Thursday, July 03 ,2025

जानें ईएसआर क्या है और इसके बढ़ने के क्या कारण और लक्षण है!


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ईएसआर (Erythrocyte Sedimentation Rate - ESR) एक तरह का ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में सूजन है या नहीं, इसके बारे में पता लगाया जाता है। किसी आम सूजन की बात नहीं हो रही, सूजन से मतलब है  प्रतिरक्षा प्रणाली की में चोट, किसी भी संक्रमण के कारण आने वाली सूजन या फिर किसी अन्य स्थिति की प्रतिक्रिया की वजह से होनव वाली सूजन आदि। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े विकार, कुछ प्रकार के कैंसर और रक्त विकार भी शामिल हैं। जब ईएसआर का टेस्ट किया जाता है, तो इसका रिजल्ट में कुछ लोगों के मामले में या कम तो कुछ के मामलों में यह अधिक दिख सकता है। ईएसआर का स्तर कम या अधिक होना व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा देता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईएसआर टेस्ट से केवल सूजन का ही पता लगाया जा सकता है, न कि सूजन के पीछे कारण क्या है इसका पता नहीं चल सकता है। 

 

ईएसआर क्या है? (What is ESR in Hindi?)

 

ईएसआर टेस्ट की मदद से शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं की जांच की जाती है। इस टेस्ट में यह देखा जाता है कि ब्लड सैंपल से रेड ब्लड सेल्स कितनी जल्दी अलग हो रही है यानी जिससे ब्लड क्लॉट यानी रक्त का थक्का नहीं बनाता है। जब शरीर में ईएसआर लेवल अधिक होता है, तो लाल रक्त कोशिकाएं यानी रेड ब्लड सेल्स डूब रही हैं और इस स्थिति में सूजन या कोशिका को क्षति पहुँचने का कारण बन सकती है। जितनी तेजी से लाल रक्त कोशिकाएं शरीर में डूबती हैं, ईएसआर लेवल उतना ही ज्यादा होता है।

ईएसआर टेस्ट को विस्तार में समझने के लिए आपको बता दें कि इस टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल को लैब में भेजा दिया  जाता है। ब्लड के इस नमूने को लंबी टेस्ट ट्यूब में रखा जाता है। टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान यह देखा जाता है कि लाल रक्त कोशिकाएं कितनी जल्दी ट्यूब में नीचे की ओर बैठ या डूब रही हैं। वैसे तो, लाल रक्त कोशिकाएं ट्यूब पर धीरे-धीरे नीचे की ओर बैठने या डूब जाती हैं, लेकिन सूजन की स्थिति होने पर रेड ब्लड सेल्स एक साथ चिपक जाती हैं और तेजी से नीचे बैठने लगती हैं।
सूजन से जुड़ी बीमारी की स्थिति समझने के लिए CRP टेस्ट के बारे में विस्तार से पढ़ें।

 

ईएसआर के बढ़ने का कारण (Reasons for increase in ESR in Hindi)

 

संक्रमण 

जब व्यक्ति को किसी भी तरह का कोई भी संक्रमण अपनी चपेट में लेता है तब शरीर के डिफेंस सिस्टम को  इफ़ेक्ट पहुंचता है जिसकी वजह से शरीर में ईएसआर बढ़ सकता है।

गठिया 

अगर किसी व्यक्ति को गठिया की समस्या है तो इस बीमारी में ईएसआर लेवल बढ़ सकता है क्योंकि गठिया में जोड़ों में सूजन होती है। यही वजह है कि सूजन के कारण शरीर में ईएसआर लेवल सकता है। 

कैंसर 

अगर कोई व्यक्ति कैंसर की समस्या से जूझ रहा है तो उसके शरीर में कैंसर के साथ ईएसआर बढ़ सकता है। यह परिस्थिति ख़ासकर लेकेमिया के मामलों में ज्यादा दिखाई देती है।

किडनी रोग

अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या है तो ईएसआर के बढ़ने यह एक कारण बन सकता है। 

थायराइड समस्याएं

अगर किसी व्यक्ति को थायराइड है तो इस समस्याएं के कारण भी शरीर में ईएसआर का स्तर बढ़ सकता हैं।

लिवर से जुड़ी बीमारियां

लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों में भी ईएसआर का स्तर बढ़ने का खतरा बना रहता है। 

अगर ESR लेवल लंबे समय से बढ़ा हुआ है, तो CEA टेस्ट करवाना ज़रूरी हो सकता है जानिए क्यों। 

 

ऊपर बताएं हुए कारण के सिवा कुछ तरह के इन्फेक्शन्स है जिसके वजह से भी शरीर में ईएसआर लेवल बढ़ सकता है। आइए जानते हैं वह कौन से इन्फेक्शन है जो शरीर में ईएसआर लेवल को बढ़ा सकते हैं:- 

  • एनीमिया 

  • वायरल संक्रमण

  • प्रजनन संक्रमण 

  • हड्डियों में संक्रमण

  • चेहरे पर संक्रमण 

  • रियूमेटिक बुखार 

  • ट्यूबर क्लोसिस

  • हेपेटाइटिस 

ESR टेस्ट के साथ अक्सर CBC टेस्ट भी डॉक्टर सलाह देते हैं यहाँ जानें CBC Test के बारे में।

 

ईएसआर बढ़ने के क्या लक्षण है? (What are the symptoms of increased ESR in Hindi?)

 

  • जोड़ों में दर्द 

  • शरीर दर्द 

  • डायरिया 

  • बुखार 

  • अचानक पेट में दर्द होना

  • शरीर में संक्रमण 

  • सूजन का बढ़ना।

  • किडनी की बीमारी 

  • वजन घटना

  • थकान

  • बेचैनी 

 सूजन वाली बीमारियों में ESR का बढ़ना आम है रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में पढ़ें।

 

महिलाओं और पुरुषों में ईएसआर की नार्मल रेंज (Normal range of ESR in women and men in Hindi)

 

महिलाओं के लिए ईएसआर की नार्मल रेंज दो ऐज ग्रुप्स में  विभाजित है। पहला ग्रुप 0 से 50 साल तक और दूसरा ग्रुप 50 से 90 साल का तक है। 0 से 50 साल तक की महिलाओं में  0 से 20 (mm/h) के बीच का ईएसआर नार्मल माना जाता है, जबकि वही 50 से 90 साल तक की महिलाओं में 0 से 30 (mm/h) के बीच का ईएसआर नॉर्मल माना जाता है। 

अगर बात पुरुषों के ईएसआर की नार्मल रेंज की बात की जाए तो इसमें भी  को दो ग्रुप होते हैं। पहला जिसमें 0 से 50 साल तक के पुरुषों में 0 से 15 (mm/h) के बीच में ईएसआर नार्मल माना जाता है, वही 50 से 90 साल तक के पुरुषों में  0 से 20 (mm/h) के बीच का ईएसआर लिए नार्मल माना जाता है। 

 

ईएसआर टेस्ट कैसे किया जाता है? (How is ESR test done in Hindi?)

 

एक नार्मल ब्लड सैंपल से टेस्ट की शुरुआत की जाती है। उसके लिए सबसे पहले मरीज के हाथ में सुई की मदद से डॉक्टर द्वारा ब्लड सैंपल लिया जाता है। फिर उसके बाद ब्लड सैंपल को एंटीकोगुलेंट डिवाइस में संभाल के रखा जाता है जिससे सेल्स जमा नहीं हो पाए और सेल ऊपर की तरफ बैठ सकें। इसके बाद कालेक्ट किए हुए ब्लड सैंपल को ट्यूब में रखा दिया जाता है, जिसमें धीरे-धीरे सेडीमेंटेशन होने लग जाता है। एक प्रॉपर टाइम के बाद, सेडीमेंटेड ब्लड की ऊपरी सीमा को मापा जाता है और इसको mm/h में दिखा जाता है, जिसे ईएसआर कहा जाता  हैं।

 

ईएसआर दर बढ़ने से कैसे रोक सकते हैं? (How can we prevent increase in ESR rate in Hindi?)

 

ईएसआर रेट को नियंत्रित करने के लिए अपनी जीवन शैली और डायट में थोड़ा सा बदलाव करने कि जरूरत है जिससे आप स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख पाएंगे:- 

व्यायाम

अगर आप रोज व्यायाम करने की आदत अपना लें तो ईएसआर रेट को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही एक यह इसको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेगा। रोज 30 मिनट से 1 घंटे तक व्यायाम करना चाहिए। टहलना, स्विमिंग, ऐरोबिक आदि भी आप कर सकते हैं, इससे शरीर में मौजूद सूजन कम हो जाती है।    

योगा

कुछ लोग व्यायाम करने के लिए सक्षम नहीं होते है, तो वह योग का सहारा ले सकते हैं। रोज़ाना 30 मिनट तक  योगा करने से ईएसआर रेट को कम किया जा सकता है। 

ज्यादा मीठा, तला-भुना,मिर्च वाले खाने से बचें 

स्वस्थ व्यक्ति हो या कोई बीमारी व्यक्ति हो, ज्यादा मीठा,तेल मिर्च मसालेदार भिजन का सेवन करने से सेहत पर बुरा ही असर पड़ता है। इस तरह के भोजन के सेवन से व्यक्ति का कोलोस्ट्रोल बढ़ने लग जाता है जिसकि वजह से शरीर में सूजन आती है। इन्हीं सबके कारण शरीर में ईएसआर लेवल बढ़ा सकता है। 

हरी पत्तेदार सब्जी,फल और हेल्दी ऑयल को डाइट में जोड़े  

एक स्वस्थ जीवन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल जैसे ब्लू बेरी,स्ट्रॉबेरी,चेरी, संतरा,टमाटर आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। आप ऑलिव आयल के सेवन भी कर सकते हैं जिससे  कोलोस्ट्रोल लेवल भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस तरह के उपाय करके भी आप ईएसआर रेट को कंट्रोल कर सकते हैं। 

डॉक्टर से कब संपर्क करें (When to contact a doctor in Hindi?)

अगर व्यक्ति के शरीर में सूजन ज्यादा है और उसे सूजन के साथ बुखार भी एक हफ्ते से ज्यादा हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। कभी-कभी कुछ मामलों में ईएसआर लेवल बढ़ने का कारण मोटापा, उम्र, गर्भावस्था हो सकता है। 

एनीमिया और ESR में क्या संबंध है, जानें इस लेख में।

 

नोट : 

बढ़ती हुई उम्र के साथ शरीर में कई तरह की समस्या नज़र आ सकती है ऐसे आप अपनी सेहत ल विशेष ध्यान रखें। शरीर में सूजन नज़र आने पर तुरंत से डॉक्टर मिलें वह जांच करके आपकि सही समस्या की ओर इलाज शुरू कर देंगे।



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