Saturday, August 09 ,2025

महिलाओं में डिप्रेशन: कारण, लक्षण और बचाव के तरीके


depression in women

आज के समय में बहुत से लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं लेकिन वो किस चीज़ से अंदर ही अंदर परेशान होते हैं वो नहीं जानते हैं बस खुदसे उदास, दुखी, हताश हो जाते हैं। डिप्रेशन एक तरह की मानसिक स्थिति होती है जिसमें महिला लंबे समय तक तनावग्रस्त रहती है। इसकी ज्यादातर वजह मानसिक, आर्थिक या अन्य व्यक्तिगत समस्याएँ भी हो सकती हैं, जिससे लगातार तनाव रहने के कारण महिला में डिप्रेशन की समस्या पैदा होने लग जाती है। 

एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि विश्व स्तर पर लगभग 5% वयस्क लोग डिप्रेशन की समस्या से पीड़ित हैं और यह संख्या हर साल बहुत ही तेजी से बढ़ने लगी है। वैसे तो यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखने को मिलती है, लेकिन आज हम खासतौर से महिलाओं में डिप्रेशन के बारे में बात करेंगे। महिलाओं में बढ़ती डिप्रेशन की समस्या एक खामोश परेशानी है जिसे वह किसी के साथ साझा नहीं कर पाती है और कई बार डिप्रेशन की समस्या महिला की मौत का कारण भी बन जाती है।

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण (Signs of depression in women in hindi)

महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा डिप्रेशन की समस्या देखने को मिल्तिहाई जो कि एक मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है। यह समस्या सिर्फ उदासी तक सीमित नहीं रहती है, बल्कि इंसान के संपूर्ण जीवन को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ लक्षणों के बारे में, जिससे इस समस्या को ओर बेहतर तरीके से समझ पाएंगे:- 

लगातार उदासी और खालीपन महसूस करते रहना

महिलाए कई दिनों,हफ्तों और महीनो तक लगातार मन से दुखी रहती है. बिना किसी स्पष्ट वजह के उनका मन बस रोने का करता है। यह सबसे आम और सबसे पहले समझ में आने वाले लक्षण है. 

रुचियों की कमी 

अचानक से हर उस चीज़ से मन भर जाना, जिन चीजों में पहले रुचि हुआ करती रहती थी. अब उन्हीं सब चीजों को करने में आनंद न आना, यहां तक कि अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का भी मन नहीं करता है. बस शांत और अकेले रहने की इच्छा होती है।

थकान और ऊर्जा की कमी 

डिप्रेशन की समस्या होने पर महिला अक्सर थका हुआ महसूस करती है साथ ही वह अंदर से भी कमजोरी महसूस करती है. हमेशा छोटी-छोटी गतिविधियां करना भी भारी लगने लगता है और कम करने में आलस आने लगता है। डिप्रेशन के लक्षण में यह सबसे आम आदत बन जाती है. 

नींद की समस्या होना

डिप्रेशन की समस्या में अक्सर महिलाओं में यह देखा गया है कि वह या तो जरूरत से ज्यादा सोने लगती है या फिर बिल्कुल ही नहीं सोती है. कुछ-कुछ मामलों में, बार-बार रात में जागना लगा रहता है। जिसकी वजह से सेहत पर भी असर पड़ने लगता है और डिप्रेशन के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शरीर में अपना घर बनाने लगती है. 

भूख में बदलाव 

डिप्रेशन में महिला बहुत बार अधिक खाना कहने लग जाती है या फिर बिल्कुल ही खाना खाने की इच्छा नहीं होती है. जिस वजह से वजन में अचानक बदलाव आ सकता है और डिप्रेशन के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं महिला को घेर लेती है।

चिड़चिड़ापन और गुस्सा 

डिप्रेशन के कारण महिला हर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगती है और अपना धैर्य धीरे-धीरे खोने लग जाती है. हर समय चिड़चिड़ापन महसूस होता रहेगा और फिर खुदसे ही परेशान होने लग जाती है।

आत्मग्लानि और नकारात्मक विचार 

जब महिला डिप्रेशन का शिकार बन रही होती है तब वह खुद को बेकार समझना शुरू कर देती है. जितने भी नकारात्मक विचार होते हैं वह सब उसके जेहन में आने लग जाते हैं जिससे वह हर चीज के लिए खुद को दोषी मानने लग जाती है और धीरे-धीरे आत्मविश्वास में कमी का कारण बन जाता है।

ध्यान केंद्रित करने में परेशानी 

जब महिला डिप्रेशन की ओर बढ़ रही होती है तब उनका कसीस भी काम में मन नहीं लगेगा साथ ही किसी भी काम को करने में ध्यान केन्द्रित में दिक्कत आने लगती है. चाहे वह किसी काम से जुड़े हो या पढ़ाई करना हो, ध्यान न लगना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कई बार फैसले लेने में कठिनाई भी महसूस होने लग सकती है।

शारीरिक लक्षण

सिर में दर्द, बदन में दर्द, पेट खराब रहना या फिर अन्य शारीरिक समस्याएं जिसकी वजह से कोई मेडिकल कंडीशन हो जाना भी डिप्रेशन की वजह बन जाता है. 

डिप्रेशन के कारण शरीर कहीं न कही आपको कुछ न कुछ करते हुए संकेत देने की कोशिश करता है क्योंकि के बार महिला अपने लक्षणों को नज़रंदाज़ कर देती है जिससे डिप्रेशन की समस्या गंभीर हो जाती है और वह इतनी हताश हो जाती है कि वह अपनी जान लेने तक आ सकती है. इसलिए समय रहते अपनी समस्या को समझे और लक्षणों पर ध्यान दे, जिससे आप डिप्रेशन की समस्या को पहचान सकें और थेरेपी लेकर इससे बाहर आ सकें

डिप्रेशन के महिलाओं में महत्वपूर्ण कारण (Important reasons for depression in women in Hindi)

महिलाओं में ऐसे भी कुछ विशेष कारण मौजूद है जो कि डिप्रेशन यानी अवसादग्रस्त की वजह बन सकती हैं।

हार्मोनल बदलाव के कारण 

हार्मोनल बदलाव के कारण महिला के शरीर में बहुत से परिवर्तन आने लगते हैं जिसकी वजह से वह खुदसे धीरे-धीरे परेशान होने लग जाती है या फिर सेल्फ डाउट करने लगती है. इसके चलते वजन में बदलाव आने लगता और बहुत सी स्वास्थ्य समस्या पैदा होने लगती है जो कि डिप्रेशन की समस्या को ओर बढ़ा सकती है. कई बार शारीरिक बदलाव भी महिला को डिप्रेशन में डाल सकता है. हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ चीज़े महिला महसूस कर सकती है:-

  • मासिक धर्म 

हार्मोनल बदलाव के कारण पीरियड्स के समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हार्मोन में बदलाव से की वजह से मूड स्विंग बढ़ जाते हैं, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन की समस्या की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

  • गर्भावस्था 

गर्भधारण के समय महिला मानसिक और शारीरिक बदलाव के कारण भी डिप्रेशन का शिकार बन सकती है. बदलते शरीर और हार्मोनल बदलाव केर कारण डिप्रेशन ट्रिगर हो सकता है। इसलिए डॉक्टर महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय खुश रहने की सलाह देते हैं. 

  • प्रसवोत्तर अवसाद 

डिलीवरी के बाद महिला में हार्मोनल असंतुलन की समस्या रहती है. नई जिम्मेदारियों का दबाव और थकान के कारण महिला को डिप्रेशन की समस्या का समाना करना पड़ सकता है। डिलीवरी के बाद अक्सर पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने की संभावना अधिक रहती है.

  • मेनोपॉज

उम्र बढ़ने के साथ महिला में होने वाला हार्मोन में बदलाव और शारीरिक परिवर्तन भी डिप्रेशन यानी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

मानसिक और भावनात्मक कारण

अकेलापन और आत्मसम्मान की कमी के कारण बहुत बार खुद को कमजोर समझना और असफल या महत्वहीन महसूस करना डिप्रेशन का एक आम कारण माना जाता है।

  • रिश्तों में तनाव विवाह

जब प्रेम संबंधों में धोखा मिला हो या फिर घरेलू हिंसा हुई हो तब भी महिला डिप्रेशन का शिकार बन सकती है. कई बार तलाक होने के कारण भी मानसिक दबाव बढ़ जाता है जो कि डिप्रेशन का कारण बन सकता है।

  • बचपन का ट्रॉमा

शारीरिक और  मानसिक या यौन शोषण का अनुभव होना भी डिप्रेशन की वजह बन जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आप यह सब बात किसिस के साथ साझा नहीं कर पाती है और यह एहसास अंदर ही अंदर आपको कमजोर करने लगता है।

  • चिंता और ओवरथिंकिंग

ऐसी कोई ही एक महिला को होगी जो सोचती कम होगी क्योंकि वह इमोशनल होती है इसलिए हर छोटी बात पर ज्यादा सोचने और चिंता करने की उनकी यह आदत कई बार डिप्रेशन की वजह बन जाती है।

सामाजिक और पारिवारिक दबाव

परिवार और करियर में संतुलन बनाने का दबाव हर महिला को आज के समय में देखना पड़ता है और महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वह परिवार और नौकरी दोनों को अच्छे से संभालें. ययः एक वजह से जिससे सबको संभालते हुए वह खुद बिखर जाती है।

  • घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा 

बहुत सी महिलाओं को समाज और परिवार में कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है जो कि उनके मानसिक स्वास्थ्य के हानिकारक होता है. कई बार शोषण और हिंसा का भी सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से महिला डिप्रेशन में जा सकती है।

जीवनशैली और शारीरिक कारण

जब किसी भी कारण नींद से जुड़ी संसय आने लगती है तो वह मानसिक और शारीरिक तनाव को बढ़ाने लग जाता है जो कि डिप्रेशन की वजह बन सकता है।

  • असंतुलित आहार

जब शरीर में पोषण की कमी होने लगती है तो कई बार यह भी महिला के शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगता है जो कि डिप्रेशन की वजह बन सकता है।

  • शारीरिक बीमारियां

अगर कोई महिला थायरॉइड, डायबिटीज, पीसीओडी आदि जैसी बीमारियां का शिकार बनती है तब मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है जो कि डिप्रेशन की वजह बन सकता है।

  • नशे और दवाओं का दुरुपयोग

शराब, धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है ही साथ ही नशीली दवाइयों ज्यादा सेवन भी डिप्रेशन की वजह बन सकता है।

महिलाओं में डिप्रेशन से बचने के लिए कुछ उपाय (Some remedies to avoid depression in women in Hindi)

स्वस्थ जीवनशैली 

  • नियमित रूप से  व्यायाम करें जिसमें योग, मेडिटेशन और वॉक आदि शामिल है जिससे तनाव कम होगा और मूड में परिवतर्न आएगा।

  • संतुलित आहार के सेवन से भी डिप्रेशन से लड़ा जा सकता है. आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां को जोड़ सकती है साथ ही फल, नट्स और प्रोटीन का सेवन करते हुए स्वस्थ भोजन लें।

  • पर्याप्त नींद लेने से काफी समस्या से ठीक हो जाती है इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद रोज़ लें, जिससे आपका दिमाग शांत होता है।

  • कैफीन और नशे के सेवन से जितना दूर रह सकते हैं उतना दूर रहे. आप शराब, धूम्रपान और ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन करना बंद कर दें जिससे आप डिप्रेशन को बढ़ाने से रोक सकती है।

भावनात्मक संतुलन को बनाए रखें 

अपनी भावनाओं को कभी न दबाएं क्योंकि जो महसूस कर रही हैं उसको अपने दोस्तों, परिवार या किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ बाटे. अंदर रखने से आप दुखी रहेंगी। समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लें जिससे अपने लिए समय निकाकर, अपने पसंदीदा शौक को पूरे कर पाएंगी। साथ ही खुद को महत्व हमेशा दें।

सकारात्मक सोच को अपनाएं

आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए,  खुद को कमजोर या असफल न  मानने बल्कि अपनी उपलब्धियों के बारे में सोचे और उन पर ध्यान दें। साथ ही ओवरथिंकिंग करने से बचें क्योंकि हर छोटी बात पर ज़रूरत से ज़्यादा सोचने के कारण भी मानसिक तनाव बढ़ने लग जाता है। साथ ही छोटी-छोटी खुशियों को एन्जॉय करना सीखे।

रिश्तों को मजबूत बनाएं 

अच्छे दोस्तों को अपने साथ रखें, बुरे वक़्त पर दोस्तों और परिवार से बातचीत करने से मन काफी हल्का हो जाता है। अपने रिश्तों में संतुलन बनाकर रखने से अनावश्यक तनाव से बच सकती है और ज़रूरत पड़ने पर प्रोफेशनल काउंसलिंग का सहारा ले सकती हैं। इस बार का विशेष ध्यान रखें कि सोशल मीडिया की तुलना से खुद को दुरे रखें. अपनी ज़िंदगी को दूसरों की दिखावटी ज़िंदगी से दूर रखें और उनसे न जोड़ें।

नोट: 

महिलाओं में बढ़ती डिप्रेशन की समस्या एक खामोश परेशानी है जिसे वह किसी के साथ साझा नहीं कर पाती है और कई बार डिप्रेशन की समस्या महिला की मौत का कारण भी बन जाती है।

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