हम लोगों की जीवनशैली बदलते समय के साथ काफी बदल गई है इसलिए नई-नई बीमारियां हमारे शरीर में अपना घर बना रही है। आपने देखा होगा कि आज के समय में कम उम्र के लोगों को दिल से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कहाँ एक समय पर दिल की समस्या किसी बड़े-बुजुर्ग में देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह समस्या धीरे-धीरे आम होती जा रहा है और कम उम्र में ही कई युवाओं को दिल के दौरे के कारण अपनी जान गवानी पड़ रही है। दिल के दौरे का सबसे बड़ा कारण हमारी लाइफस्टाइल, खान-पान है।
दिल के दौरे पड़ने को अलग-अलग नाम से भी बोल जाता है जैसे हार्ट अटैक, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (angina)। यह एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती है। हार्ट अटैक आने पर शरीर की नसों में खून की सप्लाइ सही से हो नहीं पाती है और धीरे-धीरे ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) यानि खून में थक्का जमना शुरू हो जाता है। इसी स्थिति में खून दिल तक नहीं पहुँच पता है और दिल को ऑक्सजीन भी नहीं मिल पाती है, इस वजह से दिल का दौरा पड़ता है।
हार्ट अटैक के अलग-अलग लक्षण देखे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई बार यह देखा गया है कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के समय बहुत तेज़ दर्द महसूस हुआ है, तो कई बार किसी को बहुत ही हल्का-सा दर्द महसूस हुआ। दोनों ही अवस्था में आपको हार्ट अटैक के लक्षण की जानकारी होना जरूरी है, इसलिए आइए विस्तार से जाते हैं हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में:
दिल के दौरे के दौरान सीने में दर्द उठना सबसे आम लक्षण देखा गया है। सीने के बीचों-बीच दर्द, भारीपन, दबाव या जलन जैसा आप महसूस कर सकते हैं। यह दर्द उलटे हाथ से शुरू होकर गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है।
कुछ लोग सीने में जकड़न जैसा महसूस कर सकते हैं, जैसा किसी ने उनको रस्सी से बांध दिया हो। सही से खून दिल तक न पहुंचने की वजह से ऐसा महसूस हो सकता है।
कंधे में दर्द भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। कई बार सीने के बजाए बाएं कंधे से दर्द शुरू होता है और धीरे-धीरे गर्दन और जबड़ें तक पहुंच जाता है।
अगर आपको बिना ज्यादा काम करें, थकान महसूस होती है या फिर थकान रहती है जिसके कारण कमजोरी लग सकती है। यह भी एक अहम संकेत है कि आप हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं और ऐसा खासकर महिलाओं में देखा गया है।
अगर आपको नींद से जुड़ी समस्या हो रही है तो यह भी एक बहुत बड़ा संकेत हैं कि आपको दिल से जुड़ी किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जैसे रात भर बार-बार नींद खुल जाना, बैचनी रहना आदि। कई बार सोने के समय खर्राटे लेने के दौरान ऑक्सजीन सही से नहीं ले पाते हैं, यह भी एक लक्षण है।
थोड़ा-सा भी चल-फिरना, उतरना-चढ़ना करने पर आपकी सांस फूल जाना भी दिल से जुड़ी समस्या की ओर संकेत करता है।
अचानक से बहुत तेज ठंडा पसीना आना भी हार्ट अटैक की ओर इशारा करता है।
साइलेंट हार्ट अटैक जिसको साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (silent myocardial infarction) भी कहा जाता है। इस तरह के हार्ट अटैक में इंसान को सीने में किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है। वैसे तो इसमें कुछ मामूली लक्षण जरूर महसूस होते हैं। इस तरह के हार्ट अटैक का खतरा बड़ी उम्र के लोगों में ज्यादा दिखाई देता है।
साइलेंट हार्ट अटैक में लोगों को छाती में दर्द न होकर जलन महसूस होती हैं। इसको लोग अक्सर एसिडिटी, अपच, डिहाइड्रेशन समझ लेते हैं और इसको नजरंअदाज करने की भूल कर देते हैं ।
यह समस्या आपके पारिवारिक इतिहास के कारण भी हो सकती है, इसलिए यदि आपके घर-परिवार के किसी सदस्य को कभी हार्ट अटैक आया हो तो आप अपनी सेहत का ध्यान शुरू से ही रखें।
समय के साथ बढ़ती उम्र भी हार्ट अटैक का एक कारण हो सकती है। महिलाओं में 50 साल से अधिक की उम्र और पुरुषों में 40 साल से अधिक उम्र में कार्डियक अरेस्ट की संभावना काफी बढ़ जाती है।
यह एक अहम कारण हो सकता है कि आने वाले भविष्य में आपको हार्ट अटैक जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आप अपने कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखें, जिससे आप हार्ट अटैक वाले जोखिम कम करने में सफल होंगे। इसके लिए आप अपनी डाइट में फाइबर की मात्र को बढ़ा सकते हैं, साथ ही रोजाना व्यायाम करें। "जानिए कोलेस्ट्रॉल क्या है? लक्षण, कारण और कोलेस्ट्रॉल स्तर की जानकारी"
अगर आपको डायबिटीज की समस्या है और आप इसको नियंत्रण में नहीं रख पाते हैं, तो यह आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकती है। डायबिटीज के कारण आपका ब्लड शुगर लेवल घटता और बढ़ता रहता है जो कि हार्ट अटैक का मुख्य एक कारण बन सकता है। इससे संबंधित जानकारी यहाँ पढ़ें "Diabetes in Hindi: शुगर क्या है? जानिए मधुमेह के लक्षण, कारण और बचाव !"
जिस भी इंसान को रक्तचाप की समस्या है तो उसको हार्ट अटैक आने का जोखिम बना रहता है। जब आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो दिल पर ज्यादा काम करने का भी जोर पड़ता है और उसे सही से काम करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से दिल की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने लगता है और दिल का दौरा पड़ने खतरा ओर भी बढ़ जाता है।
यह तो सभी जानते हैं कि सिगरेट सेहत के लिए कितनी ज्यादा हानिकारक है और इसका सेवन हार्ट अटैक की संभावना बढ़ा देता है। ध्रूमपान करने से दिल तक जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आने लग जाती है और खून के थक्कों के बनने का खतरा भी बढ़ जाता है।
दिल के दौरे का निदान उनके लक्षणों को देखकर किया जाता है और उसके हिसाब से कुछ परीक्षणों की मदद से पुष्टि भी की जाती है।
इसको इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) भी कहते है। दिल से गुजरने वाले विद्युत संकेतों या गतिविधि को नापता है। यह एक ग्राफ पर रिकॉर्ड होता है, जिसमें तरंगों के विभिन्न पैटर्न नज़र आते हैं।
यह दिल में मौजूद एंजाइमों को रक्त परीक्षण के माध्यम से देखने में मदद करता है, जो दिल के दौरे के दौरान बढ़े हुए हो सकते हैं।
हार्ट अटैक के समय और बाद में होने वाला एक एक इमेजिंग परीक्षण है। जिसमें डॉक्टर आपके दिल की प्रक्रिया के बारे में बताता है कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
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जब दिल 45 % से ज्यादा धड़क रहा होता है तो वह माइल्ड हार्ट अटैक (mild heart attack) कहलाता है लेकिन वहीं अगर वहीं दिल 45 % से कम धड़क रहा होता है तो वह मेजर हार्ट अटैक (major heart attack) कहलाता है। दिल के दौरे के समय दिल के धड़कन की गति तेज़ हो जाती है। दिल का दौरा माइल्ड हो या मेजर दोनों ही स्थिति में इंसान की जान जाने का खतरा बना रहता है।
आप अपनी दिल की सेहत को बेहतर करने और उसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप घर में मौजूद चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन चीजों के इस्तेमाल से हार्ट अटैक के जोखिमों को भी काम कर सकते हैं।
रोज़ 2 से 3 कच्चे लहसुन की कली खाने से आपके दिल की सेहत में सुधार आता है साथ ही यह हार्ट अटैक के जोखिम को भी कम कर देता है।
अगर आप रोज गुनगुने पानी में नीबू और शहद डालकर पीते हैं, तो इससे भी आपके दिल की सेहत अच्छी बनी रहती है।
1 चम्मच अलसी के बीज को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो इससे आपके हृदय की सेहत बेहतर बनी रहती है।
हल्दी में कर्क्युमिन मौजूद होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की मदद से रक्त के थक्के को बनने से रोकने में मददगार साबित होता है।
अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रक्त वाहिकाओं को साफ करने में मददगार होती है, साथ ही रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में भी मदद करती हैं।
अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार हैं।
मेथी दाना का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे हार्ट अटैक का रिस्क कम हो जाता है।
अगर आप सही मात्रा में पानी का सेवन करते हैं तो रक्त प्रवाह सही रहता है, जिससे दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है।
इसमें मोनोअनसैचुरेटेड (Monounsaturated) फैटी एसिड्स मौजूद होता हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हुए दिल की सेहत सुधारने में लाभदायक होता है।
इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड (polyunsaturated) फैटी एसिड्स होने के कारण यह दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता हैं।
यदि आप इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अपने लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव करते हैं, तो अपने दिल की सेहत के साथ-साथ अपनी खुद की सेहत को भी बेहतर बना पाएंगे!
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