Thursday, August 07 ,2025

Stomach Ulcer in Hindi – पेट के अल्सर के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज


stomach ulcer in hindi

किसी भी बीमारी के बारे में जानने के लिए उसके लक्षणों पर ध्यान देने की ज़रुरत होती है जिससे समस्या को समय रहते ठीक किया जा सकता है या उसको गंभीर होने से रोका जा सकता है। ऐसी ही एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका नाम अल्सर एक है, लेकिन सही समय पर अगर इसकी पहचान और उपचार किया जाए तो इसको नियंत्रित कर सकते हैं। अगर आप स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित चिकित्सीय जांच करवाते हैं तो अल्सर की समस्या से बचाव किया जा सकता है। अगर आपको अल्सर के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो, तो तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें और उचित उपचार लेकर समस्या को गंभीर होने से रोके। अल्सर की समस्या बाल्यावस्था या बचपन और किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन या समस्या मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों में सबसे अधिक देखने को मिलती है।

पेट का अल्सर क्या है? (stomach ulcer in hindi)

अल्सर एक तरह का घाव होता है आप इसको छाले के रूप में भी देख सकते हैं, जो शरीर की अंदरूनी सतहों पर होता है। वैसे तो, आमतौर पर यह पेट की अंदरूनी परत, या  छोटी आंत या फिर ग्रासनली (इसोफेगस) में बनता है। अल्सर की समस्या तब होती है जब जब पेट में बनने वाला अम्ल जो की एक तरह का एसिड है इन आंतरिक सतहों को नुकसान पहुंचाने लगता है, जिसकी वजह से छाले या घाव बनने लग जाते हैं। अल्सर वैसे तो एक बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, लेकिन अगर इसकी सही समय पर पहचान हो जाए तो इसको उपचार से नियंत्रित कर सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित चिकित्सा जांच से कोई भी व्यक्ति अल्सर की समस्या से अपना बचाव कर सकता है। अगर आपको अल्सर के लक्षण  दिखाई या महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर, एक उचित उपचार शुरू करें। 

पेट दर्द या जलन लंबे समय तक बनी रहे तो जरूर पढ़ें – H. pylori संक्रमण: लक्षण, कारण और उपचार।

पेट के अल्सर के क्या लक्षण है? (symptoms of stomach ulcer in Hindi)

अल्सर के लक्षण हर व्यक्ति के अंदर भिन्न हो सकते हैं इसलिए यह लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति निर्भर होते हैं और यह अल्सर की गंभीरता पर भी तय निर्भर करते हैं। अल्सर की समस्या के लक्षण गंभीर हो सकते हैं इसलिए इनको  नजरअंदाज न करें। सही समय पर इन लक्षणों की पहचान करके एक उचित उपचार से अल्सर की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं और इसको गंभीर परिणामों से भी बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि अल्सर के लक्षण कौन-से हैं:-

पेट में दर्द

जब व्यक्ति के पेट के ऊपरी हिस्से में जलन या दर्द महसूस हो तो उसे एपिगैस्ट्रिक पेन कहते हैं। यह दर्द खाना खाने के बाद या खाली पेट होने पर अधिक बढ़ सकता है।

अपच और गैस की समस्या 

बदहजमी और पेट में गैस बन जाना या फिर पेट में भारीपन महसूस होना भी अल्सर का लक्षण हो सकता है।

बार-बार एसिडिटी और गैस की समस्या हो तो पढ़ें – पेट में गैस क्यों बनती है या पेट क्यों फूलता है?

भूख में कमी आना 

जब व्यक्ति को भूख न लगे या फिर खाना खाने में कोई रुचि न हो। कम खाने के बावजूद भी पेट भरा हुआ सा लगना आदि भी अल्सर का संकेत हो सकता है। भूख कम लगने या थकावट महसूस होने पर अंग्रेजी में जरूर पढ़ें – A Complete Overview of Fatigue and its effect in Indians

वजन कम होना

अचानक से वजन कम हो जाना या फिर खाने की इच्छा में कमी आना, यह दोनों लक्षण अल्सर की ओर इशारा हो सकता है।

मतली और उल्टी

कई बार मतली या उल्टी आना या फिर कभी-कभी खून की उल्टी होना भी एक लक्षण है। 

काले या टेरी मल

मल का रंग काला या टेरी जैसा हो जाना या फिर आंतरिक रक्तस्राव भी संकेत हो सकता है कि आपको अल्सर की समस्या है।

पेट फूलना

अगर पेट में भारीपन या फूलने की समस्या बार-बार हो रही है तो या बभी अल्सर होने की संभावना है।

डकार आना

अगर आपको बेवजह बार-बार डकार आ रही है तो भी एक अल्सर का लक्षण हो सकता है।

खून की उल्टी 

किसी व्यक्ति को उल्टी में खून आ रह है तू यह एक गंभीर लक्षण हो सकता है कि व्यक्ति को अल्सर की समस्या हो। अगर उल्टी के साथ बुखार भी हो, तो यह ज़रूरी है – 12 Common Fevers in India: Symptoms, Causes & Treatment

चक्कर आना या बेहोशी

अगर किसी भी व्यक्ति में खून की कमी या रक्तस्राव की समस्या है तो यह भी अल्सर कि वजन बन सकता है।

अत्यधिक कमजोरी

व्यक्ति में अगर खून की कमी  है तो यह भी एक समय के बाद शरीर में अल्सर बन सकता है।

पाचन और आंतों की सेहत के लिए अंग्रेजी में पढ़ें – A Comprehensive look into Gut Health in India

पेट के अल्सर के क्या कारण है? (causes of stomach ulcers in Hindi)

अल्सर होने की कई वजह हो सकती है, जो पेट और आंतों की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। अल्सर के कई कारण हो सकते हैं और समय पर पहचान और उचित इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। अगर आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं साथ ही संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो आप अल्सर की समय के खतरे को कम कर सकते हैं। लेकिन अगर आप धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं और दर्द निवारक दवाइयों का ज़रुरत से अधिक इस्तेमाल करते हैं तो अल्सर का जोखिम बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कुछ कारण जो अल्सर होने की संभावना को बढ़ा देते हैं:- 

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया 

जब यह बैक्टीरिया पेट की श्लेष्मा परत को कमज़ोर करने लगता है, तो एसिड अंदरूनी परत को नुकसान पहुँचाना शुरू कर सकता है। यह अल्सर बनने के सबसे आम कारणों में से एक है।

एनएसएआईडीएस - NSAIDs

आइबुप्रोफेन, एस्पिरिन और नेप्रोक्सन जैसी नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाईयों का लंबे समय तक या ज़्यादा मात्रा में लेने पर अल्सर का कारण बन सकती हैं। यह दवाई पेट की रक्षा करने वाली बलगम की परत को कमज़ोर करने लग जाती हैं।

अत्यधिक अम्लीय भोजन और पेय

ज़रुरत से ज्यादा मसालेदार, खट्टे, या अम्लीय खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ आदि पेट की आंतरिक परत को क्षति पहुंचाने लग सकती हैं।

धूम्रपान और शराब

धूम्रपान और शराब सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है और साथ ही पेट और आंतों की म्यूकस परत को कमजोर करती है। इस वजह से अल्सर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। शराब पेट के अम्ल को बढ़ा देती है, जिसकी वजह से म्यूकस परत को क्षति पहुंचाती है।

तनाव और मानसिक दबाव

तनाव और मानसिक दबाव भी व्यक्ति के पेट की म्यूकस परत को प्रभावित करता हैं और अल्सर की वजह बन सकता हैं। वैसे तो, तनाव अकेले अल्सर का कारण नहीं बन सकता है, लेकिन यह स्थिति को और भी ज्यादा बदतर बना सकता है।

अनियमित जीवनशैली और खान-पान कि आदत 

अनियमित भोजन की आदत, असंतुलित आहार और भोजन छोड़ने की आदतें भी अल्सर के जोखिम को बढ़ा सकती है। 

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विरासत और आनुवांशिकी

यह समस्या परिवार में किसी रही हो तो अल्सर की समस्या उस व्यक्ति को विरासत में मिलने की संभावना बहुत ही अधिक बढ़ जाती है।

अन्य चिकित्सीय स्थितियां होना

जोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम (Zollinger-Ellison syndrome), यह पेट में अत्यधिक एसिड उत्पादन का कारण बन सकता है, जिससे व्यक्ति को अल्सर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

कॉफी और चाय

ज्यादा मात्रा में कॉफी और चाय का सेवन करना भी पेट के एसिड को बढ़ा देता है, जिसकी वजह से अल्सर की समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है।

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पेट के अल्सर से कैसे बचाव करें? 

अल्सर जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है उसको रोकने और नियंत्रित करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है जिससे इस समस्या से बचाव हो सकता है। अल्सर से बचाव के लिए आप स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत करें साथ ही संतुलित आहार को अपनी डाइट में जोड़े और  तनाव प्रबंधन के साथ नियमित चिकित्सा जांच करवाएं। अगर इन उपायों को अपनाते हैं तो अल्सर के जोखिम को कम कर सकते हैं और पेट की समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ अल्सर से बचाव करने के तरीको के बारे में:- 

स्वस्थ आहार लें 

अपनी डाइट में संतुलित आहार लें जिसमें मसलन फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हो।

मसालेदार और अम्लीय भोजन न करें 

ज्यादा मसालेदार खाना, खट्टे और अम्लीय खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रहे, यह अल्सर के जोखिम हो बढ़ा सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि समय पर भोजन करें। हल्का और पौष्टिक भोजन का सेवन करें और रात के समय भारी भोजन न करें।

दूध और डेयरी उत्पाद

आप पेट की अम्लीयता को कम करने के लिए दूध या उसे बननी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि यह  अल्सर से बचाव करने में मददगार है।

धूम्रपान और शराब से बचें

धूम्रपान करने से पेट की म्यूकस परत को क्षति पहुंचाती है, जिससे अल्सर का जोखिम बढ़ जाता है। वही, अत्यधिक शराब का सेवन करने से पेट के अम्ल बढ़ाने लग जाता है और म्यूकस परत को क्षति पहुंचाने लगती है।

दवाइयों का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें

एनएसएआईडीएस का कम से कम ही इस्तेमाल करना चाहिए। दर्द निवारक दवाईयों का ज्यादा या लंबे समय तक इस्तेमाल करने से अल्सर की समस्या पैदा हो सकती है। डॉक्टर की सलाह से ही एनएसएआईडीएस का सेवन करें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाई का दिशा-निर्देशों का पालन करें।

तनाव प्रबंधन करें 

मेडिटेशन और योग की मदद से तनाव को कम कर सकते हैं। ध्यान और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों की मदद से  तनाव को कम करने में मदद मिलती हैं।

पर्याप्त नींद

पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद रोज़ लें,, जिसे स्वस्थ बेहतर रहेगा। 

स्वच्छता बनाए रखें

स्वस्थ रहने के लिए अपनी और आस-पास स्वच्छता को बनाए रखें क्योंकि जहाँ स्वच्छता होती हैं वहाँ सूक्ष्मजीवों या रोगाणुओं के वृद्धि होनी की संभावना  कम हो जाती है। 

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण से बचें

H। pylori बैक्टीरिया संक्रमण से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप अच्छी स्वच्छता को बनाए रखें, जैसे कि भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना और साफ पानी का स्वान करना आदि।

नियमित व्यायाम करें

नियमित व्यायाम करने से पाचन तंत्र स्वस्थ बना रहता है और तनाव कि समस्या भी कम होती है।

नियमित चिकित्सा जांच करवाएं 

पेट की समस्याओं के लक्षण महसूस होने पर अपने डॉक्टर से मिलें और समय-समय पर परामर्श लें। अगर परिवार में किसी को अल्सर हो तो पेट की समस्याओं की नियमित जांच करवाते रहें।

कैफीन का सेवन कम करें

कैफीन युक्त पेय पदार्थों को सीमित मात्रा में ही सेवन करें, कोशिश रहे कि इनका सेवन कम से कम ही रखें।

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नोट:

अल्सर की समस्या एक गंभीर समस्या है इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे अपना बचाव करें और पेट के स्वस्थ को बेहतर रखने के लिए व्यायाम करें और कम मसाले वाला भोजन करें। लंबे समय से पेट दर्द या पाचन दिक्कत है तो जानिए सीईए टेस्ट के बारे में विस्तार से !

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