Wednesday, August 06 ,2025

जानिए CA 19.9 test पैनक्रियाटिक कैंसर के लिए क्यो जरूरी है?


ca 19.9 test in hindi

CA 19.9 टेस्ट एक आम ब्लड टेस्ट की तरह ही की जाने वाली प्रक्रिया है। यह भी बाकि ब्लड टेस्ट के तरह ही किया जाता है, जिसमें खून में CA 19.9 नाम के प्रोटीन की मात्रा का टेस्ट किया जाता है, जो कि एक तरह का ट्यूमर मार्कर के नाम से जाना जाता है। इस टेस्ट की मदद से कैंसर के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट की मॉनिटरिंग की जाती है। यह टेस्ट खासकर पैंक्रियाटिक कैंसर की स्थिति में किया जाता है। CA 19.9 पैंक्रियाटिक कैंसर और कुछ अन्य कैंसरों जिसमें शामिल है अण्डाशय कैंसर (Ovarian cancer), न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (neuroendocrine tumors) आदि के उत्पन्न होता है । यह टेस्ट खून या सीरम का सैंपल लेकर लैब में किया जाता है और जिसमें CA 19.9 की मात्रा मापी जाती है।

CA 19.9 टेस्ट होता क्या है? (What is CA 19.9 test in hindi?)

CA 19.9 टेस्ट का इस्तेमाल कैंसर की जांच के लिए जाता है। खासकर यह टेस्ट पैंक्रियाटिक कैंसर और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं को जाने के लिए होता है। CA 19.9 टेस्ट की मदद से CA 19.9 एंटीजन के प्रति खून में पाया जाने वाले एंजाइम के लेवल का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट रिजल्ट से खून में सीए 19.9 प्रोटीन की अधिकता या फिर कमी का पता चल जाता है, जिस की मदद से डॉक्टर मरीज की स्थिति का अंदाजा लगते हुए, कैंसर के डायग्नोसिस शुरू करते हैं। यह टेस्ट कैंसर गुणवत्ता और उपचार की मॉनिटरिंग में सहायक होता है। 

कार्य और उत्पत्ति

सीए 19.9 एक कार्बोहाइड्रेट एंटीजन के रूप में जाना जाता है। यह विशेष रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (Gastrointestinal cancer) जैसे पैंक्रियाटिक, कोलोरेक्टल और गैस्ट्रिक कैंसर की कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है। यह एक ग्लाइकोप्रोटीन (Glycoproteins) है, जिसका मतलब यह कि इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट दोनों के घटक मौजूद होते हैं।

स्वस्थ व्यक्तियों में लेवल 

स्वस्थ व्यक्तियों में बहुत कम या फिर CA19.9 का लेवल पता ही नहीं लग पाता है। CA19.9 का स्तर उच्च होने के कारण कैंसर की उपस्थिति एक संकेत के रूप में दिखाई देती है। 

CA 19.9 टेस्ट क्यों करते हैं? (Why do CA 19.9 test in hindi?)

CA 19.9 एक मात्रात्मक परीक्षण (Quantitative Testing) है। इसके रिजल्ट को बेहतर तरीके से समझने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। CA 19.9 का टेस्ट सिर्फ कैंसर के डायग्नोसिस या इलाज के लिए ही किया जाता है।

  • CA 19.9 टेस्ट की मदद से शरीर में होने वाले कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट कैंसर के मरीज के खून में मौजूद CA 19.9 प्रोटीन की मात्रा का पता लगने के लिया किया जाता है। 

  • यह टेस्ट अलग-अलग प्रकार के कैंसर जैसे कि कोलोरेक्टल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर (Colorectal cancer and breast cancer) में भी CA 19.9 प्रोटीन की मात्रा के बदलाव को देखने में सहायक है।

CA 19.9 परिणाम का क्या अर्थ है? (What does CA 19.9 result mean in hindi?)

CA 19.9 एक ट्यूमर मार्कर के रूप में दिखा जाता है जिसका इस्तेमाल खास रूप से पैंक्रियाटिक कैंसर और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के निदान में किया जाता है। आइए जानते हैं कि इसके रिजल्ट का क्या अर्थ है, जिसे जानकार आप डॉक्टर से सही उपचार की ओर बढ़ सकते हैं:- 

  • CA 19.9 नार्मल रेंज

स्वस्थ व्यक्तियों में CA 19.9 का लेवल 37 u/ml से नीचे ही होता है। 

  • CA 19.9 का हाई लेवल 

CA 19.9 प्रोटीन का नार्मल से ज्यादा स्तर होना कई जोखिम स्थितियों का कारण बन सकता है, वह क्या है आइए जानते हैं:- 

  • पैंक्रियाटिक कैंसर

जब शरीर में CA 19.9 का स्तर बढ़ने लगता है या ज्यादा होता है तो पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा सबसे अधिक बढ़ जाता है, जिसका सीए 19.9 का बढ़ना एक साफ इशारा है। कैंसर से जुड़े अन्य संकेतकों को जानने के लिए Carcino Embryonic Antigen (CEA) Test पर यह इंग्लिश ब्लॉग पढ़ना फायदेमंद हो सकता है।

  • अन्य कैंसर

CA 19.9 अन्य कैंसर के लिए भी एक संकेत देता है जैसे कि पित्त नली कैंसर (duct cancer), कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer), पेट का कैंसर और लिवर का कैंसर में भी बढ़ सकता है।

  • कैंसरमुक्त स्थितियाँ होना 

कुछ कैंसरमुक्त स्थितियाँ भी CA 19.9 का लेवल बढ़ा हुआ हो सकता है लेकिन अग्नाशयशोथ, सिरोसिस, पित्त नली में रुकावट (Bile duct obstruction) और सौम्य पित्त पथ के रोग (Benign biliary tract diseases) शामिल हैं।

पेट की समस्याओं या संक्रमण के दौरान डॉक्टर अक्सर Widal Test की सलाह देते हैं इससे जुड़ी जानकारी यहां पढ़ें।

सीए 19.9 के स्तर को बढ़ाने वाली स्थितियाँ कौन-सी है? 

CA 19.9 अलग–अलग स्थितियों की वजह से बढ़ सकता है। आइए जानते हैं कि वह कौन-सी स्थितियाँ है जो सीए 19.9 को बढ़ सकती है:- 

पैंक्रियाटिक कैंसर

पैंक्रियाटिक ट्यूमर की मौजूदगी का संकेत सीए 19.9 ट्यूमर मार्कर के हाई लेवल दोनों प्रकार के सौम्य एवं घातक है। यह अग्न्याशय का कैंसर से सीए 19.9 ट्यूमर मार्कर से जुड़ा हुआ है। यदि आप पैंक्रियाटिक या पेट से जुड़ी समस्याओं को लेकर चिंतित हैं, तो CEA टेस्ट से जुड़ी जानकारी भी जरूर पढ़ें, जो कैंसर की निगरानी में मददगार हो सकता है।

पित्त पथ का कैंसर (Biliary tract cancer)

CA 19.9 का हाई लेवल होने पर यह पित्त नलिकाओं और पित्ताशय के कैंसर का संकेत देता है। इन स्थितियों में सीए 19.9 का स्तर बढ़ हुआ दिखाई देगा। 

लिवर कैंसर 

लिवर कैंसर हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा (Hepatocellular Carcinoma) में CA 19.9 का स्तर बढ़ने का कारण माना जाता है। वैसे तो, यह पैंक्रियाटिक कैंसर जितना नहीं होता है। 

लिवर से जुड़ी जांचों के बारे में जानना चाहते हैं? तो SGOT and SGPT Test पर आधारित यह इंग्लिश गाइड आपकी मदद कर सकती है।

पित्ताशय रोग (Gallbladder disease)

CA 19.9 का लेवल बढ़ने का कारण कई बार पित्ताशय में हुई सूजन या फिर किसी प्रकार के संक्रमण की चपेट में आना भी हो सकता  है। 

अन्य कैंसर

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal steroids) के बाहर होने वाले कैंसर में भी CA 19.9 बढ़ सकता है, जिसमें शामिल है फेफड़ों का कैंसर, डिम्बग्रंथि कैंसर (Ovarian Cancer) और गैस्ट्रिक कैंसर आदि। 

पेट की सूजन और कैंसर से जुड़ी स्थितियों को समझने के लिए Inflammation से संबंधित यह ब्लॉग ज़रूर पढ़ें।

CA 19.9 टेस्ट से पहले क्या करें ? (What to do before CA 19.9 test in hindi?)

यह एक आम ब्लड टेस्ट होता है, जो कि बिना किसी खास तैयारी के मरीज करवा सकता है। खून की जांच की तरह ही CA 19.9 ब्लड टेस्ट के लिए भी कोई अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, फिर भी टेस्ट के पहले आप डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

CA 19.9 टेस्ट जांच के दौरान क्या करें? (What to do during CA 19.9 test in hindi?)

सीए 19.9 के टेस्ट में खून का नमूना लिया जाता है। इसके लिए फ्लेबोटोमिस्ट मरीज के बांह की नस में सुई से खून का नमूना लेगा। खून का नमूना लेने की प्रक्रिया के बारे में जानते हैं:- 

  • एक इलास्टिक बैंड की मदद से बांह के ऊपरी हिस्से को टाइट बांधा जाता है।

  • नसे उभर के आने का बाद सुई लगाने वाली जगह को एक एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।

  • नस में एक छोटी सुई डालकर खून को निकालकर, एक टेस्ट ट्यूब में एकत्रित किया जाता है।

जहां सुई लगाई गई होती है उस जगह पर व्यक्ति को हल्का दर्द या चुभन जैसा महसूस हो सकता है। बहुत से लोगों को टेस्ट के समय या टेस्ट होने के बाद चक्कर भी या सकता है। किसी-किसी व्यक्ति को पसीना आ सकता है तो वही किसी-किसी व्यक्ति में देखा गया है कि मतली जैसा अनुभव हो सकता है। CA 19.9 टेस्ट में 5 से 10 मिनट का समय लगता है।

नोट: 

CA 19.9 ब्लड टेस्ट पैनक्रियाटिक और पेट के कैंसर की जांच करने में काफी मददगार है। डॉक्टर इस टेस्ट की मदद से सही इलाज का चयन कर सकते हैं। इसलिए टेस्ट से पहले डॉक्टर की बताई हुई सबी बातों को ध्यान से सुने और पालन करें। अगर आपको खाने के बाद पेट फूलने या पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं, तो Food Intolerance वाला हिंदी ब्लॉग जरूर देखें।

 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।