Wednesday, July 09 ,2025

जानिए कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में काफी मददगार है!


intermittent fasting in hindi

बढ़े वजन से तो सभी परेशान है और वजन कम करने या फिट रहने के लिए लोग कई तरह के डाइटिंग तरीको के बारे में बात करते हैं या कहें काफी पॉपुलर हैं। ऐसे ही एक डाइटिंग तरीका है इंटरमिटेंड फास्टिंग। इंटरमिटेंड फास्टिंग करने से वजन में तेजी से गिरवाट आती है। डाइटिंग के इस तरीके में व्यक्ति दिन के कुछ ही घंटों में फास्ट में रहता है यानी भूखे रहता है। सिर्फ कुछ घंटे या एक तय किए हुए समय पर ही खाना खा सकता हैं। इंटरमिटेंड फास्टिंग के द्वारा व्यक्ति डाइट और कैलोरी के सेवन पर कंट्रोल कर पाता है जिससे वजन कम होने लगता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति अपने भोजन को समय और फास्ट के समय को कुछ घंटों को बांट देता है। वैसे तो,  इंटरमिटेंड फास्टिंग करने के कुछ फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। आइए आज के इस ब्लॉग में जानते हैं कि इंटरमिटेंड फास्टिंग कौन से फायदे और नुकसान है।

जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है? (Know what intermittent fasting is in hindi?)

इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है कि एक नियमित अंतराल पर की जाने वाली फूड प्रैक्टिस। इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति एक खास और लंबे समय तक किसी भी तरह की कोई भी कैलोरी का सेवन नहीं कर सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने पर नहीं बल्कि व्यक्ति के खाने के समय पर ध्यान दिया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान  दिन के कुछ घंटे या हफ्ते में कुछ दिन फास्ट किया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के डाइट प्लान को फॉलो करने से शरीर को भोजन को पूरी तरह पचाने और मेटाबॉलिज्म के प्रोसेस को बेहतर बनाने का एक पर्याप्त समय मिल जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से शरीर में फैट बर्न भी होता है, क्योंकि इंसुलिन सेंसेटिविटी मजबूत होती है और इससे पूरा स्वास्थ में सुधार आता है। 

क्या यह भारतीयों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग फायदेमंद है? (Is intermittent fasting beneficial for Indians in hindi?) 

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं लेकिन यह व्यक्ति की सेहत और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। अगर सवाल है कि भारत में इंटरमिटेंट फास्टिंग फायदेमंद है या नहीं? तो इसका जवाब है हाँ, यह आंतरायिक उपवास है जो भारतीयों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपना वजन घटाना चाहते हैं। यह व्यक्ति के चयापचय स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। यह एक ऐसी आहार की  विधि है जिसमें खाने के समय को सीमित कर दिया जाता है, जिससे शरीर को ऊर्जा के लिए शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट का इस्तेमाल करना पड़ता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे हैं (Benefits of intermittent fasting in hindi)

वजन को कम करने के लिए आजकल इंटरमिटेंट फास्टिंग बहुत ही प्रचलित है इसलिए आइए जानते हैं कि इसको करने से क्या फायदे शरीर को हो सकते हैं:- 

वजन घटाने में मददगार 

इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से शरीर में कैलोरी का इनटेक कम हो जाता है, जिससे शरीर में कैलोरी कम होने लग जाती है। कैलोरी की कमी होने से शरीर में मौजूद स्टोर फैट कम होने लग जाता है जिसकी वजह से वजन घटाने में मदद मिलती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग  के दौरान शरीर एनर्जी पाने के लिए अपने अंदर मौजूद जमा फैट का इस्तेमाल करने लग जाता है, जिसकी वजह से फैट बर्न शुरू हो जाता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति अपना वजन में धीरे धीरे कमी आते हुए देख सकता है। अगर वजन बढ़ने के पीछे थायरॉइड एक कारण है, तो इस ब्लॉग में जानिए थायरॉइड के लक्षण और इससे कैसे निपटें

ब्लड शुगर में सुधार 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान एक बार में खाना नहीं खाना होता है। व्यक्ति रुक रुक कर भोजन करता है और फिर लंबे समय तक भोजन से नहीं करता है। ऐसा करने से शरीर में इंसुलिन लेवल कम होने लग जाता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर में बढ़ोतरी औऱ गिरावट के खतरे दोनों ही देखने को मिल सकते हैं। डायबिटीज के मरीज के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियमित रखना जरूरी है, इसलिए डायबिटीज के मरीज को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से माना किया जाता है। 

इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करना 

इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से शरीर में ब्लड शुगर को मैनेज करना काफी आसान हो जाता है जिससे इंसुलिन सेंसेटिविटी को बढ़ाने में सहयोग मिलता है। 

शरीर में सूजन को कम करना 

इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करने से व्यक्ति के शरीर में आई हुई सूजन को कम किया जाने में मदद मिलती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग व्यक्ति की पुरानी बीमारियों को बढ़ने से रोकने में भी मददगार है और पूर्ण रूप से पूरे स्वास्थ्य में सुधार लाती है।

मेंटल हेल्थ में सुधार लाना 

इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से व्यक्ति का मेंटल हेल्थ भी मजबूत बनता है। इसे फॉलो करने से व्यक्ति का न्यूरोप्लास्टिकिटी, सरल भाषा में इस प्रोसेस में दिमाग नए कौशल सीखता है, जिसको इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान बढ़ावा मिलता है और मानसिक क्षमता को मजबूत बनाती है।

अगर आप वज़न घटाने के साथ-साथ शरीर को अंदर से साफ़ करना चाहते हैं, तो बॉडी डिटॉक्स करने के इन आसान घरेलू तरीकों को ज़रूर पढ़ें।

सामान्य इंटरमिटेंट फास्टिंग का शेड्यूल (General Intermittent Fasting Schedule in Hindi) 

इंटरमिटेंट फास्टिंग की प्रैक्टिस बहुत तरह से की जा सकती है। कुछ सामान्य इंटरमिटेंट फास्टिंग शेड्यूल की बात करें, तो आइए जानते हैं वह क्या है :-

16/8 फास्टिंग 

इंटरमिटेंट फास्टिंग का या शेड्यूल सबसे ज्यादा प्रसिद्ध शेड्यूल माना गया है। इसमें व्यक्ति 24 घंटे में से 16 घंटे उपवास यानी फास्ट रखता है और बाकी बचे हुए 8 घंटों में भोजन करता है।

5/2 फास्टिंग 

इस वाले मैथड को फास्ट डाइट के नाम से जाना जाता है। इस शेड्यूल में हफ्ते में पांच दिन सामान्य रूप से खाना खाया जाता है और बाकी के बचे दो दिन बहुत ही कम कैलोरी वाले भोजन को भी कम मात्रा में खाया जाता है। 

अल्टरनेट फास्टिंग 

इस फास्टिंग का शेड्यूल फास्ट और नॉन फास्टिंग दिनों के बीच में है। इसमें व्यक्ति एक दिन खाना खाता है और फिर उसके अगले दिन कुछ भी नहीं खाता है।  यानी व्यक्ति एक दिन छोड़कर भोजन करता है। सरल भाषा में बात करें तो 24 घंटे का उपवास रखकर, अगले 24 घंटे भोजन करता है। 

ईट–स्टॉप–ईट 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस शेड्यूल में व्यक्ति हफ्ते में एक से दो दिन ही फास्टिंग करता है। यह फास्टिंग पूरे 24 घंटे की होनी चाहिए यानी कि पूरे एक दिन बिना कुछ खाएं रहना होता है। इस शेड्यूल में भोजन से एक लंबा ब्रेक मिल जाता है जिससे व्यक्ति का कैलोरी इनटेक काफी कम हो जाता है।

जानिए कैसे शारीरिक वजन बढ़ाने या घटाने में विटामिन B12 की अहम भूमिका होती है और इसकी कमी से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान 

वैसे देखा जाए तो जहां जरूरत से ज्यादा कोई चीज की जाए तो फायदा की जगह वहाँ नुकसान होना भी कहीं न कहीं तय होता है। वैसे ही इंटरमिटेंट फास्टिंग शेड्यूल जहां सेहत के लिए फायदेमंद है वही कुछ नुकसान भी कर सकता है। आइए जानते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान के बारे में:- 

लगातार भूख महसूस होना 

इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय शरीर को कम कैलोरी मिल रही होती है, इसलिए व्यक्ति को लगातार भूख लग सकती है।

थकान होना

कैलोरी के इनटेक की कमी के कारण व्यक्ति को हर समय थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। 

पाचन संबंधी परेशानी 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के शेड्यूल के चलते व्यक्ति को पाचन संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिसमें शामिल है कब्ज, ब्लोटिंग, गैस आदि। इस समस्याओं के चलते व्यक्ति परेशान और थोड़ा चिड़चिड़ा भी हो सकता है। 

सिर में दर्द होना 

भूखे पेट की वजह से कई बार कुछ व्यक्तियों के सिर में दर्द हो सकता है। कम कैलोरी मिलने के कारण सिर में दर्द हो सकता है। अगर आप मानसिक तनाव या इमोशनल ईटिंग से जूझ रहे हैं, तो इस ब्लॉग में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को विस्तार से समझें।

मूड स्विंग होना

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति के शरीर में कैलारी की मात्रा कम जाती है, जिसकी वजह से मूड स्विंग हो सकते हैं, जैसे कभी भी गुस्सा आ जाना या फिर कभी भी उदास हो जाना आदि। पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग वज़न घटाने का एक असरदार उपाय हो सकता है जानिए पीसीओएस के लक्षण और इलाज।

नींद की समस्या होना

शरीर के भूखे रहने के कारण व्यक्ति की नींद में दिक्कतें आ सकती है और रात को नींद आने में दिक्कतों सामना करना पड़ सकता है। 

अगर आपका ट्राइग्लिसराइड स्तर बढ़ा हुआ है, तो इसे कम करने के घरेलू और हेल्दी उपाय जानने के लिए यह अंग्रेजी ब्लॉग पढ़ें best ways to reduce Triglycerides

नोट: 

इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हानिकारक भी हो सकता है। अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का निर्णय लें।

 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।