डायरिया या दस्त एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति का मल त्याग पतला हो जाता है और मल त्याग के लिए बार-बार जाना पड़ता है। यह स्थिति व्यक्ति को दो मुख्य कारणों से परेशान कर सकती है, पहला है गैस्ट्रोएंटेराइटिस (gastroenteritis) यानी पेट का फ्लू या माइक्रोबियल इंफेक्शन।
डायरिया अंग्रेजी नाम है लेकिन हिंदी भाषा में दस्त कहते हैं। यह व्यक्ति के पाचन तंत्र से जुड़ा हुआ एक विकार होता है यानी डिसऑर्डर है। जिसमें मरीज को पतला मल होने की समस्या हो जाती है। खासतौर से यह समस्या रोटावायरस की वजह से कारण होती है, लेकिन कुछ मामलों में डायरिया की समस्या साल्मोनेला या ई। कोलाई जैसे जीवाणु के कारण भी हो सकती हैं।
कुछ खास प्रकार की दवाइयों के सेवन, हार्मोनल विकार या आंतों में सूजन होने के कारण भी डायरिया की समस्या हो सकती है। खान-पान और साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए तो वायरस या बैक्टीरिया से होने वाली समस्या जिसमें डायरिया भी शामिल है उनको आसानी से रोका जा सकता है।
डायरिया को मुख्य रूप से तो तीन ही प्रकार है या कह सकते हैं कि तीन भागों में बांट दिया गया है। जिसको एक्यूट डायरिया, परसिस्टेंट डायरिया और क्रोनिक डायरिया के नाम से जाना जाता हैं।
एक्यूट डायरिया यानी दस्त का सबसे आम प्रकार है जिसमें पानी जैसा मल निकलता है। अगर शरीर पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करे, तो इस समस्या से राहत मिल सकती है।
परसिस्टेंट डायरिया में दस्त लगभग 2 से 4 हफ्ते तक बने रहते हैं। इस स्थिति में दिन में कम से कम भी तीन बार या उससे अधिक ढीले मल हुआ करते हैं।
क्रोनिक डायरिया गंभीर स्थिति है जहाँ चार हफ्ते से अधिक समय तक दस्त की समस्या रहती है, जिस कारण व्यक्ति के लिए बहुत सी परेशानियां बढ़ जाती हैं।
डॉक्टर डायरिया की गंभीरता, उसको लक्षण, कारण और उसके प्रकार की पुष्टि करने के लिए नैदानिक टेस्ट की सहायता देते हैं।
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डायरिया का सबसे बड़ा और अहम कारण एक वायरस है जो कि आंतों पर बुरा असर डालता है। इस वायरल रोग को गैस्ट्रोएंटेराइटिस और आंत फ्लू भी कहा जाता है। वैसे तो, डायरिया के दूसरे ओर भी कारण मौजूद हैं:-
इंफेक्शन की समस्या होना
खान-पान में एहतियात न बरतने की वजह से
किसी दवाई का साइड इफेक्ट्स हो जाना
खान-पान की चीजों के प्रति एलर्जी हो जाना (खाना सही न पचा? फूड इंटॉलेरेंस की वजह हो सकती है।)
वायरल इंफेक्शन हो जाना
रेडिएशन थेरेपी की वजह से
फूड पोइजनिंग हो जाना
गंदगी की वजह से
ऊपर बताएं गए कारकों पर गार ध्यान दिया जाए तो डायरिया के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
डायरिया होने पर कई लक्षण नज़र आ सकते हैं जिनकी मदद से आप इस बात की पुष्टि कर पाएंगे कि डायरिया की समस्या है। डायरिया के लक्षणों में शामिल हैं:-
पानी जैसा मल आना (पतला मल)
अत्यधिक मतली होना
पेट में दर्द होना
सूजन होना
शरीर में पानी की कमी हो जाना
बार-बार बुखार होना
मल के साथ खून निकलना
बदहजमी की दिक्कत होना
भूख में कमी आ जाना
पेट में ऐंठन हो जाना
कभी-कभी मतली होना
उल्टी होना
अगर बताएं गए लक्षण में कुछ भी खुद में अनुभव करते हैं तो बिना किसी देरी किए डॉक्टर से परामर्श करें।
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डायरिया की समस्या के फैलाव के कई कारण मौजूद हो सकते हैं :-
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों के फैलने का मुख्य कारण हो सकता है। इस प्रकार का संक्रमण दूषित सतहों या संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
कई मामलों में दस्त की समस्या मल या मूत्र मार्ग से आसानी फैलती हुई नज़र आ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि व्यक्ति अपने आस-पास की स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाता है और डायरिया के साथ अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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डायरिया होने पर मरीज को बार-बार पतला मल आने की शिकायत हो जाती है, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। पानी की कमी की वजह से शरीर में कमजोरी और दूसरी अन्य समस्याएं भी पैदा हो जाती है। इस स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
शरीर में हो रही पानी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोलाइट या स्पोर्ट्स ड्रिंक आदि पीने का भी सुझाव देते हैं। जब यह स्थिति गंभीर होने लगती है तब डॉक्टर इंट्रावीनस के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ पहुंचाने का कम करते हैं, ताकि शरीर की कमजोरी को कम और दूर किया जा सकें। अगर डायरिया की समस्या कारण बैक्टीरिया होता है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाइयों को निर्धारित करते हैं, जिसको मरीज को सम्स्य से खाना चाहिए, तभी इस समस्या को ठीक किया जा सकेगा।
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डायरिया की रोकथाम करने के लिए कुछ बातों का पालन किया जा सकता है:-
शुद्ध पानी का सेवन करें
अच्छी तरह पका हुआ भोजन ही करें
ताजा पके हुए गर्म भोजन को ही खाएं
कच्चे भोजन का सेवन न करें
चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट जैसी चीजों के सेवन से बचें
बार-बार हाथ धोएं
आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
इन सब बातों का ध्यान रखें साथ ही अगर डायरिया के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें और उचित इलाज शुरू करवाएं। स्वस्थ बने रहने के लिए ये विटामिन B12 युक्त आहार अपनाएं।
अगर आप इन सब बातों का ध्यान रखें तो डायरिया की समस्या से बचाव किया जा सकता है . कुछ मामलों में घरेलू उपचार के तौर पर अधिक पानी का सेवन इस समस्या में रहत दिला सकता है। लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें और उचित इलाज की शुरूआत करें।
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