Tuesday, September 30 ,2025

HCT Blood Test in Hindi: एचसीटी टेस्ट क्या है, क्यों और कैसे होता है?


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HCT test full form is "Hematocrit", हेमेटोक्रिट एक रक्त परीक्षण है जो रक्त में रेड ब्लड सेल्स का प्रतिशत जानने के लिए किया जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं व्यक्ति के शरीर को अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने और कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक वापस लाने में मदद करती हैं। हेमेटोक्रिट रेड ब्लड सेल्स का अनुपात (proportion) है। यह टेस्ट एनीमिया, निर्जलीकरण यानी शरीर में पानी की कमी और पॉलीसिथेमिया यानी रेड ब्लड सेल्स की अधिकता आदि जैसी स्थितियों का पता लगाने में मददगार है।

एचसीटी टेस्ट (HCT Test) वैसे तो पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) नामक एक व्यापक ब्लड टेस्ट का हिस्सा होता है। इस टेस्ट कि मदद से डॉक्टरों यह समझ पाते हैं कि खून की कोशिकाओं का संतुलन सामान्य है या नहीं। रेड ब्लड सेल्स में असामान्यता होने पर व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है और इसी वजह से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए इस ब्लॉग के ज़रिए HCT टेस्ट की प्रक्रिया क्या है और इस टेस्ट के उपयोग के साथ सावधानियों के बारे में विस्तार से समझते हैं।

एचसीटी टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is HCT test done in Hindi?)

एचसीटी टेस्ट का अहम उद्देश्य खून में रेड ब्लड सेल्स के प्रतिशत का आकलन करने का है। यह रेड ब्लड सेल सेल्स के असामान्य लेवल का पता लगाने के साथ- साथ भिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में जांच करने में मददगार है।

एचसीटी टेस्ट की मदद से पहचानी की जाने वाली स्थितियां (HCT blood test in Hindi)

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एनीमिया

अगर खून में रेड ब्लड सेल्स का लेवल स्तर सामान्य से कम होता है, तो यह स्थिति एनीमिया का संकेत माना जा सकता है। एनीमिया व्यक्ति शरीर में आयरन, विटामिन बी12, या फोलिक एसिड आदि की कमी के कार हो सकता है। इसके लक्षणों के बारे में जाने तो इस स्थिति में व्यक्ति को थकावट, सिर दर्द, और त्वचा का पीला हो जाना शामिल है। 

एनीमिया के लक्षण और इसके कारणों के बारे में पढ़ें। Anemia Symptoms in Hindi

पॉलीसाइथेमिया

जब खून में रेड ब्लड सेल्स का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है तब उस स्थिति को पॉलीसाइथेमिया कहा जाता है। इस स्थिति में खून गाढ़ा बना सकता है और दिल के दौरे या स्ट्रोक आदि का खतरा अधिक बढ़ा सकता है।

डिहाइड्रेशन

शरीर में जब तरल पदार्थों की कमी होने लग जाती है तब उस कारण खून गाढ़ा होने लग सकता है, जिससे एचसीटी का लेवल बढ़ सकता है। डिहाइड्रेशन की वजह से  व्यक्ति के शरीर में कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

रक्तस्राव (bleeding)

एचसीटी टेस्ट की मदद से बाहरी चोट लगने  या फिर आंतरिक रक्तस्राव की वजह से खून में रेड ब्लड सेल्स का लेवल कम हो जाने वाली स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

अन्य बीमारियां

एचसीटी टेस्ट की मदद से कैंसर, किडनी से जुड़ी समस्याओं, और फेफड़ों से जुड़ी बिमारियों के बारे में या उन पर निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। एचसीटी टेस्ट उन मरीजों के लिए होता है, जिनको कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, थकावट रहना, या फिर चक्कर आने की समस्या होती रहती है।

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एचसीटी टेस्ट कैसे होता है? (How is HCT test done in Hindi?)

एचसीटी टेस्ट एक आम, सरल और तेज़ प्रक्रिया है जिसके लिए ब्लड सैंपल कलेक्ट करके जाँच के लिए भेजा जाता है।

प्रक्रिया

सैंपल कलेक्ट करना 

एक लैब टेक्नीशियन मरीज की बांह पर इलास्टिक बैंड बांधकर नस को उभारता है। फिर जहाँ से खून लेना है वहां एंटीसेप्टिक से जगह को साफ करने के बाद, सुई के जरिए खून कलेक्ट करके ट्यूब में सैंपल ले लिया जाता है। फिर इस सैंपल को लैब में भेज दिया जाता है।  

प्रोसेसिंग

खून के सैंपल को सेंट्रीफ्यूज (Centrifuge) मशीन में डालकर, मशीन की मदद से खून के विभिन्न घटकों जैसे कि रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स, और प्लाज्मा आदि  को अलग-अलग किया जाता है।

विश्लेषण

सेंट्रीफ्यूज (Centrifuge) प्रक्रिया होने के बाद, रेड ब्लड सेल्स का प्रतिशत मापा लिया जाता है।

समय और परिणाम

इस प्रक्रिया कको करने में केवल 5 से 10 मिनट का समय लगता हैं, और इस रिजल्ट वैसे 1 से 2 दिन के भीतर आ जाता हैं। टेस्ट के लिए किसी विशेष तरह तैयारी की कोई ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन डॉक्टर के दिए हुए  कुछ खास निर्देश को ध्यान से सुने और समझे।

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एचसीटी टेस्ट के सामान्य परिणाम (HCT test normal results in Hindi)

एचसीटी टेस्ट के परिणाम के लिए व्यक्ति की उम्र, लिंग, और स्वास्थ्य की स्थिति पर तय होता हैं। सामान्य एचसीटी रेंज कुछ इस प्रकार है:- 

  • पुरुषों : 40 से 54%

  • महिलाओं में : 36 से 48%

  • बच्चों में : 37 से 44%

एचसीटी के नार्मल रिजल्ट का अर्थ 

रेड ब्लड सेल्स का सामान्य लेवल स्वस्थ रक्त प्रवाह (blood flow) को दर्शाता है। जिसका अर्थ हुआ कि कि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त हो पा रही है।

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असामान्य रिजल्ट के संभावित कारण (Possible reasons for abnormal result in Hindi)

एचसीटी का कम लेवल 

  • एनीमिया की समस्या

  • रक्तस्राव (चोट या सर्जरी के वजह से)

  • किडनी की बीमारी

  • पोषण की कमी होना

एचसीटी का हाई लेवल 

  • डिहाइड्रेशन की समस्या

  • पॉलीसाइथेमिया की समस्या

  • फेफड़ों की बीमारी होना

  • दिल से जुड़ी समस्याएं

असामान्य एचसीटी स्तर हमेशा किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं हो सकता, लेकिन यह किसी स्वास्थ्य स्थिति का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।

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एचसीटी टेस्ट के रिजल्ट का विश्लेषण (Analysis of HCT test results in Hindi)

एचसीटी टेस्ट के परिणामों का मूल्यांकन डॉक्टर अन्य स्वास्थ्य मापदंडों के साथ करते हैं। उदाहरण के तौर पर , अगर आपका एचसीटी लेवल कम है और थकान, कमजोरी या सांस लेने में समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि एनीमिया, रक्तस्राव या किसी अन्य समस्या का परिणाम है या नहीं।

हाई एचसीटी लेवल का अर्थ है कि खून गाढ़ा हो जाता है, जिसकी वजह से थक्के बनने और ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह बन सकती है। यह स्थिति दिल की बिमारियोंऔर स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा दे सकती है।

अगर एचसीटी लेवल असामान्य होता है, तो डॉक्टर अन्य टेस्ट करवा सकते हैं जिसमें शामिल है आयरन लेवल, फेरेटिन टेस्ट, या फिर किडनी फंक्शन टेस्ट आदि।

एचसीटी टेस्ट से जुड़ी कुछ सावधानियां

एचसीटी टेस्ट एक साधारण और सरल प्रक्रिया है, लेकिन इसके समय या बाद में कुछ मामूली असुविधाएं होने की संभावना हो सकती हैं:-

  • सुई का दर्द हो सकता है। यह खून का सैंपल लेते समय जब सुई लगाई जाती है तब हल्का दर्द हो सकता है।

  • चक्कर या कमजोर होना भी एक असुविधा है। खून देने के बाद यह देखा गया है कि कुछ लोगों को कमजोरी या चक्कर जैसा महसूस हो सकता है।

  • सुई वाली जगह पर सूजन आने की संभावना, ऐसा कुछ मामलों हो सकता है कि सैंपल लेने वाली जगह पर हल्की सूजन या फिर लालिमा हो जाती है।

अगर इनमें से कोई भी समस्या का एहसास होता है या फिर लंबे समय तक महसूस हो रही है, तो आप डॉक्टर से संपर्क करें।

फुल बॉडी टेस्ट क्यों जरूरी है और इसमें क्या शामिल है, पढ़ें। full body checkup in hindi 

एचसीटी टेस्ट कब होना चाहिए? (When should HCT test be done in Hindi)

एचसीटी टेस्ट करवाने की सलाह डॉक्टर तब ही देते हैं जब किसी व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो:- 

  • बार-बार थकावट होना 

  • कमजोरी रहना 

  • त्वचा का पीला पड़ जाना

  • सांस लेने में कठिनाई होना

  • चक्कर या बेहोशी आना (लो बीपी के लक्षण और इससे बचने के उपाय जानें Low BP in Hindi)

  • अचानक वजन कम हो जाना

यह टेस्ट उन लोगों के लिए भी किया जा सकता है, जो लंबे समय से किसी बड़ी बीमारी से पीड़ित हो और उन बिमारियों में शामिल है किडनी की बीमारी, दिल की समस्या, या फेफड़ों की बीमारी आदि।

एचसीटी  टेस्ट के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए? (Preparation for HCT test in Hindi)

एचसीटी टेस्ट के लिए वैसे तो किसी खास तरह कि कोई तैयारी की तो ज़रुरत नहीं होती है लेकिन फिर भी आप डॉक्टर से बात करके पूंछ लें क्योंकि यह सीबीसी पैनल का हिस्सा होता है। अगर किसी बभी तरह की दवाई का सेवन कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर को ज़रूर बताएं क्योंकि कुछ दवाई का सेवन आपके टेस्ट पर असर डाल सकता है। आप टेस्ट के दिन ढीले कपड़े पहनें का प्रयास करें क्योंकि खून का सैंपल लेते समय किसी भी तरह की मुश्किल न हो। 

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नोट: 

एचसीटी ब्लड टेस्ट एक सरल, सामान्य और साधारण खून की जाँच है जो रेड ब्लड सेल्स के प्रतिशत को मापता में पता लगने में मदद करता है। यह टेस्ट एनीमिया, निर्जलीकरण या अन्य खूण से जुड़े विकारों का पता लगाने में भी मदद करता है।

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।