एचआईवी वायरस (HIV virus) के बारे में आज के समय में लगभग सभी लोगों ने सुना हुआ होगा। यह एक तरह का वायरस है, जो कि इंसान के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है। आगे चलकर यही वायरस एड्स (AIDS) का कारण भी बन जाता है। एड्स की बीमारी लाइलाज है, यानी इसका कोई भी असरदार इलाज अभी तक मौजूद नहीं है। इसलिए समय से एचआईवी का पता चल जाएं तो उचित दवाइयों की मदद और स्वस्थ लाइफस्टाइल के जरिए एड्स की स्टेज तक पहुंचने से रोका जा सकता है।
मेडिकल केयर की मदद से सही समय इसे कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसा तभी मुमकिन है जब लोगों में इस वायरस के प्रति व्यक्ति को जागरूकता होगी। इस वायरस से खुद को बचाने के लिए लोगों को एचआईवी से जुड़ी जानकारी के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। यह समस्या ज्यादातर पुरुषों में देखी जाती है इसके पीछे के कारण और लक्षण के साथ बचाव के बारे में आज के ब्लॉग में बाते करेंगे।
एचआईवी वायरस इंसान के इम्यून सिस्टम पर अटैक करके उसको कमजोर बना देता है जिससे एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति का शरीर किसी भी तरह के इन्फेक्शन और बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एचआईवी शरीर के इम्यून सिस्टम पर जब अटैक करता है, तब सीडी4 सेल्स पर हमला होता है। यह सीडी4 सेल्स को, टी सेल्स के नाम से संबोधित किया जाता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को इन्फेक्शन से बचाव करती है।
अगर सही समय एचआईवी का इलाज नहीं होता है। तो टी सेल्स खत्म होने लग जाती है। इस के कारण इंसान के शरीर को कई तरह के इन्फेक्शन और वायरस घेर लेते हैं। वक़्त के साथ यह टी सेल्स पूरी तरह से खत्म होते हुए, शरीर से इन्फेक्शन से लड़ने की शक्ति को भी खत्म कर देती है और इसी वजह से शरीर में इंफेक्शन बढ़ते हुए एड्स बन जाता है।
एचआईवी के लक्षणों को समझने के साथ-साथ एचआईवी टेस्ट की प्रक्रिया जानना भी बेहद ज़रूरी है।
एड्स, एचआईवी इन्फेक्शन की आखिरी स्टेज होती है, जो कि बहुत ही ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। एड्स किसी भी अन्य बीमारी के कारण नहीं होता है। यह ससिर्फ एचआईवी इंफेक्शन के पॉजिटिव होने का परिणाम है।
एचआईवी इंफेक्शन के आखिरी स्टेज में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विफल हो जाती है और इस स्थिति को ही एड्स कहते हैं।
एचआईवी के इन्फेक्शन में शुरुआत में दिखाई देने वाले लक्षण अक्सर को नजरअंदाज कर देते हैं। वैसे एचआईवी की शुरुआत आम फ्लू और कोल्ड से ही होती है और यह लक्षण इन्फेक्शन होने के 2 से लेकर 6 हफ्ते में दिखाई देने शुरू हो सकते हैं। फ्लू के साथ किसी भी इंसान में कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देंगे:-
बुखार
ठंड लगना
मांसपेशियों में दर्द होना
रात के समय में पसीना आना
थकान
ज्वाइंट्स में दर्द
नींद की समस्या
वजन कम हो जाना
एचआईवी और टीबी दोनों ही इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं यहां टीबी से जुड़ी अहम जानकारी पढ़ें।
आमतौर पर पुरुष और महिला में एचआईवी के लक्षण लगभग एक जैसे ही दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी हैं जो सिर्फ और सिर्फ पुरुषों में ही एचआईवी होने पर दिखाई देते हैं। आइए जानते उन लक्षणों के बारे में जो पुरुषों में दिखाई देते हैं:-
अंडकोष में दर्द होना
प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन
पेनिस एरिया में सूजन
इनफर्टिलिटी की समस्या
रेक्टम और अंडकोष की थैली में दर्द
हाइपोगोनैडिज्म के लक्षण दिखाई देना
एचआईवी संक्रमण के दौरान शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया होना आम बात है।
एचआईवी वायरस व्यक्ति की डीएनए सेल्स में चला जाता है। इस तरह से एचआईवी वायरस इंसान के साथ धीरे-धीरे एक मजबूत संबंध बना लेता है। एक बार ऐसा हो जाए तो इंसान के शरीर पर किसी भी तरह कि कोई भी दवाई या वैक्सीन असर नहीं कर पाती है।
एचआईवी का वायरस किसी भी व्यक्ति को ऐसे नहीं हो जाता है उसके पीछे कई कारण होते हैं, यह कभी भी हवा, खाने-पीने की वजह से नहीं फैलता है। एचआईवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने, साथ में उठने-बैठने, हाथ-मिलाने या फिर एक साथ खाना खाने की वजह से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही बिस्तर पर सोना या कपड़ों का इस्तेमाल करने से, एक ही घर में रहते हुए शौचालय, स्नानघर आदि प्रयोग करने से भी नहीं फैलता है। बच्चों के साथ खेलने से या फिर मच्छरों या खटमलों के काटने से भी एचआईवी नहीं फैलता है।
किसी भी व्यक्ति का एक से ज्यादा लोगों से यौन संबंध इस वायरस को फैलता है।
कई बार ड्रग्स के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज के साझा करने की वजह से भी एचआईवी फैलने का खतरा रहता है। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा साफ और नई सिरिंज का ही उपयोग करें।
माता या पिता में मौजूद एचआईवी वायरस पैदा होने वाले बच्चों में मौजूद होता है।
खून की जरूरत होने पर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से खून लेने की वजह से भी यह समस्या आपको अपनी चपेट में ले लेती है।
एचआईवी वायरस शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने वाला एक वायरस है, इसलिए सही समय पर एचआईवी के लक्षण दिखाई देने पर एचआईवी टेस्ट कराएं। बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर से इस समस्या का इलाज शुरू कराएं।
एचआईवी की समस्या में दवाइयाँ लेना बहुत ही जरूरी है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति दवाई की खुराक छोड़ देता है, तो इस कारण उसके इलाज में रुकावट आ सकती है।
एचआईवी से बचाव करने के लिए आप एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध न रखें। एक बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि संबंध बनाते समय सुरक्षित उपायों का इस्तेमाल ज़रूर करें।
एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, इलसिए नियमित व्यायाम करते हुए एक स्वस्थ डाइट लें।
नशीली दवाइयों, धूम्रपान, शराब, और ड्रग्स के सेवन से बचें। साथ ही समय समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
खून की जरूरत पड़ने पर अनजान किसी भी व्यक्ति का खून न लें और सुरक्षित खून के लिए एच.आई.वी. जांच किया हुए रक्त ही ग्रहण करें।
एचआईवी से बचाव करने के लिए खुद की जांच समय-समय से करवाते रहें, जिससे जल्दी ही किसी भी बीमारी के बारे में पता चल जाएगा और इलाज शुरू हो जाएगा। इससे समस्या और बीमारी दोनों की रोकथाम समय रहते हुए की जा सकेगी।
एचआईवी टेस्ट के दौरान बाकी अन्य कई टेस्ट भी किए जा सकते हैं। साथ ही इलाज के लिए आप किसी एक्सपर्ट डॉक्टर के पास जाएं जो इस वायरस को बढ़ने से रोकने में मदद और बढ़ने से रोक सकें।
एचआईवी के एक गंभीर समस्या है तो इसके लक्षणों का नजरंदाज न करें। समय रहते जांच करवाए और डॉक्टर से संपर्क करके अपना इलाज शुरू करें।
मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।