आज के समय में बदलती हुई जीवनशैली के कारण महिलाओं में बहुत सी समस्या पैदा होने लगी है। इस वजह कई बार कुछ समस्या बहुत गंभीर होती है जो सेहत को बहुत ही नुकसान पहुँचा सकती है। आज इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे हम कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है, इसके कारण, लक्षण, इलाज और बचाव।
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होता है जिसे बच्चेदानी का कैंसर,गर्भाशय कैंसर (Uterine cancer) भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर होने की पीछे एक वायरस है जिसे पैपिलोमा वायरस (HPV) कहते हैं। गर्भाशय में मौजूद सेल्स की अनियमित वृद्धि सर्वाइकल कैंसर होने का कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर महिला के शरीर में धीरे-धीरे ही विकसित होता है। वैसे इस कैंसर के शुरुआती लक्षण नहीं नज़र आते हैं, मागर समय के साथ कुछ लक्षण शरीर में नज़र आ सकते हैं। आइए जानते हैं सर्वाइकल कैंसर लक्षणों के बारे में
सर्वाइकल कैंसर से ग्रस्त महिला अपने शरीर में नीचे बताए हुए लक्षणों का अनुभव हो सकता है:-
सेक्स के समय दर्द
पीरियड्स के बाद भी ब्लीडिंग होना
सेक्स के बाद खून आना
मीनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो जाना
तेज गंध वाला योनि स्राव
पैरो में सूजन आ जाना
सामान्य समय से अधिक पीरियड्स का होना
वजाइअनल डिस्चार्ज होना
पेशाब के समय दर्द होना
समय से पहले पीरियड्स का आना
योनि से सामान्य से ज्यादा बदबू का आना
अचानक से वजन का कम हो जाना
अगर आप इनमें से किसी भी 2 से 3 लक्षणों का अनुभव कर रही है तो अपने चिकित्सक से जल्द मिलें। सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। इसकी पहचान और इलाज के लिए कई प्रकार की जाँचों की जरूरत होती है। "CEA Test in Hindi: जानिए सीईए टेस्ट के बारे में विस्तार से !"
सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारणों का आज तक पता नहीं चल पाएं, लेकिन कुछ सामान्य कारण है जो सर्वाइकल कैंसर की वजह है:-
मानव पैपिलोमावायरस संक्रमण (एचपीवी-HPV)
धूम्रपान और तंबाकू उपयोग
आनुवंशिक कारक
कमजोर इम्यून सिस्टम
हार्मोनल कारक
दीर्घकालिक मौखिक गर्भनिरोधक उपयोग
एकाधिक सेक्सुअल संबंध
समय से पहले सेक्सुअल गतिविधि
नियमित पैप स्मीयर टेस्ट की कमी
सामाजिक-आर्थिक कारक
सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए स्टेज यानी चरण का पता होना जरूरी है। इससे इलाज का सबसे प्रभावी विकल्प का चयन करते हुए इलाज में मदद मिल सकती है। कैंसर का चरण पता लगने के लिए पीछे यह भी उद्देश्य होता है कि कैंसर कितनी दूर तक फैल चुका है। क्या इससे बच्चेदानी के मुख के आस-पास के अंग भी प्रभावित हो चुके हैं या नहीं। सर्वाइकल कैंसर को 4 स्टेज में बांटा गया है।
स्टेज 0: असामान्य सेल्स मौजूद होती है।
स्टेज 1: इस चरण में कैंसर की सेल्स गर्भाशय ग्रीवा के सतह पर मौजूद होती हैं।
स्टेज 2: कैंसर गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से आगे बढ़ चुका होता है।
स्टेज 3: इस चरण में कैंसर सेल्स योनि के निचले भाग या श्रोणि की दीवारों पर मौजूद होते हैं।
स्टेज 4: कैंसर मूत्राशय या मलाशय को प्रभावित कर चुका होता है और कुछ मामलों में यह श्रोणि से बाहर भी आ सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के आप कुछ उपायों की मदद ले सकते हैं:-
सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारणों में से एक एचपीवी (HPV-Human Papillomavirus) वायरस है। एचपीवी के बचाव के लिए वैक्सीनेशन आप इस संक्रमण से अपना बचाव कर सकती हैं।
स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर को पहचानने में मदद मिलती है। इस तरह की जाँचें नियमित तौर पर कराना बहुत महत्वपूर्ण है। यह जांच खासकर तौर पर 30 वर्ष से अधिक वाली महिलाओं को करानी चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं जो आपको इस वायरस को दूर रखने में मदद कर सकती है। आप स्वस्थ आहार के साथ नियमित रूप से व्यायाम भी करें और नियमित स्वास्थ्य चेकअप भी करवाएं।
एचपीवी वायरस से बचाव के लिए सबसे जरूरी है सुरक्षित यौन संबंध रखना। सुरक्षित सेक्स के लिए हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें और यौन स्वास्थ्य संबंधित नियमित चेकअप भी करवाएं।
आप नियमित चेकअप करवाएं साथ ही अपने स्वास्थ्य सलाहकार से परमर्श भी लें। किसी भी समस्या के लक्षण नज़र आने पर शीघ्र इलाज करवाएं इसकी मदद से आप सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिल सकती है।
अगर आपको सर्वाइकल कैंसर के संकेत नज़र आ रहे हैं, तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलें। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चेकअप से शरीर में होनी वाली समस्याओं के बारे में पता चल सकता है चाहे वह सर्वाइकल कैंसर ही क्यों न हो। समय से बीमारी का पता चल जाने से उसका इलाज करके गंभीर होने से रोका जा सकता है।
अगर आप अनियमित वेजाइनल ब्लीडिंग, पेल्विक पेन या सेक्स के दौरान दर्द जैसे लक्षण महसूस कर रही हैं, तो ये सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
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सर्वाइकल कैंसर का इलाज मौजूद है अगर आप सर्वाइकल कैंसर से ग्रस्त है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। वह आपको कुछ उपचारो के बारे में सलाह देंगे, जिसमें शामिल है:-
गहरे स्थानीय या बड़े स्थानीय मामलों के कैंसर डॉक्टर सर्जरी का विकल्प चुनते हैं। वैसे ही सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए भी कुछ मामलों में सर्जरी चुनी जा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर के कुछ मामलों में इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी की जा सकती है।रेडिएशन थेरेपी की मदद से मौजूद कैंसर सेल्स को खत्म कर दिया जाता है। वैसे इस थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी से पहले और बाद में किया जा सकता है।
बड़े स्थानीय या छोटे स्थानीय कैंसर के लिए डॉक्टर कीमोथेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।
यह एक खास तरह की थेरेपी है जो कैंसर को नष्ट करने के लिए योजना बनाई जाती है। इसमें बिना स्वस्थ टिशू को ज्यादा प्रभावित किए बिना इलाज किया जाता है।
इसमें कैंसर के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए इम्यून सिस्टम का समर्थन दिया जाता है।
कई बार, नई और प्रोमिसिंग उपचारों के परीक्षण करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल्स भी किए जाते हैं। सर्वाइकल कैंसर को सही समय पर पहचानकर उपचार कराना महत्वपूर्ण है।
सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु की दर में 50% से ज्यादा से भी कम है क्योंकि पैप परीक्षण उन्हीं देशों में शुरू हुआ है जहां यह परीक्षण उपलब्ध है। अगर सभी महिलाएं नियमित रूप से एचपीवी या पैप परीक्षण करवाती है, तो सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु को बड़ी मात्रा में कमी आ सकती है। ह्यूमन पैपिलोमावायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की जा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि के लिए PAP स्मीयर और HPV टेस्ट के अलावा कुछ ब्लड टेस्ट भी जरूरी होते हैं।
CBC टेस्ट, CRP टेस्ट और Full Body Checkup जैसी जांचों के जरिए शरीर की पूरी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का इलाज मौजद हैं इसलिए लक्षण नज़र आने पर घबराए नहीं तुरंत डॉक्टर से मिलें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।