लाल रक्त कोशिकाएँ यानी रेड ब्लड सेल्स हमारी अस्थि मज्जा (bone marrow) में बनती हैं और हमारे शरीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा करती हैं। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व होता है जो कि शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन को पहुँचाने में मदद करता है और शरीर के टिश्यू से CO2 को फेफड़ों के माध्यम से शरीर में वापस लाकर, खून को विषमुक्त करने में सहायता करता है। आरडीडब्लू टेस्ट व्यक्तिगत रेड ब्लड सेल्स के आकार और आकृति का विश्लेषण करके या बताने में मदद करते हैं कि एनीमिया या फिर विभिन्न खून से जुड़े कोई विकार है या नहीं साथ ही निदान की पुष्टि भी करता है।
आरडीडब्ल्यू एक ब्लड टेस्ट है, जिसमें मरीज के खून का नमूने में रेड ब्लड सेल्स के आकार और माप का विश्लेषण किया जाता है। यह नमूने में एकत्रित सबसे बड़ी और सबसे छोटी लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना करता है। सामान्य लाल रक्त कोशिकाएँ, जिन्हें एरिथ्रोसाइट्स कहा जाता है, स्टेपल डिस्क के आकार की होती हैं, जिनका व्यास 6।2 से 8।2 माइक्रोमीटर (Micrometer) के बीच का हुआ करता है। अगर आरडीडब्ल्यू टेस्ट (RDW Test) के परिणाम उच्च हैं, तो यह नमूने में क्ल्लेक्ट रेड ब्लड सेल्स के आकार और माप में भिन्नता को भी दर्शाता है, जो कि शरीर में संभावित असामान्यताओं का संकेत होता है।
RDW लेवल की सही समझ के लिए आप CBC Test in Hindi भी पढ़ सकते हैं।
आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट मुख्य रूप से एनीमिया, और विशेष रूप से सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) के निदान की पुष्टि के लिए निर्धारित किया जाता है।
एनीमिया के सिवा, डॉक्टर निम्नलिखित कुछ बीमारियों की पुष्टि के लिए भी आरडीडब्ल्यू टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं:-
डायबिटीज यानी मधुमेह
लिवर की बीमारी
दिल से जुड़ी समस्या
कैंसर की बीमारी
थैलेसीमिया की समस्या
अगर आपको ब्लड शुगर से जुड़ी जांच करनी हो तो HbA1c टेस्ट भी महत्वपूर्ण है।
अगर किसी के मन में उन लक्षणों के बारे में चिंता हैं जो आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट की आवश्यकता को दर्शाते हैं, तो उन लक्षण में शामिल हैं:-
चक्कर
कमज़ोरी
थकान
एनीमिया के लक्षण दिखाई देना (RDW का सीधा संबंध एनीमिया से है, एनीमिया के लक्षण जरूर पढ़ें।)
लो आयरन लेवल
रक्त विकारों के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति (Genetic predisposition to blood disorders)
एचआईवी या क्रोहन रोग की जैसी पुरानी बीमारियां
चोट या आघात के बाद अत्यधिक खून की हानि होना
डॉक्टर लक्षणों के आधार पर पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) करवाने की सलाह देते हैं और फिर रिपोर्ट के आधार पर आगे की जटिलताओं का पता लगाएगा और फिर इलाज की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
शरीर में आयरन लेवल समझने के लिए Ferritin Test भी किया जाता है।
आरडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) के एक भाग के रूप में होता है। बेहतर सटीकता के लिए, डॉक्टर या लैब तकनीशियन व्यक्ति का ब्लड सैंपल लेने से पहले कम से कम 8 घंटे तक उनको उपवास रखने के लिए कहते हैं। तकनीशियन टेस्ट के दौरान व्यक्ति की नस से खून का नमूना लेते हैं और फिर उसे आगे लैब में जाँच के लिए भेज देते हैं।
ब्लड टेस्ट में MPV और RDW अक्सर साथ में समझे जाते हैं, MPV टेस्ट के बारे में भी जानें।
आरडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण की रिपोर्ट आने में आमतौर पर 12 से 24 घंटे का समय लगता हैं। आरडीडब्ल्यू एसडी सामान्य सीमा 12.2 से 16.1% और महिलाओं और पुरुषों में 11.8 से 14.5% होती है। वैसे तो, हाई लेवल एनीमिया, पोषण संबंधी कमियों या संक्रमण आदि जैसे समस्याओं की संभावना का आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट संकेत देता है।
हालांकि, आरडीडब्ल्यू रक्त परीक्षण रिपोर्ट स्वतंत्र रूप से निदान करने में असफल है। कभी-कभी सामान्य सीमा वाले रोगियों में अंतर्निहित विकारों (Underlying disorders) का भी निदान किया जाता है। अधिक पूर्ण निदान के लिए, आपका डॉक्टर मीन कॉर्पस्कुलर वॉल्यूम (MCV) सहित अन्य परीक्षणों की राय दे सकते हैं।
RDW की तरह MCHC टेस्ट भी ब्लड सेल्स की जानकारी देता है।
अगर व्यक्ति के आरडीडब्ल्यू टेस्ट के परिणाम असामान्य रूप से उच्च आते हैं, तो वह पोषक तत्वों की कमी का यह एक बड़ा संकेत दे रहे होते हैं, जिनमें फोलेट, आयरन या विटामिन बी12 आदि जैसे पोषक तत्वों की कमी शामिल हैं। डॉक्टर परिणामों के आधार पर, माइक्रोसाइटिक (Microcytic) या मैक्रोसाइटिक एनीमिया (Macrocytic Anemia) का निदान कर सकता है, जहाँ लाल रक्त कोशिकाएँ सामान्य से असामान्य रूप से छोटी या बड़ी होती हैं। सटीक निदान के लिए, डॉक्टर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा निर्धारित करने के लिए आरडीडब्ल्यू टेस्ट (RDW Test) के परिणामों की तुलना मीन कॉर्पस्कुलर वॉल्यूम (Mean Corpuscular Volume - MCV) टेस्ट के परिणामों से करते हैं।
RDW लेवल कई बार विटामिन B12 की कमी का संकेत भी देता है।
उच्च आरडीडब्ल्यू स्तरों के विपरीत, निम्न परीक्षण परिणाम शरीर में किसी भी जटिलता से जुड़े नहीं होते हैं। इसलिए, यदि आपका आरडीडब्ल्यू स्तर सामान्य से कम है, तो आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है।
उच्च या निम्न स्तरों के सिवा, कभी-कभी उच्च मीन कॉर्पस्कुलर वॉल्यूम (MCV) स्तरों के साथ सामान्य आरडीडब्ल्यू रिजल्ट मरीज में अप्लास्टिक एनीमिया (aplastic anemia) का संकेत हो सकता हैं। अप्लास्टिक एनीमिया एक रक्त विकार है जो कि अस्थि मज्जा (bone marrow) में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को रोकता है।
इसके अलावा, एक उच्च आरडीडब्लू लेवल पर कई अन्य अंडरलाइंग डिसऑर्डर्स का इंडिकेशन दिया जाता है:-
ऑटोइम्यून रोग (जैसे ल्यूपस, रुमेटोएड आर्थराइटिस, आदि)
न्यूमोनिया
शराब का सेवन
किडनी की बीमारी
क्रोनिक लिवर की बीमारी
स्ट्रोक
वाल्वुलर रोग
रक्त विकार
कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर
कभी-कभी, कुछ नॉन-डिजीज फैक्टर्स का भी औसत डीआरडब्लू टेस्ट नतीजों को बदला जा सकता है। रक्त ट्रांसफ्यूजन अक्सर एक प्रमुख योगदान कारक होता है।
RDW बढ़ने का एक कारण खून की कमी यानी एनीमिया भी हो सकता है।
जब तक आपका आरडीडब्लू स्तर किसी पुरानी बीमारी या वंशानुगत स्थिति के कारण न हो, तो जीवनशैली और आहार में बदलाव करके आप इसे लगातार कम करने में मदद कर सकते हैं। अगर आपको उच्च आरडीडब्लू स्तर होने का खतरा लग रहा है, तो आप नीचे बाताएं हुए सुझावों का पालन कर सकते हैं:-
यह अक्सर देखा गया है कि पोषक तत्वों की कमी के कारण आरडीडब्लू का स्तर कम हो सकता है। इसलिए कहा जाता हैं कि आयरन, फोलेट और विटामिन बी12 की गंभीर कमी के कारण ही लाल रक्त कोशिकाओं के आकार और आकृति में परिवर्तन आने की संभावना हो सकती हैं। ऐसे में, आहार में उचित पोषक तत्वों को शामिल करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
अध्ययनों से यह पता चला है कि धूम्रपान करने वालों में उच्च आरडीडब्लू लेवल होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके सिवा, शराब अनजाने में रक्तप्रवाह में लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने लग सकती है। इसलिए कहा जाता है कि इन दोनों के सेवन से बचें और एक स्वस्थ जीवन जीएं।
एक अध्ययन 17,000 प्रतिभागियों पर किया गया था और नींद के पैटर्न में बदलाव के कारण आरडीडब्लू का लेवल काफी कम हो सकता है, इससे यह बात सामने आई। इसलिए कहा जाता है कि अच्छी, पर्याप्त और कम से कम भी 7 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें, जिससे आप बिमारियों से बचाव कर सकें।
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि आलसी और गतिहीन जीवनशैली जीने वाले लोगों में आरडीडब्लू का स्तर ज़्यादा होता है। इसलिए, इसके बजाय, इस स्तर को कम करने के लिए सक्रिय रहने और व्यायाम करने पर ध्यान दें।
एक साथ सभी ब्लड और हेल्थ चेकअप के लिए फुल बॉडी टेस्ट भी करवाना अच्छा रहता है।
आरडीडब्ल्यू का स्तर कई कारणों से बढ़ सकता है। इसलिए, घबराने और चिंतित होने से पहले, अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी लें। आदर्श रूप से, समय पर और उचित चिकित्सा हस्तक्षेप से, आरडीडब्ल्यू के स्तर को नियंत्रित करना संभव है। अगर आपको इससे संबंधित कोई चिंता है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।