आज के समय काफी लोगों में सूजन की समस्या नज़र आ सकती है वह उनके गलत खान-पान की वजह से भी हो सकता है या फिर यह किसी बीमारी के कारण भी शरीर में आपको सूजन नज़र आ सकती है। आज के ब्लॉग में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि आखिर यह क्या है, इसके पीछे कारण क्या है, इसके लक्षण और उपचार क्या है?
इन्फ्लेमेशन यानी सूजन। यह शरीर में होने वाली एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो किसी भी तरह की चोट, संक्रमण, या अन्य क्षति की वजह से हो सकती है। हमारे शरीर की सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा जो क्षतिग्रस्त टिशू को सही करने में मदद करते हुए संक्रमण से लड़ती है।
इन्फ्लेमेशन एक ऐसी समस्या है जो शरीर के किसी भाग की बढ़ी हुई सूजन, गर्मी, दर्द और लालिमा के साथ दिखाई दें सकता है। आइए जानते हैं इन्फ्लेमेशन के पीछे कौन-से कारण छिपे होते हैं:-
इन्फ्लेमेशन का यह सबसे सामान्य कारण है, जब शरीर में बैक्टीरिया, वायरस, या अन्य कीटाणुओं प्रवेश हो जाते हैं।
अधिक ज्यादा ठंडा या अधिक ज्यादा गरम मौसम के कारण भी शरीर में इन्फ्लेमेशन हो सकता है।
कई बार किसी क्षतिग्रस्त क्षेत्र में अत्यधिक दबाव पड़ने से यह समस्या हो सकती है। घातक अवस्था या आत्म-हमला भी इन्फ्लेमेशन की वजह बन सकती है।
ऑटोइम्यून विकारों में, प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ टिशूओं पर हमला करना शुरू कर देती है। जिससे इन्फ्लेमेशन की समस्या हो सकती है।
एलर्जी में, शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र हानिरहित पदार्थों से लड़ता है जो शरीर में इन्फ्लेमेशन का कारण बन जाता है।
कुछ औषधियों और दवाइयों के इस्तेमाल से भी शरीर में इन्फ्लेमेशन की समस्या नज़र आ सकती है।
अगर शरीर के किसी भी क्षेत्र में चोट या अधिक दबाव पड़ता है, तो शरीर में इन्फ्लेमेशन की समस्या हो सकती है या पहले से मौजूद सूजन बढ़ सकती है।
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इंफ्लेमेशन के दो प्रकार हैं, पहला एक्यूट इंफ्लेमेशन और दूसरा क्रोनिक इंफ्लेमेशन है। आइए इनके आधार पर लक्षणों को समझते हैं:-
इस में अक्सर किसी भीतरह की चोट, इंफेक्शन, या अन्य अचानक से होने वाली प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप सूजन होती है। इसमें सामान्य लक्षण नज़र आ सकते हैं जैसे कि लालिमा, दर्द और सूजन। वैसे तो अक्सर यह ठीक हो जाती है जब आपकी चोट या सर्जरी ठीक हो जाती है। अगर जोड़ों में सूजन और दर्द है, तो रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में पढ़ना जरूरी है।
यह लंबे समय यानी दीर्घकालिक हो सकता है। इससे प्रभावित व्यक्ति पर लम्बे समय तक प्रभाव रह सकता है। क्रोनिक इंफ्लेमेशन के लक्षण समय के साथ बदलते रहते हैं या लंबे समय शरीर में तक बने रह सकते हैं। क्रोनिक इंफ्लेमेशन के मेडिकल विकल्पों की जरूरत पड़ सकती है। यह अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों से भी जुड़ा हो सकता है।
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इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए कुछ उपाय कर करते हैं। आइए जानते और समझते हैं वह कौन-से उपाय है जिनकी मदद से इंफ्लेमेशन को कम किया जा सकता है :-
अपने आहार में फल, सब्जियां, अदरक, लहसुन और तिल को शामिल करें। यह सब इंफ्लेमेशन को कम करने में काफी मददगार साबित होंगे साथ ही सूजन को काम करने वाली चीजों को आहार में जोड़ सकते हैं। मसाथ ही इस बात को भी ध्यान रखें कि सफेद मांस, तेल, और तेजी से पके खाद्य का इस्तेमाल कम कर दें।
नियमित रूप से योग या व्यायाम करने से इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद मिलेगी। योग और ध्यान जैसी तकनीकें स्ट्रेस को कम करती हैं, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ने से रोकने में मदद करती है। अगर आप मोटापे से जूझ रहे हैं, तो शरीर में सूजन बढ़ने की संभावना भी रहती है पूरी जानकारी पढ़ें। Obesity Meaning in Hindi
अच्छी नींद और पर्याप्त आराम भी आपको इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकता है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर में मौजूद सूजन काम हो सकती है।
प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी आपकी इंफ्लेमेशन की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। यह शरीर से विषले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हुए सूजन को कम करने में भी सहयोग करता है।
अगर इंफ्लेमेशन बहुत ज्यादा है तो आप कुछ चिकित्सक की सलाह से दवाइयों को सेवन कर सकते हैं जिससे सूजन कम हो जाएं और धीरे-धीरे ठीक हो जाएं।
इन्फ्लेमेशन का उपचार उसके कारण और स्थिति पर निर्भर करता है। यह अलग-अलग कारणों से हो सकती है इसलिए आपके शरीर में किसी भी तरह का संक्रमण, चोट, या अन्य कोई भी परिस्थितियों के आधार भी इलाज शुरू किया जाता है। कुछ सामान्य उपायों का के बारे में बात करते हैं जो इन्फ्लेमेशन के उपचार में मददगार साबित हो सकते हैं:-
डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाइयाँ सही ढंग से इस्तेमाल उपयोग करें। डॉक्टर आपको द्वारा निर्धारित कुछ दावा यह भी हो सकती है : - एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, नैप्रॉक्सन, या स्टेरॉयड्स आदि।
सूजन से प्रभावित क्षेत्र को आप बर्फ से सिकाई कर सकते हैं जिससे सूजन कम हो जाएगी।
अपने आपको पूरी तरह से आराम दें। जितना ज्यादा आराम करेंगे उतना जल्दी सूजन ठीक हो जाएगी।
प्राणायाम के अभ्यास से भी आप शरीर में बढ़ रही सूजन को काम कार सकते हैं।
स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए सही आहार लें वह भी सही समय पर। ताजा फल और सब्जी, अनाज, प्रोटीन युक्त आहार को अपनी डाइट में शामिल करें।
इन्फ्लेमेशन वाले क्षेत्र पर आप तेल से मालिश कर सकते हैं, ऐसा करने से आपको दर्द के साथ साथ सूजन में भी आराम मिलेगा।
अगर इन्फ्लेमेशन की समस्या गंभीर है या काफी लंबे समय से बनी हुई है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर अपना इलाज शुरू करवाएं।
इन्फ्लेमेशन के लिए उचित इलाज का चयन करते समय एक विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सही तरीके से सेवन करें और किसी भी अन्य दवाइयाँ का सेवन बिना डॉक्टर पूछे बिना न करें। साथ ही फास्ट फ़ूड और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें, क्योंकि यह शरीर में इन्फ्लेमेशन की समस्या को बढ़ा सकता है। आप अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से व्यायाम या योग जरूर शामिल करें, क्योकि यह आपकि इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करेंगे साथ ही आप इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करके खुसको हाइड्रेट भी रखें।
शरीर में मौजूद सूजन को नजरंदाज न करें और अगर सूजन बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर खाना खाने के बाद सूजन या बेचैनी होती है, तो जानिए फूड इंटॉलेरेंस क्या है, लक्षण, कारण के बारे में !
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