Saturday, August 16 ,2025

हेयर लॉस की पहचान के लिए किए जाने वाले टेस्ट और उनकी प्रक्रिया।


blood tests for hair loss

सभी लोग अपने बालों से प्यार करते हैं और अगर इनको कुछ भी होता है व्यक्ति बहुत ही परेशान हो जाता है इसलिए जब बात बाल झड़ने पर आ जाए तो फिर इंसान हर मुमकिन चीज़ करने की कोशिश करते हैं जिससे यह समस्या रोक जाए। लेकिन बालो का अचानक झड़ना और बालों के धीमे विकास को लेकर चिंतित रहते हैं? जब बालों का झड़ना बहुत ही गंभीर होने लगता है, तो यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या की वजह भी हो सकती है। बालों के झड़ने के पीछे का कारण एक तनाव भी हो सकता है और व्यक्ति को यह समझने में परेशानी हो सकती है कि आखिर इसका कारण क्या हो सकता है और बालों झड़ने की समस्या को कैसे रोका जाए। 

वैसे तो बाल झड़ने का कारण आनुवंशिक भी होता हैं और कुछ लोग कहते हैं कि यह जब व्यक्ति अत्यधिक तनाव और चिंता से गुज़र रहा होता है तब भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। कई बार कठोर शैम्पू या केमिकल युक्त शैम्पू के इस्तेमाल से भी बालों के झड़ने की समस्या का समाना करना पड़ सकता है, लेकिन अगर बालों के झड़ने का सही कारण का पता चल जाए तो डॉक्टर की मदद से इलाज शुरू किया जा सकता है और समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं। डॉक्टर कुछ टेस्ट का सुझाव देंगे और उन रिपोर्ट के आधार पर, डॉक्टर बालों के झड़ने का सही वजह को जानते और समझते हुए आपकी मदद कर सकते हैं। इस ब्लॉग के ज़रिए बालों के झड़ने के कारण और अहम यानी मूल समस्या के बारे में पता लगाने के लिए कौन -से टेस्ट मौजूद है, उनके बारे मे जानेंगे। 

बालों के झड़ने का कारण (Causes of hair loss in Hindi)

आनुवंशिकी

पुरुष के गंजापन या महिला के बालों का झड़ने के प्रकार को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic Alopecia), कहा जाता है, जो कि सबसे आम कारण होता है, जो अक्सर देखा गया है कि परिवारों में चलता आ रहा है। यह हार्मोन डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) के प्रति एक संवेदनशीलता की वजह से होता है। इसके सिवा, कुछ अन्य आनुवंशिक स्थितियाँ जिसमें एलोपेसिया एरीटा (Alopecia areata), पैची बालों के झड़ने (Patchy hair loss) और सिकाट्रिशियल एलोपेसिया (Cicatricial Alopecia) शामिल है जो कि बाल झड़ने का कारण बनती हैं, जिसके कारन या कहे परिणामस्वरूप व्यक्ति के निशान पड़ जाते हैं और बाल हमेशा के लिए खत्म यानी झड़ जाते हैं। 

हार्मोनल परिवर्तन

जब कोई महिला गर्भावस्था से गुज़रती हैं या फिर गर्भावस्था के बाद, मेनोपॉज, थायरॉइड और पीसीओडी आदि जैसी स्थिति होने पर शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होने लग जाते हैं जो कि अस्थायी रूप से बालों के झड़ने की वजह  बन सकती हैं। 

चिकित्सीय स्थितियाँ

ल्यूपस या एलोपेसिया एरीटा (Alopecia areata) जैसी स्वप्रतिरक्षी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के बालों के रोमछिद्रों पर हमला होने लग जता है, जिस कारण बाल झड़ने की समस्या का समाना करना पड़ सकता है। दाद और फंगल संक्रमण के कारण भी कुछ स्कैल्प संक्रमण हो सकते हैं जो कि बालों के झड़ने की वजह बन सकती हैं। कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी चिकित्सीय उपचार है लेकिन इसके कारण भी लोगों के ऊपर दुष्प्रभाव पड़ता है जो कि अस्थायी रूप से बाल झड़ने की समस्या पैदा कर सकती हैं।

पोषण संबंधी कमियां

जब व्यक्ति के अंदर आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने लगती है बालों की झड़ने की समस्या का समाना करना पड़ सकती है। पोषक तत्वों कीई बात करें तो आयरन, विटामिन डी, बायोटिन आदि और अन्य ज़रूरी पोषक तत्व। इनकी कमी के कारण बालों का विकास तो प्रभावित होता ही साथ ही बालों के झड़ने की समस्या पैदा होने लगती है।

तनाव और जीवनशैली संबंधी कारक

भावनात्मक और शारीरिक तनाव होने के कारणव्यक्ति में बालों के झड़ने की समस्या जन्म दे सकती हैं। टाइट हेयरस्टाइल करना, अत्यधिक हेयर स्टाइलिंग बनाना और रासायनिक उपचार करने से बालों के रोमछिद्रों को नुकसान पहुँचाने लगता है, जिसकी वजह से बाल कमज़ोर होने लगते हैं। इन सभी कारको के कारण बालों के झड़ने की समस्या पैदा होने लगती हैं। 

जानें क्यों कम उम्र में भी बाल झड़ने लगते हैं और इसका समाधान क्या है।

बालों के झड़ने के लिए टेस्ट (hair loss test in hindi)

डॉक्टर मरीज के चिकित्सीय इतिहास को देखते हुए उनके पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली संबंधी कारकों के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं और फिर उस आधार पर बालों के झड़ने के संभावित कारणों को समझते है। साथ ही आपको उन कारणों के बारे में समझाते हैं और हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड की कार्यप्रणाली और पोषण संबंधी कमियों की पहचान करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं, जो कि बालों के झड़ने की वजह बनते हैं। 

विटामिन डी टेस्ट  

अगर किसी भी व्यक्ति में विटामिन डी की कमी होती है तो यह बाल झड़ने की एक वजह भी हो सकती हैं। आहार में बदलाव लाकर, आप शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं लेकिन आपको विटामिन डी की कमी है या नहीं उसके लिए विटामिन डी टेस्ट ज़रूर करवाएँ। जानें विटामिन D की कमी से बालों पर क्या असर होता है।

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विटामिन बी12 टेस्ट 

विटामिन बी12 की कमी के कारन भी बालों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। विटामिन बी12 के कारण व्यक्ति बाल कमज़ोर हो सकते हैं और बाल झड़ने लग सकते हैं। जो लोग सख्त शाकाहारी या वीगन आहार का सेवन करते हैं या जिनको पाचन संबंधी समस्याएँ हैं या फिर जिनकी उम्र 60 वर्ष से भी अधिक हो गयी है, उनको ज़रूर विटामिन बी12 टेस्ट करवाना चाहिए। 

थायरॉइड टेस्ट 

अतिसक्रिय या कम सक्रिय थायरॉइड की समस्या होने के कारण भी व्यक्ति के बालों के विकास चक्र पर असर पड़ता है। थायरॉइड फ़ंक्शन टेस्ट इन असंतुलनों के बारे में पता लगाने में मदद करता हैं, और उचित उपचार की मदद से हार्मोन और बालों के विकास को फिर से संतुलित किया जा सकता है। जानें थायराइड बालों की ग्रोथ को कैसे प्रभावित करता है। आज ही mediyaar से थायराइड टेस्ट बुक कीजिए।

फेरिटिन टेस्ट के साथ आयरन अध्ययन

यह टेस्ट खून में आयरन के लेवल के बारे में पता लगने में मदद करता है यानी उसके स्तर को मापता है। आयरन के कम स्तर होने के कारण बाल झड़ना, थकान और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। फेरिटिन के साथ अगर आयरन अध्ययन करने से आपको अपने आयरन लेवल बेहतर तरीके से जानने में मदद मिल सकती है, और अगर आयरन की कमी रिजल्ट में निकलती है, तो डॉक्टर से अपनी रिपोर्ट की जाँच करवाकर, बालों के विकास को सुधारने के लिए आयरन सप्लीमेंट लें सकते हैं। आयरन डिफिशियंसी और हेयर फॉल का कनेक्शन जानें Ferritin Test in Hindi में। 

सेक्स हार्मोन टेस्ट  

गर्भावस्था, मेनोपॉज या पीसीओएस की स्थिति में हार्मोनल परिवर्तन होने के कारण बालों के विकास पर असर पड़ता है। हार्मोन के स्तर की जाँच के लिए को टेस्टोस्टेरोन, डीएचईए और महिला हार्मोन स्क्रीनिंग आदि जैसे ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। 

सीबीसी टेस्ट

सीबीसी टेस्ट खून घटकों के बारे में मापकर विभिन्न विकारों का निदान करने में मददगार है, जिनमें आयरन की कमी से होने वाली समस्या एनीमिया और बालों का झड़ना शामिल है। यह टेस्ट वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे बालों के झड़ने में वाली समस्या या सूजन संबंधी स्थितियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है। आप CBC Test के लिए आज ही mediyaar से अपनी अपॉइन्ट्मन्ट बुक कर सकते हैं। 

ब्लड शुगर लेवल

जब किसी व्यक्ति में अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल होता तो इसका बुरा असर बालों के विकास पर पड़ता है और गंभीर रूप से बालों के झड़ने की वजह भी बन सकता है। डायबिटीज या संदिग्ध इंसुलिन प्रतिरोध (suspected insulin resistance) वाले लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल की निगरानी रखना महत्वपूर्ण है। ब्लड शुगर लेवल की स्थिति जानने के लिए Hba1c टेस्ट करवाएं।

ईएसआर और सी-रिएक्टिव प्रोटीन का लेवल

ईएसआर और सी-रिएक्टिव टेस्ट शरीर में सूजन के संकेतक होते हैं। इनका बढ़ा हुआ लेवल ल्यूपस जैसी किसी अंतर्निहित स्वप्रतिरक्षी स्थिति की ओर एक संकेत हो सकता है, जिस कारण बाल झड़ने लग सकते हैं। बालों के झड़ने के सूजन संबंधी कारणों के बारे में पता लगाने के लिए ईएसआर और सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट्स को अन्य पटेस्ट्स के साथ संयोजन में करने की सलाह दी जा सकती है। 

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बालों का झड़ना कैसे रोका जाए? (how to stop hair fall in hindi)

बालों का झड़ना पूरी तरह से तो नहीं रोका जा सकता हैं, लेकिन बालों का झड़ना रोकने और बालों के स्वस्थ को बहेतर करने के साथ उनके विकास को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ सुझाव जो बालों के विकास के लिए लाभदायक हो सकते हैं:-  

स्वस्थ आहार लें 

आहार हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो डेली प्रोटीन, आयरन, विटामिन्स व मिनरल्स और जिंक व बायोटिन आदि जैसे खनिजों की ज़रूरतों को पूरा करनने मं मदद करता है। इसलिए बालों के स्वस्थ और उनके विकास के बेहद लिए ज़रूरी हैं। स्वस्थ आहार का सेवन करें और अपने बालों के रोमछिद्रों को पोषण देने के लिए खुदको हाइड्रेटेड रखने के अच्छी मात्रा में पाने का सेवन करें। साथ ही, उन अस्वास्थ्य आदतों से बचें जिससे सूजन और बालों के झड़ने की वजह बन सकती हैं। 

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बालों की देखभाल

अपने बालों के प्रकार और बनावट के अनुसार सही शैम्पू इस्तेमाल करना चाहिए इसके लिए आप डॉक्टर से भी जानकरी ले सकते हैं। कठोर या केमिकल शैम्पू या ज़्यादा बाल धुलना बालों की जड़ों को कमज़ोर और नुकसान पहुँचाने का काम कर सकते हैं। इसके सिवा, नियमित रूप से तेल लगाने और स्कैल्प की मालिश करने से खून संचार बेहतर होता है जो कि बालों का विकास को बढ़ता है साथ ही बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। 

तनाव को नियंत्रित करें

कई शोध व अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि तनाव और चिंता के कारण बालों के झड़ना शुरू हो जाता है। इसलिए, अगर अत्यधिक बाल झड़ते हुए दिखाई देते हैं, तो कुछ समय निकालकर योग व ध्यान का करने का अभ्यास करें। अपनी नींद में कमी न लाए इसलिए रोज़ाना कम से कम भी 7 से 8 घंटे की पर्याप्त व अच्छी नींद लें।

जाँच करवाएँ

अगर बाल बहुत ज़्यादा ही झड़ रहे हैं, तो यह समस्या हार्मोनल बदलाव, आयरन की कमी या थायरॉइड की गड़बड़ी आदि जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से हो सकती है। डॉक्टर से सलाह लें और बालों के झड़ने की सही वजह को पहचाने के लिए ज़रूरी  टेस्ट करवाएं। 

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नोट: 

अगर बाल ज़रूरत से ज्यादा अचानक से झड़ने लगते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर समस्या के बारे में साझा करें। उनके द्वारा बताए हुए टेस्ट करवाकर बालों की झड़ने की वजह को समझे और उसका इलाज करवाएं। 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।