आजकल के समय के लाइफस्टाइल के चलते खानपान में पोषक तत्वों की कमी होना एक आम समस्या बन गई है। कार्बोनेटेड वाटर का सेवन ज्यादा मात्रा में किए जाने की वजह से लोगों में पेट से जुड़ी बीमारियां देखने को मिल रही है। अगर पेट में किसी भी तरह की समस्या होती है तो पूरा शरीर ही बीमार सा हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टरों की माने तो हर बीमारी की शुरुआत गट यानी की पेट से शुरू होती है। आज आपको पेट से ही जुड़ी एक बीमारी एच. पाइलोरी इंफेक्शन यानी हेलिकोबैक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को लगातार में पेट में दर्द रहता है, भूख कम लगती है, रेस्त्रां या कहीं भी बाहर खाना खाने के बाद पेट से जुड़ी कोई न कोई समस्या हो रही है, तो यह एच. पाइलोरी इंफेक्शन यानी हेलिकोबैक्टर हो सकता है। यह एक गौर करने वाली बात है एच. पाइलोरी इंफेक्शन से संक्रमित ज्यादातर लोगों को इस बात के बारे में पता भी नहीं होता यही कि वह इस बैक्टीरिया की वजह से बार-बार बीमार पड़ जाते हैं।
एच. पाइलोरी संक्रमण जिसको हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण भी कहते हैं वह एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण है। यह पेट और छोटी आंत के पहले भाग में होता है। इस संक्रमण के कारण पेट में सूजन और अल्सर बनने का खतरा भी रहता है और कहें सकते हैं कि इस संक्रमण के कारण ही पेट में सूजन और अल्सर बनता है। कुछ मामलों में तो यह संक्रमण पेट के कैंसर के खतरे को भी बढ़ावा दे सकता है।
एच. पाइलोरी संक्रमण का कारण सीधे व्यक्ति-से-व्यक्ति संचरण होता है। आइए जानते हैं अन्य एच. पाइलोरी के कारणों के बारे में:-
एच. पाइलोरी संक्रमण वाले व्यक्ति के साथ बर्तन साझा करना या फिर संक्रमित व्यक्ति की उल्टी या मल के संपर्क में आ जाना। अगर आपको गैस, अपच या पेट फूलने की समस्या रहती है, तो यह लेख जरूर पढ़ें - पेट में गैस क्यों बनती है।
एच. पाइलोरी संक्रमण अस्वास्थ्यकर स्थितियों में जीवित रह सकता है। एच. पाइलोरी संक्रमण का जीवाणु भोजन या पानी में मौजूद हो सकता है, जिसे ठीक तरह से साफ या उपचारित नहीं किया गया होगा। अगर आप खाने के बाद पेट में जलन या गैस महसूस करते हैं, तो हो सकता है यह फूड इंटॉलेरेंस हो।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि 10 में से 8 लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता है कि वह एच. पाइलोरी संक्रमण से संक्रमित है। इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति में लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते हैं यह लक्षण देरी से दिखाई देते हैं। लेकिन बच्चों में इस संक्रमण के लक्षण जल्दी दिखाई पड़ जाते हैं। आइए जानते हैं कि एच. पाइलोरी संक्रमण के क्या लक्षण हो सकते हैं:-
पेट दर्द
पेट में जलन महसूस होना
भूख में कमी
खट्टी डकार आना
पेट में सूजन
पेट के नीचे के हिस्से में दर्द महसूस होना
वजन कम होना
अगर किसी व्यक्ति को एच. पाइलोरी संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट, स्टूल टेस्ट, एंडोस्कोपी या बायोप्सी जैसे कुछ मेडिकल जांच करवाने की सलाह देंगे। अगर किसी व्यक्ति को हमेशा पेट में दर्द महसूस होता है या फिर जलन रहती है और जी मिचलाना आदि जैसी समस्या रहती है, तो उसे पहले गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से मिलने की जरूरत है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट जब आपसे कहे, तभी आप किसी भी तरह के मेडिकल टेस्ट करवाएं। एच. पाइलोरी से संक्रमित मरीजों में एनीमिया पाया जा सकता है जानिए CBC टेस्ट कैसे करता है मदद।
अगर किसी व्यक्ति को एच. पाइलोरी संक्रमण का पता चलता है, तो उसे शुरुआत का समय में ही ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयाँ दी जाती हैं। एंटीबायोटिक्स के जरिए शरीर में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने की कोशिश की जाती है। एंटीबायोटिक्स के सेवन के बाद जब पेट में नए बैक्टीरिया का निर्माण रुक जाएगा या फिर कम हो अजीएगा। जिससे पेट के घावों को ठीक करने के लिए भी दवाइयाँ शुरू की जाएंगी। एच. पाइलोरी संक्रमण से राहत पाने का इलाज थोड़ा लंबा तो हो सकता है। अगर आप इस संक्रमण से पीड़ित हैं, तो पूरा ट्रीटमेंट करवाएं इस इलाज को अधूरा न छोड़ें। दवाइयों को समय से लेते रहें और बीच में डोज न छोड़ें। एच. पाइलोरी संक्रमण से शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जिसे मापने के लिए CRP टेस्ट किया जाता है।
एच. पाइलोरी संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए आपको स्वच्छता की अच्छी आदतों को अपनाना होगा। ऐसा करने से एच. पाइलोरी संक्रमण के प्रसार को कम किए जाने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं कुछ बाते जिसका आप ध्यान रखते हुए आप इस समस्या से बचाव कर पाएंगे:-
हाथ बार-बार धोने से आप बहुत से बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं जिसमें एच. पाइलोरी संक्रमण भी शामिल है। आप अपने हाथ खासकर खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद साबुन से अच्छे से धोएं।
आप साफ पानी का सेवन ही करना चाहिए चाहे आप फल साबियाँ ही क्यों न धो रहें हो। साफ पानी पीने और खाना बनने के लिए इस्तेमाल करें उसके लिए आप फ़िल्टर किया हुआ पनाई इस्तेमाल करें या फिर पानी को उबाले और उसे ठंड होने के बाद फिर इस्तेमाल करें।
हमेशा कोशिश करें कि आप बीमार व्यक्ति से थोड़ी दूरी बनाए रखें, जिससे आप संक्रमण से बच सकते हैं। कुछ संक्रमण बहुत ही खतरनाक होते हैं इसलिए आपको दूरी बनाना जरूरी हो जाता है। संक्रमण से उबरने के बाद शरीर को फिर से स्वस्थ करने के लिए इन डिटॉक्स उपायों को अपनाएं।
एच. पाइलोरी संक्रमण एक गंभीर है जिसके वजह से व्यक्ति हर कुछ समय में बीमार हो सकता है इसलिए लक्षणों पर ध्यान देते हुए डॉक्टर से मिलें और अपना इलाज समय से करवाकर इस समस्या से निजात पाएं।
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