Anti-CCP टेस्ट यानी एंटीबॉडी साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड टेस्ट. हमारे शरीर में एक तरह की ऑटो एंटीबॉडी मौजूद होती है जो कि ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर मतलब कि ऑटोइम्यून बीमारी की वजह बनती है। वैसे तो बहुत तरह के ऑटोइम्यून डिसऑर्डर मौजूद होते हैं, उनमें से एक रूमेटाइड आर्थराइटिस हैं। जिसको आम भाषा में गठिया बोला जाता है। यह भी एक तरह का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है।
एंटी-सीसीपी परीक्षण एक प्रकार का रक्त परीक्षण है जो किसी व्यक्ति के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी चक्रीय सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड (एंटी-सीसीपी) की मात्रा निर्धारित करने में मदद करता है। एंटी सीसीपी टेस्ट से गठिया जैसी गंभीर बीमारी के बारे में पता लगा सकते हैं और साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता है कि गठिया कितनी मात्रा में है. एंटी-सीसीपी टेस्ट की सबसे अच्छी बात यह है कि इस टेस्ट की मदद से पता लगाया जा सकता है कि भविष्य में गठिया या इससे जुड़ी कोई बीमारी होने की कितनी संभावना है। वैसे तो इस बीमारी के लक्षण हर व्यक्ति के अंदर अलग-अलग नज़र आते हैं।
एंटी-सीसीपी परीक्षण के बाद हमेशा रुमेटॉइड फैक्टर परीक्षण किया जाता है, जो एक रक्त परीक्षण है जो व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा निर्मित प्रोटीन की जांच करता है। व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इन जर्म्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी नाम का प्रोटीन तैयार करता है, वह व्यक्ति को बीमार भी कर सकता हैं।
एंटी-सीसीपी परीक्षण रिपोर्ट की सामान्य सीमा 0.5 यू/एमएल से कम होती है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में 0.5 यू/एमएल से ज़्यादा एंटी-सीसीपी मौजूद है, तो इसका परिणाम सकारात्मक होता है और अगर यह कम है, तो इसे नकारात्मक माना जाता है।
यदि एंटी-सीसीपी परीक्षण और रुमेटी कारक परीक्षण दोनों के परिणाम सकारात्मक हैं, तो व्यक्ति को गठिया या कोई अन्य संबंधित बीमारी हो सकती है जो शरीर में दर्द और सूजन का कारण बनती है।
यदि एंटी-सीसीपी परीक्षण सकारात्मक है और रुमेटी कारक परीक्षण नकारात्मक है, तो व्यक्ति को गठिया या इससे संबंधित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। मगर समय से पहले या फिर शुरुआती चरण में ही इस समस्या का पता चल जाता है या फिर आगे आने वाले समय में इस समस्या की बढ़ने की सभावना भी बढ़ सकती है. अगर दोनों ही टेस्ट नकारात्मक आते हैं, तो व्यक्ति के शरीर में गठिया या फिर उससे जुड़ी बीमारी मौजूद नहीं है।
एंटी-सीसीपी, आमतौर पर किसी व्यक्ति के शरीर में एंटी-सीसीपी की मात्रा बहुत कम होती है। लेकिन जब शरीर में गठिया या उससे संबंधित कोई बीमारी होने की संभावना हो, तो, तो व्यक्ति का शरीर एंटी सीसीपी को ज्यादा बनाने लग जाता है. इसी वजह से एंटी सीसीपी की मात्रा शरीर में बढ़ने लग जाती है।
एंटी-सीसीपी टेस्ट खासतौर पर किसी व्यक्ति के शरीर में रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या का पता लगाने के लिए किया जाता है और यह टेस्ट कुछ स्थितियों में भी किया जा सकता है। यह क्या है? आइए जानते हैं कि वह स्थिति क्या है:-
बीमारी की गंभीरता को पहचान करने में मदद करता है, जिससे सही ट्रीटमेंट प्रोवाइड किया जा सकें।
अगर अन्य रुमेटाइड आर्थराइटिस टेस्ट से मनचाहा रिजल्ट नहीं मिलता है तब इस टेस्ट को करवाया जा सकता है।
रुमेटाइड आर्थराइटिस और आर्थराइटिस के अन्य प्रकारों के बारे में जानने के लिए साथ ही के आर्थराइटिस प्रकारों के बीच का अंतर पता लगाने के लिए भी इस टेस्ट को करवाया जाता है।
हालाँकि, रुमेटी कारक परीक्षण के साथ-साथ एंटी-सीसीपी टेस्ट भी करवाना उचित है। जिन लोगों में इंफ्लामेट्री आर्थराइटिस के हिस्ट्री रह चुकी होती है, मगर अभी तक इलाज नहीं करवाया गया हो, तो रुमेटाइट फैक्टर टेस्ट नकारात्मक आ सकता है. लेकिन लक्षण रुमेटाइड आर्थराइटिस की ओर ही इशारा करते हैं तो एंटी-सीसीपी टेस्ट को एक फॉलो-अप टेस्ट के रूप में भी करवाया जा सकता है। रुमेटाइड आर्थराइटिस के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण कुक इस प्रकार हैं:-
बांह और हाथों के जोड़ों में दर्द होना
हाथ और बांह में सूजन आना
शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द रहना (कंधों, गर्दन, कूल्हों और घुटनों)
जोड़ों में सुबह के समय अकड़न जसा लगना
बुखार
थकान
अस्वस्थ महसूस होना
स्किन खासतौर पर भौंहों पर गांठ होना
Anti-CCP टेस्ट रुमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी बीमारी को ठीक करने में मददगार है. इस टेस्ट की मदद से मरीज के सही स्थिति का पता लगाने मदद मिलती है, जिससे डॉक्टर को सही इलाज चुनने में मदद मिलती है।
एंटी-सीसीपी टेस्ट की मदद से गठिया या इससे जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट रक्त में एंटी-सीसीपी की मौजूदगी का पता लगाने में मददगार है। जो व्यक्ति के शरीर में गठिया के होने की संभावना का संकेत देता हैं।
गठिया की बीमारी के कई प्रकार होते है जो कि एंटी सीसीपी टेस्ट की मदद से जानने जा सकते हैं क्योंकि अलग-अलग अर्थराइटिस की समस्या के लिए अलग-अलग इलाज का चुनाव किया जाता है।
एक प्रभावी उपचार योजना डॉक्टरों को आपका इलाज करने में मदद कर सकती है। एंटी सीसीपी टेस्ट के परिणाम के आधार पर ही डॉक्टर गठिया या उससे जुड़ी बीमारी के लिए के सही इलाज का चयन करते हुए उसकी तैयारी कर सकते है। अगर टेस्ट परिणाम सकारात्मक आते हैं तो रेट्रोक्टोर्य अर्थराइटिस (Retroarticular arthritis) में, तो मरीज की सही स्थिति का पता लगाकर, एक सही और प्रभावी इलाज की योजना तैयार करते हैं।
एंटी-सीसीपी परीक्षण के परिणामों से रोगी की स्थिति जानने में मदद मिल सकती है ताकि संक्रमण को समझा जा सके और उसे नियंत्रित करने के लिए प्रभावी योजना बनाई जा सके। उचित दवाइयां और सही ट्रीटमेंट प्लान से समस्या में रहत पी जा सकती है।
एंटी-सीसीपी परीक्षण जोड़ों के संक्रमण के इलाज में मदद करता है। टेस्ट की मदद से समस्या कि गंभीरता के बारे में जानते हुए, सही इलाज की योजना तैयार की जाती है. टेस्ट की मदद से यह भी पता चल जाता है कि कुछ अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है या फिरू नहीं।
एंटी-सीसीपी टेस्ट के लिए उपवास की आवश्यकता नहीं है।
एंटी-सीसीपी परीक्षण में एसएसटी ट्यूब (SST Tube) से रक्त का नमूना लिया जाता है।
जिस दिन टेस्ट कराया जाता है उसी दिन टेस्ट की रिपोर्ट मिल जाती है ।
अगर कोई दवाई और सप्लीमेंट का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर को इस बात की जानकारी टेस्ट से पहले दें, क्योंकि यह सब टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है।
जोड़ों में दर्द और सूजन होना,
जोड़ों और पैर के निचले हिस्से में सूजन होना,
जोड़ों में सुबह के समय जकड़न होना,
हल्काबुखार होना
थकान रहना
एंटी-सीसीपी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जो कि गठिया या उससे जुड़ी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद ज़रूरी माना गया है। यह गठिया या उससे जुड़ी जैसी बीमारियों का पता लगाने में मदद करता है और व्यक्ति की बीमारी की सीमा और उपस्थिति के बारे में जानकारी देता है। यह टेस्ट अक्सर रुमेटॉइड फैक्टर टेस्ट के साथ किया जाता है। अगर व्यक्ति के जोड़ों में दर्द, सूजन, सुबह की अकड़न, बुखार, थकान और कमज़ोरी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और अगर एंटी-सीसीपी टेस्ट की सलाह दी जाए, तो यह टेस्ट भी करवाना चाहिए।
जोड़ों में दर्द है तो यह कही न कही जैसे गठिया या उससे जुड़ी जैसी बीमारियों के लक्षण का इशारा हो सकता है इसलिए डॉक्टर से सलाह ले. अगर एंटी-सीसीपी टेस्ट का सुझाव दें, तो यह टेस्ट भी ज़रूर करवाएं।
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