Tuesday, June 03 ,2025

Low BP in Hindi: जानिए लो बीपी से लक्षण कारण और बचाव के तरीके !


Low BP in Hindi

आज का समय ऐसा है कि न जाने किसी को कौन-सी बीमारी हो जाए। सभी का लाइफस्टाइल इतना बदल गया कि छोटा हो या बड़ा, कोई न कोई समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में ही एक समस्या है लो बीपी की। बहुत से लोगों में बीपी की समस्या देखने को मिल रही है और यह वैसे तो खतरनाक नहीं लेकिन सही से ध्यान न रखा जाए तो यह एक गंभीर स्थिति भी बन सकती है। आज इस ब्लॉग के जरिए इस बीमारी को विस्तार से समझेंगे और इससे जुड़े सभी कारकों पर बात करेंगे। 

लो ब्लड प्रेशर क्या है? (What is low blood pressure in Hindi?)

लो ब्लड प्रेशर शरीरिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के रक्तचाप का स्तर सामान्य से कम हो जाता हैं। इस स्थिति में, खून धमनी दीवारों को सही से प्रेशर नहीं प्रदान कर पाता है जिसके वजह से रक्तचाप का स्तर सामान्य 90/60 mmHg हो जाता है या फिर इससे भी कम हो जाता है। लो रक्तचाप के कुछ लोगों में तरह-तरह की समस्या नज़र आ सकती है, जैसे चक्कर, थकावट, भूख की कमी आदि । यह समस्याएं व्यक्ति के असंतुलित खान-पान, तनाव, या अन्य किसी संबंधित कारणों की वजह से दखने को मिल सकती हैं। 

लो बीपी के क्या लक्षण है? (What are the symptoms of low BP in Hindi?)

लो ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल काफी लोगों में नज़र आने लगी। यह व्यक्ति के शरीर में रक्तचाप के कम होने के कारण होने वाली समस्या है। 

  • चक्कर या भ्रम आना 

अगर किसी भी व्यक्ति को चक्कर या भ्रम आते है तो उसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं,। इन कारण में शामिल हैं कम रक्तचाप, शुगर की दवाइयाँ, काम नींद या अनिद्रा, तनाव, आँखों से जुड़ी समस्याएं या अत्यधिक तापमान। इन समस्याओं में दिखाई देने वाले लक्षण को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस या दिखाई दे रहे हैं तो आप डॉक्टर से संपर्क करें और उनके बताई हुई सलाह का पालन करें। 

  • थकावट 

आज के समय में काफी लोगों में थकावट या कहें आलस्य एक आम समस्या नज़र आती हैं। यह व्यक्ति के अनियमित या गलत खान-पान, समय से न सोने के कारण हो सकती हैं। इस समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए साथ ही अगर वह प्रतिदिन आवश्यक आराम करें तो इस समस्या में राहत पा सकता है। 

  • भूख न लगना या भूख की कमी

भूख में कमी या फिर भूख न लगना, दोनों के पीछे ही अलग-अलग कारण होते हैं। इनमे शामिल है  हार्मोनल बदलाव, उल्टी, या फिर कोई अन्य समस्या। ऐसी समय में आप अगर संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो यह भूख में सुधार ला सकती है साथ ही योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए। योग शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करेगा साथ ही आपकी भूख की समस्या में सुधार लाएगा। 

  • उलटी

व्यक्ति को जब बार-बार मतली या उलटी का अभ्यास हो तो यह लो बीपी की समस्या हो सकती है। यह वायुमंडलीय संक्रमण, खानपान की गलत आदतें, गर्भावस्था या फिर किसी अन्य रोग के कारण हो सकती है। 

  • पसीना आना

पसीना मौसम या शरीर के तापमान की बढ़त, शारीरिक व्यायाम, तनाव या किसी अन्य रोग के के कारण आ सकता है। लेकिन यह ज्यादा आए तो डॉक्टर से संपर्क करें। आप अधिक पानी का सेवन करें और ठंडे पानी से के स्नान करें ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी। 

  • ठंडा और अनिर्णायक महसूस करना

सर्दी-जुकाम, तापमान के उतार-चढ़ाव, या फिर रक्तचाप के कम होने के कारण ठंडा और अनिर्णायक महसूस कर सकते हैं। अगर यह लक्षण आपको नज़र आ रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

  • तेज दिल की धड़कन होना 

अगर किसी व्यक्ति को तेज दिल की धड़कन की समस्या नज़र आने लगी  है तो इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। तनाव, शारीरिक कमजोरी, रक्तचाप का कम होना या दिल से जुड़ी समस्या एक बड़ी वजह हो सकती है। अगर आप संतुलित आहार और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो आप शायद इसे कंट्रोल कर पाएं। 

  • धीरे-धीरे संवेदनशील होना

किसी भी व्यक्ति के संवेदनशील होने के पीछे कई वजह हो सकती है। तापमान की बढ़त, तनाव, या फिर गलत खानपान की आदतें। 

  • कमज़ोरी 

कमजोरी का अनुभव खून की कमी, गलत खान-पान या फिर किसी अन्य बीमारी के कारण हो सकती है। इस समस्या से बचाव के लिए आप पौष्टिक आहार का सेवन करें और प्रतिदिन व्यायाम करें। 

लो ब्लड प्रेशर का कुछ भयानक परिणाम 

लो ब्लड प्रेशर का कुछ भयानक परिणाम लो रक्तचाप से संबंधित हो सकते हैं, जिसमें नीचे बताई हुई समस्याएं शामिल है :

  • चक्कर आना या भ्रम होना 

  • थकावट या कमजोरी

  • भूख न लगना 

  • उल्टी महसूस होना 

  • दिल की धड़कन असामान्य होना 

  • बेहोशी की अवस्था

  • मस्तिष्क या न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी समस्याएं

लो बीपी के क्या कारण होते हैं? (What are the causes of low BP in Hindi?)

लो ब्लड प्रेशर  के कई कारण हैं आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से- 

दिल से संबंधी समस्याएं:

अगर किसी व्यक्ति को दिल से संबंधित कोई भी समस्या है, जैसे कि दिल की बीमारियां, दिल का सही से पंप न कर पाना, दिल का अस्थमा आदि। 

अनेमिया: 

शरीर में हेमोग्लोबिन की कमी वाले व्यक्ति को लो बीपी की बीमारी हो सकती है। शरीर में  कम ब्लड काउंट रक्तचाप को कम कर देता है, इस वजह से व्यक्ति को लो बीपी की बीमारी हो सकती है।

डायबिटीज: 

डायबिटीज की बीमारी से परेशान व्यक्तियों में बीपी की समस्या दिखाई देना एक आम बात है। 

थायराइड असंतुलन: 

थायराइड ग्रंथि काअसंतुलन होना भी लो बीपी की समस्या का कारण हो सकता है।

रक्त स्राव में कमी: 

कई कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से रक्त स्राव में कमी हो सकती है। उन कारण में रक्त उत्पादन में कमी, रक्त की हानि, या अत्यधिक रक्त हानि (अत्यधिक रक्तस्राव)।

दवाइयों का सेवन: 

शायद इस बात से बहुत ही कम लोग वाकिफ होंगे कि कुछ दवाइयाँ ऐसी भी है जिसकी वजह से लो बीपी की समस्या हो सकती है।  उन दवाइयों में शामिल है ब्लड प्रेशर कंट्रोल दवाई, दिल की दवाई आदि। 

लो बीपी की समस्या का उपचार चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा ही किया करवाएं। अपनी मरीज से किसी भी तरह की दवाई का सेवन न करें। 

लो बीपी का परीक्षण (low bp test in hindi)

1. किसी भी उपचार से पहले डॉक्टर रोगी का इतिहास (Medical History) का पूछता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि  यह उपचार करने में मददगार रहता है। 

2. मरीज की रक्तचाप अवलोकन (Blood Pressure Monitoring) जरूरी है। इससे ब्लड प्रेशर का स्तर पता चलता है और उपचार में मदद मिलती है। 

3. डॉक्टर मरीज की शारीरिक जांच (Physical Examination) करते हैं। जिसमें उन्हें नाड़ी बनाना, दिल की धड़कन की गति की जांचना होती है।

4. रक्त परीक्षण की मदद से भी लो बीपी का निदान करने में मदद मिलती है। रक्त परीक्षण (Blood Tests) की मदद से शरीर में हेमोग्लोबिन लेवल, ब्लड काउंट और थायराइड फंक्शन टेस्ट आदि की जांच हो सकती है।

5. ECG टेस्ट की मदद से मरीज के दिल की गति और धड़कन की गति की जांच होती है और यह पता लगा सकेटे हैं की लो बीपी की समस्या ज्यादा गंभीर तो नहीं है। 

6. डॉक्टर मरीज की लो बीपी की समस्या के आधार पर उपचार संबंधी सलाह देते हैं। मरीज की आवश्यकतों के आधार पर उन्हें अन्य जांच की भी सलाह दी जा सकती है। उस जांच में शामिल है दिल की जांच या शरीर के अन्य भागों से जुड़ी जांच। लो बीपी के उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है जिससे आपका सही से इलाज हो सकें। 

लो ब्लड प्रेशर से बचाव (Prevention of low blood pressure in hindi)

 

आप लो ब्लड प्रेशर से बचाव करना चाहते हैं तो कुछ बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें जिससे सेहत में सुधार आयें।  

1. सिर्फ लो बीपी के मरीज को ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति को दिन में काम से काम 10 से 12 गिलास पानी का सेवन करना चाहिए या फिर एक अच्छी मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। सही मात्रा में पानी का सेवन आपके ब्लड को कंट्रोल करने में मदद करता है।

2. नमक का सेवन ज़रा ध्यान से करना चाहिए क्योंकि अधिक नमक का सेवन शरीर में कई समस्या को पैदा कर सकता है वहीं कम नमक का सेवन अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। नमक को अपनी डाइट में संतुलित करें। 

3. नियमित खाना खाना और भूखे न रहना आपको लो बीपी की समस्या में राहत दिल सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप स्वस्थ डाइट लें जिसमें सभी तरह से आपके शरीर के लिए पोषक तत्व की पूर्ति हो। 

4. आप अपनी दिनचर्या में योग, ध्यान या किसी भी तरह का कोई भी अन्य व्यायाम को शामिल कर सकते हैं। इसकी मदद से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। नियमित व्यायाम आपको तनाव से भी दूर रखेगा, जिससे बाकि अन्य समस्याओं का खतरा कम होगा।

5. जब आपको लगे कि आपको थकान अधिक हो रही है तो आप पर्याप्त आराम करें। जिससे लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से बचाव हो सकें। थकान के कारण चक्कर भी आ सकते हैं इसलिए आराम करें और अच्छी नींद लें।

6. कोशिश करें कि आप तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों से दूर रहें और साथ ही नकारात्मक विचारों वाले लोगों से भी दूरी बनाएं। पॉजिटिव विचार वाले व्यक्तियों से मिले या चीज़े देखें। ध्यान और मेडिटेशन की मदद से आप मानसिक तनाव को दूर रखकर, मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

7. हर व्यक्ति को समय-समय पर यानि नियमित रूप से बॉडी चेकअप  करवाना चाहिए। बताएं हुए लो ब्लड प्रेशर के लक्षण नज़र आए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

नोट: 

लो बीपी की समस्या से बचाव करना आसान है बस बताई हुई बातों का ध्यान रखें। साथ ही लक्षण नज़र आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज शुरू करें।