Wednesday, July 09 ,2025

सर्दी-खांसी से बचने के लिए घरेलू नुस्खें बढ़ाएं इम्यूनिटी!


tips to boost immunity in hindi

मौसम के बदलते ही लोगों में कई बार सर्दी-खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। बदलते मौसम के कारण यह समस्या किसी को भी हो सकती है चाहे बच्चे हो या जवान। बड़े-बुजुर्ग लोगों की तो वक़्त के साथ इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है तो उनका मौसम के बदलने पर बीमार होना एक आम बात है। लेकिन समस्या तो यह है कि बच्चे और युवा भी इस बदलते मौसम के साथ सर्दी-खांसी की चपेट में आ जाते हैं, इससे यह पता चलता है कि उन लोगों की इम्यूनिटी कितनी कमजोर है। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे कि अपनी इम्यूनिटी को कैसे मजबूत बनाए साथ ही सर्दी-खांसी के लिए कुछ आसान और असरदार उपाय!   

सर्दी और खांसी के क्या लक्षण होता है? (What are the symptoms of cold and cough in Hindi?)

जब किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी या जुकाम होता है तब इस स्थिति में कुछ आम लक्षण उभर के नज़र आ सकते हैं, आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में:-

  • नाक का बहना 

  • नाक बंद हो जाना

  • छींकना आना 

  • गले में खराश होना 

  • लगातार खांसी होना (खासतौर पर रात के समय) 

  • हल्की थकान महसूस होना 

  • हल्का बुखार होना 

बीमारी के समय यह सभी लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं। आप इन लक्षणों के महसूस होते ही कोशिश करें कि कुछ घरेलू उपाय करके सेहत में आराम पा सकते हैं लेकिन फिर भी कोई असर न हो आप डॉक्टर से परामर्श और इलाज लें।

सर्दी और खांसी के क्या कारण होते हैं? (What are the causes of cold and cough in hindi?)

सर्दी, खांसी और जुकाम, यह तीनों ही किसी एलर्जी या वायरल संक्रमण की वजह से होते हैं। इस स्थिति में सबसे आम और सामान्य संक्रमण राइनोवायरस है। इसके असिवा, स्वास्थ्य स्थिति के कुछ सामान्य लक्षण के कारण भी आप इन समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं:- 

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होना 

  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क रहना 

  • अचानक मौसम में बदलाव आना 

  • एलर्जी की समस्या 

  • खराब पोषण लेना 

अगर आपको बार-बार जुकाम या बुखार होता है तो मौसमी फ्लू से बचाव के ये उपाय ज़रूर जानें।

सर्दी और खांसी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Cold and Cough in hindi)

आप सर्दी-खांसी के लिए कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं जिससे आपकी समस्या में आराम आ जाएं। कुछ सुझाव तो  सभी डॉक्टर भी सर्दी खांसी और जुकाम के समय में देते हैं। आइए जानते हैं कि वह कौन-से प्राकृतिक उपाय है जिसका आप इस्तेमाल करके इन समस्याओं में आराम पा सकते हैं:- 

तुलसी खाएं 

तुलसी अपने आप में एक औषधी है। तुलसी के सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होता है। तुलसी के साथ अगर अदरक, दालचीनी, काली मिर्च, और लौंग को एक साथ काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी, खांसी एर जुकाम में बहुत लाभ मिलता है।  

शहद और अदरक का सेवन करें 

अगर आप एक चम्मच शहद में ताजे अदरक के रस के साथ थोडा सा काली मिर्च डालकर, इस मिश्रण का सेवन करें। ऐसा करने से सर्दी, खांसी और जुकाम के कारण होने वाली गले की खराश में राहत मिलेगी। 

हल्दी वाला दूध का सेवन करें 

एक ग्लास गर्म दूध में थोड़ी हल्दी डालकर पीने से फायदा होगा, जिससे खांसी और शरीर में हो रही कोई भी सूजन, उससे राहत मिलेगी। आप यह हल्दी वाला दूध रात को सोने से पहले पीएं।

भाप लेना होगा फायदेमंद 

भाप लेना हर मरीज को पता होता है लेकिन आलस करने के कारण वह इस उपाय को जल्दी नही करते हैं लेकिन भाप लेने से मरीज की नाक का मार्ग साफ हो जाता है। साथ ही भाप लेने से मरीज को सांस लेने में भी काफी आसानी हो जाती है। 

नमक के पानी से गरारे करना

मरीज गर्म पानी से गरारे करके भी खांसी में आराम पा सकता है। गरारे करने से बलगम कम होता है और गले में होने वाली जलन भी कम हो जाती है। 

इस सभी उपायों को बच्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि 2 से 8 साल के बच्चों पर इन उपायों का इस्तेमाल न करें। 2 साल के बच्चे को अगर सर्दी-खांसी है तो घरेलू उपचारों को करने से पहले आप किसी अनुभवी डॉक्टर से परामर्श लें। अगर किसी कारण डॉक्टर से संपर्क नहीं हो पा रहा है तो तब आप चाहे तो कुछ उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं- 

  • बच्चों के लिए एक सेलाइन नेज़ल स्प्रे आता है। आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 

  • छोटे बच्चों को आप शहद और अदकर मिश्रण दए सकते हैं। लेकिन ध्यान रहें कि अदरक की मात्रा आधा चम्मक से ज्यादा न हो। 

  • बच्चे को सुलाते समय आप बच्चे के सिर को थोड़ा सा ऊपर की तरफ रखें। इससे खांसी नही आएगी। 

इम्यूनिटी को मज़बूत बनाए रखने के लिए विटामिन D की पर्याप्त मात्रा भी जरूरी होती है।

सर्दी और खांसी के दौरान आहार के सुझाव (Diet Tips During Cold and Cough in Hindi)

सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए आप सबसे पहले आहार में बदलाव लाएं :- 

गर्म तरल पदार्थ लें 

किसी भी अवस्था में चाहे आप बीमार है या नहीं है। खुद को हाइड्रेट रखें। बीमारी के सांसी में हाइड्रेट रहने से गले को आराम मिलता है इसके लिए आप हर्बल टी पी सकते हैं। लगातार गर्म पानी का सेवन करना मरीज के लिए लाभकारी रहता है। 

आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ लें 

जब आप बीमार है तो कोशिश करें कि आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ ही खाएं। आप भोजन में खिचड़ी, दलिया, या सूप का सेवन कर सकते हैं।

मसाले

काली मिर्च, जीरा और दालचीनी आदि जैसे मसालों को अपने आहार में शामिल करके, आप सभी रोगों से दूरी बना सकते हैं। 

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय (Home remedies to increase immunity in hindi)

बार-बार बीमार होना या मौसम के बदलते ही बीमार होना, दोनों ही सूरत में व्यक्ति की इम्यूनिटी कंजजोर है और इसको मजबूर बनाने के लिए आपको घर से बाहर जाने केई जरूरत नहीं है। हमारी किचन में ही काफी ऐसी चीजें मौजूद है जिसके इस्तेमाल से घर बैठे ही व्यक्ति अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकता है। 

लहसुन

अगर आप रोज 1 से 2 काली लहसुन का सेवन करते हैं, तो यह शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है साथ ही व्यक्ति की इम्यूनिटी मजबूत होती है। 

खट्टे फल

खट्टे फल में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। विटामिन सी की मदद से सर्दी और फ्लू को ठीक करने में मदद मिलती है। आप अंगूर, आंवला, नींबू, संतरा आदि जैसी चीजों का सेवन करते हुए विटामिन सी की पूर्ति कर सकते हैं। 

हल्दी 

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है। आप हल्दी को अपनी डाइट में किसी भी तरह से शामिल कर सकते हैं। 

ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलती हैं। 

तुलसी 

यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल जैसी कई गुण मौजूद होते हैं। तुलसी के सेवन से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। 

इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में अन्य कारक (Other factors in strengthening immunity in hindi)

रोज़ एक्सरसाइज करें 

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज करना जरूरी है साथ ही एक्सरसाइज करने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनाता है। एक्सरसाइज करने से शरीर अच्छे से काम कर पता है साथ सभी अंग भी सही से फंगक्शन करते हैं। एक्सरसाइज दिल के स्वास्थ्य में सुधार लाती है, वजन और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद करती है। 

भरपूर नींद लें

नींद पूरी न होने के कारण भी शरीर के  इम्यून सिस्टम पर बुरा असर पड़ता हैं जिसकी वजह व्यक्ति बीमारी से लड़ने के लिए और इन्फेक्शन से बचाने के लिए सक्षम नहीं रहता है। एक अच्छी और गहरी नींद लें, ब्यक्ति को कम से कम भी अच्छी नींद के लिए 7 से 8 घंटे सोना चाहिए। जानिए तनाव क्या है और इसका आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है।

बॉडी वेट का ध्यान रखें

ज्यादा वजन होने की वजह से शरीर के काम करने का तरीका प्रभावित हो जाता है, जिसका असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। सही वजन बनाए रखने के लिए आप अच्छी नींद लें, स्ट्रेस कम लें, एक्सरसाइज जरूर करें, साथ ही स्वस्थ भोजन करें। 

हाइड्रेट रहे 

पानी का सही मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के आधे से ज्यादा रोगों से मुक्ति दिलाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। फिजिकल एक्टिविटी करने से पसीना आता है जिसकी वजह से  शरीर में पानी की कमी हो सकती है। अगर एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो भी यूरिन के जरिए शरीर से पानी निकल ही जाता है, इसलिए पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें। 

स्ट्रेस कम लें 

तनाव ज्यादा हो या कम हो यह सेहत के लिए हानिकारक ही है। स्ट्रेस इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। स्ट्रेस अलग अलग तरीके से व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है। किसी को नींद से जुड़ी समस्या होती है, तो किसी को भूख-पियास कम हो जाती है। स्ट्रेस को दूर करने के लिए योग कर सकते हैं या फिर कोई एक्टिविटीज करके भी स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है। 

स्मोकिंग और अल्कोहल के सेवन से बचें 

शराब का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर करने लग जाता है और स्मोकिंग करने से शरीर बीमारी से लड़ने की क्षमता खोने लग जाता है। स्मोकिंग की वजह से रुमेटीइड गठिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए इन दोनों का सेवन तुरंत बंद करें।

शरीर में छिपी सूजन को समझने के लिए CRP टेस्ट से जुड़ी जानकारी अवश्य पढ़ें।

नोट : 

मजबूत इम्यूनिटी होने से आप बहुत सी बीमारियों को दूर रख सकते हैं। साथ ही एक हेल्दी लाइफस्टाइल को भी अपनाएं। आप स्ट्रेस ना लें, खुश ररहने की कोशिश करें, रोज़ाना एक्सरसाइज करें साथ ही हेल्दी खाएं। यह सभी बाते ध्यान में रखें इससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी, तो आप बीमार भी कम पड़ेंगे।

स्वस्थ शरीर के लिए फाइबर युक्त आहार की भूमिका को भी समझना ज़रूरी है।

 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।