Saturday, August 09 ,2025

Electrolytes Test in Hindi - इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट क्या है? जानिए कब और क्यों करवाना ज़रूरी है


electrolytes test in hindi

बहुत से लोगों में देखा गया है कि गर्मियों के समय में अक्सर डिहाइड्रेशन की समस्या का समाना करना पड़ता है या फिर कमजोरी महसूस होती है। यह लोग अक्सर इलेक्ट्रोलाइट वॉटर का सेवन करते हैं जिससे कुछ ही समय बाद उनके शरीर में एनर्जी और ताजगी महसूस होने लगती है। आप सभी लोग यह तो जानते ही होंगे कि इलेक्ट्रोलाइट वॉटर क्या है, लेकिन इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट के बारे में सुना है कि यह क्या होता है?  इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट कब कराया जाता है? आइए जानते और समझते हैं कि इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट के बारे में:- 

इलेक्ट्रोलाइट क्या है? (electrolyte in hindi)

इलेक्ट्रोलाइट्स हमारे शरीर में खनिजों (minerals) की तरह होते हैं, जिनकी शरीर को कार्यशील रहने के लिए हमेशा आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रोलाइट्स का निर्माण शरीर हमारे द्वारा खाए और पीए गए पदार्थ से मिलकर ही बनाता है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स हमारे शरीर में शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने, कोशिकाओं में पोषक तत्व को पहुंचाने, विषाक्त पदार्थों आदि को बाहर निकालने का काम करते हैं साथ ही दिमाग और दिल के कार्य को बेहतर बनाए रखने में भी सहयोग करते हैं। 

इलेक्ट्रोलाइट्स का कार्य हमारे शरीर में जल स्तर को सामान्य और pH स्तर को स्थिर रखना है। जिसके कारण यह हमारे शरीर में अम्ल और क्षार की मात्रा को संतुलित रखने में भी सहायक होता है।

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट क्यों होता है? (Why is electrolyte test done in Hindi?)

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट की मदद से व्यक्ति के शरीर में खून में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा के बारे में पता लगाया जा सकता है। साथ ही यह टेस्ट क्लोरीन और कार्बन डाईऑक्साइड जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स को मापाने में भी मदद करता है। इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट को बाइकार्बोनेट टेस्ट (Bicarbonate Test) के नाम से भी जानते हैं। हमारे शरीर में सोडियन, पोटैशियम जैसे मिनिरल की फॉर्म में इलेक्ट्रोलाइट्स पाया जाता हैं। ठीक ऐसे ही खून में यह बाईकार्बोनेट के फॉर्म में होता है इसलिए बाईकार्बोनेट टेस्ट भी कहते हैं।

सोडियम

सोडियम का काम हमारे शरीर मे फ्लुइड को बैलेंस यानी संतुलित करने का है।

क्लोराइड

क्लोराइड का काम आमतौर पर खून में एसिड की मात्रा को संतुलित यानी बैलेंस करने का होता है। 

बाइकार्बोनेट

बाइकार्बोनेट का काम हमारे शरीर के टिश्यू में एसिड की सही मात्रा को बनाए रखने का है।

पोटेशियम

पोटेशियम का काम आमतौर पर दिल की गति को एक समान बनाए रखने का होता है। इसके सिवा, यह शरीर की मांसपेशियों में ताकत और एनर्जी के सही लेवल को बनाए रखने में मददगार है। 

जब हमारे खून में इन इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा बिगड़ने लग जाती है, तो व्यक्ति को कमजोरी, मानसिक भ्रम या दिल की धड़कन तेज या फिर धीरे आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इस स्थिति को इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलन कहते है। इस असंतुलन का पता लगाने के लिए डॉक्टर टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट कब कराना चाहिए? (When should electrolyte test be done in Hindi?)

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट तब कराना चाहिए जब किसी इंसान को अपने अंदर कमजोरी महसूस हो रही हो तब डॉक्टर इस टेस्ट को कराने की सलाह दे सकते हैं। आपको कुछ लक्षण नज़र आने पर भी इस टेस्ट को करवाना चाहिए क्योंकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन के बिगड़ने के वह संकेत हो सकते हैं। जैसे कि

  • डायरिया की दिक्कत 

  • उल्टी 

  • डायबिटीज होना

  • दिल की बीमारी

  •  नसों में क्षति होना

  • मांसपेशियों में कोई समस्या आना 

  • क्रोनिक किडनी की समस्या 

  • उच्च रक्तचाप की समस्या 

  • लिवर में दिक्कत आना 

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट इन सब के सिवा तब भी किया जाता है जब कोई ड्यूरेटिक्स (Diuretics) जैसी किसी तरह की दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा हो यानी सेवन करते हो। यह टेस्ट तब भी कराने को डॉक्टर कह सकते हैं जब कभी खेलते समय टकरा जाने से कभी कोई चोट लग जाए। लेकिन कई बार दूसरी अन्य समस्याओं के इलाज से पहले भी कई बार डॉक्टर इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट जरूर कराने का सुझाव दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलित होने के कारण से दिल फेल हो सकता है, यही वजह है कि जब किसी भी व्यक्ति का हार्ट फेल होता है तब इस जांच को कराने की सलाह दी जा सकती है।

इलेक्ट्रोलाइट्स टेस्ट की सामान्य रेंज क्या है? (normal range of electrolytes test in Hindi)

आपके टेस्ट का परिणाम लोगों की उम्र और उनकी स्वास्थ्य स्थिति आदि जैसे कई चीज़ों पर निर्भर होता है। इस टेस्ट के परिणाम मिलीइक्वीवैलेंट्स पर लीटर में दिखाए जाते हैं। हमारे खून में सभी तरह के इलेक्ट्रोलाइट के लिए एक सामान्य रेंज तय होती हैं।

उम्र 

पोटैशियम

सोडियम

बड़ो में

3।5 to 5 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

136 to 145 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

बच्चों में

3।4 to 4।7 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

136 to 145 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

शिशुओं में

4।1 to 5।3 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

139 से लेकर 146 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

नवजात में (0-7 दिन)

3।7 to 5।9 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

133 से लेकर 146 मिलीइक्विवेलेंट प्रति लीटर

 

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट की तैयारी (Preparation for electrolyte test in Hindi)

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट एक आम ब्लड टेस्ट ही है। इस टेस्ट को कराने से पहले एक बार डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें जिससे वह आपको खाने-पीने से जुड़े किसी भी तरह के परहेज के बारे में बता देंगे। इसके सिवा, अगर आप पहले से किसी भी तरह की दवाई ले रहे हैं, तो आप इसके बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करें क्योंकि इससे टेस्ट के परिणाम में फर्क आ सकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा कसरत करने के तुरंत बाद या फिर शरीर में ज्यादा हिट के होने के समय इस टेस्ट को न करवाएं क्योंकि इससे भी परिणाम पर असर पड़ सकता है।

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट कैसे होता है? (How is electrolyte test done in Hindi?)

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट करने के दो तरीके होते हैं, पहला ब्लड टेस्ट और दूसरा है यूरिन टेस्ट। 

खून का सैंपल

ब्लड टेस्ट के लिए सबसे पहले डॉक्टर मरीज की दायीं या बायीं हाथ की नस से खून का सैंपल कलेक्ट करने के लिए नस में सुई डालकर, खून एक ट्यूब कलेक्ट कर लेते हैं। इसके बाद फिर ब्लड सैंपल को लैब में भेज दिया जाता है जहाँ इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। 

यूरिन का सैंपल 

इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट के लिए सबसे आसान यूरिन इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट का तरीका माना गया है, क्योंकि इसमें यूरिन की जांच से इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा का पता लगाया जा सकता है।

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरा 

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरा करने के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए साथ ही एक हेल्दी डाइट का चयन करना अनिवार्य हो जाता है। इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए घर पर आप इलेक्ट्रोलाइट्स वॉटर बनाकर सेवन कर सकते हैं। जिसके लिए सबसे पहले एक गिलास पानी में चौथाई चम्मच नमक और 2 से 3 चम्मच नींबू का रस को मिलाएं। फिर इस मिश्रण में नारियल पानी का लगभग 1 कप डालें और फिर अच्छी तरह से सबको मिक्स कर लें। आप यह ठन्डे पाने में बनाए या फिर इसको ठंडा करने के बाद पीएं। ऐसा करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी दूर होती है और बहुत फायदा मिलता है।

नोट: 

अगर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कोई भी लक्षण नज़र आ रहे हैं य आप महसूस कर रहे हैं, तो ही अपने नज़दीकी डॉक्टर से परामर्श करने के लिए मिलें।

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।