डीएचईएएस टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जो रक्त में डीहाइड्रोएपिएंड्रोस्टेरोन सल्फेट (Dehydroepiandrosterone sulfate) की मात्रा को मापने में मदद करता है। डीएचईएएस (DHEAS) एक सेक्स हार्मोन होता है जो दोनों कि लिंगों में मौजूद होता है। यह टेस्टोस्टेरोन जो कि पुरुष सेक्स हार्मोन और महिलाओं में एस्ट्रोजन सेक्स हार्मोन बनाने में भूमिका निभाता है। डीएचईएएस सामान्यतः यौवन के आसपास चरम (puberty) पर होता है और उम्र के साथ घटने लग जाता है।
डीएचईएएस (DHEAS) का इस्तेमाल शरीर के द्वारा हार्मोन बनाने के लिए किया जाता है जैसे कि एण्ड्रोजन (टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोस्टेनेडिओन) और एस्ट्रोजन। वैसे तो यह दोनों ही हार्मोन शरीर में कुछ स्तरों पर मौजूद होते हैं, लेकिन पुरुष में ज़्यादा टेस्टोस्टेरोन बनाता है और वहीं महिलाओं में ज़्यादा एस्ट्रोजन बनता है। डीएचईएएस पुरुषों के लिए एक बहुत ही ज़रूरी हार्मोन है ऐसा इसलिए क्योंकि यह हार्मोन यौवन के दौरान पुरुष यौन विशेषताओं को विकसित करने में मददगार होता है। वैसे तो, यह दोनों लिंगों में प्रजनन के लिए बहुत ही ज़रूरी है। डीएचईएएस टेस्ट टेस्टोस्टेरोन से भी जुड़ा है, जानिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे बढ़ाएं और इसके असरदार घरेलू उपाय।
एक मनुष्य के शरीर में दो अधिवृक्क ग्रंथियाँ मौजूद होती हैं जो कि किडनी के ऊपर स्थित होती हैं। यह ग्रंथियाँ मनुष्य के शरीर में सबसे ज़्यादा डीएचईएएस बनाने के लिए उत्तरदायी होती हैं। प्रजनन अंग, महिला में अंडाशय और पुरुष में अंडकोष, भी डीएचईएएस हार्मोन की थोड़ी मात्रा को पैदा करते हैं। अधिवृक्क ग्रंथियाँ कुछ चीजों के उत्तरदायी है जैसे कि :-
डीएचईएएस का निर्माण विभिन्न सेक्स हार्मोनों के लिए आवश्यक है।
डीएचईएएस कॉर्टिसोल का उत्पादन करता है। यह एक हार्मोन है जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ साथ आपके चयापचय में भी मदद करता है
अपने दिल की गति, ब्लड प्रेशर और अन्य शारीरिक कामों को नियंत्रित करता है।
अगर कोई व्यक्ति एड्रेनल डिसऑर्डर, एड्रेनल ग्रंथि में ट्यूमर या फिर इसी तरह की समस्याओं के लक्षण देख पा रहें तो उस स्थिति में, डॉक्टर आपको डीएचईएएस टेस्ट करवाने की सलाह देंगे। जिससे वह समझ पाएंगे कि व्यक्ति एड्रेनल ग्रंथियाँ कितनी अच्छी और सही तरह से काम करती हैं और क्या व्यक्ति का डीएचईएएस-एस (DHEAS -S) का स्तर डीएचईएएस (DHEAS) सामान्य सीमा के भीतर है।
कुछ केस में, इंटरसेक्स शिशुओं या बच्चों को भी डीएचईएएस ब्लड टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है। इंटेरसेक्स मतलब ऐसे व्यक्ति जिनकी यौन शारीरिक रचना या प्रजनन अंग पुरुष और महिला के बाइनरी वर्गीकरण में फिट नहीं होते हैं।
डीएचईएएस टेस्ट के साथ-साथ अक्सर डॉक्टर CBC टेस्ट की भी सलाह देते हैं, जो शरीर की संपूर्ण जांच में मदद करता है।
हाई डीएचईएएस-एस लेवल वाले पुरुष बच्चे में समय से पहले यौवन आता हुआ दिखाई दए सकता है, जिसे समय से पहले यौवन भी कहते हैं। जन्म के वक़्त पुरुष के रूप में प्रस्तुत एक वयस्क में डीएचईएएस लेवल ज्यादा होने पर भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
वही दूसरी ओर, अगर किसी महिला को पीसीओएस है तो डीएचईएएस टेस्ट में डीएचईएएस लेवल ज्यादा पाया जाता है, तो उस केस में कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जैसे कि :-
बालों का ज्यादा विकास होना
समय से पहले ही बालों का झड़ना
प्रजनन से जुड़ी समस्याएं
असामान्य मासिक धर्म
योनि शोष (Vaginal atrophy)
गंभीर मुँहासे होना
यदि आप प्रजनन क्षमता से जुड़े अन्य टेस्ट जैसे एएमएच टेस्ट के बारे में जानना चाहते हैं, तो AMH Test in Hindi पर जरूर पढ़ें।
अगर डीएचईएएस टेस्ट के रिजल्ट में डीएचईएएस सामान्य सीमा से नीचे के स्तर पर दिखता है, तो व्यक्ति की यौन रोग से पीड़ित होने की संभावना हो सकती है। यह दोनों लिंगों में कम यौन इच्छा का कारण भी बन सकती है। पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) के लक्षण भी हो सकते हैं।
चक्कर आना
अस्पष्टीकृत वजन का घटना
समुद्री बीमारी
उल्टी
निर्जलीकरण
नमक की लालसा
डीएचईएएस टेस्ट के लिए एक साधारण खून के नमूने की आवश्यकता होती है। खून निकालने में एक उच्च प्रशिक्षित फ्लेबोटोमिस्ट लैब में भेजने से पहले खून का नमूना लेगा, जहां मेडिकल लैब तकनीशियन जांच पूरा करता है। संपूर्ण नमूना संग्रह प्रक्रिया में करीब पाँच मिनट ही लगते हैं और यह बहुत ही कम जोखिम वाला है। कभी ऐसा भी हो सकता है कि डॉक्टर उसी खून के नमूने का इस्तेमाल करते हुए अन्य हार्मोन के लेवल की जाँच करने का अनुरोध कर सकता है।
डीएचईएएस खून टेस्ट के लिए खून का नमूना लेने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:-
व्यक्ति से सहज होने के लिए कहा जाएगा, उसके बाद व्यक्ति के ऊपरी हाथ के चारों ओर एक इलास्टिक बैंड जिसे टूर्निकेट कहते हैं उसे बांध दिया जाएगा। यह व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में ज्यादा खून को प्रवाहित करने में मदद करता है, जिससे सुलभ नस को ढूंढने में आसानी हो जाती है।
तकनीशियन फिर व्यक्ति की त्वचा को एंटीसेप्टिक से साफ करता है और फिर चुनी गई नस में एक पतली सी सुई डाल देता है। सुई लगने के समय व्यक्ति पर हल्की चुभन या चुभन जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन इससे ज़्यादा कुछ नहीं होगा।
सुई का इस्तेमाल खून को छोटी नलियों या शीशियों में खींचने के लिए होता है, जिन्हें वैक्युएनर्स कहते हैं। जब पर्याप्त खून निकाल लिया जाता है, तो तकनीशियन टूर्निकेट को ढीला करक, सुई निकाल लेता है।
सुई निकाल लेने के बाद रक्तस्राव को रोकने के लिए सम्मिलन स्थल (Insertion site) पर दबाव डालेंगे और उसके ऊपर एक छोटी गोल पट्टी (bandage) लगा देते हैं।
ट्यूब में कालेक्ट किए हुए खून के नमूने को आगे के विश्लेषण के लिए लैब में भेजा दिया जाता है।
अगर आप टेस्टोस्टेरोन स्तर की जांच के लिए टेस्ट करवा रहे हैं, तो Free Testosterone Test के बारे में यह अंग्रेजी लेख आपकी मदद कर सकता है।
डीएचईएएस लेवल पूरे दिन एक जैसा ही रहता है, इसलिए व्यक्ति डीएचईएएस टेस्ट के लिए खून का नमूना कभी भी दे सकता है, बिना इस बात की चिंता किए कि इसमें किसी भी तरह का कोई उतार-चढ़ाव होगा या फिर गलत परिणाम आ सकते हैं। अगर व्यक्ति को केवल डीएचईएएस टेस्ट की आवश्यकता है, तो व्यक्ति के खून का नमूना देने से पहले उसे उपवास करने की कोई आवश्यकता नहीं है। वैसे तो, टेस्ट से पहले आवश्यक सावधानियों के बारे में अपने डॉक्टर से पूछना सबसे अच्छा रहेगा।
कुछ मामलों में, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के लिए आवश्यक दवाएँ भी व्यक्ति के डीएचईएएस लेवल को बढ़ा सकती हैं। साथ ही, विटामिन ई और मछली के तेल आदि जैसे सप्लीमेंट्स के कारण भी स्तरों को कम कर सकती है, इसलिए अपने डॉक्टर से पूछें कि टेस्ट से पहले कोई दवाई को बंद करने की आवश्यकता है। एक बात का ध्यान रखें कि टेस्ट से पहले धूम्रपान से बचना भी बेहतर और फायदेमंद होगा, क्योंकि निकोटीन शरीर में डीएचईएएस के स्तर को बढ़ा देता है।
डीएचईएएस का सामान्य सीमा आमतौर पर लैब से लैब में अलग-अलग होती है क्योंकि हर लैब भिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करती है जो कि आपके टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, व्यक्ति की उम्र के अनुसार विभिन्न डीएचईएएस-एस लेवल मिल सकते हैं, इसलिए एक विश्वसनीय निदान लैब खोजें और सुनिश्चित करें कि व्यक्ति लैब-विशिष्ट डीएचईएएस सामान्य सीमा का उपयोग करके अपने डीएचईएएस लेवेल्स को ट्रैक करने के लिए उसी लैब का ही इस्तेमाल करें।
अगर व्यक्ति के रिजल्ट डीएचईएएस सामान्य सीमा से ज्यादा हैं, तो आपको निदान में मदद के लिए अतिरिक्त टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है कि क्या व्यक्ति में कोई समस्या है।
पीसीओएस (डीएचईएएस हार्मोन पीसीओएस जैसी स्थितियों में असंतुलन दिखा सकता है, अधिक जानने के लिए PCOS पर यह लेख पढ़ें।)
अंडाशय कैंसर
अधिवृक्क ग्रंथियों में कैंसरयुक्त ट्यूमर होना
जन्मजात अधिवृक्कीय अधिवृद्धि (congenital adrenal hyperplasia)
डीएचईएएस के साथ-साथ प्रोलैक्टिन टेस्ट भी हार्मोनल बैलेंस का संकेत देता है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए प्रोलैक्टिन टेस्ट की जानकारी पढ़ें।
जब कम डीएचईएएस खून टेस्ट के स्तर का निदान करने के लिए अधिक पुष्टिकरण टेस्टों की भी जरूरत हो सकती है।
एडिसन रोग
हाइपोपिट्यूटारिज्म (Hypopituitarism) जैसे पिट्यूटरी एडेनोमा
सभी लैब डीएचईएएस टेस्ट नहीं करते हैं यह एक जैसे विशेष टेस्ट है, इसलिए यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करके जाने कि यह टेस्ट कहाँ करवा सकते हैं। वह आपके क्षेत्र के कुछ शीर्ष डायग्नोस्टिक सेंटर के बारे में बता देंगे, जहँ आपको सटीक और समय पर रिजल्ट देने के लिए नवीनतम अत्याधुनिक उपकरण होंगे। हार्मोन असंतुलन के पीछे विटामिन बी12 की कमी भी कारण हो सकती है, जानिए विटामिन बी12 की कमी के लक्षण और उपाय।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।