हमारा शरीर विटामिन और मिनरल्स से चलता है और किसी भी एक विटामिन या मिनरल्स के कम होने के कारण कोई न कोई समस्या पैदा होने लग जाती है, इसलिए उम्र के लोगों के लिए यह ज़रूरी है. आज के ब्लॉग हम विटामिन ए ब्लड टेस्ट के बारे में बात करेंगे कि यह टेस्ट क्यों ज़रूरी है, कैसा किया जाता है, टेस्ट पहले और बाद में रखे जानी वाली सावधानिय।
विटामिन ए टेस्ट को रेटिनॉल टेस्ट (Retinol Test) भी कहा जाता है। यह टेस्ट शरीर में विटामिन ए के लेवल का पता लगाने में मदद करता है। विटामिन ए की कमी और अधिकता, दोनों की जांच करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। विटामिन ए वसा टिश्यू और लिवर में संग्रहित होता है। विटामिन ए शरीर में निम्न के चीजों के लिए बहुत जरूरी है:-
हड्डियों के विकास के लिए ज़रूरी है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के ठीक से कार्य करने में मदद करता है।
आँखों में फोटोरिसेप्टर के उत्पादन में सहयोग करना।
त्वचा को ठीक रखने में सहायक है।
श्लेष्मा झिल्लियों की परत को बनाए रखने मदद करता है, जैसे कि आँखों की सतह
एक स्वस्थ दृष्टि बनाए रखने में सहायक
व्यक्तियों में विटामिन ए की कमी बहुत ही कम देखने को मिलती है, वैसे यह आमतौर पर तभी देखने को मिलती है जब किसी व्यक्ति को आहार में लम्बे समय से विटामिन ए की मात्रा सही रूप से न मिल मिल रही हो। यह वसा के खराब अवशोषण या लिवर के विकार की वजह भी बन सकता है। वयस्कों में गंभीर शराब की लत भी एक कारण हो सकता है कि विटामिन ए की कमी होना।
विटामिन ए टेस्ट से साफ़ ज़ाहिर है कि यह शरीर में विटामिन ए की कमी को पता लगाने के लिए करवाया जाता है। विटामिन ए की कमी ज्यादातर वृद्धों और कुअवशोषण सम्बन्धी विकार ग्रस्त होते है। कुअवशोषण सम्बन्धी विकार का मतलब है, अग्नाशयशोथ (Pancreatitis), सेलिएक रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) होते हैं। विटामिन ए की कमी का दूसरी स्थिति शराब की लत हैं। विटामिन ए टेस्ट करवाने के लिए उन लोगों से भी कहा जा सकता है जिनको विटामिन ए की कमी होने का खतरा हो, जैसे कि गर्भवती महिलाएं और प्री स्कूल के बच्चे।
कंजक्टीवियल सेरोसिस (Conjunctival xerosis) की समम्स्या
विटामिन ए की कमी का सबसे पहला संकेत रतौंधी (Night blindness)
कम रोशनी में दिखाई न देना
बिटोट स्पॉट (Bitot Spot)
कॉर्नियल सेरोसिस (Corneal xerosis) की समस्या
कॉर्नियल स्काररिंग (Corneal Scarring) की समस्या
किरेटोमलेशिया या कॉर्निया का द्रवीकरण
विटामिन ए का टेस्ट विषाक्तता (Toxicity) के संकेतों का संदेह होने पर भी किया जा सकता है। विषाक्तता के अलग-अलग लक्षण कुछ इस प्रकार है:-
जी मिचलाना
उल्टी होना
दिखाई देने में परेशानी
हड्डियों का क्षतिग्रस्त या चोट लगना
बाल झड़ने की समस्या
लिवर की समस्या या क्षतिग्रस्त होना
विटामिन ए की विषाक्तता, विटामिन ए के सप्लीमेंट को अधिक मात्रा में सेवन करने से आती है। कुछ मामलों में यह आहार में ऐसा भोजन के सेवन से भी हो जाती है जिसमें विटामिन ए की अधिक मात्रा में मौजूद होता है।
विटामिन ए टेस्ट से पहले मरीज को 24 घंटे तक उपवास रखना होता है यानी खाना और पानी दोनों का सेवन ही वर्जित होता है। मरीज इस बात का विशेष ध्यान रखें कि विटामिन ए के टेस्ट से पहले शराब का सेवन न करें यह परिणाम पर असर डालता है साथी ही विटामिन ए लेवल असामान्य रूप से बढ़ सकता है। मरीज को अगर किसी भी प्रकार की कोई एलर्जी है और वह उसकी दवाई का सेवन कर रहें हैं, तो उसकी जानकारी डॉक्टर को ज़रूर दें, जिससे डॉक्टर उसके अनुसार ही टेस्ट की तैयारी से संबंधित निर्देश देंगे।
विटामिन ए टेस्ट के समय व्यक्ति की बांह की नस में सुई लगाकर खून का नमूना लिया जाता है। इस प्रक्रिया में हल्का सा दर्द हो सकता है। टेस्ट के बाद कुछ मरीजों में देखा गया है कि उनको हल्की सी कंपकपाहट या फिर इंजेक्शन की जगह पर नील पड़ जाता है। यह लक्षण जल्द ही ठीक हो जाते हैं, इसलिए कोई डरने वाली बात है।
विटामिन ए टेस्ट के लिए खून का सैंपल लेने की प्रकिया:-
सबसे पहले डॉक्टर आपकी बांह पर एक रबर बैंड बांधकर, नसों का उभरने का इंतज़ार करते हैं।
फिर जहाँ से खून लेना है, उस जगह को एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।
फिर डॉक्टर हाथ की नस में सुई लगाकर, खून का सैंपल के लिए ब्लड लेते हैं।
टेस्ट के लिए पर्याप्त खून निकालकर ट्यूब में कलेक्ट किया जाता है।
फिर जिस जगह से खून निकाला गया था, वहां पर बैंडेज लगाकर खून को रोक दिया जाता है।
विटामिन ए की सामान्य रेंज 50 से 200 mg/dL होती हैं। यह रेंज विभिन्न लैब के अनुसार भिन्न माप का प्रयोग करती हैं। सही और सटीक परिणाम के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
सामान्य से कम रेंज होने का साफ़ अर्थ है कि व्यक्ति में विटामिन ए की कमी हो रही है। यह कमी भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए न मिलने कि वजह से होती है। अगर भोजन से विटामिन ए के कम अवशोषण होने की वजह से विटामिन ए कि कमी हो सकती है। सामान्य से अधिक रेंज विटामिन ए की विषाक्तता को दर्शाती हैं।
अग्नाशय में सूजन होना
लिवर संबंधी समस्या
सिस्टिक फाइब्रोसिस की समस्या (एक प्राण घातक अनुवांशिक स्थिति होती है जिसमें पाचन तंत्र और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है)
सीलिएक डिजीज
गंभीर रूप से शराब की लत का शिकार होना
विटामिन ए के सप्लीमेंट का अधिक सेवन करना
विटामिन ए से प्रचूर भोजन का ज़रुरत से ज्यादा सेवन करना जैसी कि मछली।
टेस्ट के रिजल्ट और व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर ही एक उचित इलाज का चयन किया जाता है। विटामिन ए की कमी से बचने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाई का कोर्स कम्पलीट करें या फिर डाइट में बदलाव करें।
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