Monday, August 18 ,2025

एसटीडी (STD) क्या है? जानें इसके लक्षण, प्रकार और बचाव के आसान तरीके


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STD Full Form in Hindi: सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस (एसटीडी) संक्रमणों और बीमारियों का एक समूह है जो खासतौर से यौन संपर्क के ज़रिए फैलता है। कभी-कभी एसटीडी की समस्या वर्षों तक पता नहीं चल पाती है और अगर इलाज नहीं होता है तो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस (एसटीडी) जानलेवा भी हो सकती है। यह योनि, अनल या मुख मैथुन के ज़रिए फैलते हैं।

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस के मुख्य कारणों में बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोज़ोआ (protozoa) और आर्थ्रोपोडा (arthropods) शामिल हैं। एचआईवी का घातक रूप एसटीडी है, यह रेट्रोवायरस (retroviruses) की वजह से होता है, जबकि गोनोरिया (gonorrhoea) और क्लैमाइडिया (chlamydia) आदि जैसे एसटीडी बैक्टीरिया के कारण बनते हैं। वायरस एचआईवी या एड्स और एचपीवी की वजह बन सकते हैं। वही। दूसरी ओर, आर्थ्रोपोडा जघन जूँ  (pubic lice) और खुजली जैसे एसटीडी फैलाते हैं। कुछ सामान्य एसटीडी के अन्य माध्यमों के ज़रिए फैल सकती हैं, जिसमें शारीरिक संपर्क शमिल है लेकिन इसकी संभावना काफी कम होती है।

एसटीडी के प्रकार (Types of STDs in hindi)

व्यक्ति में लगभग 20 से भी अधिक तरह के एसटीडी मौजूद होते हैं लेकिन हम आपको कुछ सामान्य प्रकार के एसटीडी के बारे में जानना ज़रूरी है:-

  • क्लैमाइडिया

  • गोनोरिया 

  • एचआईवी

  • एड्स

  • जेनिटल हर्पीस 

  • सीफिलिस 

  • ट्राइकोमोनिएसिस

  • प्यूबिक लिस

  • एचपीवी

यह कुछ कॉमन एसटीडी हैं जिनका आसानी से डायग्नोसिस किया जा सकता है। यह सबसे आम एसटीडी के प्रकार है जो नियमित रूप से दुनिया भर में बहुत ही आसने से दर्ज किया गए है। ज्यादातर इन्फेक्शन पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही प्रभावित करते हैं।

एसटीडी की जांच के लिए एचआईवी टेस्ट भी जरूरी हो सकता है।

एसटीडी के लक्षण क्या हैं? (symptoms of STDs in Hindi)

वेक्टर की वजह से इन्फेक्शन होने के बावजूद भी लगभग सभी एसटीडी समान लक्षण दिखा देते हैं। लेकिन कुछ प्रकार के इन्फेक्शन ऐसे भी है, जिनके लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह भी एक कारण है जिसकी वजह से अगर एक  साथी इन्फेक्टेड है और किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाते है तो सेक्सुअल पार्टनर्स के बीच रेगुलर टेस्टिंग करना ज़रूरी हो जाता है। एसटीडी के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं:- 

  • यूरिन के समय दर्द महसूस होना (यौन संक्रमण कभी-कभी महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।)

  • जेनिटल्स के आसपास सोर्स ,रैशेज और रेडनेस होना

  • वैजिनल डिस्चार्ज होना

  • वैजिनल ब्लीडिंग होना

  • पेनफुल सेक्सुअल इंटरकोर्स होना

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना

  • गंभीर इन्फेक्शन्स के मामले में लिम्फ नोड्स में सूजन आना

  • बुखार होना

  • त्वचा के रैशेस होना 

एसटीडी के लक्षण ट्रांसमिशन के तुरंत बाद नहीं दिखाई देते हैं। वैसे तो, लक्षण दिखने में कुछ दिन भी लगते हैं। कुछ मामलों में, लक्षणों के सामने आने में तो कुछ वर्षों तक का समय भी लग जाता है।

पुरुषों में एचआईवी के लक्षण समय रहते पहचानना ज़रूरी है।

एसटीडी के ट्रांसमिशन को कैसे रोकें? (prevent transmission of STDs in hindi)

एसटीडी को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले खुद को रिस्क से परिचित कराएं। कई सेक्सुअल पार्टनर्स के सामने खुदको एक्सपोज़ करने से बचें, इन्फेक्टेड सुई/सीरिंज का दुरुपयोग न करें और अनप्रोटेक्टेड सेक्स न करें । इस तरह के जोखिम की लिस्ट काफी लंबी है जिनकी जानकारी होने से आप खुद को एसटीडी जैसी गंभीर समस्या से बचा सकते हैं। एसटीडी को रोकने के कुछ सबसे सामान्य तरीके हैं:

सेक्सुअल इंटरकोर्स से दूर रहें 

एसटीडी के पीछे एक अहम वजह सेक्सुअल इंटरकोर्स है। एसटीडी से बचने का सबसे आसान और सरल तरीका यही है कि सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से बचें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कई सेक्सुअल पार्टनर्स के साथ अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से भी एसटीडी हो सकता है इसलिए यह करने से बचें। पार्टनर्स के बीच ओपन कम्युनिकेशन होना बहुत ही ज़रूरी है, खासकर इंटिमेट होना एक भरोसा का भी रिश्ता होता है। अगर आप काफी लबे वक़्त से अपने साथ के साथ रिलेशनशिप में है तो सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से पहले टेस्ट करवाएं।

कुछ यौन संक्रमण शरीर में सूजन (inflammation) का कारण बन सकते हैं।

टीका लगवाएं

एसटीडी की समस्या अगर सीमित रेंज तक होती है तो उसके लिए वैक्सीन भी मौजूद हैं, जिनमें हेपेटाइटिस ए और बी, एचपीवी आदि शामिल हैं। सीडीसी (रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र) के अनुसार, एचपीवी वैक्सीन की सही उम्र लड़कियों के लिए 9 साल है और लड़कों में 9 से 11 साल है। इन आयु में बच्चों को वैक्सीन लगवाना  की सलाह दी जाती है। वैसे जानकारी के लिए बता दें कि हेपेटाइटिस की वैक्सीन्स जन्म के समय और फिर 1 साल की उम्र में दी जाती है।

गर्भनिरोधक का प्रयोग करें

कंडोम और डेंटल डैम एसटीडी के खिलाफ सबसे प्रोटेक्टिव बैरियर्स में से दो माने गए हैं। यह वैजिनल ,एनल और ओरल सेक्स के लिए काफी प्रभावी हैं। इस बात की पुष्टि करें कि आप उनका बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेंगे, खासतौर पर कंडोम सही तरीके से पहने और सेक्सुअल एक्ट के समय ऑइल-बेस्ड लुब्रीकेंट का इस्तेमाल न करे। अगर आप गर्भधारण से बचने के लिए गर्भनिरोधक का सेवन करती है, तो गर्भनिरोधक के अन्य तरीके भी शमिल है जैसे कि बर्थ कण्ट्रोल पिल्स।

नियमित टेस्ट करवाएं

अगर बार-बार सेक्सुअल इंटरकोर्स कर रहे हैं, तो नियमित रूप से टेस्ट करवाना सेहत के लिए बेहतर होगा। यह भविष्य और आगे के संक्रमण के जोखिम को भी दूर करने मदद करेगा। इसलिए, अगर आपके कई पार्टनर्स के साथ सेक्सुअल इंटरकोर्स में संलग्न (attached) हैं या फिर एक ओपन रिलेशनशिप में हैं, तो आपको हर 14 दिनों में या एक महीने में एक टेस्ट करवाने की ज़रुरत है।

PrEP का उपयोग करने पर विचार करें

एचआईवी संक्रमण एसटीडी रोगों की लिस्ट में सबसे खतरनाक संक्रमण में से एक माना जाता है।एफडीए ने एचआईवी संक्रमण के जोखिम वाले लोगों के लिए इसके जोखिम को कम करने हेतु दो संयुक्त दवाओं को मंजूरी दी है।

PrEP के नाम से जानी जाने वाली इस दवा में दो दवाओं का संयोजन होता है - एमट्रिसिटाबाइन प्लस टेनोफोविर डिसोप्रॉक्सिल फ्यूमरेट (Truvada) और एमट्रिसिटाबाइन प्लस टेनोफोविर एलाफेनामाइड फ्यूमरेट (Descovy)। यह दवाइयां एचआईवी की रोकथाम के लिए बनाई गई हैं। सभी संभावित जोखिमों को दूर करने के लिए व्यक्ति को एक साल तक हर तीन महीने में एचआईवी परीक्षण करवाना पड़ता है।

पुरुष सरकमसिजन का विकल्प चुनें 

अध्ययनों से पता चल है कि सरकमसिजन यानी पुरुष खतना करवाकर अपनी महिला यौन साथी से एचआईवी संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं। एचआईवी के अलावा, पुरुष खतना जननांग दाद और एचपीवी जटिलताओं को भी रोक सकता है।

सोच-समझकर निर्णय लें

संभोग करना एक डराने वाला कार्य है। हालाँकि हम अपने जीवन में कई बार जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं, लेकिन संभोग करते समय अपने मन पर नियंत्रण रखना ज़रूरी है। संभोग से पहले अत्यधिक शराब पीने या नशीली दवाओं का सेवन करने से बचें। कभी-कभी, नशे के प्रभाव में होने से गलत निर्णय ले लिए जाते हैं।

इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों से चिकित्सा या मनोरंजन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज का इस्तेमाल सावधानी से करें। यही बात अस्पतालों में रक्त आधान के मामले में भी लागू होती है।

कुछ एसटीडी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? (When should one see a doctor in hindi?)

अधिकांश मामलों में, एसटीडी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या जब तक यह समस्या गंभीर नहीं हो जाती है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता है कि उनको संक्रमण है, या फिर उनको यह ज्ञात नहीं होता कि मेडिकल हेल्प कब लेनी होती है। अगर आप डॉक्टर से मिलना चाहते हैं ती उसके लिए अपॉइंटमेंट लेना ज़रूरी है:- 

  • अगर आपकी उम्र 21 वर्ष से ज्यादा है और आप सेक्सुअली एक्टिव है तो डॉक्टर से मिलें। 

  • अगर आपके कई कई सेक्सुअल पार्टनर्स हैं तब भी आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

  • अगर आप अनप्रोटेक्टेड सेक्स में संलग्न हैं तो एक बार ज़रूर डॉक्टर से मिलें।  

  • अगर आपको एसटीडी के लक्षणों का अनुभव हो रहा है तो एक बार डॉक्टर से परामर्श करें।

  • अगर आप अपने साथी के साथ सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से पहले, एसटीडी टेस्ट कराने का सोच रहे है तो टेस्ट करना सही निर्णय हैं। आप एचआईवी के संपर्क में आने बाख जायेंगे। 

 असुरक्षित यौन संबंध से हेपेटाइटिस बी का खतरा भी बढ़ सकता है।

एसटीडी टेस्टिंग क्या है? (STD testing in hindi?)

एसटीडी टेस्टिंग व्यक्ति के शरीर से लिए गए सैंपल की जांच और निदान देता है जिससे अगर रिजल्ट सकारात्मक पाए जाते हैं तो इलाज शुरू हो सकें। इस जाँच में शामिल है:-

रक्त जाँच 

इसका इस्तेमाल मुख्यतः एचआईवी, सिफलिस और कभी-कभी हर्पीज़ के निदान के लिए करवाया जाता है। एक फ़्लेबोटोमिस्ट व्यक्ति की नस से खून लेकर उसे टेस्ट के लिए लैब में भेज दिया जाता है।

मूत्र परीक्षण

गोनोरिया (Gonorrhea) और ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis) की जांच के लिए मूत्र का नमूना मांगा जा सकता है। मरीज़ों को एक जीवाणुरहित कप जिसको स्टेराइल कप (sterile cup) भी कहते हैं उसमें मूत्र का नमूना देना होगा। 

स्वाब परीक्षण

इसका इस्तेमाल क्लैमाइडिया (chlamydia) और एचपीवी (HPV) जैसी बीमारियों का निदान करने के लिए होता है। इस टेस्ट के लिए संक्रमित स्थान से स्वाब का सैंपल लिया जाता है।

सिफिलिस जैसी यौन बीमारियों के लिए VDRL टेस्ट करवाना जरूरी है।

नोट:

यौन संचारित रोगों (एसटीडी) को उचित चिकित्सा के साथ मैनेज किया जा सकता है। अगर आपको इन संक्रमणों का खतरा अधिक है, तो आप अपने साथी के साथ नियमित रूप से जाँच करवाएँ। इसके सिवा, यौन संचारित रोगों से बचाव का सबसे अच्छा उपाय संवाद है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप यौन संबंध बनाने से पहले अपने साथी के साथ खुलकर और पारदर्शी बातचीत करें। एसटीडी से बचाव के लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर बेहद जरूरी है। जाने अंग्रेजी में Preventive Healthcare

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।