टेस्टोस्टेरोन एक पुरुष सेक्स हार्मोन के तौर पर जाना जाता है। यह पुरुष और महिलाओं दोनों के शरीर में ही मौजूद होता है। वैसे महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल बहुत कम होता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में अंडकोष और महिलाओं में अंडाशय में मौजूद होता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में शारीरिक विकास के साथ-साथ प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने मदद करता है। इस ब्लॉग के जरिए टेस्टोस्टेरोन से संबंधित सभी तरह की जानकारी प्राप्त करेंगे। आज के इस ब्लॉग हम जानेंगे टेस्टोस्टेरोन क्या है, इसका लेवल कितना रहना चाहिए, टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान हो सकते हैं आदि के बारे में।
पुरुषों के अंडकोष में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का उत्पादन होता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का काम वसा के वितरण, मांसपेशियों के विकास और हड्डियों के स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाएं रखने का है। साथ ही टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन पुरुष की प्रजनन क्षमता को स्वस्थ रखने का भी काम करता है।
अगर आपको आसान भाषा में समझाया जाए तो टेस्टोस्टेरोन का काम पुरुषों को उनकी विशेषताएं प्रदान करने का होता है जिसमें शामिल है उनकी आवाज, चेहरे की बनावट और शरीर के बाल आदि। साथ ही टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन दिल और हड्डियों की देख-रेख भी करने में सहयोग करता है। आपको यह बात भी पता होनी चाहिए कि उम्र के साथ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने लग जाता है।
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जब शरीर टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का उत्पादन करता है तब तुरंत ही वह खून के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में चला जाता है और भिन्न महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने लग जाता है। इसकी वजह से शारीरिक बदलाव के साथ-साथ मानसिक बदलाव भी होते हैं। आइए जानते हैं टेस्टोस्टेरोन और कौन-से काम करने में मददगार होता है:-
टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
हड्डियों की ताकत को बनाए रखने मददगार है।
यौन क्षमता को बनाए रखते हुए उसमें कमी नहीं आने देता है।
पुरुषत्व को विकसित करने में सहयोग करता है।
लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को शरीर में बढ़ाता है।
एक शोध के अनुसार, एक पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य लेवल 300 से 1000 ng/dL होता है। इससे नीचे का लेवल पुरुष के टेस्टोस्टेरोन स्तर की कमी को दर्शाता है। इसके कम होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें बढ़ती उम्र एक मुख्य लक्षण माना जाता है। वैसे तो युवावस्था में यह लेवल बहुत तेजी से बढ़ता है, लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी जो यह बताते हैं कि टेस्टोस्टेरोन स्तर लगातार गिर रहा है। यदि आप सोच रहे हैं कि अपना टेस्टोस्टेरोन लेवल कैसे चेक करें, तो Free Testosterone Test के बारे में अंग्रेजी में यहाँ जानें।
बढ़ती उम्र के साथ कुछ स्वास्थ्य समस्याओं कि वजह से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लग जाता है। इसके चलते आप अपने शरीर में कई तरह के लक्षण का अनुभव कर सकते हैं। आइए जानते हैं टेस्टोस्टेरोन के कम होने के प्रमुख लक्षणों के बारे में बिस्तर से:-
जब शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने लगती है तो शरीर में ऊर्जा का लेवल भी स्तर कम होने लग जाता है, जिस वजह से व्यक्ति को लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में मांसपेशियों की वृद्धि और मजबूती के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी की वजह से मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं और शरीर में फैट भी बढ़ने लग जाता है। मोटापा टेस्टोस्टेरोन स्तर को घटाता है। जानिए Obesity Meaning in Hindi: विस्तार से जानिए इसके लक्षण और कारण
टेस्टोस्टेरोन केवल शारीरिक के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य दोनों को ही प्रभावित करता है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण चिड़चिड़ापन, तनाव, और डिप्रेशन जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
टेस्टोस्टेरोन बालों की ग्रोथ को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से टेस्टोस्टेरोन लेवल के गिरने से सिर, चेहरे और शरीर के बाल झड़ने दिखाई देंगे।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने का खतरा बन सकता है जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का भी खतरा होने का डर बढ़ जाता है। साथ ही हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है।
अगर आप छोटी-छोटी बातें भूलने लगे हैं या किसी भी काम पर लंबे समय तक ध्यान नहीं लग पा रहा है, तो टेस्टोस्टेरोन के कम होने का लक्षण हो सकता है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी की वजह से अनिद्रा या फिर नींद की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ सकता है। जिस वजह से थकान और तनाव भी बढ़ सकता है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल में असंतुलन को जानने के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलें और अपने संदेह के बारे में खुलकर बात करें। वह आपको सीरम टेस्टोस्टेरोन टेस्ट का सुझाव देंगे, जिससे ब्लड फ़्लो में टोटल टेस्टोस्टेरोन को मापता है। टेस्ट करने के लिए कुछ कारकों पर काम करने के लिए सुझाव दिया जाता है -
टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे ज्यादा सुबह 7 से 10 बजे के बीच होता है इसलिए इस समय टेस्ट करवाने की सलहह देंगे।
डॉक्टर टेस्ट से पहले कुछ दवाइयों से बचने की सलाह देंगे, जिससे आके टेस्ट रिजल्ट सटीक आ सकें।
टेस्टोस्टेरोन लेवल की जांच के लिए कुछ अन्य टेस्ट जैसे कि फ्री टेस्टोस्टेरोन और एसएचबीजी - सेक्स हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (SHBG - Sex hormone-binding globulin) की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
बिना डॉक्टर की सलाह के टेस्ट न करवाएं। अगर परीक्षण में किसी भी तरह की कोई भी समस्या नज़र आती है, तो वह इलाज के लिए सही सुझाव और उपचार नहीं दे सकेंगे।
आप टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से भी बढ़ा सकते हैं उसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे जैसे कि -
प्रोटीन के लिए अंडे, चिकन, मछली और पनीर, हेल्दी फैट के लिए बादाम, अखरोट, ओलिव ऑयल और घी, जिंक और मैग्नीशियम के लिए अंजीर, पालक, और सूरजमुखी और विटामिन डी के लिए धूप में समय बिताएं और दूध, दही आदि चीजों को अपनी डाईट में शामिल करें। यह सब आपके टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद करेंगे
वेट ट्रेनिंग और हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT - High Intensity Interval Training) की मदद से भी आप शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ा सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में नींद एक अहम भूमिका निभाती है इसलिए सोना बहुत ही आवश्यक है। रात की नींद सबसे बेहतर मानी जाती है इसलिए दिन या शाम में सोने के बाजय रात के समय में 7 से 9 घंटे की ले।
तनाव हार्मोन कोर्टिसोल यह टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कम करत अहै इसलिए अपने तनाव को मैनेज करें।
मोटापा बहुत सी समस्याओं का कारण बनता है इसलिए टेस्टोस्टेरोन के लेवल को सही रखने के लिए एक स्वस्थ वजन बनाए। शरीर की अतिरिक्त चर्बी और वजन को कम करने से स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन में बढ़त होगी। अगर आपका वजन जरूरत से कम है, तो टेस्टोस्टेरोन लेवल भी कम हो सकता है – जानिए कैसे वजन को बढ़ाया जा सकता है इसके कुछ रोचक उपाय !
डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने के लिए कुछ मामलों में, रिप्लेसमेंट थेरेपी (टीआरटी), टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन, जैल या पैच आदि की सलाह भी दे सकते हैं। इन सभी सुझावों की मदद तब ली जाती है, जब प्राकृतिक उपचार का कोई असर नहीं हो पाता हैं।
शरीर में विटामिन B12 की पर्याप्त मात्रा टेस्टोस्टेरोन लेवल को बनाए रखने में मदद करती है। जानिए "Top 10 Vitamin B12-Rich Vegetarian Foods for Indian Diets" अंग्रेजी में
टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने के लिए आप अपने खाना-पान में सुधार करते हुए अपनी बुरी आदतों को छोड़ दें जैसे कि शराब, धूम्रपान, गलत खान-पान और कम सोना या न सोने आदि। कुछ सुपरफूड्स जैसे अनार, ओट्स या काजू भी टेस्टोस्टेरोन को नेचुरल तरीके से बढ़ा सकते हैं। जानिए काजू खाने के फायदे यहां।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।