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आज के समय में कोई व्यक्ति अगर मोटा नज़र आ रहा है तो कोई बड़ी बात नहीं है। आज के समय में काफी लोग इस समस्या से परेशान तो है लेकिन कोई इसका सही रूप इस इलाज नहीं समझना चाहता है। यह समस्या देखने में आम लगती है, लेकिन कब इस समस्या के कारण आपको बड़ी और गंभीर बीमारी से जूझना पड़ सकता है यह कोई नहीं जानता। इस ब्लॉग के जरिए आज इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे और समझेंगे कि आखिर मोटापा क्यों होता है और इसके होने से आपको किन समस्या का समाना करना पड़ सकता है।
जब किसी भी व्यक्ति के शरीर में वसा यानि चर्बी का जमा होने लगती है तो उस स्थिति को मोटापा कहते हैं। मोटापा एक व्यक्ति के लिए बहुत सी समस्या पैदा कर सकता हैं। मोटापे को बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के रूप में परिभाषित किया जाता है। अगर व्यक्ति का वजन उसकी लंबाई के अनुपात में अधिक होता है तो, इसे मापने के लिए बीएमआई का इस्तेमाल करते हैं।
बीएमआई (BMI) |
स्वास्थ्य स्थिति |
18.5 से कम |
कम वजन की समस्या |
18.5-24.9 |
स्वस्थ शरीर |
25-29.9 |
अधिक वजन की समस्या |
30 और उससे अधिक |
मोटापा |
मोटापा कई कारण से हो सकता हैं लेकिन सबसे अहम कारण कैलोरी का ज्यादा सेवन करना है। लेकिन कई बार यह हार्मोनल समस्याओं के कारण भी शरीर पर दिखाई देता है। हार्मोन असंतुलित होने के कारण पीसीओएस, एस्ट्रजन में गिरावट, मेनपाज़ आदि जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिससे मोटापा होना एक आम बात है और इन समस्याओं में हम कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि यह हार्मोन के असंतुलित होने के कारण हुई है। वैसे कई बार चिंता, उदासी भी आपके मोटापे का कारण हो सकती है। इसके सिवा और अन्य कारण पर बात करते है:
गलत खान-पान/ आहार: आज के समय में सभी लोग पौष्टिक आहार की जगह जंक फूड का सेवन ज़्यादा करने लग गए है। इस जंक फूड में शामिल है पैकेट फूड, फास्ट फूड, शुगर और नमकीन से युक्त चीज़े आदि। ऐसे खाने की चीजों से शरीर में वसा जमा होने लग जाता हैं।
शारीरिक गतिविधि का कम होना: आजकल कहाँ खेल-कूद का समय कहाँ ही है। लोग घर हो या ऑफिस सिर्फ घंटों बैठकर काम करते हुए दिखाई देते हैं। आप ने यह भी देखा होगा कि घर में टीवी और मोबाइल स्क्रीन के सामने लोग ज्यादा समय बिताने लगे हैं और यह कहीं न कहीं आदतें आपके मोटापे का कारण तो है ही साथ ही यह अपके शरीर में मोटापे को बढ़ावा भी देती हैं। इन सब उदाहरण का मतलब है कि जितनी कैलोरी शरीर में जा रही है वह उतनी बर्न नहीं हो पारी है इसलिए शरीर में मोटापा आने लगता है।
हार्मोनल असंतुलन: महिलाओं में यह देखा गया है कि हार्मोनल असंतुलन के कारण काफी समस्या पैदा हो जाती है और उन सबके कारण मोटापा होना एक आम बात है। हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओएस/ पीसीओडी, मेनपाज़, थायराइड आदि हो सकता है। थायराइड की समस्या परूषों को भी होती है लेकिन महिलाओं में ज्यादा आमतौर में देखी जाती है।
मानसिक तनाव: जब कोई भी व्यक्ति तनाव से जूझ रहा होता तब हमारा शरीर कोर्टिसोल नामक हार्मोन पैदा करता है जिससे भूख बढ़ जाती है। इस वजह व्यक्ति अधिक खाना खाने लगता है। तनाव के कारण व्यक्ति कई बार सोता नहीं है या फिर देर से सोता है या कम सोता है, इस वजह से शरीर का मेटाबोलिज्म धीरे काम करता है और वजन बढ़ाना शुरू हो जाता है।
अनियमित दिनचर्या: अगर किसी भी व्यक्ति का खाने-पीने, सोने और काम करने का समय तय नहीं है तो इसको एक अनियमित दिनचर्या माना जाता है, जो कि आपकी मानसिक स्थिति के लिए तो खराब है ही साथी आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी हानिकारक है। ऐसी दिनचर्या होने के कारण व्यक्ति में आलस आता है जिस वजह से वह हर काम को करने में देरी करता है। यही सब कारणों की वजह से फिर शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है।
आनुवंशिक कारण: अगर माता-पिता या दादा-दादी, नाना-नानी में से किसी को भी मोटापे की समस्या है तो यह अगली पीढ़ी को होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अगर सही लाइफस्टाइल रखें तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
दवाईयों के दुष्प्रभाव: कई बार हार्मोनल, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, अवसाद से जुड़ी दवाइयों का सेवन मोटापा का कारण बन सकता है।
किसी भी व्यक्ति में मोटापा अचानक से नही आता है यह धीरे-धीरे शरीर में जमा होता है। अगर शुरुआत में ही लक्षणों की पहचान हो जाए तो सही समय पर कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं मोटापे के लक्षणों के बारे में-
अगर आप ध्यान दें तो शरीर के भिन्न हिस्सों पर चर्बी नज़र आने लगेगी जैसे कि पेट, कमर और जांघ।
अगर आप थोड़ी सी मेहनत करते हैं, लेकिन आपको बहुत जल्द ही थकान महसूस होने लगती है या फिर आपकी सांस फूलने लग जाती है तो यह भी मोटापे का लक्षण है।
किसी भी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना, उसके शरीर में मोटापे को बढ़ावा देने का संकेत हो सकता है।
अगर व्यक्ति की पीठ और जोड़ों में दर्द लंबे समय से रहने लगा है तो यह भी एक बड़ा संकेत है कि धीरे-धीरे मोटापा आपके शरीर में घर बना रहा है।
कई बार सही से न सो पाना या फिर सोने में परेशानी आने के कारण भी यह समस्या दिखाई दे सकती है।
सबसे बड़ा लक्षण मोटापे का आज के समय में आत्मविश्वास की कमी या डिप्रेशन की संभावना को भी माना जाता है।
अगर यह लक्षण आपको अपने किसी भी करीबी में नज़र आ रहे हैं तो तुरंत उनसे बात करें और डॉक्टर से सलाह लेने का सुझाव सामने रखें।
शरीर में मोटापा सिर्फ व्यक्ति की शारीरिक बनावट को ही नहीं प्रभावित करता, बल्कि यह बहुत-सी गंभीर बीमारियों को पैदा करने का कारण भी बनता है।
जब शरीर में ज्यादा फैट होने लगता है तब रक्त धमनियां संकरी(narrow) हो जाती हैं तब दिल तक ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत होने लग जाती है। इस वजह से दिल की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।
जब शरीर में फैट बढ़ता है तब इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इस कारण से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लग जाता है और यह डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है।
यह तो सभी जानते हैं कि अगर शरीर में अधिक फैट जमा होगा तो उसका बुरा असर हमारे लिवर पर पड़ता है। जिसके कारण व्यक्ति को फैटी लिवर की समस्या होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस समस्या में व्यक्ति का लिवर सही से काम नहीं कर पाता, जिस वजह से व्यक्ति के पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है।
महिलाओं में मोटापा पीसीओडी के खतरे को बढ़ा देता है, जिसकी वजह से मासिक धर्म अनियमित हो जाते हैं और भविष्य में गर्भधारण करने में दिक्कतें आ सकती हैं।
ऐसा देखा गया है कि जब व्यक्ति का वजन अधिक हो जाता है तो कई बार उसमें आत्मविश्वास की कमी नज़र आती है। आत्मविश्वास की कमी के कारण व्यक्ति चिंता में रहने लगता है या फिर धीरे-धीरे डिप्रेशन और मानसिक तनाव का शिकार बन जाता है।
अगर आप मोटापे से बचना चाहते हैं तो कुछ बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और सही जीवनशैली को अपनाना भी बहुत जरूरी है। आप नीचे दिए गए कुछ आसान और असरदार उपाय करके मोटापे पर कंट्रोल पा सकते हैं:
आप अपनी डाइट में प्रोटीन, फल और हरी सब्जियों के साथ-साथ फाइबर को ज़रूर शामिल करें।
कोशिश करें कि आप तली-भुनी चीज़े और मीठी चीजों के सेवन को कम से कम कर दें।
जितना आप खाने में कम कैलोरी और ज्यादा पोषक तत्व का सेवन करेंगे, उतना आप मोटापे से दूर रहेंगे।
अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में कम से कम 30-45 मिनट व्यायाम, वॉक या योग को शामिल कीजिए।
आप चाहे तो दौड़ना, साइकिलिंग या फिर स्विमिंग जैसी गतिविधियों की मदद से भी अपने बढ़ते वजन को कम कर सकते हैं।
हर व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद लेना ज़रूरी है। जिससे उनका मेटाबोलिज्म सही तरीके से काम कर सकें।
आप मेडिटेशन, ध्यान या योग की मदद से तनाव को नियंत्रित या खुद से दूर रख सकते हैं।
हर व्यक्ति को पर्याप्त यानि 8 से लेकर 10 गिलास तक पानी पीना चाहिए।
अगर किसी भी व्यक्ति का वजन तेजी से बढ़ रहा है तो उसे कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। समस्या के बढ़ने से पहले ही डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज करवाएं।