फेरिटिन टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है जो शरीर में आयरन के लेवल को पता लगाने में मदद करता है। यह एक प्रोटीन होता है जो कि व्यक्ति के शरीर में आयरन को संग्रहीत करता है। आइए आज के ब्लॉग के ज़रिए समझते हैं कि फेरिटिन टेस्ट क्या है और क्यों किया जाता है? साथ ही इससे जुड़ी खास जानकारियां!
फेरिटिन टेस्ट शरीर में फेरिटिन लेवल की माप करने में मदद करता है, जो शरीर की आयरन संचय क्षमता का मापन करने में सहयोग करता है। यह टेस्ट कुछ स्थितियों के निदान और मूल्यांकन में भी मददगार रहता है। आइए जानते हैं यह कौन-सी स्थितियां है:-
जब किसी व्यक्ति के शरीर में फेरिटिन लेवल कम होने लगता है तब खून की कमी का निदान करने में इस टेस्ट को करवाने की सलाह दी जाती है। यदि कमजोरी और थकावट लंबे समय से बनी हुई है, तो Anemia Symptoms लेख से एनीमिया के संकेत पहचानें।
अत्यधिक या अप्राप्त फेरिटिन लेवल होने के कारण व्यक्ति को लिवर की समस्यां यानी रोगों का सामना करना पड़ सकता है। लिवर हेल्थ से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी की वजह से भी फेरीटिन बढ़ सकता है, जानिए Importance of SGOT and SGPT Tests for Liver Health
कुछ इन्फेक्शन भी फेरिटिन लेवल को बढ़ा सकते हैं जिसमें शामिल है टायफाइड या मलेरिया आदि.
फेरिटिन टेस्ट शरीर के अंग के नुकसान का मूल्यांकन करने में मददगार है, जैसे कि किडनी, प्रोस्टेट, और दिल की बीमारियाँ। अगर शरीर में फेरिटिन लेवल असामान्य आता है, तो डॉक्टर को उचित निदान और उपचार का मार्गदर्शन करने में मदद करता है। शरीर में सूजन या इन्फेक्शन के संकेतों को समझने के लिए CRP Test in Hindi लेख भी उपयोगी रहेगा।
फेरिटिन टेस्ट से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले डॉक्टर की सलाह से फेरिटिन टेस्ट करवाएं। वह आपको आपके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार टेस्ट की आवश्यकता के बारे में संबंधित जानकारी देंगे। अपने डॉक्टर से बिमारियों और दवाइयों के इतिहास के बारे में खुलकर बात करें। कुछ बीमारियाँ या दवाइयां फेरिटिन लेवल को प्रभावित कर सकती हैं, जिस वजह से टेस्ट रिजल्ट भी प्रभावित हो सकते हैं। अगर आप उपवास करते हैं किसी भी तरह के रसायनिक पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, डॉक्टर को इसकी जानकारी ज़रूर दें क्योंकि इन तत्वों के इस्तेमाल से फेरिटिन लेवल पर असर पड़ सकता है। टेस्ट के लिए अस्पष्ट ब्लड सैंपल के बदले स्पष्ट ब्लड सैंपल देने की आवश्यकता हो सकती है।
फेरिटीन टेस्ट के दौरान कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें। टेस्ट करवाने के लिए डॉक्टर द्वारा निर्देशों को अच्छी तरह से समझें और उनका पालन करें। अगर इसमें उपवास, दवाइयों के सेवन की समयसीमा तय की गयी है या फिर खाद्य सीमा बताई गयी है तो उनका पालन करें। किसी आपातकालीन संक्रमण होने का संदेह हो, तो टेस्ट करवाने के लिए उचित सुरक्षा उपायों का पालन ज़रूर करें। अगर आपके मन में कोई सवाल या संदेह हो, तो टेस्ट के पहले अपने डॉक्टर बात करके, उनकी सलाह लें। टेस्ट के दौरान, टेस्ट से जुड़े निर्देशों का पालन करें और उनके साथ सहयोग करें। सही ब्लड सैंपल के संग्रह और प्रक्रिया के लिए व्यक्ति का सहयोगी होना ज़रूरी है। अगर किसी भी विशेष समस्या या संदेह के के लिए टेस्ट करवा रहे हैं, तो डॉक्टर को ज़रूर सूचित करें और अपने मेडिकल इतिहास को सही तरीके से डॉक्टर के संग साझा करें।
फेरिटिन परीक्षण के बाद, कुछ बातों का ध्यान रखें। अपने डॉक्टर के साथ रिजल्ट की विस्तारपूर्वक चर्चा करें। फेरिटिन लेवल को समझे और उसके अनुरूप अपने स्वास्थ्य पर पड़े रहे प्रभाव के बारे में बताएं। अगर फेरिटिन लेवल असामान्य हैं, तो डॉक्टर आपके लिए उपचार योजना का बनाते हैं। जिसमें दवाइयां, आहार और जीवनशैली में बदलाव करना शामिल होता हैं। डॉक्टर द्वारा उपचार योजना को सख्ती से फॉलो करें। यह आपके फेरिटिन लेवल को संतुलित रखने के साथ स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा।
फेरिटिन टेस्ट के रिजल्ट से फेरिटिन लेवल को मापते हैं। फेरिटिन रिजल्ट की नॉर्मल रेंज के अंदर या अधिक हो सकता । नॉर्मल रेंज व्यक्ति से व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है और यह व्यक्ति के उम्र, लिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य स्थिति के कारकों पर निर्भर करता है।
महिलाओं के लिए फेरिटिन की नॉर्मल रेंज 12-150 mcg/L के बीच मानी जाती है।
पुरुषों के लिए फेरिटिन की नॉर्मल रेंज 30-400 mcg/L के बीच मानी जाती है।
फेरिटिन ब्लड लेवल कम होने के कई कारण मौजूद हो सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से कुछ अहम मुख्य कारणों के बारे में :-
फेरिटिन के कम होने का एक अहम कारण एनीमिया हो सकती है। जो कि कम ब्लड सेल्स के कारण होता है। अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में कम आयरन संचय, मौल्य की कमी, थालसीमिया, और इंफेक्शन आदि शामिल है जो फेरिटिन के कम होने का कारण बन सकते हैं।
आयरन की कमी फेरिटिन के कम होने की एक अहम वजह होती है। शरीर में आयरन की कमी के कारण, फेरिटिन लेवल भी गिरने लग सकता है।
किसी संबंधित चिकित्सा प्रक्रिया की वजह से फेरिटिन कम होने लग सकता है। उदाहरण के तौर पर रक्त सुरक्षा दान या फिर आयरन के संपर्क में आने वाली आपूर्ति की कमी की वजह से फेरिटिन कम होने लग सकता है।
अतिरिक्त कारणों की बात करें तो विटामिन सी, कैल्शियम, रासायनिक पदार्थों, थाइराइड की समस्या, शराब का सेवन, अस्वस्थ आहार, और गर्भावस्था आदि चीज़े शामिल हैं। फेरीटिन की गड़बड़ी अक्सर थायरॉइड समस्याओं से जुड़ी हो सकती है, ऐसे में Thyroid in Hindi ब्लॉग आपकी मदद कर सकता है।
हाई फेरिटिन ब्लड लेवल के कई कारण मौजूद हैं। आइए जानते और समझते हैं कि वह कौन-से कारण है जिसकी वजह से हाई फेरिटिन ब्लड लेवल हो सकता है:-
शरीर में ज्यादा आयरन संचय होने के कारण फेरिटिन लेवल बढ़ने लग जाता है। यह अक्सर समस्या लंबे समय तक आयरन के अतिरिक्त सप्लीमेंट्स लेने की वजह से होती है। विटामिन सी की अधिक मात्रा सेवन करना या अन्य आयरन संचय के रूप में भी फेरिटिन लेवल को बढ़ा देता है।
संक्रमण, इन्फ्लेमेटरी बोवेल डिजीज, एक्सेमा, अस्थमा, रेक्टल कैंसर आदि कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में फेरिटिन लेवल को बढ़ा सकता है। वही कोलाइटिस अवस्था में फेरिटिन लेवल को बढ़ा सकता हैं। शरीर में सूजन आने के कारण भी फेरिटिन लेवल को बढ़ा सकता हैं।
अत्यधिक शराब का सेवन फेरिटिन लेवल को बढ़ाता है।
लिवर की बीमारी में भी फेरिटिन लेवल बढ़ सकता है। सिरोसिस, हेमोच्रोमेटोसिस, या लिवर कैंसर ऐसी बीमरियां है जिसमें फेरिटिन लेवल बढ़ जाता हैं।
अगर शरीर में खून की कमी की जांच करवा रहे हैं, तो CBC Test ब्लॉग में इसकी पूरी जानकारी जरूर पढ़ें।
अन्य कारणों की बात करें तो में शरीर के खून ट्रांसफ्यूजन, थाइराइड, विटामिन बी12 की कमी, और नियमित ब्लड डोनेट करने से भी फेरिटिन लेवल बढ़ सकता है। शरीर में विटामिन्स की कमी से भी फेरीटिन स्तर प्रभावित हो सकता है, ऐसे में विटामिन बी12 की कमी वाला ब्लॉग जरूर देखें।
हाई फेरिटिन लेवल या लो फेरिटिन लेवल होने पर, डॉक्टर की सलाह लेकर आवश्यक टेस्ट करवाएं। जिसकी मदद से स्थिति के हिसाब से इलाज शुरू किया जा सकें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।