से रोक सकते हैं। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे कि यह क्या होता है, इसके होने के क्या कारण है, क्या लक्षण है और इसका क्या उपचार है ?
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जो कि इंसान के जोड़ों में होती है। इस बीमारी के कारण इंसान को जोड़ों में दर्द रहता है या फिर शरीर में जोड़ों के आस-पास सूजन नज़र आ सकती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या हमारे शरीर में तब होती जब इम्यूनिटी कमजोर हो या फिर सही से काम ना कर पा रही हो। कई बार जोड़ों के अस्तर यानि साइनोवियम (synovium) पर हमला हो जाने के कारण शरीर के जोड़ों जैसे हाथ, घुटनों और एड़ियों में दर्द होना शुरू हो जाता है या कहें कि इनको प्रभावित करता है।
यह दर्द सिर्फ जोड़ों पर असर नहीं करता बल्कि हमारे शरीर के बाकी के दूसरे अंगों पर भी काफी गहरा प्रभाव डालता है, जैसे कि आँखों, दिल और फेफड़ों, शरीर में जकड़न, जोड़ों का कभी-कभी गर्म होना आदि। वैसे यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती हैं लेकिन ऐसा क्यों, इसका जवाब न डॉक्टर लगा पाए है न ही वैज्ञानिक।
यह बीमारी 30 से 60 वर्ष की महिलाओं में होती है। उनमें रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण नज़र आना एक आम कारक के तौर पर देखा जा सकता हैं। यह समस्या आनुवंशिक भी होती है और इसका अहम कारण सिगरेट का सेवन भी हो सकता है, जिससे यह आपके शरीर में जन्म ले सकती है। तो आइए जानते हैं कि पहले यह रूमेटाइड आर्थराइटिस के क्या लक्षण होते हैं?
रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण हर व्यक्ति के अंदर विभिन्न देखे जा सकते है क्योंकि हर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अलग तरह से काम करता है उसकी बॉडी को लेकर। इम्यून सिस्टम के सही से काम न करने के कारण ही यह समस्या आपके शरीर में जन्म लेती है। अब इसके क्या लक्षण है जिसको देखकर आप यह पता लगा सकते हैं कि कहीं यह समस्या आपके शरीर में जन्म तो नहीं ले रही या कहीं आप इस समस्या से ग्रस्त तो नहीं है?
रूमेटाइड आर्थराइटिस का सबसे बढ़ा और आम लक्षण यही है कि आपको अपने जोड़ों का बढ़ना यानि विकास होता नज़र आएगा, जिसका अर्थ है वसा। जोड़ों के आस-पास मोटापा या फैट बढ़ना, यह रूमेटाइड आर्थराइटिस का लक्षण हो सकता है।
यदि किसी भी व्यक्ति को रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या होगी तो उस व्यक्ति को हमेशा अपने जोड़ों में दर्द महसूस होगा। यह दर्द सुबह या रात के समय में सबसे अधिक महसूस होगा। इस दर्द के दौरान मरीज को अपने जोड़ों के आस-पास दर्द के साथ सूजन और गरमाहट भी महसूस हो सकती है। इससे संबंधित जानकारी यहाँ पढ़ें "जानिए जोड़ों में दर्द का कारण, लक्षण और उपचार!"
रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या के दौरान मरीज जोड़ों में दर्द तो महसूस करता ही है, लेकिन कई बार उसको जोड़ों के आस-पास गरमाहट के साथ-साथ लालिमा भी नज़र आ सकती है। शरीर में सूजन को मापता करने के लिए "CPR test" की सलाह दी जाती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीज को हर समय थकान, अनियमित नींद और कमजोरी जैसे लक्षण अपने शरीर में दिखाई देंगे।
कई बार रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीज को अपनी उंगलियों में सूजन नज़र आ सकती है और यह एक शुरुआती लक्षण की ओर इशारा होता है। इसे सही समय पर समझे और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
वजन घटना
बुखार आना
कमजोरी आना
कम भूख लगना
ज्यादा पसीना आना
हर समय थकान महसूस होना
शरीर में दर्द रहना
आँखों में सूखापन आना या आँखें बार-बार सुख जाना
जोड़ों में दर्द के साथ मुलायमपन आना
फेफड़ों पर बुरा असर पड़ना
दिल को प्रभावित करना
दर्द के साथ शरीर में जकड़न या अकड़न महसूस करना
मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर पड़ना
पाचन संबंधित समस्याओं का होना
संक्रमण या किसी भी अन्य बीमारी से बहुत धीरे-रिकवरी होना
जल्दी-जल्दी बीमार होना
कई बार कैल्शियम की कमी भी जोड़ों की समस्याओं को बढ़ा सकती है। कैल्शियम की कमी पर हमारा ब्लॉग यहां पढ़ें "Calcium Deficiency In Hindi"
रूमेटाइड आर्थराइटिस का इलाज लंबे समय तक चलने वालों में से होता है। डॉक्टर यह देखते हैं कि आपके लक्षण कितने गंभीर है उसको ध्यान में रखकर आपके लक्षणों के हिसाब से आपकी समस्या का निदान किया जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस का इलाज में दवाइयाँ, घरेलू नुस्खे, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, तेल और सर्जरी शामिल है।
डॉक्टर दवाइयों के साथ किसी-किसी केस में फिजिकल थेरपी करने की सलाह देते हैं, जिससे जोड़ों की गतिविधि को बढ़ाने के लिए व्यायाम करने को कहा जाता है। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके भी आप अपनी बढ़ रही समस्या को रोक सकते हैं।
अगर आपको भी बताए हुए लक्षण नज़र आ रहे है और आप जानना चाहते हैं कि आपको गठिया की समस्या तो नहीं! आप mediyaar से गठिया प्रोफ़ाइल परीक्षण परीक्षण बुक कर सकते हैं।
अगर आपको रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या है, तो आपका ब्लड टेस्ट, एक्स -रे या अल्ट्रसाउन्ड होगा जिसकी मदद से या सुनिक्षित किया जाएगा कि यह कितनी गंभीर है। रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या में हो रही तकलीफ़ जैसे जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्या को कम करने की कोशिश की जाएगी। साथ ही आपके लाइफस्टाइल के साथ खान-पान में कुछ बदलाव किए जाएंगे, जिससे आपकी सेहत बेहतर हो और आप अपनी इस बीमारी से लड़ पाएं। अगर आप नीचे बताई जाने वाली बातों को भी ध्यान में रखकर अपने जीवन में परिवर्तन लाते हैं, तो आप खुदकों जल्द-से-जल्द ठीक करने में कामयाब होंगे:
अपने आहार में गेंहू, जौ, चावल, फल और सब्जियों जैसी हेल्थी चीजों को शामिल जरूर करें।
ध्रूमपान और शराब का सेवन बंद कर दें।
नियमित तौर पर व्यायाम करें या फिर शारीरिक गतिविधि करें।
अपनी कैल्शियम और विटामिन डी की ज़रूरतों को सही मात्रा में पूरा करें।
अपने आहार में मैग्नीशियम, फोलिक एसिड, जिंक और सेलेनियम, विटामिन सी, बी6, बी12, ई, जैसी चीजों को डॉक्टर से सलाह करके शामिल करें।
वसा, संतृप्त वसा (saturated fat) और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का सेवन कम करें।
मोटापा भी रुमेटॉइड आर्थराइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। मोटापे पर हमारा ब्लॉग यहां पढ़ें। "Obesity Meaning in Hindi"
रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या बहुत ही दर्दनाक हो सकती है इसलिए बताएं हुए लक्षणों की ओर ज़रा ध्यान दें और अपने आस-पास किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दें। अपने खान–पान के साथ बुरी आदतों को छोड़े, जिससे आप रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या में होने वाली तकलीफ़ से निजात पा सकें या आराम पा सकें। आर्थराइटिस एक आनुवंशिक समस्या है, इसे जानने के लिए आप HLA B27 टेस्ट करवा सकते हैं।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।